मेरा और मेरी बीवी का ओपन रिलेशनशिप

ओपन सेक्स रिलेशन में पड़ गयी मेरी बीवी और वो अपनी पसंद के लड़कों से चुदवाने लगी मेरे सामने. वह मुझे भी किसी लड़की से सेक्स करने से नहीं रोकती थी. मैं भी उसका साथ देता था.

मेरा नाम शुभम है, मैं जबलपुर का रहने वाला हूं.

मैं इंदौर में एक आईटी कंपनी में काम करता हूं.

आज से दो साल पहले मेरी शादी मानसी से हुई थी, जो एक पढ़ी लिखी मॉडर्न लड़की थी.

जब मानसी जबलपुर रहती, तो वह साड़ी पहनती और इंदौर में वह शॉर्ट पहनती थी.
हालांकि इंदौर में वह उन छोटे कपड़ों में घर से बाहर नहीं जाती थी.

फिर जब मेरा ट्रांसफर बैंगलोर हुआ, तो वह बहुत छोटे और कामुक कपड़े पहनने लगी.
उसकी इस आदत से शुरुआती तौर पर मुझे कोई परहेज नहीं था लेकिन बाद में मुझे लगने लगा था कि मानसी का इतना खुलापन ठीक नहीं है.

एक दो बार मैंने उससे कहा भी मगर उसने मेरी बात को हवा में उड़ा दिया.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया और उसे उसकी मनमानी करने दी.

जाहिर तौर मैंने उसका सपोर्ट किया कि वह अपनी हद में रह कर फ़ैशन करे.
मगर अब तो वह और ज्यादा बिंदास हो गई और ऐसी ड्रेस लाने लगी, जिसमें से उसके बूब्स दिखें.

अधिकतर ड्रेस ऐसी थीं कि उसके आधे से ज्यादा मम्मे बाहर को मुँह झाँकते रहते थे और वह उनको दिखाने में अपनी शान समझती थी.
सब उसके मम्मे देखते थे.

मेरे ऑफिस की एक पार्टी में वह रेड कलर की शॉर्ट ड्रेस पहन कर गई.
उसमें उसके बूब्स साफ दिख रहे थे, बस निप्पल ढके हुए थे.

वह उस ड्रेस को पहन कर सबका जी ललचाने लगी.

इतने से भी उसका मन नहीं भरा. वह मेरे सहकर्मियों और बॉस से गले भी मिली.

उधर कुछ ऐसा माहौल बना कि सबकी आपस में बातें होने लगीं.
फिर बातों बातों में एक शर्त लग गई कि जो भी सबसे अच्छा डांस करेगा, उसे उसकी पसंद की लेडी से किस मिलेगा.

मेरा एक दोस्त रोहन डांस में जीत गया और उसने किस करने के लिए मेरी बीवी मानसी को चुना.
मानसी ने मेरी तरफ देखा और मैंने भी हामी भर दी.

वह दोनों, एक चुम्मी की जगह लिप लॉक कर बैठे.
इस लंबे किस से दोनों गर्म हो गए थे और पार्टी में भी माहौल बन गया था.

रोहन की बीवी ने भी सबके कहने पर मुझे किस किया, मगर उस वक्त मुझे रोहन की बीवी को चूमना कतई अच्छा नहीं लग रहा था.
उस दिन की घटना ने मेरे दिलोदिमाग पर एक गहरी छाप छोड़ दी थी.

जब मैं उस रात में मानसी की चुदाई कर रहा था, तब मानसी बोली- यार, अब हमें थोड़ा फन करना चाहिए.
मैंने पूछा- कैसे?

वह बोली- हम दोनों कब तक एक ही पार्टनर से सेक्स करते रहेंगे. सोचो अगर तुम्हारे पास मेरे अलावा और भी लड़कियां चोदने के लिए होतीं और मुझको भी कोई और चोदता, तो कितना मजा आता! मतलब ओपन सेक्स रिलेशन!
मैंने उसकी इस बात पर उसे डांटा, तो वह चुप हो गई.

लेकिन वह इस बात पर बहुत दिन तक नाराज रही.
आखिर में मैं मान गया और मैंने उसे सरप्राइज देते हुए चुदाई का दिन सैट कर लिया.

मैंने उसके लिए एक जिगोलो और अपने लिए एक कॉलगर्ल की बुकिंग की.
जब उसे यह पता चला तो वह बहुत खुश हुई.

मेरी चुदायी जल्दी खत्म हो गई थी लेकिन जिगोलो मानसी को जम कर चोद रहा था.
मानसी की चीखें मुझे सुनाई दे रही थीं- आह आह आह कम ऑन बेबी फक मी … चोदो और तेज आह उम्म उम्म आह!

यह सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने गेट खोला और बाहर से देखा.

मानसी उस लड़के के लंड पर घोड़ी की तरह उछल रही थी और वह पूरी नंगी थी.
मुझे मानसी ने देख लिया और मेरे सामने ही वह उस लौंडे के लंड पर कुछ ज्यादा ही मस्ती से अपनी गांड हिलाने लगी थी, उसे अपनी चूचियाँ पिलाने लगी थी.

उस जिगोलो ने भी मुझे देख लिया.
उसको ये नहीं मालूम था कि मानसी मेरी बीवी है.
उसने सोचा कि ये दोनों आपस में बस दोस्त हैं और इसके अलावा भी उस लड़के ने मेरे बारे में क्या सोचा, वह मुझे समझ नहीं आया.

वह मानसी को उठा कर उसे घोड़ी बनाकर पेलने लगा और उसी दरमियान उसने मानसी की गांड में लंड डाल दिया.
इससे मानसी की चीख निकल गई.

काफी देर ताक मानसी की गांड मारने के बाद उसने अपना लंड गांड से बाहर निकाला और मानसी के मुँह की तरफ कर दिया.
मानसी उसके लंड को चूसने लगी.

उसने पूरा माल मानसी के मुँह में ही गिरा दिया.
मानसी ने लंड को चूसा मगर कुछ वीर्य जमीन पर फैल गया.

वह लड़का वहां से यह कह कर चला गया कि इसकी चूत साफ कर देना.

मानसी ने जब मुझे देखा तो वह स्माइल कर रही थी.
उसने मुझे इशारा करके अपने नजदीक बुलाया और अपनी दोनों टांगें मेरी तरफ करके एक दूसरे से दूर फैला दीं.

उसकी इस हरकत से उसकी चूत और गांड मुझे साफ नजर आने लगी.

चूत और गांड में उस जिगोलो के लंड का माल लगा हुआ था.
उसने मुझसे उस रस को चाट कर साफ करने का कहा.

उस वक्त मुझे न जाने क्या हुआ कि मुझे अपनी बीवी के स्लेव बनने का मन हो गया और मैं उसके करीब आ गया.
मैंने मानसी की चूत गांड चाट कर साफ की.

जब तक मैं मानसी की चूत और गांड चाटता रहा, तब तक मानसी ने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझे उसकी जिगोलो से हुई चुदाई के बारे में बड़े चटखारे ले लेकर बताया.

वह उस जिगोलो की चुदाई से बहुत खुश थी. वह कहने लगी- शुभम बेबी, क्या हम ओपन रिलेशनशिप अपना लें?
मैं यह सुनकर चौंक गया लेकिन बाद में मैंने हां कह दिया.

मेरे दिमाग में अपनी बीवी के प्रति कुछ नफरत के भाव थे तो मैंने उसे मजा चखाना चाहा.

अगले दिन में अपने साथ एक लड़की लेकर आया जो ऑफिस में काम करती थी.

मानसी ने पूछा- यह कौन है?
तो मैंने कहा- ये मेरे साथ ऑफिस में काम करती है. आज इसके साथ चुदाई का मूड है.
उसने स्माइल दी और कहा- गुड, मजे करो.

मानसी अन्दर ही अन्दर खुश हो रही थी.

वह लड़की मेरे साथ कमरे में रही मगर मुझसे चुदने की उसकी कोई मंशा नहीं थी.
मैं बस उसे अपनी बीवी को जलाने के उद्देश्य से घर लेकर आया था.

मेरे इस प्रयोग का असर मुझ पर ही उलट कर हुआ.
अब मानसी मुझसे कुछ नहीं कहती थी मगर वह मुझे एक दो मर्तबा अलग अलग लड़कों के साथ एक अलग कमरे में जाती दिखी.

कुछ दिनों बाद मानसी ने मुझसे कहा- मैं गोवा जा रही हूँ.
मैंने पूछा- किसके साथ?
उसने बेहिचक कहा- मेरा दोस्त है राहुल … उसके साथ जा रही हूँ.

मैंने बोला- अकेली?
वह बोली- हां.

मैंने उससे मना कर दिया और वह झगड़ने लगी- हम दोनों ओपन रिलेशनशिप में हैं. तुम मुझे नहीं रोक सकते.
तो मैंने हार मान ली लेकिन मैंने कहा- मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा.

उसने ओके कहा लेकिन यह शर्त रखी कि मैं उसे गोवा में हाथ भी नहीं लगाऊंगा.
मैंने शर्त मान ली.

हम फ्लाइट से रात को गोवा पहुंचे.
होटल में राहुल और मानसी एक कमरे में चले गए और मैंने कॉमन रूम ले लिया क्योंकि रूम की शॉर्टेज थी.

राहुल ने मुझे रूम में रखने से मना कर दिया.
लेकिन जब मैंने कहा कि मैं मानसी का पति हूं तो वह डर गया.

पर उसी वक्त मानसी ने मामला संभालते हुए कहा- बेबी, तुम डरो मत यह मेरा हसबैंड है जरूर … लेकिन घर पर है. अभी तो तुम ही सब कुछ हो.
ये कह कर मानसी राहुल के होंठों को चूमने लगी.

राहुल भी मानसी के होंठों को चूमने लगा.

तभी राहुल ने मानसी के बेड पर लेटा दिया और मेरे सामने ही मेरी बीवी के सारे कपड़े उतार दिए.

मानसी एक गैर मर्द के सामने एकदम नग्न थी.
मैंने दरवाजा बंद किया और सोफे पर बैठकर अपना लंड पकड़ लिया.

राहुल मानसी की चूत चूमने लगा.
मानसी कामुक सिसकारियां भर रही थी.

राहुल मानसी के मम्मों को पीने लगा.
मानसी भी अपने हाथ से उसके लंड को प्यार से सहला रही थी.

राहुल ने मानसी को उल्टा किया और मानसी उसके लंड को चूसने लगी.

वह भी मानसी की गदराई हुई गांड चूम रहा था.

अब राहुल ने अपना लंड मानसी की चूत पर रगड़ा और धीरे से अन्दर घुसा दिया.
मानसी की कामुक सिसकारियां मुझे भी सुनाई दे रही थीं.

धीरे धीरे उनकी चुदाई की गति तेज हो गई.
दस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद राहुल ने अपना लंड मानसी कि चूत से खींच कर मानसी के मुँह में ठूंस दिया और पूरा माल मानसी के मुँह में भर दिया.

वे दोनों नंगे ही सो गए.

अगली सुबह मानसी मुझसे बोली भी नहीं.
राहुल ने मुझसे कहा- क्यों बे, अपनी बीवी को चुदते देख कर मजा आया? आज तो इसके साथ मैं ग्रुप सेक्स करूंगा.

मैं यह सुन चौंक गया.
मैंने मानसी से पूछा, तो वह बोली- तुझे क्या … मैं कुछ भी करूं?

मानसी समुद्र बीच पर अपने पूरे दूध दिखाती हुई लेटी थी.
उसी समय एक नीग्रो उसके पास आकर उसके मम्मों से खेलने लगा.
मानसी ने उसे रोका ही नहीं.

कुछ देर बाद मानसी उससे चुदने के लिए रूम में चली गई.

रात को हम सबने डिनर किया.
रात के 11 बज चुके थे तभी रूम में चार लोग आए.
वे चारों ही छह फुट की हाइट वाले थे.

राहुल ने उनसे हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया.
वहीं उन सबने मानसी के बूब्स दबाकर और किस करके उससे हाय की.

वे सब अन्दर आ गए.
मानसी और राहुल ने उन चारों को मेरे बारे में पहले ही बताया दिया था कि इसका काम लंड चूत का माल साफ करना है.

खुल कर दारू चलने लगी.
दारू के दौरान ही वह सब नंगे हो गए.
उन्होंने मानसी को भी नंगी कर दिया.

राहुल ने मानसी को अपनी बांहों में लेते हुए उसे झुकाया और किस किया.

वहीं एक ने पीछे से आकर मानसी की गांड में लंड घुसा दिया.
अचानक से लंड घुसने से मानसी की चीख निकल गई.

फिर मानसी को बेड पर कुतिया बना कर लेटा दिया गया.
मानसी ने दो लंड मुँह में ले लिए.

एक नीचे से घुसा और उसकी चूत में लंड पेल कर चुदाई करने लगा; एक ने उसके उसके ऊपर चढ़ कर गांड में लंड ठोक दिया.

मानसी की आवाज भी नहीं निकल पा रही थी.
वह नशे में धुत्त थी तो चुदाई में मजा आ रहा था.
पर वह सड़क छाप रांड सी लग रही थी.

सभी लोग उसे चूम रहे थे और उसके बूब्स दबा रहे थे.
यह सब देख कर मेरा भी पानी निकल रहा था.

चुदाई के बाद मानसी एक एक कर सबके लंड चूस रही थी. बाद में बारी बारी से सबके लंड को चूत में ले रही थी.

उसकी चूत एकदम लाल हो गई थी.
वह बहुत थक चुकी थी लेकिन उन सभी ने उसके साथ एक साथ सैंडविच सेक्स भी किया और उसकी चूत और मुँह पर वीर्य भी भर दिया.

राहुल और उन सबने पैसे मानसी हाथ में पैसे दिए और कहा- रण्डी ले … पैसे और अपने पति के साथ आ जाना.
मैंने मानसी का माल साफ किया.

उसकी गांड और चूत लाल हो चुकी थी.
वह बोलने लगी- शुभम बहुत दर्द हो रहा है.
जैसे कैसे वह सो गई.

अगली सुबह उससे उठा नहीं गया और वह कहने लगी- शुभु बहुत दर्द हो रहा है … लेकिन ऐसा मजा कभी नहीं आया.

इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और वह भी अपनी फ्रेंड को मेरे से चुदवाने लाने लगी थी.

दोस्तो, यह मेरी ओपन सेक्स रिलेशन कहानी थी जो मैंने आप लोगों को सुनाई. आपका क्या कहना है … प्लीज कमेंट्स करें.