मम्मी की चूत चोदकर उन्हें अपनी बनाया

बेटा माँ सेक्स कहानी लेकर में मैंने अपनी सो रही माँ के जिस्म को मसला, उनकी वासना जगाई और फिर उनकी चूत चोद दी। मैंने उनकी गांड मारने की कोशिश भी की.

दोस्तो, मेरा नाम मोहित है और मैं 18 साल का हूं.
मेरे पापा की उम्र 52 साल है और मम्मी की उम्र 43 साल है.
मेरे पापा मेरी मम्मी से 9 साल बड़े हैं. मेरी मम्मी का फिगर 38-30-40 का है और वे लार्ज साइज़ की पैंटी पहनती हैं.

मेरे घर में हम तीन ही लोग रहते हैं. मैं, मेरी मम्मी और पापा.
पापा को काम के सिलसिले से बार-बार बाहर जाना पड़ता है, तब घर पर सिर्फ मैं और मेरी मम्मी ही रहते हैं.

मैं अपनी बेटा माँ सेक्स कहानी को शुरू करता हूँ.
एक बार पापा काम से कहीं बाहर गए थे, घर में सिर्फ मैं और मम्मी थे.

हम दोनों रात को खाना खाने के बाद सोने चले गए.
मम्मी और मैं बिस्तर पर एक साथ ही सो गए.

मम्मी ने उस रात पीली रंग की नाइटी पहनी थी.

अचानक रात को डेढ़ बजे के आस-पास मेरी नींद अचानक से खुल गई.
मैंने देखा कि मम्मी मेरी तरफ अपनी गांड करके सोई हैं.

उस वक्त न जाने क्यों लंड खड़ा था और मन में वासना का तूफान चल रहा था.
उस वक्त मेरी नजरें मम्मी की मादक गांड पर गईं तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज मम्मी को चोदा जाए.

ऐसा सोच कर मैंने उन्हें चोदने का प्लान बनाया.
फिर ये देखने के लिए कि वे गहरी नींद में है कि नहीं … मैंने उनके पैर को अपने पैर से टच किया!

जब मेरे ऐसा करने से वे नहीं हिलीं और ना ही उनकी तरफ से कोई हलचल हुई, तो मैं समझ गया कि वे गहरी नींद में हैं.

फिर मैंने अपना खेल शुरू किया.
सबसे पहले तो मैंने अपना एक हाथ मम्मी की गांड के ऊपर रखा और धीरे से दबाने लगा.

फिर मैं थोड़ा जोर जोर से उनकी गांड दबाने लगा.
उसके बाद मेरी हिम्मत और वासना दोनों बढ़ने लगीं … तो मैंने धीरे से उनकी नाइटी उनके पेट तक ऊपर कर दी.

नाइटी ऊपर करते ही मैंने देखा कि उन्होंने सफ़ेद रंग की पैंटी पहनी थी उनकी मस्त गांड को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.

मैंने मम्मी की पैंटी के ऊपर से उनकी गांड को अपने हाथ से सहलाने लगा.

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने पैंटी के अन्दर अपना हाथ डाला और गांड को सहलाने और दबाने लगा.

थोड़ी देर वैसा करने के बाद मैंने उनकी चूत की छेद में अपनी बीच वाली उंगली घुसाने लगा.
लेकिन चूत का छेद टाइट होने के कारण उंगली घुस नहीं रही थी.

मैंने उंगली को चूस कर थोड़ा थूक लगाया और फिर से उनकी चूत के छेद में उंगली को पेला तो इस बार उंगली सट से घुस गई.
मैं अपनी उंगली में चुत की गर्माहट को महसूस करने लगा.

फिर धीरे-धीरे करके मैं उंगली को हिलाने लगा तो मेरी पूरी उंगली उनकी चूत की गहराई में घुस गई.
मैं अपनी उंगली को धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगा और दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबा भी रहा था.

अभी कुछ ही देर हुई थी कि उनकी चूत से रस जैसा कुछ निकल आया तो मैं समझ गया कि मम्मी भी उंगली का मजा ले रही हैं.
मैंने बिंदास अपनी उंगली को चुत से बाहर निकाला और उस चुत रस को चूसने लगा.

अब मैंने धीरे से उनकी पैंटी उतारी और कुछ देर तक उनकी नंगी गांड को दबाते हुए चूत में उंगली करता रहा.
इस बार मैंने अपनी दो उंगलियों को एक साथ अन्दर घुसा दिया.

मेरी दोनों उंगलियां उनकी चूत में अन्दर बाहर होने लगीं तो मैंने तीन उंगलियों से चुत को खोदा और चोदा.

अब मुझसे रहा न गया तो मैंने अपनी चड्डी नीचे खिसकाई और अपना लंड निकाल कर उनकी गांड पर लगाने लगा.
उनकी गांड की दरार पर लंड का हमला करने के लिए मैंने अपने दोनों हाथों से उनके दोनों चूतड़ों को अलग कर दिया.

अब गांड का ब्राउन कलर का फूल साफ दिख रहा था और वह छेद भी लुप लुप कर रहा था.
साथ में उनकी चुत से रस टपकता हुआ दिख रहा था.

मैंने अपना लंड उनकी गांड की बजाए चूत के छेद में पेलने का मन बनाया और चुत के छेद में धीरे धीरे से लौड़े को घुसाने लगा.

पहले तो लंड नहीं घुस पाया, फिर मैंने लंड पर थूक लगाया और फिर से चूत में घुसाने लगा.
इस बार मेरी मम्मी की चूत में उनके बेटे का लंड पूरा घुस गया था.

थोड़ी देर लंड को वैसे ही रखने के बाद मैंने धीरे धीरे से अपने लंड को उनकी चूत से अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.

फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी गांड के दोनों चूतड़ों को पकड़ा और लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

उस समय मुझे बहुत मजा आ रहा था.
सच में इतना मजा तो मुझे पहले कभी नहीं आया, जितना मजा मुझे उस रात अपनी मम्मी की चूत में अपने लंड को अन्दर बाहर करने में आ रहा था.
उन्हें चोदते समय मेरे मुँह से ‘आह … आह … ओह मम्मी … ओह मम्मी … आह’ निकल रहा था.

करीब दस मिनट तक उनकी चूत चोदते चोदते मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है, तो मैंने अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी और उनकी चूत में ही झड़ गया.

फिर मैं अपना लंड चुत से निकाल कर हिलाने लगा जिससे मेरा लंड कुछ ही समय में फिर से अकड़ गया.

अब मैं मम्मी की गांड के छेद पर लंड की नोक को लगाने लगा.
मैंने एक हाथ से उनकी गांड के बाजू में लटक रहे उनके चूतड़ को जरा उठाया और अपना लंड उनकी चूत की छेद में धीरे से घुसाने लगा.

पहले तो लंड नहीं घुस पाया, तो मैंने लंड पर थूक लगाया और फिर से गांड में घुसाने लगा.
मगर गांड शायद चुदी हुई नहीं थी, तो लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

उसी वक्त मेरी मम्मी ने भी हल्की सी हरकत की और गांड हटा ली.
मैंने समझ लिया था कि मेरी मम्मी अपनी गांड मरवाना नहीं चाहती हैं.

तो मैंने आगे को होकर उनकी चूत में ही वापस लंड सैट कर दिया.
चूंकि चुत में अभी पहली बार का माल भरा हुआ था और बाहर भी टपक रहा था तो मैंने अपने लंड को जरा सी मेहनत में ही पूरा पेल दिया.

मेरा लंड अन्दर तक घुस गया था.

थोड़ी देर लंड को वैसे ही रखने के बाद मैंने धीरे धीरे अपने लंड से उनकी चूत को चोदना चालू कर दिया.

अब मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी गांड के दोनों साइड को पकड़ा और लंड को मस्ती से अन्दर बाहर करते हुए धकापेल चुदाई करने लगा.

उस समय मुझे बहुत मजा आ रहा था.
ऐसा लग रहा था कि शायद मम्मी को उतना ही मजा आ रहा है.

मुझे उस रात अपनी मम्मी की चूत में अपने लंड को दो बार पेलने में अपार सुख मिला था.

इस बार तो मैं करीब बीस मिनट तक उनकी चूत चोदता रहा.
फिर जब मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है, तो मैंने अपनी चोदने की स्पीड बढ़ा दी और उनकी चूत में ही झड़ गया.

झड़ने के बाद कुछ देर तक अपने लंड को वैसे ही उनकी चूत के अन्दर ही रखा, फिर बाद में लंड सिकुड़ गया तो बाहर निकाल लिया.

अब मैंने उनकी पैंटी ऊपर की, पैंटी ऊपर करने के बाद एक बार पैंटी के ऊपर से गांड को हाथ से सहला कर दबाया … और देखा कि उनकी पैंटी थोड़ी गीली हो गई थी.
मैं समझ गया कि चूत से माल निकल रहा है.

मैंने उनकी नाइटी को ठीक किया और मैं दूसरी तरफ मुँह करके सो गया.

मुझे डर भी लग रहा था कि अगले दिन सुबह को अगर मम्मी को इस सबके बारे में पता चल गया तो क्या होगा!
हालांकि अगले दिन सुबह को सब कुछ सामान्य था.
मम्मी मुझसे ठीक से ही पेश आ रही थीं.

ऐसा लग रहा था कि उन्हें रात वाली चुदाई के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका था.

लेकिन मैं गलत था.
अगले दिन मम्मी ने अपनी नाइटी के नीचे चड्डी नहीं पहनी थी और आज उनकी चुत व गांड के बाल भी साफ थे.

मैं समझ गया कि आज मम्मी मस्ती से चुदवाने के मूड में हैं.
पहले तो मैंने सोचा कि उन्हें जगा लूँ और खुल कर चुदाई का मजा लूँ, फिर अचानक से ख्याल आया कि मम्मी की चुत में पहले लंड डाल लेता हूँ, उसके बाद उनके दूध दबा कर उन्हें जगा लूँगा.

उससे होगा यह कि चुदासी मम्मी के मुँह से नैतिकता वाली बोली नहीं निकलेगी.
वे मस्ती से बेटा माँ सेक्स का मजा लेने लगेंगी.

बस यही सोच कर मैंने अपने लौड़े को खड़ा किया और मम्मी की नाइटी को उठा कर अपने लंड को उनकी चुत में पेल दिया.

आज चुत में मम्मी ने पहले से ही रस घोल रखा था, इसका मतलब यह था कि वे खुद भी आज मस्ती से चुदाई करवाने के मूड में थीं.
मैंने सही से अपना पूरा लंड मम्मी की चुत की गहराई में ठाँसा और उनके दूध पकड़ कर मसलने लगा.

साथ ही मैं ‘आह आह मम्मी मजा आ रहा है आपको!’ कहने लगा.
उनका जबाव आया- आह आह … हां बहुत अच्छा लग रहा है. बस अपनी मम्मी की आग को बुझा दो बेटा.

जैसे ही उन्होंने यह कहा, मैंने चुत से लंड बाहर निकाला और उन्हें पलट लिया.

इसके बाद मैंने उन्हें पूरी नंगी किया और उनके साथ चुदाई का मजा लेने लगा.

मम्मी ने भी मुझे होंठों से चूमा और अपने दूध चुसवा कर मुझसे चुत चुदवाई.

वे चुत चुदवाती हुई कह रही थीं- बेटा मेरा तो न जाने कबसे मन था कि तेरे लंड से अपनी चुत की आग बुझवा लूँ मगर मैं हिम्मत ही न कर सकी.

मैं उनके साथ मस्ती से चुदाई कर रहा था और उनके दूध पी रहा था.
फिर मैंने पूछा- मम्मी आपकी गांड अभी कुंवारी है क्या?
मम्मी हंस दीं और बोलीं- हां बेटा, उधर तेरे पापा ने कभी चोदा ही नहीं!

मैंने कहा- तो चलो आज गांड की ओपनिंग करते हैं!
मम्मी बोलीं- गांड चुदाई इतनी आसान नहीं होती है बेटा. गांड चोदने से पहले काफी मशक्कत करनी पड़ती है. वरना गांड फट भी सकती है और खू.न भी निकल सकता है.

मैंने कहा- सेक्स कहानियों में और ब्लू फिल्मों में तो बड़े आराम से गांड की चुदाई दिखाई जाती है!
वे बोलीं- ब्लू फिल्मों गांड मारते हुए जरूर दिखाते हैं लेकिन सही में तो उन लड़कियों को पहले से अपनी गांड खोलने की प्रेक्टिस करनी पड़ती है. मैं तुम्हारे लिए अपनी गांड को ढीली कर लूँगी, उसके बाद तुम मजा ले लेना.

मैंने ओके कह दिया और मम्मी की चुत की चुदाई का मजा लेने लगा.
अब हम दोनों का यह रोज का आलम हो गया था.
पापा के घर में न रहने की कमी मम्मी को अब महसूस ही नहीं होती थी.

उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी बेटा माँ सेक्स कहानी पसंद आयी होगी.
आपको मैं अपनी मम्मी की गांड चुदाई की कहानी अगली बार लिखूँगा.

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