भाई Xxx बहन सेक्स कहानी में मैं मामा के घर गया तो वहां मौसी की जवान बेटी भी थी. हम दोनों साथ सोये. मेरी नीयत बिगड़ गयी. मैंने उसे छूना शुरू किया, वो कुछ नहीं बोली.
मैं आयुष गुजरात के भरूच जिले का रहने वाला हूँ.
आज मैं आपके सामने अपने साथ घटित एक सच्ची घटना को साझा करना चाहता हूँ.
इस घटना में मैंने अपनी मौसी की लड़की की ताबड़तोड़ ठुकाई की थी.
यह भाई Xxx बहन सेक्स कहानीतब की है, जब मैं 12 वीं कक्षा में पढ़ता था.
हम लोग कोई भी त्योहार हो या फिर स्कूल की छुट्टियां हों, अपने मामा के घर पर ही मनाते थे.
मेरे दो मामा हैं और एक मौसी हैं.
बड़े वाले मामा अपनी गवर्नमेंट जॉब के चलते दूसरे शहर में रहते थे.
यहां भरूच में नाना-नानी और छोटे वाले मामा रहते हैं.
मेरे छोटे वाले मामा की शादी के 8 साल हो गए हैं और उनके 2 ब/च्चे भी है.
मेरी छोटी मामी का नाम नीता है और वह भी एक कांटा माल हैं, पर इस सेक्स कहानी में उनका उल्लेख नहीं है.
मेरी मौसी को दो बेटी और एक बेटा है.
उनमें बड़ी वाली बेटी का नाम सोनल है और हम सब उसे सोनू कह कर बुलाते हैं.
दूसरी का नाम हीरल है और लड़का अभी छोटा है.
दरअसल ये सेक्स कहानी मौसी की सबसे बड़ी बेटी सोनू के साथ हुई चुदाई की कहानी है.
सोनू देखने में तो बहुत ही कयामत लड़की है, पर उसका फिगर उतना खास नहीं है.
लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर कोई उसे नंगी देख ले तो, लंड हिलाए बगैर नहीं रह सकता.
एक बार मैं दीवाली की छुट्टियां मनाने मामा के घर गया था.
वहाँ जाकर पता चला कि यहां पर मेरी मौसी की दोनों लड़कियां और उनका बेटा भी दीवाली मनाने घर आए हुए थे.
वे सब हॉस्टल में रह कर पढ़ते हैं और दीवाली की छुट्टियों में मामा के घर आए हुए थे.
हम लोग जब भी मिलते तो दिनभर बहुत ही धमाल करते और रात में भी कभी गेम्स वगैरह खेलते रहते.
पर उस सब में मेरा ध्यान तो सोनू के प्रति ही आकर्षित रहता, शायद सोनू को भी इस बात का अंदाजा था.
मेरे मामा के घर में 3 कमरे थे और एक बड़ा हॉल था.
हॉल में नाना और नानी चारपाई बिछा कर सोते थे और एक कमरा छोटे वाले मामा का था.
एक कमरा स्पेशल हमारे लिए था.
हम लोग जब भी वहां जाते तो नानी एक लाइन में गद्दे बिछा देती थीं और उस पर हम सब लेट जाते थे.
जब सभी लोग सो जाते, फिर भी हम सब देर रात तक मस्ती करते और खूब धमाल करते थे.
इस बार भी ऐसा ही हुआ.
मैं दोपहर को वहां पहुंचा और सब से नमस्कार आदि किया.
फिर बातचीत भी की, इन सब चीजों में ही दिन निकल गया.
रात तो खाना खाने के बाद नानी ने हमारे लिए गद्दे बिछा दिए थे.
रात में भी हमने लूडो इत्यादि गेम खेले और सोने का टाइम हो गया था.
नानी ने तीन गद्दे एक लाइन में डाले थे.
पहले वाले गद्दे पर में सोया था और बाकी के दो गद्दे मौसी के लड़के और लड़कियों के लिए थे.
उममें एक गद्दा कमरे के कोने की ओर बिछा था.
मेरी मौसी के लड़के को कोने में सोने में डर लगता था इसलिए वह बीच में सोने की कहने लगा.
वह अपनी बहन सोनू के साथ सोता था तो वह बीच में आया और अपनी बहन के साथ सो गया.
कोने की तरफ हीरल सोई थी, बीच में उसका भाई और उसके बाजू में सोनू सोई हुई थी.
एक गद्दे पर मैं सोया था यानि सोनू मेरे बगल में ही थी.
नवंबर का महीना था, ठंड भी खूब पड़ रही थी.
रात में जब ठंड लगने कारण मैं जागा तो मेरी नजर सोनू की तरफ गई.
सोनू ने रजाई ओढ़ रखी थी, फिर भी उसकी गांड का शेप मुझे दिख रहा था.
मैंने देखा कि सोनू गहरी नींद में है, तो इस बात का फायदा उठाना तो बनता था.
पर मेरी गांड भी फट रही थी कि यदि सोनू को ये सब पसंद नहीं आया तो कुछ कांड न हो जाए.
फिर भी मैं उसकी रजाई में चला गया और ठंड लगने के नाटक करते हुए मैं सोनू से सटकर सो गया.
इस पर सोनू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की.
उस वक्त उसने टी-शर्ट और लोअर पहना था.
मैं टी-शर्ट के ऊपर धीरे से उसके मम्मों के पास अपने हाथ से छूने लगा.
उसके मम्मे उतने बड़े तो नहीं थे, पर बड़े आकार के टमाटर जितने रहे होंगे.
थोड़ी देर बाद मैं धीरे से अपना हाथ उसकी चूत के पास ले गया और इधर उधर छूने लगा.
इतना होने के बाद भी उसने कुछ प्रतिक्रिया नहीं की.
जिससे मेरा हौसला बढ़ता गया और अब मैंने सोच लिया था कि ‘अभी नहीं तो कभी नहीं!’
फिर भी फट तो रही थी, पर मैंने हिम्मत करके उसके लोअर का नाड़ा हल्के से खोला, और धीरे धीरे करके लोअर को नीचे सरकाने लगा.
काफी देर की मेहनत के बाद मैं लोअर को घुटनों तक ले आया.
अब मैंने उसकी चूत तो टच करने को हाथ बढ़ाया तो दंग रह गया.
उसने पैंटी नहीं पहनी थी और उसमें भी उसकी चूत एकदम सफाचट थी मानो मेरे लिए ही उसने अपनी चूत सजा रखी हो.
मैं अब मस्ती से अपना एक हाथ उसकी चूत पर फेर रहा था और एक हाथ से अपना लौड़ा पैंट के ऊपर से ही हिला रहा था.
मैंने काफी देर उसकी चूत सहलाई.
बाद में जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसके दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया और अपने लौड़े को पकड़ कर बीच में आ गया.
अब सैटिंग सही बन गई थी तो मैंने अपना 6 इंच का लौड़ा निकाल कर उसके सुपारे को खोला और चूत की फांक में फेरने लगा.
इतना सब कुछ होने के बाद भी सोनू एकदम सुन्न होकर पड़ी थी, जिससे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी.
बाद में मैंने कुछ न सोचा और धीरे से लंड का मुँह चूत की दरार में घुसा दिया.
मुझे यह बात पक्की थी कि वह लंड पेलते ही जाग जाएगी.
मगर मैं क्या देखता हूँ कि सोनू तो वैसे की वैसी ही पड़ी रही.
मुझे अपना लौड़ा उसकी चूत में डालने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई.
ये बात तो पक्की हो गई थी कि सोनू जाग रही थी और वह एक नंबर की चुदक्कड़ है.
इसने लंड खाए हैं तभी तो साली को लंड लेने में कोई परेशानी नहीं हुई.
पर मुझे इस बात से बहुत अचरज हुआ कि वह एकदम बेसुध होकर क्यों पड़ी थी.
मुझे एक बार लगा कि कहीं सोनू नाटक तो नहीं कर रही, पर वह सच में सो ही रही थी.
बाद में मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने की स्पीड में इजाफा किया.
फिर चुत में लंड चल रहा था तो हाथों को भी कुछ पकड़ने को चाहिए था.
तो मैंने उसकी टी-शर्ट को उसकी छाती तक कर दिया और उसके मम्मों को एकदम हल्के हाथों से दबाते हुए चुत चोदने लगा था.
इतना सब चल रहा था, पर मानो सोनू के ऊपर इसकी कोई असर ही नहीं हो रहा था.
वह एकदम बेसुध होकर लेटी हुई मेरे लौड़े को खा रही थी.
लगभग 15 मिनट बाद जब मैं छूटने वाला था, तब मैंने सोनू को थोड़ी सी हिलती हुई देखा.
उसी वक्त मैंने लौड़ा चूत से निकाल कर जेब अपनी जेब में से रूमाल निकाला और उसमें अपना माल झाड़ दिया.
इतना सब होने के बाद मुझे तो यकीन हो गया था कि पक्का मेरी मौसेरी बहन सोनू एक छिनाल लौंडिया है.
उसके बाद मैं सो गया.
दूसरे दिन मैं सो कर उठा तो सब सामान्य था.
हां मुझसे एक चूक हो गई थी कि मैंने उसके लोवर को वापस उसकी चुत पर नहीं चढ़ाया था और मम्मों को भी यूं ही छोड़ दिया था तो वह मुझे बड़ी प्यारी नजरों से देख रही थी.
मैं समझ गया कि इसको रात की चुदाई अच्छी लगी थी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- कुछ नहीं.
मैंने कहा- अच्छा … कुछ नहीं हुआ?
वह हंस दी और उसकी मुस्कान साफ चुगली कर रही थी कि वह मेरे लौड़े से चुद कर खुश थी.
अगली रात को वह स्कर्ट पहन कर मेरे बाजू में सोई और मैंने भी हाफ चड्डा पहना था बस.
हम दोनों लूडो का खेल देखने लगे, जो हीरल खेल रही थी.
हम दोनों मतलब सोनू और मैं बार बार लूडो की गोटियों को पकड़ने के बहाने से एक दूसरे को छू रहे थे, जिससे मेरे अन्दर सनसनी हो रही थी.
मेरी बहन वासना से लाल होती दिख रही थी.
लेकिन समस्या यह थी कि जब तक सब सो नहीं जाते तब तक कुछ भी करना गड़बड़ कर सकता था.
जब सब सो गए तो मैंने बेखौफ सोनू को अपनी तरफ खींचा.
शायद उसे इसी बात का इंतजार था.
वह पलट कर मेरी बांहों में आ गई और हम दोनों ने चुंबन किया, जीभ लड़ाई और बिना एक शब्द बोले, वह मेरे लौड़े से खेलने लगी.
मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया और वह अपने सीने को मेरे सीने से रगड़ कर स्कर्ट हटा कर चुत में लंड सैट करने लगी.
जैसे ही चुत के छेद में लौड़े का मुँह गया, उसने मेरे लौड़े को कच्चा चबा लिया.
वह आगे पीछे होती हुई चुदवाने लगी और अपने नथुनों से गर्म सांसें छोड़ती रही.
मैं उसके चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से सहलाता हुआ मसल रहा था और वह मजे से लंड ले रही थी.
उसके बाद उसने मुझे अपने दूध भी चुसवाए और मेरे निप्पल भी काटे.
उस रात हम दोनों के बीच पहली बार गजब की भाई Xxx बहन सेक्स हुआ था.
झड़ने के बाद उसने अपनी चुत से लंड नहीं निकाला था.
बाद में उसने दवाई लेने की बात कह दी थी.
उसी रात को एक घंटा बाद जब फिर से चुदास जागी तो मैंने उसे बाथरूम में आने का कहा.
मैं पहले चला गया और वह बाद में आई.
उधर मैंने उसे घोड़ी बना कर खूब पेला और उसी की चुत में झड़ गया.
उसके बाद तो सोनल को मैं न जाने कितनी बार चोद चुका हूँ, कुछ याद ही नहीं है.
तो दोस्तो, यह थी मेरी भाई Xxx बहन सेक्स कहानी.