गांव में चुदाई का मजा लिया

देसी चाची सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपने गाँव आया हुआ था. बरसात की एक रात में बिजली गयी हुई थी. ऐसे में मुझे अपनी सगी चाची की चुदाई का अवसर मिला.

नमस्कार दोस्तो, मैं आपका राज शर्मा लेकर आया हूं हिन्दी सैक्स कहानी पर अपनी देसी चाची सेक्स कहानी कि कैसे मुझे अपनी सगी चाची की चूत चोदने को मिल गई।

बरसात का मौसम था मैं अपने गांव आया था।
यहां गांव में लाइट बहुत जाती थीं रात को बहुत अंधेरा रहता था।

मेरे घर में भाई भाभी, मां, चाचा चाची और उसके दो बच्चे थे।

चाचा बहुत शराब पीते थे। वो अक्सर छत में पीछे के कमरे में सोते थे।

एक दिन तेज बारिश हुई और लाइट चली गई.

मैं खाना खाकर ऊपर आ गया और अन्तर्वासना की फ्री सेक्स कहानी पढ़ने लगा.
फिर नींद आ रही थी तो मैं कमरे में जाकर सो गया।

मेरे चाचा और मैं एक कद काठी के है और अंधेरे में तो कोई हमें पहचान ही नहीं पाता।

मैं सो रहा था तभी रात को मेरी चाची आई और बोली- अच्छा शराब पीकर यहां सो रहे!
और अपनी साड़ी उतार कर ब्लाउज़ पेटिकोट में ही सो गई।

अब मेरी नींद खुल चुकी थी और चाची की गांड मेरे लौड़े को टच कर रही थी।

मैं भी जब से गुड़गांव से आया था कहानी पढ़ कर मुठ्ठी मार कर सो रहा था।
अब मेरे शैतानी दिमाग में चाची को चोदने का मन हो गया।

मैंने धीरे से बनियान और लोवर अंडरवियर उतार दिया और नंगा हो गया.

अब मैंने धीरे से पेटीकोट को ऊपर उठा कर चाची की गांड में हाथ घुमाया और उसकी चूत में उंगली फिराई तो वो करवट बदल कर लेट गई.

मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे नीचे कर दिया।

अंधेरे में चूत नहीं दिख रही थी तो मैं उंगली से उसकी चूत की फांकों को मसलने लगा।

चाची भी गर्म होने लगी.

मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और उनकी चूचियों को मसलने लगा.

अब वो जाग गई, बोली- उतर गई शराब?
मैं चुप रहा मैं जानता था कि वो मुझे चाचा समझ रही है।

उसने अंधेरे में भी मेरे लंड को ढूंढ लिया और सहलाने लगी।

मैंने उसे उठाकर नीचे बैठा दिया और उसके मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया.

उसने जैसे ही चूसा लंड निकाल कर बोली- कौन हो तुम?
मैं डर गया और चुप रहा.

वो बोली- जल्दी बताओ कौन हो यहां कैसे आये?
मैं धीरे से बोला- मैं हूं राज।

अब वो चुप हो गई.

मैंने कहा- मुझे नींद आ गई थी.
वो बोली- तुम ये सब कर रहे थे? ये सब गलत है. और तुम पहले क्यों नहीं बोले?

मैंने कहा- चाची, अगर मैं पहले बोलता तो मुझे आपकी चूत का मज़ा नहीं मिलता.

और चाची को बिस्तर पर पटक कर ऊपर चढ़ गया. मैं उनके होंठों पर होंठ रख कर जोर जोर से चूसने लगा.
वो मना करने का नाटक करने लगी और थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी।

चाची बोली- राज तू तो खिलाड़ी लगता है। अब तेरा चाचा तो लंड का मज़ा नहीं दे पाता! शराब ने उनकी मर्दानगी को खत्म कर दिया है.

मैंने उठकर अपने लौड़े को चाची के मुंह के सामने कर दिया.
वो लंड पर टूट पड़ी और लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी.
गपागप गपागप गपागप गपागप चूसने लगी.

कुछ देर बाद मैंने चाची को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.
चाची ‘उईई ईई ईईश सीईई उम्म्ह … हाह’ की आवाज निकालने लगी।
उसकी चूत नमकीन थी. अब चूत से रस टपकने लगा।

मैंने अपने लौड़े को चाची की चूत के रस में रगड़कर गीला कर दिया.

फिर मैंने चाची की चूत में लन्ड का सुपारा रखा और धक्का लगाया.
तो मेरा लंड चाची के अंदर चला गया और चाची चिल्लाने लगी- राज निकाल … मैं मर जाऊंगी।

मैंने लंड को रोक दिया और उसके होठों को चूसने लगा।

वो बोली -राज तेरा लौड़ा तो बहुत दर्द दे रहा है!
मैंने कहा- मजा भी बहुत देगा।

अब मेरे लौड़े ने हरकत शुरू कर दी।
और मैंने अपना लौड़ा थोड़ा निकाल कर फिर से तेज़ी से घुसा दिया।

“उईई ईई मां … मैं मर जाऊंगी राज! मैं तेरी चाची हूं!”
मैंने कहा- अब तुम मेरे लंड का मज़ा लो!

और मैं झटके मारने लगा.
अब हर झटके में चाची की सिसकारियां तेज़ हो गई और पूरे कमरे में ‘आहह आह ओहह हहम्म आह’ की आवाज़ गूंज रही थी।

थोड़ी देर बाद लंड ने चूत में जगह बना ली और सट सट अंदर बाहर होने लगा।

अब चाची को मजा आने लगा, वे बोली- राज और जोर से … और जोर से … आह … तू तो अपने चाचा का बाप है।

मैं जोश में आ गया और लन्ड की रफ्तार बढ़ा दी.
मैं गपागप गपागप गपागप अंदर बाहर लंड को पेलने लगा।

चाची की चूत ने मेरे लौड़े से हार मान ली और पानी छोड़ दिया।

अब फच फच्च फच्च की आवाज आने लगी.

चाची बोली- राज, तेरा लौड़ा तो बहुत मज़ा देने लगा।
मैंने उसे कहा- अभी तो राज की शुरुआत है.

अब मैं नीचे लेट गया और लन्ड को खड़ा कर दिया.
वो चूत को मेरे लंड पर रखकर बैठ गई.
लंड चूत को चीरता हुआ अंदर बच्चादानी में टकराने लगा।

चाची ‘ऊईई ईई मां … बचाओ मर गई … उईई उई!’ चिल्लाने लगी।
वे बोली- राज, तुम आज रात मेरी जान ही निकाल दोगे.
मैं बोला- 7 दिन का भूखा है मेरा लंड।

वो बोली- गुड़गांव में कौन देती है इसे अपनी जान की खुराक?
मैंने कहा- चाची जान नहीं जन्नत का मज़ा!

और अब मैं झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद चाची उछलने लगी, बोली- अपनी चाची को चोद … चोद आज मेरा बेटा!

मैं अपनी चाची को चोदन आनन्द दे रहा था.

जब मैं अपने झटके की रफ्तार तेज करने लगा तो ‘ईई उईई हह’ की सिसकारियां चाची के मुंह से निकलने लगी।

मैंने चाची को बताया- मैंने बुआ, सुमन और सुनील की बहन को चोदा. और रेखा आंटी की तो रोज चुदाई करता हूं।

फिर मैंने चाची को नीचे लिटा दिया और ऊपर से चोदने लगा।

अब चाची सेक्स का मजा लेती हुई बोली- राज, मुझे भी जन्नत का मज़ा चाहिए.
मैंने अपने लंड को चौथे गियर में डाल दिया और अब झटकों की रफ्तार पूरी तेज कर दी.

‘ऊईई ऊई आहह हह उम्मह हह’ की आवाज से पूरा कमरा गूंज उठा.
मेरा लंड चाची की चूत में तूफान मचा रहा था।

अब चाची ने हिम्मत हार दी और चूत से पानी छोड़ दिया.
मेरा लंड और आसानी से गपागप गपागप अंदर बाहर होने लगा।

चाची बोली- राज, आज तक मैंने इतनी चुदाई करवाई लेकिन तेरे लंड जैसा मज़ा कभी नहीं मिला!

अब तो मेरे लंड को जैसे पंख लग गए गपागप गपागप गपागप अंदर बाहर करने लगा.
चाची बोली- राज, तुम मुझे ऐसे ही रोज चोदोगे ना?
मैंने कहा- चाचा तुम्हें रोज़ आने देंगे मेरे पास?
वो बोली- तुम उस की चिंता मुझ पर छोड़ दो. तुम इस कमरे में ही सोना।

अब हर झटके से मेरा लंड टाइट हो रहा था.
मैंने कहा- चाची, मैं झड़ने वाला हूं.
तो उसने अपने पैरों से कस लिया और चूत में लन्ड को कसने लगी.

अब लंड का पानी निकल गया और मैं चूत में डाले डाले चाची के ऊपर गिर गया।
मैं नंगा ही सो गया.

सुबह जब जागा तो अंडरवियर पहना था।

उसके बाद मैं जितने दिन गांव में रहा चाची की खूब चूदाई की.

जब मैं गुड़गांव आ रहा था तो चाची रोने लगी।
मां उनको समझाने लगी- उसका काम है तो जाएगा. घर में दो बच्चे और हैं।
मैं मन ही मन बोला- जो मजा राज दे सकता है. कोई नहीं।

उसके बाद मैं लॉकडाउन में अपने घर आया.

एक रात चाचा खेत में था और मैं छत वाले कमरे में सो रहा था।
थोड़ी देर बाद मेरी चाची आ गई और उसने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।

चाची ने अपनी साड़ी ब्लाउज और पेटिकोट खोल दिया और मेरे ऊपर आ गई।
मैं अंडरवियर पहने था मेरा लौड़ा चाची के जिस्म की गर्मी से खड़ा होने लगा।

हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
मैंने उसकी नंगी चूत को सहलाना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चुसना शुरू कर दिया.

चाची क्या मस्त लौड़ा चूस रही थी।
अब मैं भी लंड के झटके मारने लगा उसके मुंह को चोदने लगा।

थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी चूचियों को मसलने लगा, चूसने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी।

अब मैंने उसकी चूत में जीभ घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा।
वो उछल उछल कर गांड ऊपर करने लगी.

मैंने जीभ से चाची की चूत चुदाई शुरू कर दी।

कुछ देर बाद मैंने चाची की गान्ड के नीचे तकिया लगाया और लंड को चाची की चूत में घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।

चाची ‘आहह हह ऊईई आहह सीईई आह!’ की सिसकारियां तेज़ करने लगी.
मैं जोर जोर से चाची को चोद रहा था।

“आहह राज चोद मुझे … और चोद आहह हह फ़ाड़ दे … आहह हहह चोद मुझे … ले ले मेरी आहह”

अब मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा कर दिया और लंड को चूत की गहराई तक पेलने लगा।
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये थे।

चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया और लंड फच्च फच्च फच्च करके अंदर बाहर करने लगा।

मैंने लंड निकाल लिया और उसे बेड पर लिटा दिया उसकी चूचियों को मसलने लगा.
वो बोली- राज चोद मुझे … और चोद … आज मेरी प्यास मिटा दे।

मैंने लंड को उसके मुंह में डाल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया.

मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा, वो सिसकारियां भरने लगी- आहह हह मेरे राजा … और तेज़ तेज़ … आहह … आहह … चोद चोद चोद मुझे … मार ले मेरी … आहह!

मेरी चाची अपनी गांड को पीछे करके लंड लेने लगी।

वो बोली- राज, आजकल तू मेरा बिल्कुल ख्याल नहीं रखता है।
मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है. आजकल दिन में मैं अपने दोस्त के घर चला जाता हूं. और वहां हम क्रिकेट खेलते हैं. तो मैं थक जाता हूं।
मैंने अपने झटकों की रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा।

चाची बोली- उसकी बीवी से बचना … बहुत चालू है।
मैंने और तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए और बोला- मुझे उसकी बीवी से क्या मतलब? मैं तो दोस्त के साथ खेलता हूं।

अब मैंने चाची को पलट दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा कर गपागप गपागप अंदर बाहर करने लगा।

थोड़ी देर बाद उसका और मेरा पानी निकल गया और दोनों चिपक कर लेट गए।

20 मिनट बाद चाची फिर से मेरे लौड़े से खेलने लगी।
मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।

उसने देर ना करते हुए मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और लंड को मस्त कर दिया।

मैंने उसकी चूत को चाट कर गीला कर दिया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर लंड को अंदर घुसा दिया।
“आहह हहह ऊईईई मर गई राज बचाओ ऊईई!”
उसकी चीख सिसकारियों में बदल गई उसे भी मज़ा आने लगा।

गपागप गपागप चुदाई चलने लगी.
वो बोली- राज तेरा चाचा मुझे ऐसे नहीं चोद पाता! आज जीभर के चोद! आहह ऊईईई आ हहह!
चुदाई की आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा।

अब मैंने चाची को घोड़ी बनाया और उसकी गान्ड में, अपने लंड में तेल लगाया और लंड घुसा दिया।

“आहह हहहहह ऊईईई ऊईई मां बचाओ … मर गई … मेरी गांड फट गई … मां बचाओ … राज निकाल लन्ड!”
मैं चुप रहा और धीरे धीरे उसकी चूचियों को मसलने लगा उसे चूमने लगा।

थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया।
चाची ‘आह आहह हहह’ की आवाज करके लंड लेने लगी। चाची भी अब गांड़ आगे पीछे करने लगी.

मेरा लौड़ा अंदर तक जाने लगा और अब चाची की गांड का सुराख खुलने लगा।
दोनों पसीने से लथपथ हो गये और थप-थप थप-थप की आवाज आ रही थी।

अब मेरा शरीर अकड़ने लगा मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी गान्ड में पानी निकल गया।

मैं उसके ऊपर लेट गया फिर दोनों सो गए।

सुबह जब मेरी नींद खुली तो 8 बज गए थे।
मैंने अपने कपड़े पहने और नीचे आया।

चाची मेरे लिए चाय बना कर ले आई बोली- लो मेरे राजा पी लो!
मैंने चाय पी मैं नहाने चला गया.

थोड़ी देर बाद चाची पीछे बाथरूम में आ गई और मेरे लौड़े को चूसने लगी।
मैंने कहा- मम्मी आ गई तो दोनों मरेंगे!
वो बोली- डरो मत, दीदी रोटी बना रहीं हैं।

मैंने उसकी साड़ी ऊपर करके घोड़ी बनाया और चोदने लगा। लंड को सटासट सटासट अंदर तक पैलने लगा।

मैं नीचे लेट गया वो मेरे लौड़े पर बैठ कर चुदवाने लगी।
वो लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी.

अब हम दोनों जमकर चुदाई करने लगे।
देसी चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैंने उसे उठाकर दीवार पर टिका दिया और उसकी एक टांग उठा कर लंड घुसा दिया और झटके मारने लगा।

तभी मां की आवाज आई.

चाची ने लंड को अपनी चूत से निकाला और साड़ी ठीक करके लकड़ी और कंडे उठाकर चली गई।

मैंने चाची का नाम लेकर मुठ मारी और नहाकर आ गया।

उसके 4 दिन बाद रातभर उसको चोदा। वो अगली कहानी में बताऊंगा।

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लेखक की पिछली कहानी थी: मकान मालकिन की बेटी ने किराये में लिया लंड