शादी के इक्कीस साल बाद मिला असली सेक्स का सुख

रियल सेक्स का मजा मिला मुझे शादी के बाद चार बच्चे होने के बाद. बस में एक लड़का मेरे साथ वाली सीट पर बैठा तो वो मुझे अच्छा लगा. बात आगे कैसे बढ़ी?

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दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम पूनम है, मैं राजस्थान के एक छोटे से शहर से हूँ.

आज मैं अपनी लाईफ की रियल सेक्स में मजा मिलने की कहानी लिख रही हूँ और मुझे उम्मीद है आपको मेरी पहली कहानी बहुत पसंद आएगी.

मेरी उम्र वैसे तो 42 साल है मगर मुझे मेरे पति के साथ जब कोई अनजान आज भी देखता है तो यही सोचता होगा कि दोनों ससुर बहू हैं.

मैं दिखने में लम्बी और भरे बदन की मालकिन हूँ, मेरा शरीर आज भी बहुत अच्छा है जैसा मेरी शादी के वक्त था.

मेरे परिवार में ना पैसे की कमी है और ना ही पारिवारिक खुशियों की!
मेरी चार बेटियां हैं जिसमें से दो कॉलेज में और दो अभी स्कूल में हैं.

परन्तु शारीरिक सुख और हार्ड चुदाई क्या होती है, ये मुझे एक साल पहले तक बिल्कुल पता नहीं था क्योंकि मेरे पति इस मामले में बहुत ही सीधे और पुराने जमाने के हैं.

महीने बीत जाते हम साथ तो सोते मगर सेक्स नहीं होता.

अब होती है असल जिंदगी की शुरुआत, जब लॉकडाउन खुला ही था तो काफी महीनों बाद मेरा जयपुर जाना हुआ.

मैं अक्सर अकेली ही जाती हूँ और इस बार भी अकेली ही थी.

जब मैं घर वापसी के लिए बस में बैठी तो कुछ समय बाद ही मेरी सीट के पास आके एक 20-21 साल के लड़के ने मुझसे बैठने की अनुमति मांगी.
मैंने अपना पर्स उठाते हुए उसे बैठने के लिए हाँ बोला.

दिखने में मुझसे भी गोरा और बेहद खूबसूरत तथा अच्छी मेरे जैसी उसकी हाईट … मगर ज्यादा हेल्दी नहीं था.

मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ जो आज पता नहीं क्यों होने लगा.
मुझे अंदर ही अंदर उसका पास बैठना बहुत अच्छा लगने लगा और मुझे पता भी नहीं चला बस कब रवाना होकर शहर से बाहर निकल गई.

अब मेरा मन कर रहा था कि मैं इससे बात करुं!
मगर शुरुआत कैसे की जाए … समझ नहीं आ रहा था.

इतने में बस कंडक्टर आया.
और जैसे ही मेरी टिकट बनाई, उसने मेरी तरफ देख के स्माईल के साथ पूछा- क्या आप भी अलवर जा रहे हो?
मैंने बोला- जी हाँ!

फिर धीरे धीरे हमारी बातें होने लगी.
मुझे पता चला उसका नाम सुकेश है और उसका घर यहाँ से काफी दूर है करीब 400 किलोमीटर.

सुकेश 2 साल से मेरे ही शहर में अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिए रह रहा है.

मुझे बातों ही बातों में सुकेश इतना अच्छा लगा जैसे मैं उसे वर्षों से जानती हूँ.

फिर उसने भी मेरे बारे में और मरी फैमिली के बारे में बहुत कुछ पूछा और हमारी अच्छी जान पहचान हो गई.
हमने एक दूसरे के नंबर भी ले लिए और मैंने उसको व्हाट्सएप पर वेलकम मैसेज किया.

फिर हम अलवर पहुँच गए.
सुकेश ने मुझे मेरे बैग को उतारने में मेरी मदद की और ‘सी यू; बोलते हुए मुझे ओटो में बिठाया.

उसके बाद हम दोनों की मैसेज में और कॉल पे बातें होने लगी.
मैं सच में बहुत हैरान थी कि मेरी बड़ी बेटी के उम्र का ये बंदा इतना परिपक्व और समझदार है.

सुकेश की मैच्योरिटी से मैं बहुत प्रभावित हुई और मुझे पता ही नहीं चला कब हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई.

अब हम दोनों रात रात भर चैट करते और उसकी बातों से मेरा मन उसके साथ सेक्स के लिए करने लगा.
और वो तो अब तक मेरा दीवाना हो चुका था.
मगर मैं बोलती- सुकेश, तुम्हारी उम्र कम है. तुम्हारी लाईफ में कोई जवान लड़की होनी चाहिए.

सुकेश बोला- मैं नहीं मानता ये सब … उम्र कुछ नहीं होती और मैं कैसे समझाऊँ कि मैं छोटा नहीं हूँ.

फिर वो मेरी पसंद की सेक्स पोजीशन के बारे में पूछने लगा तो मैंने बताया- एक ही तो पोजीशन होती है … मैं नीचे और वो ऊपर!
इस बात पर ऊसको हंसी आ गई और वो समझ गया मैं अभी असल चुदाई से दूर हूँ.

इसके बाद सुकेश ने मुझे एक फोटो भेजी और वो फोटो देखते मेरी आँखें खुली ही रह गई.
मैं 2 मिनट तक सुकेश को रिप्लाई नहीं दे पाई.
बहुत लम्बा चिकना और मजबूत लंड था उसका … जिसके ऊपर लाल लाल हल्की नसें दिख रही थी.
क्योंकि सुकेश का लंड बिल्कुल गोरा था मेरे बूब्स की तरह.

फिर भी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि ये लंड सुकेश का ही है.
मुझे लगा कोई नेट से ली हुई फोटो है.

फिर सुकेश ने विडियो कॉल कर के दिखाया और पूछा- अब बोलो … छोटा हूँ क्या मैं?

मैंने बोला- बिल्कुल नहीं … इसका आधा ही है गुन्नु के पापा का तो!
गुन्नु मेरी बडी़ बेटी है.

अगले दिन तक मेरी आँखों में सिर्फ सुकेश का लंड ही घूम रहा था.
मैंने शाम को सुकेश को कॉल किया कि मुझे मिलना है.
चूंकि मैं घर बुला नहीं सकती इसलिए सुकेश बोला कि होटल में चलते हैं.

ये शहर ज्यादा बड़ा नहीं है इसलिए हमने दूसरे दिन मॉर्निंग में जयपुर जाने का प्लान बनाया.
और अगले दिन हम दोनों होटल पहुंचे जो पहले से ही सुकेश ने बुक कर लिया था.

जैसे ही हम रूम के अंदर पहुंचे, उसने सबसे पहले दरवाजा अंदर से लॉक किया.
मैं तो इस शानदार रूम देखे जा रही थी.

इतने में सुकेश ने मुझे पीछे से कसके पकड़ लिया.

मैंने उस वक्त सुकेश की पसंदीदा ग्रीन कलर की साड़ी और

मेरे मुंह से कुछ निकलता उस से पहले सुकेश ने मेरी साड़ी का पल्लू गिराते हुए मुझे पिछे से मेरे कंधे और गर्दन पर बहुत तेजी से चूमना चालू कर दिया.

मैं भी पूरी तरह से मदहोश हो रही थी और चूमने में उसका पूरा साथ देने लगी.

उसने मुझे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दोनों हाथों से गोल गोल करके दबाने लगा.
साथ ही मुझे उसके लंड का आभास मेरी चूत पर हो रहा था.

फिर हम दोनों इतना गर्म हो गए कि पता ही नहीं चला कब हम दोनों ने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिये और वो मेरे पूरे बदन को हर जगह से पागलों की तरह चूमे जा रहा था.

अचानक चूमते चूमते वो मेरी चूत पर आ गया और मेरी चूत को ऊपर से चूमने लगा.
मेरी चूत को आज पहली बार किसी ने चूमा था.

उस वक्त मेरी आँखें बंद हो रही थी और मैंने अपने हाथों से सुकेश के सिर को पकड़ रखा था.
अब सुकेश मेरी चूत के दोनों लिप्स को बारी बारी से अपने मुंह में ले कर चूस रहा था.

मुझे आज से पहले ऐसा मजा कभी नहीं आया था.
मैं उस अहसास और तड़प को शायद शब्दों में ना बता पाऊँ … मैं अपने सिर को इधर उधर हिला रही थी.

उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
कभी मेरी चूत के दाने को चूस रहा था तो कभी पूरी जीभ चूत में डाल कर बहुत तेज़ अदंर बाहर कर रहा था.

इसी दौरान मेरी चूत से अचानक पानी निकला और मेरा पूरा बदन मानो अकड़ सा गया.
उसने सारा माल चाट चाट कर साफ कर दिया और अपनी पोजीशन बदलते हुए मेरे ऊपर आकर अपने पैर मेरे सिर की तरफ कर दिये और दुबारा से मेरी चूत को दोनों हाथों से फैला कर चूसना शुरू कर दिया.

इस वक्त सुकेश लंड बिल्कुल मेरी आँखों से टच हो रहा था और मैं लंड को चूमने लग गई.
मैंने आज कभी अपने पति का लंड नहीं चूमा था लेकिन सुकेश का लंड बिल्कुल गोरा और ताकतवर लग रहा था.

फिर उसने खड़ा होकर मुझे ऐसे ही लेटे बिस्तर के कोने पर खींच लिया.
अब मेरी गर्दन बिस्तर से नीचे लटकने लगी.
मैं सीधी लेट रही थी, उसने अपना लंड मेरे होठों से सटा दिया.

मेरे लिए ये सब बिल्कुल नया था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

अब मैंने धीरे धीरे अपना मुंह खोला और लंड को चूसने लगी.
सुकेश मेरे उरोजों को दबा रहा था साथ ही साथ उसने हल्के हल्के धक्कों लंड को मेरे गले में उतारना शुरू कर दिया.

उस वक्त मेरा गला बिल्कुल सीधा था इसलिए पूरा लंड मेरे गले के अंदर जा रहा था.

करीब 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला और मुझे दूसरी तरफ घुमाते हुए मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख के अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा.

उस वक्त मेरी चूत की तड़प इतनी भयंकर हो रही थी कि मैंने सुकेश को अपने ऊपर खींच लिया.

उसने एक झटके में लगभग आधा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और बोला- जान बहुत टाइट है.
मैंने उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया और उसने धीरे धीरे कर के पूरा लंड मेरी चूत की गहराई तक उतार दिया.

मुझे बहुत आनन्द आ रहा था … इतनी अच्छी तरह से वो मुझे चोद रहा था.
मेरी बस आहें निकल रही थी.

सुकेश ने काफी देर तक मुझे ऐसे ही चोदा.
उसके बाद उसने मुझे उल्टा लेटा कर बोला- अब बीच में से ऊपर हो जाओ घुटनों के बल!

मैं घुटनों के बल हो गई और उसने मेरे खुले बालों को पकड़ते हुए पीछे से मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया.
इस बार मुझे उसका लंड और बड़ा लग रहा था और उसके हर झटके को मैं दर्द से सहन कर रही थी.

अब सुकेश मेरी कमर पकड़ते हुए बहुत हार्ड हार्ड और स्पीड में चोदे जा रहा था.
और अचानक मुंह से ओ याह … ओ याह … की आवाज निकालते हुए मेरी चूत की गहराई में अपना सारा माल निकाल दिया.

इस पहले राउंड के बाद हमने बाथरूम में फिर टेबल पर और उसके बाद बिस्तर पर अपने ऊपर बिठा के भी मुझे इतनी उम्र के बाद रियल सेक्स का मजा दिया, चुदाई करनी सिखाई.

उस दिन के बाद अब तक हम 4 बार ऐसे ही होटल में जा के चुदाई कर चुके हैं.
इस बारे में मैं अपनी बडी़ बेटी को बता चुकी हूँ ताकि मैं सुकेश को अपने घर बुला सकूं.

मेरी बड़ी बेटी भी बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड है सुकेश से चुदने के लिए!

बहुत मेहनत से और समय निकाल कर इस कहानी को आपके लिए लिखा है क्योंकि मुझे आप पाठकों की कहानियाँ बहुत अच्छी लगती हैं.
आपको मेरी ये पहली रियल सेक्स की कहानी कैसी लगी मुझे मेल कर के जरूर बताना.
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