इंडियन मां बेटा सेक्स हिंदी कहानी में पढ़ें कि मेरी मॉम का फिगर 36-30-40 का था. उनकी गांड बहुत ही ज्यादा मोटी और बाहर को निकली हुई थी. मैं उनकी गांड को ही देख लंड सहलाता था.
दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं हरियाणा के फरीदाबाद जिले का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 22 साल है. मेरी फैमिली में हम तीन लोग हैं.
मैं राज, मॉम रेखा, पापा जय.
मेरी मॉम की उम्र 44 साल है और पापा की 46 साल है.
पापा दिल्ली में जॉब करते हैं. घर पर मैं और मेरी मॉम ही रहते हैं. यह कहानी मेरे जीवन की सत्य घटना पर आधारित है.
यह इंडियन मां बेटा सेक्स हिंदी कहानी आज से 3 साल पहले की है, जब मेरी उम्र 19 साल की थी.
मैंने अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी कर ली थी और ज्यादातर घर पर ही रहता था.
मुझे लड़कियों से ज्यादा इंटरेस्ट भरे हुए बदन की महिलाओं से था … और यही कारण था कि मुझे अपनी मॉम की गांड बहुत ज्यादा पसंद थी क्योंकि उनकी गांड बहुत ही ज्यादा बड़ी थी.
मेरी मॉम का फिगर 36-30-40 का था.
उनकी गांड बहुत ही ज्यादा मोटी और बाहर को निकली हुई थी.
मैं जब भी घर पर रहता तो ज्यादातर उनकी गांड को ही देख कर लंड सहलाता रहता था.
मेरा शुरू से ही सपना रहा था कि मैं अपनी मां की चुदाई करूं.
मैं अपनी मां की गांड का ज्यादा दीवाना तब हुआ, जब मैंने अपनी मां की गांड को बाथरूम करते हुए देखा.
उनकी गांड बहुत ही ज्यादा बड़ी और बिल्कुल दूध के जैसे सफेद थी.
हालांकि मैं और मां एक ही बेड पर सोते थे. काफी बार मैंने सोते टाइम उनकी गांड से अपना लंड टच कराया था और उनकी गांड पर हाथ भी फेरा था.
लेकिन मेरा मन इन सबसे कहां मानने वाला था. मुझे तो अपनी मां की गांड में लंड डालना था.
वैसे तो सोते टाइम मैंने खूब मजे किए थे पर लेकिन कभी कुछ कायदे से नहीं कर पाया था; हमेशा डर लगा रहता था कि कहीं मॉम जाग ना जाएं और मेरी शिकायत पापा से ना कर दें.
इसी कारण से मैं कभी कुछ कर नहीं पाता था.
एक बार की बात है, तब मेरे एक दोस्त की शादी थी.
मैं शादी में गया हुआ था.
शादी में मैंने ड्रिंक भी की थी.
मैं रात को करीब ग्यारह बजे घर पहुंचा.
जब मैं घर पहुंचा तो मम्मी ने दरवाजा खोला.
दरवाजा खोलने के बाद मॉम बाथरूम में पेशाब करने चली गईं.
लेकिन नींद के कारण उन्होंने बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं किया.
जिस कारण से मुझे आज भी उनकी बड़ी और सुंदर गांड के दीदार हो गए.
नशे में होने के कारण मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाया और मैंने ठान ली कि आज कुछ भी हो जाए, मैं मॉम की इस सलोनी गांड को पाकर रहूंगा.
फिर मॉम बाथरूम से आकर बेड पर सो गईं.
हमारे घर में एक ही कमरा होने के कारण मैं और मॉम एक ही बेड पर सोया करते थे.
मॉम बेड पर जाकर सो गईं, मैं कपड़े चेंज करने लगा.
मैंने लोअर टी-शर्ट डाल लिए और जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहना.
फिर जाकर मॉम के साइड में लेट गया मॉम मेरी तरफ अपनी गांड करके सोई हुई थीं.
काफी देर तक मैं मॉम के सोने का इंतजार करता रहा.
करीब एक घंटा बाद मैंने हिम्मत करके मॉम की तरफ करवट ली और अपना लंड मॉम की गांड पर टच करके लेट गया.
मेरा लंड बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था, जो कि मॉम की गांड में चुभ रहा था.
मुझे यकीन हो गया था कि मॉम सो चुकी हैं.
उसके बाद मैंने अपने लोवर को नीचे करके लंड को बाहर निकाल लिया और मॉम की गांड में स्पर्श कराने लगा.
मॉम ने उस समय सिल्क की नाइटी पहनी हुई थी, जिस पर लंड को टच करने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था.
मैं अपने लंड को मॉम की नाइटी के ऊपर से ही उनकी गांड में आगे पीछे रगड़ने लगा.
कुछ समय तक लंड रगड़ने के बाद जब मॉम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और उसके बाद मैं धीरे-धीरे करके मॉम की नाइटी को ऊपर की ओर खिसकाने लगा.
धीरे-धीरे करके मैंने मॉम की नाइटी को ऊपर उनकी कमर तक चढ़ा दिया.
मैंने देखा कि मॉम नें नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
वह नाइटी के नीचे बिल्कुल नंगी थी. उसकी गांड अंधेरे में एकदम चमक रही थी.
उनकी गांड को देखकर मेरे लंड में और जोश आ गया था.
फिर मैंने धीरे से हिम्मत करके अपने लंड को मां की नंगी गांड के छेद से टच कराया.
जैसे ही मैंने अपने लंड को मॉम के चूतड़ों के बीच में दिया, तो मेरे लंड पर मुझे उनकी गांड के टाइट छेद का अहसास हुआ.
उनका छेद मुझे अपने लौड़े के हिसाब से काफी छोटा सा लगा.
मेरा लंड बहुत ही बड़ा है.
मॉम के छेद से लंड कर सुपारा अठखेलियां करने लगा था.
मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.
इतना होने के बाद भी मॉम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई थी.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं धीरे-धीरे करके अपने लंड को गांड के छेद से होता हुआ आगे मॉम की चूत तक पहुंचाने की कोशिश करने लगा.
मैं इस काम में सफल भी हो गया. मैं अपने लंड को मॉम की चूत से टच कराने लगा.
कुछ देर लंड को मॉम की चूत के ऊपर घिसने के बाद मेरे मन में लंड को अन्दर डालने की इच्छा हुई.
लेकिन डर के कारण मेरी गांड भी फट रही थी कि कहीं मॉम जाग ना जाएं.
पर लेकिन दारू हिम्मत भी बढ़ा रही थी.
उसके बाद मैं लंड को चूत में अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
मॉम के चूतड़ बहुत ही बड़े और भारी थे जिस कारण से मैं अपने लंड को अन्दर चूत में डाल नहीं पा रहा था.
मेरी बहुत कोशिश करने के बावजूद मैं अपने लंड को मॉम की चूत में नहीं डाल पा रहा था.
फिर मेरे दिमाग में आया कि अगर चूत में नहीं जा रहा है तो एक बार गांड में डालने की ही कोशिश करता हूं.
उसके बाद मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और थोड़ा सा उंगली पर ले कर मैं मॉम की गांड के छेद पर लगाने लगा.
लेकिन जैसे ही मैं मॉम की गांड के छेद पर उंगली रखी तो मैंने देखा कि मॉम की गांड का छेद खुल बंद हो रहा है.
ऐसा महसूस हो रहा था.
मैं सेक्स के नशे में उस पर कोई ध्यान नहीं दे पाया.
अब मैंने अपने लंड को गांड के छेद पर लगा दिया, फिर धीरे-धीरे करके आगे को सरकाने लगा.
लेकिन मॉम की गांड का छेद बहुत ही टाइट था जिस कारण मैं लंड को अंदर नहीं पेल पा रहा था.
थोड़ा ज्यादा जोर देने पर लंड मॉम की गांड को पसारता हुआ अन्दर को घुसा.
जैसे ही लंड थोड़ा सा आगे हुआ, मुझे कुछ हलचल महसूस हुई और मैं ऐसे ही रुक गया.
कुछ समय रुकने के बाद मुझे मेरे लंड पर हाथ का अहसास हुआ.
मैं समझ गया कि यह हाथ मॉम का है.
उस समय मानो जैसे मेरे खून का पानी बन गया हो.
मेरे मन में एक ही बात आ रही थी कि बेटा आज तो तू गया.
लेकिन जो जो होना होता है वह तो होता ही है.
मॉम ने मेरे लंड को पकड़ कर गांड से खींचा और अपनी एक टांग ऊपर उठाकर चूत के मुँह पर रख दिया.
फिर आराम से अपनी गांड को पीछे की ओर सरका दिया.
इससे मेरे लंड का आधा टोपा मॉम की चूत में फंस गया.
उनके ऐसा करने से मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा; मुझे तो मानो जैसे जन्नत मिल गई थी.
फिर मैंने मॉम की गांड को पकड़कर हल्का सा एक झटका मारा जिससे मेरे लंड का पूरा टोपा मॉम की चूत में फंस गया.
मुझे अहसास हुआ कि मॉम की चूत भी बहुत टाइट है.
हालांकि अब मुझे किसी बात का कोई डर नहीं था.
मैंने बिंदास मॉम की गांड को कसके पकड़ कर एक झटका मारा जिससे मेरा आधा लंड उनकी चूत में फंस गया.
आधा मॉम की मोटे और बड़े चूतड़ों की वजह से अन्दर नहीं जा पाया.
इससे यह हुआ कि मॉम एकदम आगे को उचक गईं और मेरा लंड बाहर निकल गया.
मैंने धीरे से कहा- क्या हुआ?
लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
उन्होंने अपनी गांड को फिर से पीछे कर दिया और मेरे लंड से टच कराने लगीं.
इसके बाद मैंने अपने लंड को एक बार फिर से उनकी चूत पर रखा और इस बार में धीरे-धीरे करके अपने लंड को अन्दर डालने लगा.
मुझे साफ अहसास हो रहा था- उनकी चूत बहुत ज्यादा टाइट है और धीरे-धीरे करके मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया.
उनकी गांड बड़ी होने के कारण पीछे से उनकी चूत में मेरा लंड पूरा नहीं जा पा रहा था.
फिर ऐसे ही रुक कर मैंने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और मॉम की नाइटी को उनके बूब्स से ऊपर कर दिया.
अपने एक हाथ से उनके बूब्स को धीरे-धीरे से दबाने लगा और उनकी चूत में गए हुए मेरे आधे लंड को आगे पीछे करके उन्हें चोदने लगा.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं बेड से नीचे खड़ा हो गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए.
फिर वापस बेड पर चढ़कर मॉम की नाइटी को उतारने लगा.
लेकिन वह मना करने लगीं.
वे कहने लगीं- यह सब गलत है, तू मेरा बेटा है.
मैंने कहा- अभी तक बेटे के लंड को चूत में लेकर मजा ले रही थीं, तब मैं बेटा नहीं था. अब मैं बेटा हो गया!
वे कहने लगीं- मैं नींद में थी और मुझे पता नहीं चला कि क्या हो रहा है. लेकिन अब यह सब गलत है, मैं ऐसा नहीं करने दूंगी.
पर मुझे पता था कि यह सब जो हो रहा है … वो सिर्फ नाटक हो रहा है; मॉम के मन में तो चुदवाने का ही प्लान है.
मैंने उनकी एक न सुनी और उनकी नाइटी को उतारकर अलग फेंक दिया.
अब मैं मॉम की टांगों को खोलने लगा. लेकिन वे अपने पैरों को चिपका रही थीं.
मैंने उनके पैरों को पूरा खोल कर उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा.
उसके बाद थोड़ी देर बाद वे एकदम शांत पड़ गईं और चूत चटाई का मजा लेने लगीं.
अब वे कुछ बोल नहीं रही थीं.
मैं अपने काम में लगा हुआ था.
कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद मैं अपने लंड को हाथ में लेकर आने लगा और मैंने अपने लंड में चूत के मुँह पर टिका दिया और धीरे-धीरे करके लंड के टोपे को चूत में अन्दर करके एक जोर का झटका दे मारा.
जिससे मॉम की चीख निकल गई और वे मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगीं.
मैंने उन्हें कसके को पकड़ा हुआ था, तो वे बस कसमसा कर रह गईं.
उसके बाद मैं उनकी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
उनके मुँह से दर्द भरी आवाज निकल रही थी.
पांच मिनट बाद लंड चूत में सरपट दौड़ लगाने लगा था.
अब मैंने मॉम की टांगों को अपने कंधे पर रख लिया. इस तरह से मेरा लंड और भी गहराई तक जा रहा था … इससे उनकी मीठे दर्द से भरी आवाजें और तेज होती जा रही थीं.
कुछ देर बाद वह शांत होकर पर पड़ गईं और मैं अपने काम में लगा रहा.
करीब बीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई ने मॉम को तोड़ दिया और मॉम की चूत से पानी बहने लगा.
उनका शरीर एकदम कांपने लगा था और वह निढाल हो गई थीं.
लेकिन मेरा लंड कहां काबू में आने वाला था. वह तो चूत को चोदे ही जा रहा था.
थोड़ी देर बाद मॉम फिर से झड़ने लगीं और इस बार मेरे लंड ने भी हार मान ली.
लंड ने अपना सारा पानी मॉम की चूत में ही भर दिया.
इंडियन मां बेटा सेक्स के पश्चात कुछ देर मॉम के ऊपर ऐसे ही पड़े रहने के बाद मैं एक तरफ होकर लेट गया.
मॉम उस टाइम तक ऐसे ही निढाल पड़ी रहीं और बाहर खड़ी होकर अपनी नाइटी को हाथ में लेकर बाथरूम में चली गईं.
कुछ देर बाद मॉम नाइटी पहन कर वापस आईं और बेड पर मेरे साइड में ही लेट गईं.
अब मैं समझ गया था कि मॉम को मुझ से चुदाई करवाने में कोई दिक्कत नहीं है.
उसके बाद मैंने भी अपना लोअर पहना और मॉम की गांड से चिपक कर सो गया.
जब मैं सुबह उठा तो मॉम किचन में खाना बना रही थीं.
मैं उठकर बाहर गया तो हम दोनों एक दूसरे से नजर नहीं मिला पा रहे थे.
पर मैंने देखा कि मॉम का आज कुछ ज्यादा ही खुश लग रही थीं.
उनको चलने में भी थोड़ी दिक्कत हो रही थी.
फिर मैंने मॉम की गांड भी मारी, वह सेक्स कहानी मैं आपको अगली बार सुनाऊंगा.
आपको मेरी इंडियन मां बेटा सेक्स हिंदी कहानी पसंद आई होगी.
मुझे मेल कर के और कमेंट्स में जरूर बताएं.
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