मैंने एक इंडियन भाभी की गांड में लंड घुसाया तो भाभी की गांड फट गयी, खून भी निकला क्योंकि भाभी ने कभी गांड नहीं मरवाई थी. गांड मारने से पहले मैंने की चूत खूब चोदी.
दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है. मेरी उम्र 22 साल है.
मैं पटना का रहने वाला हूँ.
मैंने इस साइट पर बहुत सी सेक्स कहानियां पढ़ीं तो मेरा भी मन हुआ कि आप लोगों को अपने साथ हुई एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाई जाए.
मेरा एक बचपन का दोस्त एक हॉस्पिटल में काम करता था.
उसके द्वारा मुझे एक नंबर मिला था.
वह नंबर एक भाभी का था. उनसे मेरा अच्छी बात होने लगी.
उनका नाम नेहा था.
धीरे धीरे हम दोनों में प्यार हो गया.
हम लोग रात को काफी देर देर तक बात करने लगे.
इसी तरह हमें बात करते करते दो महीने हो चुके थे.
अब तो रोज रात को वीडियो कॉल पर बात होती और हम दोनों में फोन सेक्स भी होने लगा.
वह वीडियो कॉल के समय अपना मुँह नहीं दिखाती थी.
यह बात मुझे समझ में नहीं आती थी कि वह चेहरा क्यों नहीं दिखाती है.
मैं उससे चेहरा दिखने के लिए कहता तो वह कहती- चेहरा भी दिखा दूँगी पर अभी जो देखने को मिल रहा है, फिर वह नहीं देखने को मिलेगा.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?
वह कहने लगी- आज तुम एक बात तय कर लो कि मेरा चेहरा देखने का मन है या मेरे जिस्म का नजारा देखने में मजा आता है?
मैंने सोचा कि न जाने इसकी चूत चोदने को मिलेगी भी या नहीं. चेहरा तो सड़क चलते किसी भी लड़की का देखने को मिल जाता है. चूत और चूचे ही देखना ठीक रहेगा.
मैंने उससे काफी इसरार किया- सब कुछ एक साथ ही दिखाओ.
पर वह नहीं मान रही थी.
फिर मैंने कहा- जो तुम्हें ठीक लगे, वही दिखाओ.
वह बोली- ओके जब मिलोगे तब सब एक साथ देख लेना.
मैं आपको बताना चाहूंगा कि मैंने नेहा भाभी से कभी सामने से नहीं देखा था, हमारा प्यार बस फोन से ही स्टार्ट हुआ था.
एक दिन मैं नेहा भाभी से जिद करने लगा कि मुझे तुमसे मिलना है.
अब मैं भाभी के बारे में बता दूँ.
वह बिहार शरीफ की रहने वाली है.
उसकी उम्र 26 साल है और उसका फिगर 34-30-36 का है.
एक दिन भाभी का कॉल आया.
वह बोली कि कल मेरे घर पर कोई नहीं रहेगा. क्या आप आ सकते हो?
मैंने बोला- कोशिश करूंगा.
अगले दिन मैंने दुकान से छुट्टी ली और सुबह की पहले नंबर की बस पकड़ कर निकल गया.
दोपहर को बारह बजे तक मैं उनके घर पहुंच गया.
वह अपने घर के पास मेरा इंतजार कर रही थी.
मैंने पहली बार उसको देखा. उसको देखते ही मेरा लंबा, मोटा लंड खड़ा हो गया.
जबरदस्त माल थी वह!
मैंने उसे देखा और उसकी तरफ बढ़ा.
तभी मेरे फोन में उसने घंटी कर दी.
मैंने उसे देखा तो वह मुस्कुराई और उसने फोन उठाने का इशारा किया.
मैंने फोन उठाया तो वह बोली- अभी बस चुपचाप मेरे पीछे पीछे आते जाओ. मुहल्ले में लोग मुझे जानते हैं और आप अजनबी हैं.
मैंने ओके कह दिया.
उसने मुझसे आगे आगे चलने को कहा. मैं फोन चालू किये हुए उसके आगे आगे चलता चला गया.
कुछ ही देर में उसके घर में अन्दर पहुंच कर मैंने ठंडी सांस ली.
उसने अन्दर आकर दरवाजा लगाया.
हम दोनों ने थोड़ी देर बात की.
उसने मुझे पानी लाकर दिया और उसके बाद मैंने नेहा को गले लगा लिया और किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ दे रही थी. हम दोनों बेहद गर्मजोशी से चूमाचाटी करने लगे थे.
फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा.
नेहा भाभी आह आह करने लगी.
हम दोनों ने जल्द ही एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए और एकदम नंगे हो चुके थे.
मेरा लंड देख कर नेहा भाभी की आंखें चमकने लगी थीं.
शायद उसे मेरे लंबे और तीन इंच मोटे लंड को देख कर बड़ी प्रसन्नता भी हुई थी और कुछ डर भी लगा था.
मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और 69 में होकर उसकी चूत को चाटने लगा.
थोड़ी देर के बाद नेहा भाभी ने अपनी चूत को मेरे मुँह में दबाया और आह आह करती हुई उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.
मैं उसकी चूत का पूरा पानी पी गया.
वह निढाल हो गई थी.
मैंने उसको बैठा दिया और खुद खड़ा हो गया.
तब मैंने अपना लंड उसके मुँह में दिया और जोर जोर से पेलने लगा.
कुछ ही समय में मैं झड़ने को हुआ और मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया.
मेरे लंड का कुछ रस उसके गालों पर लग गया और कुछ मम्मों पर लग गया.
वह अपने मुँह में आए वीर्य को खा गई और उंगली से अपने जिस्म पर लगे वीर्य को उठा उठा कर चाटने लगी.
फिर वह उठ कर बाथरूम में गई और अपने आपको साफ करके आ गई.
वह मुझे किस करने लगी.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने एक बार फिर से लंड को उसके मुँह में देकर गीला करवाया और चुदाई के लिए रेडी हो गया.
भाभी भी चित लेट गई.
मैंने उसकी दोनों टांगें खोल कर चूत पर लंड का निशाना सैट कर दिया.
फिर मुँह से मुँह को दबाया और चूत के मुँह पर रखे हुए लंड को एक ही झटके के साथ पूरा अन्दर घुसा दिया.
वह दर्द के मारे चिल्ला उठी क्योंकि वह बता रही थी कि उसके पति का लंड मेरे लौड़े से आधा ही है.
कुछ ही देर बाद वह मेरे लौड़े को झेल गई और अब नेहा बहुत ही कामुक आवाजें निकाल रही थी- आह आह ओह माई गॉड … और कसके चोदो … मेरी चूत की गर्मी निकाल दो … आह ओह आह मैं गई और जोर से चोदो मुझे … आह अब तक किसी ने ऐसा नहीं चोदा मुझे … आह मेरा पानी निकलने वाला है.
इधर मैं अपनी पूरी रफ्तार से नेहा को चोद रहा था.
करीब बीस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
उतनी देर में नेहा दो बार पहले भी झड़ चुकी थी.
हम दोनों ने सेक्स के बाद एक लंबी किस की और जोर जोर से सांसें ले रहे थे.
थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने नेहा से लंड मुँह में लेने को बोला.
उसने तुरंत मुँह खोल कर लंड को पूरा अन्दर ले लिया.
मैंने जोर जोर से झटके देना शुरू कर दिए.
वह मुँह चोदने से मना करने लगी और बोली- जान, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा … प्लीज अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डालो.
मैंने लंड मुँह से निकाला और उसे डॉगी पोजीशन में करके पीछे से लंड उसकी चूत में पेल दिया.
वह आह ओह करके लंड के मजे लेने लगी.
मैं बहुत तेज तेज झटके लगा रहा था.
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था.
वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और चीख भी रही थी.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद वह झड़ गई.
पर मेरा अभी नहीं हुआ था.
वह लंड निकालने को बोल रही थी.
मैंने कहा- मेरा अभी नहीं हुआ है.
वह बोली- प्लीज जान अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तुम मेरे मुँह में दे दो. मैं मुँह से चूस कर झड़वा दूँगी.
मैं चूत के अलावा लंड कहीं और देना नहीं चाहता था.
मैंने उसकी बात को अनसुना किया और उसकी कमर पकड़ कर बहुत तेज रफ़्तार से उसकी चुदाई करने लगा.
करीब बीस मिनट और चोदने के बाद मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने अपना लंड उसके चेहरे के पास कर दिया.
वह अपने हाथों से लंड की मुठ मारने लगी और सारा पानी अपने मुँह में भर कर पी लिया.
थोड़ी देर के बाद मुझे बहुत जोर पेशाब लगी.
मैंने कहा- मुझे बाथरूम जाना है.
तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- यहीं करो मेरे मुँह में!
मैंने अपना लंड पकड़ा और उसके मुँह में एकदम गले तक घुसाया और मूतना चालू कर दिया.
पूरा मूत लेने के बाद मैंने उसकी चूत की चुसाई शुरू की.
थोड़ी देर बाद उसने मेरा सिर पकड़ लिया और मेरे मुँह में पेशाब करने लगी.
मैंने मना नहीं किया.
पता नहीं क्यों, मुझे ये सब अच्छा लग रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार मैंने उसकी गांड मारने की बात कही, तो वह मना करने लगी.
मैं गुस्सा होने का नाटक करने लगा.
थोड़ी देर के नानुकुर करने के बाद वह मान गई.
मैंने उससे तेल लाने को बोला.
वह तेल लेकर आ गई.
मैंने उसे पीठ के बल लेटाया और उसकी गांड के सुराख में तेल डालने लगा.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में डाली तो उसने अपनी गांड काफी टाइट कर ली.
मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने अपना लंड पर ढेर सारा तेल लगाया और उसकी गांड के छेद पर सुपारा रख कर एक करारा धक्का लगा दिया.
वह बहुत तेज चिल्लाई- उई मां फट गई … आह जानू प्लीज निकाल लो … मैं मर जाऊंगी … मेरी गांड फट गई आह आह ओह हाय मैं मर गई … प्लीज बाहर निकालो.
पर पता नहीं क्यों, उस समय मुझे क्या हुआ था; मैं रूका ही नहीं और लगातार झटके पर झटके दिए जा रहा था.
थोड़ी देर के बाद वह इंडियन भाभी की गांड में लंड के मजे लेने लगी.
अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.
अब वह कह रही थी कि आह और अन्दर डालो … फाड़ दो मेरी गांड को.
मैं गांड मारते हुए बोला- हां जान, तुम्हारी गांड बहुत टाइट है … इसको तो फाड़ना ही पड़ेगा.
हम दोनों की गांड चुदाई का खेल धकापेल चलने लगा.
वह कहने लगी कि मेरी गांड की सील तुमने ही तोड़ी है. मुझे मालूम ही नहीं था कि गांड मरवाने में भी मजा आता है. अब से तुम मेरे किसी भी छेद में लंड पेल कर मुझे चोद सकते हो.
कोई 30 मिनट तक गांड चुदाई करने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
उसके बाद उसको सीधा लेटा दिया और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ ही समय के बाद उसने पानी छोड़ दिया.
मैंने पूरा पानी पी लिया.
उस वक्त मैंने उससे फोन से सेक्स करते समय चेहरा ना दिखाने की बात को छेड़ा.
तो उसने कहा- मुझे डर था कि कहीं मेरी चूत गांड के साथ मेरे चेहरे को इंटरनेट पर वायरल न कर दिया जाए. इसलिए मैं चेहरे के साथ अपनी बॉडी पार्ट्स को नहीं दिखा रही थी.
मैं उसकी बात से सहमत था.
थोड़ी देर तक मैं ऐसा ही लेटा रहा.
पता नहीं हम दोनों को कब नींद आ गई.
जब आंख खुली, तो 6 बज चुके थे.
मैं कपड़े पहन कर और उसको किस करके व उसे बाय बोल कर उसके घर से निकल गया.
पूरी रास्ते मैं उसकी चुदाई को याद करते हुए गया.
मैं पटना आ गया था और रात 2 बजे अपने घर पहुंचा था.
अभी भी हमारी प्यार ऐसा ही है.
मैं उसे दूसरी बार कब मिला और क्या हुआ, वह अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा. दूसरी बार जब मैं नेहा से मिला और उसके साथ उसकी ननद की चुदाई भी की वह सब कैसे हुआ, आपको जरूर लिखूँगा.
बस आप मुझे मेल करके बताएं कि आपको मेरी इंडियन भाभी की गांड में लंड की कहानी कैसी लगी.
धन्यवाद.
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