प्रोस्टीट्यूट सेक्स कहानी में मेरे होटल में एक आदमी एक भाभी को लेकर आया पर आधे घण्टे में ही छोड़ कर चला गया. मेरा मन हुआ कि मैं उसके कमरे में जाकर देखूँ.
फ्रेंड्स, मेरा नाम सन्नी है, मैं नागपुर में रहता हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो मेरे साथ सच में हुई थी.
ये प्रोस्टीट्यूट सेक्स कहानी आज से तीन साल पहले की है.
मैं एक होटेल में रिसेप्शनिस्ट और मेनेजर का जॉब करता था.
मेरे मालिक मुझ पर बहुत भरोसा करते थे और वे सारी जिम्मेदारी मुझ पर ही छोड़े हुए थे.
मैं रोजाना होटल में आए युवा जोड़ों को कमरा देता था.
मुझे पता था कि ये लोग मौज मस्ती के लिए कमरा लेते हैं.
हमारे होटल को इसी तरह के ग्राहकों से अच्छी आमदनी हो जाती थी.
कभी कभी ऐसे जोड़े में से कोई कोई लड़की चुदक्कड़ किस्म की होती थी तो वह मुझे भी दे देती थी.
एक दिन एक भाभी हमारे होटल में किसी मर्द के साथ आई.
उसने अपना नाम स्वाति (बदला हुआ नाम) लिखवाया था.
उसका फिगर 36-32-38 का रहा होगा.
यह बात मुझे बाद में पता चली थी कि वह एक बच्चे की मॉम थी.
पर उसको देख कर कोई भी नहीं बोल सकता था कि वह एक बच्चे की मॉम है.
वह भाभी दिखने में एक सेक्सी लड़की के जैसी दिख रही थी.
वह आदमी आते ही मुझसे कमरे की मांग करने लगा.
मैंने उन दोनों को रूम दे दिया.
फिर वह इंसान आधा घंटा बाद कमरे से बाहर आया और बाहर जाने लगा.
जाने से पहले वह मुझसे बोला कि वह औरत कल मॉर्निंग में चली जाएगी.
मैंने उसको बोला- ठीक है!
अब वह आदमी तो चला गया पर मुझे रात भर नींद नहीं आई.
मैं उसके कमरे की तरफ बार बार जा रहा था.
पर उस औरत ने अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला.
आधी रात का वक्त था.
मैं रिसेप्शन पर आकर सो रहा था.
उस भाभी के बारे में सोच कर अचानक से मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरी नींद खुल गई और मैं उसी टाइम में उस भाभी के बारे में सोच कर अपने लंड को सहलाने लगा था.
उस वक्त मानो एक करिश्मा सा हुआ.
मैं लौड़े को हिलाते हुए उस भाभी का नाम याद कर ही रहा था कि तभी वह भाभी सामने से आती हुई नजर आई.
तब मैं सन्न रह गया कि यह क्या हुआ, साला सपना आया, लंड हिलाया और इसका नाम भर लिया … और यह सामने आ गई.
मैंने जल्दी से खुद को सही किया और उसकी तरफ देखने लगा.
आधी रात को उसने मेरे पास आकर मुझसे मोबाइल का चार्जर मांगा.
मुझे लगा कि यह अपनी चूत का चार्जर मांगने आई है.
साली को आधी रात को मोबाइल का चार्जर माँगने की क्या जरूरत है?
मेरी बुद्धि काम ही नहीं कर रही थी … खोपड़ी भक्क से खुली पड़ी थी.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब हो क्या रहा है.
फिर मैंने उसको चार्जर दे दिया.
वह इठला कर बोली- जरा कमरे में आकर इसे सैट कर दीजिए, मुझसे अपने वाले चार्जर से भी मोबाइल चार्ज नहीं हो रहा है.
मैंने हामी भरी और उसके पीछे पीछे उसके कमरे में चला गया.
वह मुझसे बात करती हुई बिस्तर पर लेट गई और सोने का नाटक करने लगी.
वह बोली- उधर रिसेप्शन पर कैसे सोते होगे. यहीं लेट जाओ न!
मैं थोड़ी हिम्मत करके उसके बाजू में लेट गया.
कुछ देर बाद मैंने उसे आवाज दी- मैडम मैडम?
मगर वह बेसुध सोई हुई थी.
मैं उसके पैर को सहलाने लगा. उसने कोई हलचल नहीं की.
इससे मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई.
उसके बाद मैंने धीरे धीरे करके उसकी साड़ी को ऊपर कर दिया.
तभी वह अचानक से पलटी.
उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और किस करने लगी.
मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने भी उसको लिप किस कर लिया.
एक दूसरे को होंठों पर किस करते करते हम दोनों को दस मिनट हो गए.
उसके बाद मैंने उसके ब्लाउज का हुक खोल दिया.
वह प्रोस्टीट्यूट सेक्स के लिए तैयार थी और लंबी लंबी सांसें ले रही थी और मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.
सच कह रहा हूँ दोस्तो … मेरे जीवन में यह पहला वाकिया था, जब मैं इस तरह से किसी अनजान भाभी के साथ सेक्स करने जा रहा था.
भाभी ने अपना ब्लाउज खोला तो मेरी आंखों के सामने उसके 38 साइज़ के दूध थिरक रहे थे.
उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी.
शायद उसको रात में सोते समय ब्रा पहन कर रहना अच्छा नहीं लगता था.
फिर मैंने एक हाथ से उसका एक दूध पकड़ा और दूसरे दूध में मुँह लगा कर उसको चूसने लगा.
उसके मम्मों से दूध आ रहा था तब मुझे मालूम हुआ कि यह एक दुधमुँहे बच्चे की मां है और अपना बच्चा अपने घर छोड़ आई है.
मुझे उसके दूध चूस कर बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने उसके मम्मों को काफी देर तक तक चूसा.
वह बोली- बूब्स ही चूसते रहोगे क्या?
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया और मैंने अपने मुँह को मम्मों से नीचे जाने की दिशा दे दी.
मैंने उसके पेट पर किस किया और दोनों होंठों से पेट की खाल को दबा कर खींचने का प्रयास किया.
मेरे इस कदम से वह एकदम से सिहर उठी और उसकी गर्म आवाज निकल आई ‘आह … इस्स.’
मैं उसकी मादक आवाज से और भी ज्यादा उत्तेजित हुआ और धीरे धीरे आगे बढ़ता गया.
अब मैंने उसकी साड़ी को निकाला और उसके पेटीकोट के नाड़े को ढीला कर दिया.
उसने भी जरा अपने नितबों को ऊंचा उठा दिया तो मैंने एक झटके से उसके पेटीकोट को उसकी टांगों से खींचा और बाहर निकाल कर एक साइड में फेंक दिया.
उसके बाद मैंने उसकी तरफ देखा तो क्या ही बताऊं दोस्तो, वह पैंटी में एक नंबर की माल दिख रही थी.
वह भी मुझे मादक भाव से देख रही थी.
मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी दो उंगलियां फंसाईं और उसकी आंखों में देख कर अपने होंठों को गोल करके चुंबन का इशारा किया.
तो उसने भी मुस्कुरा कर अपनी गांड उठा दी.
उसी पल मैंने उसकी पैंटी को भी उसके बदन से हटा कर अलग कर दिया.
अब सामने उसकी चिकनी चूत थी.
मैंने एक पल भी जाया नहीं किया और भाभी की चूत को सूंघने लगा.
उसने कहा- कैसी लगी मेरी क्लीन शेव मुनिया?
मैंने कहा- एकदम मक्खन की तरह चिकनी है … साफ कब की थी?
वह बोली- मुझे हमेशा चिकनी रखना ही पसंद है.
अब जैसे ही मैंने उसकी चूत में मुँह लगाया, उसने हल्की से सिसकारी ली और मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी.
उसने अपनी चूत में संतरे की खुशबू लगाई हुई थी.
चूत को चाटते ही मुझको तो मानो जन्नत का मज़ा मिलने लगा था.
मैंने कहा- सच में बड़ा मजा आ रहा है.
वह बोली- तुम भी तो मुझे मजा लेने दो!
यह सुनकर मैं भी पूरा नंगा हो गया.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
अब वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था.
जल्द ही वह बहुत ही गर्म हो गई थी और मदभरी सिसकारियां ले रही थी.
कुछ देर बाद जब उसकी चूत से पानी निकला, तो मैंने पूरा पी लिया और चूत को चाटता ही रहा, इससे वह वापस गर्मा गई.
अब उससे रहा नहीं जा रहा था, तो उसने कहा- अब और मत तड़पाओ प्लीज मुझे चोद दो.
मैंने भी देर नहीं की और उसको सीधा लेटा दिया.
मैंने अपना लंड उसकी चूत में एक ही झटके में पेल दिया.
वह जोर से चिल्लाई- आह जरा धीरे करो … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ … तुम्हारा बहुत कड़क है.
मैं ऐसे ही धीरे धीरे पेलता गया.
उसको मेरे साथ चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ ही मिनट की चुदाई में वह एक बार झड़ चुकी थी और बोल रही थी- जल्दी करो … तुम भी आ जाओ प्लीज … अब मुझसे और नहीं हो पाएगा.
मैंने उसको अब अपने ऊपर ले लिया और 5-6 धक्के लगाने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
वह प्रोस्टीट्यूट सेक्स के बाद मुझे प्यार से किस करती हुई बोली- तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है.
मैंने कहा- कितना अच्छा है?
वह बोली- चूस कर बताऊं?
मैंने कहा- हां बताओ!
वह झट से उठी और मेरा लंड चूसने में लग गई.
कुछ 5 मिनट बाद ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं फिर से उसको चोदने को तैयार हो गया.
पर वह मना करने लगी.
मैंने उसकी चूत में दो उंगली डालीं और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.
वह फिर से गर्म हो गई और बोली- लंड से करो.
मैंने फिर से उसकी चूत में लंड सैट किया और उसको चोदना चालू कर दिया.
अब मैंने उसको अपने ऊपर आने को बोला, पर वह बोली- अब डॉगी स्टाइल में करो.
मैंने कहा- ओके.
वह जल्दी से कुतिया पोज में आ गई.
मैंने पीछे से लंड पेल दिया और धकाधक चुदाई करने लगा.
वह खुद से मेरे लंड पर आगे पीछे होने लगी.
मुझे उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उसको अपने नीचे लिया और उसको तेज रफ्तार से चोदने लगा.
वह बहुत मज़े से चुदवा रही थी.
जब मेरा माल गिरने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि कहां लेना है?
उसने कहा- अन्दर ही गिरा दो … मुझे बच्चा चाहिए है!
मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
वह मुझे किस करती हुई बोली- मेरा पति तो मुझे इतनी देर तक कभी भी नहीं चोद पाता है. आज से मैं तुम्हारी गुलाम हूँ, जो चाहे कर लो.
हम दोनों वॉशरूम में गए और साथ में नहाए.
नहाते टाइम उसने मेरा लंड सहलाया.
मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ, तो मैंने फव्वारे में ही नहाते नहाते उसको किस करना चालू किया और वहीं पर उसकी चूत में लंड पेल दिया.
वह मुझे मना करने लगी कि मेरी चूत अब दर्द कर रही है.
पर मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उसको बहुत देर तक चोदता रहा.
वह बहुत ज्यादा थक गई थी.
पर उसकी आंखों में बड़ी संतुष्टि दिख रही थी.
उसने मुझे जोर से हग किया और बोली- आज सच में मैं बहुत खुश हूँ.
अगले दिन वह अपने बच्चे को होटल ले आई और मेरे साथ 3 दिन तक रुकी.
मैंने भी उसको जी भर कर चोदा.
उसके हज़्बेंड ने उसकी गांड नहीं मारी थी कभी … इसलिए वह गांड चुदाई के लिए मना कर रही थी.
बाद में मेरे समझाने के बाद उसने मुझसे अपनी गांड भी मराई.
उसने बाद में मुझे बताया कि जो उसको लेकर आया था … उसने उसको एक ही बार चोदा और हट गया. उसके लंड में दम नहीं था.
मैंने उस भाभी को होटल में जॉब दिलवा दी क्योंकि वह भाभी मुझे बहुत पसंद आ गई थी.
अब वह होटल में कुक का काम करने आने लगी है और मैं उसको रोज चोदने लगा हूँ.
आपको मेरो प्रोस्टीट्यूट सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स करके जरूर बताएं.
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