बड़ी बहन चूत चुदाई कहानी में मैं बुआ की बेटी के साथ उनकी ससुराल गया. रात को दीदी मेरे कमरे में आ गयी. वे उदास लग रही थी. वे मेरे पास लेट गयी.
दोस्तो, मैं आकाश अपनी सेक्स कहानी में बुआ की लड़की अंजलि की प्यासी चूत की चुदाई की दास्तान सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
फुफेरी बहन को चोदने की चाहत
में अब तक आपने पढ़ा था कि अंजलि दीदी को रात में उनके पति ने चोदा नहीं था तो वे अपनी चुदास से पीड़ित थीं और मेरे कमरे में आकर अपनी चुदास व्यक्त कर रही थीं.
अब आगे बड़ी बहन चूत चुदाई कहानी:
दीदी ने आगे बोलना जारी किया- उन्हें कभी मेरी जैसी सांवली औरत चाहिए ही नहीं थी. तभी तो उनको मेरे आने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता … और वैसे भी मेरी जैसी सांवली औरत किसको चाहिए होगी?
मैं- अरे आप ऐसा मत बोलो दीदी, आप खुद को मेरी नज़र से देखो न कि आप क्या चीज हो?
मेरे मुँह से दीदी के लिए चीज शब्द निकला तो दीदी जरा हंस दीं और कहने लगीं- तू भी सिम्पैथी ही दिखा रहा है न!
मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर उन्हें मिरर के सामने ले जाकर कहा- सामने देखो … आप जैसी फिगर और आप जैसी खूबसूरत औरतें इस दुनिया में शायद हैं ही नहीं … और यदि होंगी भी तो इक्का दुक्का ही होंगी, जो इतनी दिलकश और खूबसूरत परी जैसी होंगी.
दीदी ने अपने आपको मिरर में देखा, और मेरे सामने देखकर कहा- तो तेरा जीजा मुझे क्यों नहीं अपनाता है? उसने सिर्फ़ मुझे खुद के काम करने के लिए ही बुलाया है … उसकी नजरों में बस एक कामवाली से ज्यादा मेरी कोई औकात नहीं है.
मैं- मुझसे पूछो न कि आपके पास क्या है. आप लाखों में एक हो, जिसकी कदर वह चूतिया कर ही नहीं पा रहा है.
मैंने जल्दी जल्दी में जीजू के लिए चूतिया शब्द बोल दिया था, जिससे सुनकर दीदी मुस्कुरा दीं और मेरी छाती में प्यार से मुक्का मारकर बोलीं- क्या कहा तूने अभी?
मैं दीदी के पास को गया और उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर बोला- सॉरी दीदी … मुँह से वह शब्द ग़लती से निकल गया … लेकिन ऐसे जीजू के लिए क्या कहा जाएगा, जो मेरी प्यारी दीदी का ख्याल नहीं रख रहा है.
वे चुप रहीं और मेरे सीने को अपनी उंगलियों से कुरेदने लगीं.
मैंने कहा- एक बात कहूँ, आप बुरा तो नहीं मानोगी?
दीदी- तेरी किसी भी बात का बुरा मैं मान ही नहीं सकती. कह दो जो कहना हो!
मैं- आप अगर मेरी बहन ना होतीं, तो मैं आपको ही अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता … और आपको बहुत खुश रखता … कभी आपके चेहरे पर उदासी नहीं आने देता.
दीदी एक गहरी मुस्कान के साथ बोलीं- अपनी बहन को गर्लफ्रेंड बनाएगा?
मैं- अगर आप राज़ी हो जाओ तो!
दीदी मुझसे अलग होकर बोलीं- क्या बेवकूफों जैसी बातें कर रहा है. ऐसा कभी नहीं हो सकता, ये समाज के नियमों के खिलाफ है और एकदम ग़लत है.
दीदी मुझे दूर होकर बेड के दूसरे किनारे पर जाकर खड़ी हो गईं.
मैं उनके पीछे गया और धीरे से हग करने लगा.
मैं- इसमें ग़लत कुछ भी नहीं है दीदी, बंद कमरे में सब करते हैं और ये बात सिर्फ़ हम दोनों के बीच रहेगी पक्का प्रॉमिस … क़िसी को पता नहीं चलेगा. हम दोनों साथ भी रह सकते हैं.
दीदी- ये तुम क्या कह रहे हो, मैं तुमसे 8 साल बड़ी भी हूँ!
मैंने दीदी को अपने सामने किया और कहा- दीदी, मैं आपको चाहता हूँ. प्यार में उम्र कोई मुद्दा नहीं है.
यह कह कर मैंने उनके कान में कह दिया- यकीन करो दी, मैं आपको खुश कर दूँगा.
मेरी बात सुनकर दीदी ऊपर मुँह करके मेरी आंखों में देखने लगीं.
मैंने आगे बढ़कर उनके गुलाबी रसीले होंठों को चूम लिया और अपने गले से लगा लिया.
शुरुआत में तो दीदी ने साथ नहीं दिया, पर धीरे धीरे साथ देने लगीं और खुद ने मुझे कसकर गले से लगा लिया.
वे भी मुझे होंठों से चूमने लगीं.
हम दोनों के होंठ किसी फेविकोल के जोड़ के जैसे जुड़ गए थे.
मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ सरका दी.
दीदी मेरी जीभ को चूसने लगीं.
तो मैंने उनके एक दूध पर अपनी हथेली जमा दी और दूसरे हाथ से उनकी गांड को अपनी तरफ खींच कर अपने कड़क होते लंड का अहसास करवाने लगा.
दीदी ने एक बार को तो अपनी कमर मेरे लंड से दूर करने की कोशिश की, पर मेरी पकड़ मजबूत थी और ऊपर होंठों से होंठ व जीभ से उनके मुँह के अन्दर की लार को चाटने लगा था.
तो दीदी ने भी हथियार डाल दिए और मेरे सीने से झूल गईं.
अब कभी मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल रहा था तो कभी वे अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर रस चूसने लगी थीं.
ऐसे ही 15 मिनट की चूमाचाटी के दौरान मैं उनके बूब्स को भी मसलते हुए सहला रहा था.
फिर मैं उनसे अलग को होने लगा.
पर अब वे मुझसे अलग होने का नाम भी नहीं लेना चाह रही थीं.
मैंने जबरन दीदी से अलग होकर एक बार को दूर हुआ और उन्हें साड़ी में देखने लगा.
दीदी मेरी नजरों को वासना से देख रही थीं.
मैंने कहा- आप दुनिया की सबसे सुंदर लड़की हो मेरी नजर में … आप बहुत सेक्सी हो दीदी!
अपनी तारीफ़ सुनकर दीदी मुस्कुरा उठीं और मैं वापस उनके पास आ गया.
अब मैं उनकी साड़ी खोलने लगा और वे मेरी आंखों में आंखें डाल कर अपनी वासना की दास्तान सुनाने लगी थीं ‘आह आकाश … मुझे ठंडी कर दो भाई … मैं बहुत प्यासी हूँ!’
मैंने उनकी पूरी साड़ी खोल दी.
अब दीदी मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी.
वे अपनी आंखें बंद की हुई खड़ी थीं.
मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोले और धीरे से हाथ को पेट पर ले जाकर उनके पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया.
उनका पेटीकोट रहम की भीख माँगता हुआ नीचे गिर गया.
अब मेरे सामने मेरी बहन सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी.
मैं भी अपने कपड़े हटा कर सिर्फ अंडरवियर में आ गया.
दीदी अभी भी अपनी आंखें बन्द किए हुई थीं.
मैंने दीदी से आंखें खोलने के लिये कहा.
वे अपनी आंखें खोल कर मेरे नीचे देखने लगीं.
उन्हें मेरे अंडरवियर में खड़ा लंड दिख रहा था और वे ये देखकर शर्माने लगीं.
मैंने दीदी को उठा कर बेड पर लिटा दिया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही धीरे धीरे सहलाने लगा.
फिर पीछे हाथ ले जाकर मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को मम्मों से अलग कर दिया.
उनके लेटे होने पर भी उनके दूध जरा भी नहीं ढलके थे, एकदम कसे हुए दूध देख कर मेरी वासना में ज्वार आ गया.
मैं दीदी के एक दूध को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा.
दीदी मादक सिसकारियां लेने लगीं.
कुछ ही पलों में उनकी कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.
दीदी ने मेरे सर को अपने हाथ से दबाया और अपने मम्मों पर दबाने लगीं.
कुछ देर तक दूध चूसने के बाद मैंने दीदी की पैंटी को भी नीचे खींच दिया.
उनकी चूत रस बहा रही थी. मैं चूत को देखने लगा.
आज शायद दीदी ने अपनी लाइफ में सबसे ज़्यादा पानी बहाया होगा.
मैं उनकी झांटों से भरी चूत को देखने लगा और नाक नजदीक ले जाकर चूत को सूंघने लगा.
चूत की मधुर सुगंध मेरे दिलो दिमाग पर छाने लगी थी.
मैं उनकी चूत पर किस करने लगा तो दीदी सिसक पड़ीं ‘आह …’
तभी मैं अपनी जीभ निकाल कर उनकी चूत को चाटने लगा.
वे पागल हुई जा रही थीं और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी थीं
मैंने कहा- धीरे दीदी, जीजा जाग जाएगा अभी!
मैं उनकी पैंटी को उनके मुँह में डालकर उनकी चूत चाटने लगा और वह मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी थीं.
फिर वे मेरा सर छोड़ कर अपने दोनों हाथों से बेडशीट को कसकर पकड़ कर गांड उठाती हुई मेरे मुँह से अपनी चूत की खुजली को मिटवाने लगीं.
पूरी तन्मयता से मैं दीदी की चूत को चाटते हुए चूत के दाने को अपने होंठों से दबा कर धीरे से काटने लगा.
और दीदी उसी पल अकड़ कर अपनी चूत से पानी बहाने लगीं.
मैं भी किसी प्यासे कुत्ते की तरह दीदी की चूत का पानी पीने लगा.
मुझे उनकी चूत का रस एक नमकीन स्वाद वाला बहुत पसंद आया था.
मैं लपर लपर चूत चाट रहा था और दीदी बुरी तरह से हांफ़ रही थीं.
फिर मैंने एक दो मिनट तक चूत में मुँह लगे हुए ही उनके दोनों मम्मों को दबाया और उन्हें आराम महसूस करवाया.
अब दीदी का फिर से मन होने लगा तो उन्होंने अपनी चूत को मेरे मुँह पर वापस रगड़ा.
मैंने सर उठा कर उन्हें देखा तो वे चूत चोदने का इशारा करने लगीं.
तब मैंने उठ कर अपना अंडरवियर उतार दिया और उससे निकला लंड को दीदी देखती रह गईं.
दीदी मेरे लंड के पास आईं और डरते डरते लंड को छुआ … और एकदम से शर्माने लगीं.
मैंने उनको नीचे झुकाया और लंड चूसने को कहा.
तो दीदी ने लंड को अपने मुँह में ले लिया और सुपारे को जीभ से प्यार करने लगीं.
फिर दीदी लंड को मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगीं जिससे पूरा लंड गीला हो गया.
मैंने दीदी को बेड पर लेटने को कहा.
दीदी शर्माती हुई लेट गईं और मैंने मिशनरी पोजीशन में आकर उनकी चूत पर लंड सैट कर दिया.
पहले सुपारे से चूत का चुंबन लिया, तो दीदी ने कमर उठा कर लंड को प्यार किया.
उसी वक्त मैंने एक प्यारा सा धक्का लगा दिया.
मेरा सुपारा चूत के अन्दर चला गया और दीदी ने बेडशीट को कसकर पकड़ लिया.
मैंने दीदी के मुँह पर हाथ रखा और एक करारा शॉट लगा दिया.
मेरा आधा लंड अन्दर घुसता चला गया और उन्होंने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए.
वे दर्द से कराहने लगीं.
मैं उन्हें तड़फती देख कर थोड़ा रुका और किस करने लगा.
फिर दीदी सामान्य होने लगीं तो मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने दीदी से कहा- तुम अपने पैर मेरी कमर से लपेट लो.
उन्होंने वैसा ही किया और मैंने एक और करारा शॉट लगा दिया जिससे कमरे में दीदी की चीख गूँज गई.
पर इस बार मैंने झपट कर उनके मुँह पर हाथ रख दिया.
उनकी आंखों से आंसू आ गए.
शायद दीदी मेरे मोटे लवड़े को सहन नहीं कर पाई थीं.
मैं लंड पेले हुए ही रुक गया था और अपने मुँह से उनके एक दूध को चूसने लगा था.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि अब दीदी सामान्य हो गई हैं, तो मैं उन्हें चोदने लगा.
मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड दीदी की चूत को भोसड़ा बनाने की जिद में तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था.
उनकी चूत टाइट थी, फिर भी लंड चूत की जड़ तक जाता और सुपारे तक बाहर आता.
कमरे में दीदी की कामुक सिसकारियां गूंजने लगी थीं.
वे मस्त हो गई थीं और बोलने लगी थीं- आह और तेज चोदो ओह एयेए आह चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो!
ऐसे ही मैं लगातार काफी देर तक मिशनरी पोजीशन में दीदी को चोदता रहा.
फिर मैंने एक झटके में दीदी को अपने लंड के ऊपर ले लिया और वह लंड पर कूदने लगीं.
वे अपने मुँह पर हाथ रख कर कामुक सिसकारियां लेने लगी थीं.
उसके बाद मैंने उन्हें अपनी गोदी में उठा लिया और झूला झुलाते हुए उनकी चूत चोदने लगा.
इस आसन में बड़ी ताकत की जरूरत होती है.
मैं ठहरा पहलवान, सो बड़ी मस्ती से उनकी चूत को तबला की तरह बजाए जा रहा था.
दीदी भी मस्त हो गई थीं.
मैं उन्हें उठा उठा कर नीचे से शॉट दे रहा था.
इस पोजीशन में लंड पूरा अन्दर जाते ही दीदी ज़ोर से सिसकारी लेतीं और वापस ऊपर आते समय वे अपनी चूचियां मेरे बदन से रगड़ देतीं.
मैं भी करारे करारे शॉट देने लगा था और रूम में ठप ठप की तेज आवाज़ आने लगी थी.
उसके बाद मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और गांड की तरफ से चूत चोदने लगा.
इस पोजीशन में दीदी ज़्यादा सिसकारी लेने लगीं और ठप ठप की आवाज भी तेज आने लगी.
मैं लगातार चोदता जा रहा था.
अब तक दीदी झड़ गई थीं पर वे थकने के बावजूद भी मुझसे लगातार चुदते रहना चाहती थीं.
मैं भी किसी ताकतवर सांड की तरह से उन्हें चौपाया बनाए हुए धकापेल चोद रहा था.
दीदी बेडशीट पकड़ कर चूत चुदवाने का मजा ले रही थीं.
उसके बाद मैंने उन्हें पेट के बल लेटा दिया और नीचे से चूत में लंड देकर चोदने लगा.
वे कराहने लगीं और कहने लगीं- और ज़ोर से चोद साले बहन के लंड … चोद दे अपनी बहन की चूत आह ज़ोर से चोद माँ के लौड़े … आह मजा आ रहा है.
मैं पहले ही अपने चरम पर था.
दीदी की गालियां सुनकर मैं एकदम से पिघलने को हो गया और उनसे कहने लगा.
मैं- कहां निकालूँ दीदी, मेरा होने वाला है?
दीदी- आह … अन्दर ही निकाल दे मेरे शोना बाबू … आह जल्दी जल्दी पेल … मेरा भी होने वाला है.
मैंने ज़ोर ज़ोर के शॉट दिए और हम दोनों साथ में झड़ने लगे.
हम दोनों ही बुरी तरह से हांफने लगे थे.
मैं उनके ऊपर ही लेट गया और थोड़ी देर के बाद उठ गया.
तब मैं बाथरूम में गया और दीदी को भी बाथरूम के आने लिए मदद की.
मैंने टाइम देखा तो 3 बजे थे.
हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए क्योंकि अब गहरी नींद आने वाली थी तो सुबह पहनने का टाइम शायद ना मिलता.
दीदी बोलीं- थैंक्स भाई, मुझे आज जैसा सुख कभी नहीं मिला!
मैं- अब मैं जब तक यहां हूँ, तब तक देखना आपको बहुत मजा आएगा और मुझे भी अपनी बहन की जवानी से खेलने का मजा मिलेगा.
वे हंसने लगीं.
मैं- मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि जिस काम की देवी को मैं इतना चाहता था, वह आज मेरी बिस्तर पर मेरे साथ है. थैंक्स दीदी. जब तक मैं यहां हूँ आपके चेहरे पर उदासी नहीं आने दूँगा.
यह बात सुनकर दीदी ने मेरे होंठों पर चुम्बनों की बरसात कर दी.
दीदी- आई लव यू आकाश.
मैं- आई लव यू टू दीदी.
दीदी- भाई अब सो जाते हैं, काफ़ी रात हो गई है … और तुमको कल भी यही मेहनत करनी पड़ेगी.
उन्होंने मुस्कुराते हुए यह कहा तो मैंने उनके दूध मसल दिए.
मैं- जरूर दीदी, आपके जैसी माल को कौन चोदना नहीं चाहेगा!
ये बात सुनकर दीदी ने अपना चेहरा मेरी छाती में छुपा लिया और कहा- गुड नाइट डार्लिंग.
मैं- गुडनाइट मेरी जान.
फिर हम दोनों एक दूसरे को अपने आगोश में लेकर सो गए.
अगले 15 दिन तक मैं यहां रहा और घर के हर कोने में बड़ी बहन चूत चुदाई की.
कभी किचन में, कभी बाथरूम में, कभी छत पर, कभी मेरे कमरे में.
एक बार तो जीजू को नींद की गोली देकर उन्हीं के बिस्तर पर उन्हीं के बाजू में लेट कर अपनी बहन की ताबड़तोड़ चुदाई की.
बाद मैं मैंने उनकी पेंट खोल दी थी जिससे उन्हें लगे कि उन्होंने चुदाई की है.
एक बार मैं, दीदी, जीजू और उनके मॉम डैड सब लोग मूवी देखने गए.
तब सब लोगों ने आगे की टिकट बुक करवाई.
मैंने ओर दीदी ने कोने वाली ले ली.
उधर भी मैंने बिना किसी को जानकारी लगे दीदी के साथ मजे किये.
दीदी का ध्यान मेरे लंड को चूसने में रहता है, दीदी को डीप थ्रोट और स्टैंडिंग डॉगी स्टाइल बहुत पसंद है.
इसी तरह मैंने और दीदी ने काफी मजे किए … और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
बड़ी बहन चूत चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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