बेटा और माँ सेक्स कहानी में एक लड़का अपनी माँ के ऊपर वासना भरी दृष्टि रखता था. वह गाहे बगाहे अपनी माँ के जिस्म को छू सहलाकर मजा भी ले लेता था. एक शादी वाली रात उसने क्या किया?
दोस्तो, मैं राज अपनी मॉम की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मां बेटे का सेक्स
में अब तक आपने पढ़ा था कि गांव की शादी में मैं मॉम को दबोच कर चोदने की नजरों से उन्हें देख रहा था. मेरी नजरों को भाँपते हुए मॉम ने एक स्माइल दे दी.
अब आगे बेटा और माँ सेक्स कहानी:
मॉम की मुस्कान देख कर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या इशारा कर रही हैं.
मैंने अपना काम खत्म करने के बाद खाना भी खाना शुरू कर दिया.
दीदी भी मेरी साथ थीं, हम दोनों केक व पिज़्ज़ा खा रहे थे.
तभी मैंने देखा कि मॉम किसी से बात कर रही थीं.
साथ ही उसी आदमी के साथ वे एक ही प्लेट में हलवा खा रही थीं.
दीदी से पूछने पर पता चला कि वह आदमी मॉम का देवर यानि कि मेरा दूर का चाचा है.
मॉम को उनके साथ देख कर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था … क्योंकि मैं मॉम को बहुत प्यार करता हूँ और उनको उनके देवर के साथ एक ही प्लेट में हलवा खाते हुए देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया था.
मैं जल्दी से मॉम के पास गया और उनके कान में बोला- मॉम, मुझे आपसे कुछ पूछना है, आप प्लीज मेरे साथ चलो.
मैंने मॉम का हाथ पकड़ा और उनको अपने साथ ले जाने लगा.
मेरी दीदी भी समझ गई थीं इसलिए वे मुझे दूर से ही स्माइल दे रही थीं.
मॉम के साथ मैं खाने के स्टाल के पास आया और उधर से जल्दी से हलवा वाले के पास से एक दोना हलवा ले लिया और मॉम को मैरिज गार्डन के एक खाली रूम में ले गया.
मैंने कमरे का दरवाजा लॉक कर दिया.
मॉम- पागल है तू … ये डोर क्यों लॉक किया तूने?
मैं- हां पागल हूँ … आपके लिए पागल हूँ मैं!
बस मैंने मॉम को धक्का देकर दीवार पर चिपका दिया.
मॉम मुझे रोकने लगी थीं.
लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था.
बाहर से डीजे की तेज आवाजों की वजह से मॉम की आवाज़ कोई नहीं सुन सकता था.
तभी मैंने एक हाथ से मॉम की साड़ी पीछे से ऊपर उठाई और उनकी पैंटी के अन्दर उनकी गांड की दरार में हाथ लगा दिया.
मॉम एकदम से उछल गईं.
मैं अपने उसी हाथ को चाटने लगा.
फिर मैंने अपना हाथ आगे उनकी पैंटी में डाल दिया.
उस टाइम मॉम ने पिंक पैंटी पहनी थी.
मॉम मेरा हाथ बाहर निकालने की कोशिश कर रही थीं.
तभी मैंने उनकी एक टांग उठा ली और अपने एक हाथ से साड़ी के ऊपर से उनकी पैंटी को दबा दिया.
मॉम ज़ोर ज़ोर से सांसें भरने लगीं. वे पसीना पसीना होने लगी थीं.
मैं उनके दोनों हाथों को पकड़ कर उनको किस करने लगा.
पहले तो मॉम ने अपना मुँह बन्द कर लिया था, लेकिन मैंने धीरे धीरे उनका मुँह खोल कर उनके होंठों को चूसने लगा.
मैं उस वक्त कभी अपनी मॉम के ऊपर वाले होंठ को चूसता, तो कभी उनके नीचे के होंठ को चूसने लगता.
उनके मुँह में जीभ डाल कर उनकी जीभ को चूसने लगता और अपने दांतों से जीभ को काटने की कोशिश करने लगता.
करीब 5 मिनट तक हमारा यह किस चला.
फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा. जैसे ही मैंने उनकी बैक पर किस किया, मॉम की ‘उफ्फ़ …’ निकल गई और उनकी कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं.
मैंने मॉम को उनकी गर्दन पर लव बाइट भी दे लिया.
मॉम की आंखों में थोड़े थोड़े आंसू भी आ रहे थे.
तभी मैंने मॉम की नाक पर हल्का सा कट्टू कर दिया और उनके पूरे चेहरे को चाटने लगा.
मॉम भी अब मस्त हो गई थीं.
वह लगातार ‘उउह उफ्फ़ … आह आह की कामुक आवाज़ निकालती जा रही थीं.
तभी मैंने मॉम के हाथ छोड़ दिए लेकिन अपने जिस्म से उनके शरीर को दीवार पर सटाए रखा और उन्हें दबाने लगा.
फिर मैंने मॉम का एक हाथ पकड़ कर उसे उनके सिर के ऊपर ले गया और उनके अंडरआर्म्स को किस करने लगा.
उनकी अंडरआर्म्स से पर्फ्यूम की महक आ रही थी, जो मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर रही थी.
फिर मैंने अपने मुँह से ही उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया.
उनके बूब्स एकदम सॉफ्ट थे.
अब मैंने उनके ब्लाउज को नीचे खिसकाया और उनका एक बूब्स अपने मुँह में ले लिया.
इतनी ठंड में भी मॉम का बूब एकदम गर्म था. मैं उनके बूब्स को चूसने और चाटने लगा.
मॉम की भी कामुक सिसकारियां उफ़फ्फ़ आह नो प्लीज सोनू मत करो … मुझसे नहीं होगा.
वे यही सब बोलती रहीं और मुझे दूर हटाने कोशिश करने लगी थीं.
तभी मैंने मॉम के दोनों हाथों को ज़ोर से पकड़ा और अपनी पूरी ताकत से उनके एक दूध को चूसने लगा.
मॉम पागल सी होने लगीं.
फिर उन्होंने अपने हाथ मेरी पकड़ से छुड़ाए और मेरा सिर अपने मम्मों से हटा दिया.
मॉम हांफती हुई बोलीं- सोनू बेटा ये सब तुझे कौन सिखा रहा है … बस कर जान लेगा क्या मेरी!
मैंने फिर से उनके हाथ पकड़ लिए और उनका दूसरा दूध भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
मैं अपनी मॉम के दूध इतनी ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था कि मॉम के बूब्स से थोड़ा सा दूध भी निकलने लगा.
मॉम- सोनू, मुझे तुझसे ये उम्मीद नहीं थी … किसने कहा ये सब करने को तुझे?
मैं- किसी ने नहीं, बस आप मुझे बहुत पसंद हैं.
मॉम- लेकिन आई एम युवर मदर यार … हाउ इट पासिबल?
मैं- मॉम मैं कुछ नहीं जानता, मैं आपको खुश देखना चाहता हूँ बस! मुझे प्यार करने का एक मौका दो ना!
मॉम- क्या … कैसे प्यार करने का मौका?
जबाव में मैंने मॉम की गांड को मसला और उन्हें उत्तेजित करने का प्रयास करने लगा.
मैं- मॉम, आई कांट रेज़िस्ट यू प्लीज़.. आपकी हॉटनेस मुझे मदहोश कर रही है.
मॉम- सोनू ऐसा मत कर ना!
मैं- प्रॉमिस यू मॉम … आपको कभी दुखी नहीं होने दूंगा!
यह कह कर मैंने मॉम को चूमना शुरू कर दिया.
होंठों से चुंबन शुरू करते हुए मैं उनकी चूचियों की घाटी में आ गया और बेतहाशा चूमता चला गया.
मॉम कराहती हुई मेरे चुंबन का मजा भी ले रही थीं और कह भी रही थीं- आह सुनो बेटा … मत करो ना … आह!
मगर मैंने उनकी एक न सुनी और शायद उन्होंने भी मुझे अपने आपसे हटाना बन्द कर दिया.
फिर मैं नीचे बैठ गया और मॉम को भी नीचे लिटा लिया.
मैं उनकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर करने लगा.
मॉम के पैर और जांघें एकदम चिकनी थीं, जिन्हें मैं चाटता और चूमता हुआ उनकी चूत की तरफ बढ़ता जा रहा था.
जब टांगों के जोड़ पर आया तो मैंने देखा कि उनकी पैंटी गीली हो गई थी.
मॉम ने भी शायद थोड़ा पानी छोड़ दिया था.
ये देख कर मेरे मुँह में पानी आ रहा था.
मैंने मॉम की पैंटी के ऊपर जीभ लगा दी और चाटने लगा.
मॉम कसमसाने लगीं.
थोड़ी देर पैंटी को चाटने के बाद मैं उनकी पैंटी को नीचे उतारने लगा.
लेकिन मॉम मुझे ऐसा करने से रोक रही थीं.
उन्होंने अपनी पैंटी को पकड़ कर रखा था लेकिन मुझसे संयम नहीं हो रहा था.
मैंने अपने दांतों से मॉम की पैंटी फाड़ दी.
मेरी मॉम पैंटी फट जाने से बहुत गुस्सा में आ गई थीं.
उन्होंने मुझे थप्पड़ पर थप्पड़ लगाने शुरू कर दिए.
लेकिन मैंने उनकी दोनों टांगों को फैला दिया और चूत को फटी हुई पैंटी के ऊपर से ही अपने मुँह से रगड़ने लगा.
मॉम मुझे अभी भी पीठ पर घूंसे मार रही थीं लेकिन मेरा पूरा ध्यान उनकी चूत पर था.
मैंने फ़टी हुई पैंटी को जरा सा और फाड़ दिया जिससे उनकी गोरी व चिकनी चूत दिखने लगी थी.
मॉम की फूली हुई चूत देख कर मेरा लंड एकदम से तन गया था.
पहले तो मैंने उनकी जांघों को किस किया और साथ ही उनकी चूत को चूमा.
मेरी इस हरकत की वजह से मॉम बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थीं और मुझे हटाने की कोशिश कर रही थीं.
मैंने उनके दोनों हाथ पकड़े हुए थे, जिससे वे अब ज्यादा जोर नहीं लगा पा रही थीं या शायद लगाना नहीं चाहती थीं.
कुछ दस मिनट तक मैं उनकी चूत की पंखुड़ियों को चूसता और चाटता रहा. उनकी चूत की पंखुड़ियां एकदम लाल पड़ गई थीं.
अब मैंने उनकी पेशाब वाली जगह पर अपना मुँह रखा और ज़ोर से चूसा, तो सारा रस मेरे मुँह में आ गया.
उनकी पेशाब भी शायद छूट गई थी.
मैंने थोड़ी पेशाब भी चाट ली थी.
यह महसूस करते ही वे भी सीधे मेरे मुँह में मूतने लगीं और मैं भी उनकी पेशाब की धार को पीता चला गया.
अब मैंने मॉम की क्लिट पर अपना मुँह रख दिया.
मॉम अब तो एकदम से मछली की तरह तड़प उठीं और उन्होंने मेरे हाथों में से अपने हाथ छुड़ा कर मेरा सिर पकड़ लिया और अपनी जांघों के बीच में दबा लिया.
साथ ही उन्होंने अपना रस भी छोड़ दिया, जो सीधे मैंने मुँह में ले लिया और रस को पीने लगा.
मॉम की चूत के रस का टेस्ट थोड़ा खट्टा और थोड़ा नमकीन था जो मुझे बहुत अच्छा लगा.
मैं सारा रस चाटने के बाद अभी भी उनकी क्लिट को सक कर ही रह था और वे मेरे सर को बदस्तूर अपनी चूत पर दबाए हुई थीं.
मैंने दाना चूसने का दबाव और बढ़ा दिया. इससे मॉम एकदम से तड़प उठीं और मेरे दोनों हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया.
उन्होंने मेरे हाथ इतने ज़ोर से पकड़े थे कि उनके नाख़ून मुझे चुभ रहे थे.
कुछ ही पलों में मॉम ने फिर से अपना पानी छोड़ दिया और तेज तेज सांसें भरती हुई मुझे रोकने लगीं.
मॉम- सोनू प्लीज अब मुझसे नहीं होगा … भगवान के लिए रुक जा … प्लीज सोनू, मैं नहीं सहन कर पाऊंगी … आह अब बहुत हो गया तेरा आह आह उफ्फ़ नो सोनूउऊ.
उनकी आंखों से आंसू भी आ रहे थे और उनका चेहरा भी मुझे बहुत ज्यादा चुदास भरा लग रहा था.
मैंने उनकी प्यास को अपनी चुसाई से बुझाना सही समझा और काफी देर तक चूत को चूसता रहा.
मॉम पूरी तरह से पसीना पसीना हो गई थीं. उनकी चूत एकदम रसगुल्ला सी लाल पड़ गई थी.
मॉम को ऐसे देख कर मैं भी मानो पागल हो गया था.
मैंने उसी वक्त अपनी पैंट उतारी और अपना 7 इंच लंबा लंड हिला कर मॉम को दिखाया.
मॉम लंड देख कर एकदम अवाक थीं.
मैं मॉम की टांगों के बीच में आया और लंड की सैटिंग करने लगा.
मॉम अभी भी मुझे हटा रही थीं.
शायद वे बहुत ज्यादा थक गई थीं इसलिए ज़्यादा ज़ोर नहीं लगा पा रही थीं.
मैं भी उनकी कोई बात नहीं सुन रहा था. मैं बहुत जोश में भी था और मैंने लंड को चूत में पेल कर इतनी ज़ोर से स्ट्रोक मारा कि मेरा पूरा लंड मॉम की चूत में समा गया.
मॉम चीख उठीं- इस्स्स आह सोनू … हट जा!
वे बहुत ज़ोर से चिल्लाई थीं लेकिन मैंने उनका मुँह किस करके बंद कर दिया.
मॉम ने अपने होंठों को मेरे होंठों की पकड़ से छुड़ाया और मुझे ज़ोर से पकड़ कर चिल्लाने लगीं.
उनके नाखून मेरी पीठ में घुस रहे थे.
मुझे बहुत दर्द भी हुआ क्योंकि यह मेरे लंड के लिए किसी भी चूत में घुसने का पहला अवसर था.
मेरे लंड का धागा खिंचने के कारण टूट गया था. मुझसे यह दर्द झेला नहीं जा रहा था.
शायद अपने पहले अवसर के कारण मैं ज़्यादा कुछ नहीं कर पाया.
मेरा सारा ध्यान लंड पर था.
तभी मॉम ने मुझे धक्का देकर दूर कर दिया और अलग हो गईं.
मेरे लंड से खून निकलना शुरू हो गया था.
कुछ खून मॉम की चूत पर भी लग गया था.
मॉम ने अपने आंसू पौंछे और मेरी तरफ देख कर बोलीं- सोनू, ये तूने क्या कर दिया, देख तेरी हालत क्या हो गई?
मैं- मॉम प्लीज रुक जाओ प्लीज!
मैंने मॉम के पैर पकड़ लिए लेकिन उन्होंने मुझे दूर किया और अपने कपड़े सही करने लगीं.
अपनी फटी हुई पैंटी से उन्होंने चूत पर लगा हुआ खून पौंछ कर उस पैंटी को मेरे मुँह पर फेंका और बाहर चली गईं.
कुछ देर बाद जब मेरे लंड की ब्लीडिंग बंद हुई तो मैंने मॉम की पैंटी को चाटा और उसे फोल्ड करके अपनी जेब में रख लिया.
फिर पानी से अपना चेहरा साफ किया और बाहर चला गया.
मुझे डर लग रहा था कि मॉम ये बात किसी को बता ना दें.
पूरे फ़ंक्शन में मैं उनकी नजरों से बचते हुए घूम रहा था.
तभी दीदी मेरे पास आईं और बोलीं- तो सोनू तूने कर दिया ना … तू ना पूरा पागल है साले, तुझे यही जगह मिली थी … तुझे कोई देख लेता तो?
मैं- सॉरी दीदी लेकिन आपको कैसे पता चला … मॉम ने किसी को बताया तो नहीं?
दीदी- डर मत पागल, मॉम किसी को नहीं बताएंगी. बल्कि मुझे लगता है कि मॉम को इतने समय बाद खुशी मिली है … और हां, मुझे मॉम की गर्दन पर लव बाइट दिख रहा था … वह थकी हुई भी लग रही थीं. सच सच बता क्या क्या किया तूने?
मैं- मुझसे नहीं हुआ दीदी मॉम को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल था और जैसे ही मैंने अन्दर डाला, मेरे लंड का धागा टूट गया. तभी मॉम ने मौका देख कर मुझे धक्का मारकर हटा दिया.
दीदी हंसती हुई बोलीं- चल कोई बात नहीं, अब बाकी का घर पर कर लेना, जो करना रह गया हो.
दीदी के मुँह से यह सब सुनकर एक अजीब सी खुशी हुई कि मॉम को मैं आसानी से चोद सकता हूँ.
दोस्तो, इस सेक्स कहानी में अभी इतना ही लिख रहा हूँ. अगले भाग में जल्द ही अपनी मॉम की प्यासी चूत की चुदाई की कहानी को आगे लिखूँगा.
धन्यवाद.
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