अनजान भाभी की बस और होटल में चुदाई

बिहारी भाभी की देसी चुदाई का आनन्द मैंने लिया जब मैं आगरा से बस में लखनऊ का रहा था. पहल भी उस गर्म भाभी ने की थी, वो बस में मेरा हाथ सहलाने लगी थी.

दोस्तो, मेरा कद 5 फुट 6 इंच है और मेरा नाम कहानी के बीच में ही है।
मैं आगरा का रहने वाला हूं और मैं अपनी जॉब की वजह से आजमगढ़ में रहता हूं, तो आगरा से आजमगढ़ आना जाना लगा रहता है।

तो हुआ यह कि मुझे आगरा से आजमगढ़ आना था तो मैंने पहले आगरा से लखनऊ की बस पकड़ी।

बस में भीड़ काफी ज्यादा थी पर सर्दी होने की वजह से कोई परेशानी नहीं थी।
तभी एक औरत दीपा शर्मा करीब 32 की उम्र की, एकदम गोरी, थोड़ी मोटी और हाइट 5’2″ की होगी और गांड 34″ की पर उसके बूबे बहुत ही मस्त करीब 36″ के होंगे जो दूर से ही देखे जा सकते थे।
बहुत ही मस्त भाभी लग रही थी।

वो अपने दो बच्चों के साथ आकर मेरे बगल वाली सीट पर बैठ गई. छोटे लड़के को उसने अपने बगल में बिठाया और अपने बड़े लड़के को पीछे वाली सीट पर बिठा दिया।

दीपा ने मुझे देखा और मुस्कुराती हुई बोली- मैं पहली बार बस में अकेली यात्रा कर रही हूं. मेरे पति घर पर ही ससुर की देखभाल कर रहे हैं. मैं अपने किसी रिश्तेदार के घर शादी में जा रही हूं।
उसने यह भी बताया कि उसका मायका बिहार में है.
फिर मैंने अपने बारे और मेरी जॉब के बारे बताया और फिर हम शांति से बैठ गए।

थोड़ी देर बाद बस चली और कंडक्टर ने टिकट दी और थोड़ी देर बाद लाइट बंद हो गई।

मैं अपने इयरफोन से गाने सुन रहा था।

कुछ देर बाद मैंने अपनी जांघ के बगल में एक हाथ महसूस किया पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फिर काफी समय बीतने के बाद भी वो हाथ मुझे छू रहा था।
तब मुझे थोड़ा शक हुआ कि बिहारी भाभी की नीयत शायद सही नहीं लग रही है।

तो मैंने भी थोड़ी हिम्मत बना कर अपना हाथ भाभी के हाथ के ऊपर रख दिया.
भाभी ने कुछ हलचल नहीं की तो मैं समझ गया कि आग सच में लगी है।

तब मैंने अपने हाथ पलटा और भाभी का हाथ पकड़ लिया.
उसने कुछ हलचल नहीं की.

मैं भाभी को देखने लगा तो वो भी मुझे थी देख रही थी.
फिर मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा जैसे मैं ही उसका पति हूं … और उसे अपनी बांहों में ले लिया।

मैं उठा, अपने बैग से अपना पतला से कंबल निकल लिया और भाभी को और खुद को ढक लिया।

अब मैं अपने हाथ भाभी के नीले ब्लाउज के ऊपर फेरने लगा और बीच बीच में जोर से दबा देता तो भाभी की सिसकारी निकल जाती।

अब मैंने ब्लाउज के नीचे से हाथ सरकाया और भाभी के बूबे को दबाने लगा।
भाभी भी हलचल करने लगी थी और उसका हाथ मेरे पैंट के ऊपर फेरने लगी.

तो मैंने भी अपना 7 इंच का मोटा लंड भाभी के हाथ में थमा दिया.
और मैं भाभी के चेहरे पर खुशी साफ देख पा रहा था.

शायद भाभी काफी दिन से सही से चुदी नहीं थी।

अब बिहारी भाभी ने मेरे लंड को दोनों हाथों से पकड़ लिया और दबाने लगी।

इसी बीच भाभी ने अपना एक पैर मेरे पर रख दिया और मैंने भाभी की साड़ी ऊपर खिसका दी और भाभी की चड्डी को नीचे खिसकाई।

अब मेरे हाथ भाभी की चिकनी और गीली चूत पर पर थे।
भाभी की चूत को अब मैंने रगड़ना शुरू किया और थोड़ी देर रगड़ खाने के बाद भाभी की सिसकारी आने लगी थी.

तभी मैंने अपनी दो उंगली भाभी की चूत में डाली और प्यार से अंदर बाहर करने लगा।
भाभी भी अपने टांगें दबाकर आनंद लेने लगी और मैंने उंगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करना शुरू किया.

यह खेल तकरीबन आधा घंटा चला।

तब मैंने अब भाभी से अपना लंड चूसने को कहा.
तो वो पहले थोड़ा मना करने लगी.

पर मैं कहां छोड़ने वाला था … मैंने भाभी को थोड़ा दूर किया खुद से और भाभी का सिर अपने गोद में रख लिया।

अब वो मेरे नंगे लंड पर अपने मुलायम गाल रखे सोने का नाटक करने लगी.
और फिर मैंने उसका चेहरा जोर पकड़ा और अपना लंड भाभी के मुख में गपाक से डाल दिया.

अब भाभी ने हल्का हल्का चूसना शुरू किया.
फिर भाभी को मजा आने लगा और साली आधा लंड गप्प कर गई।

यह खेल भी आधा घंटा चला और हम लखनऊ के पास आ गए थे।

अब रात के करीबन दो बज रहे थे और हम लखनऊ बस स्टैंड पर खड़े थे।

भाभी से मैंने बस में ही प्लान बना लिया था कि हम यहां तो अपनी हवस नहीं मिटा सकते पर ओयो पर रूम बुक करने पूरी रात हवस का नंगा नाच कर सकते हैं।

तो मैंने पास का ही एक होटल के दो रूम बुक किए और एक रूम में मैं अकेला और दूसरे भाभी और उनके दो बच्चे सोने चले गए।

लगभग 30 मिनट इंतजार करने के बाद भाभी ने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया.
और मैंने जैसे ही दरवाजा खोला, भाभी ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी।

उन्हें मैंने जल्दी से अन्दर लिया और रूम का दरवाजा बंद कर दिया।

भाभी और मैं एक दूसरे को होठों पर टूट पड़े।

पहले मैंने भाभी को किस करने का पूरा मौका दिया क्योंकि मुझे ऐसे लग रहा था भाभी को पहली बार एक जवान लड़के मिल रहा है और भाभी ने मेरे होठों में दर्द कर दिया।

मैं तो पूरी रात मजे लेने वाला था तो मैंने भाभी को पहल करने दी।

तो भाभी ने मेरी जींस खोल दी तो मैंने जींस के साथ अपनी चड्डी भी उतार दी और साथ ही भाभी का नीला पेटीकोट और ब्रा के साथ काले रंग की चड्डी भी उतार फेंकी।

अब भाभी और मैं पूरे नंगे हो चुके थे।

मैंने भाभी को बैड पर लेटने को बोला और भाभी को किस करना शुरू किया.
भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैं भाभी के एक बूबे को दबा रहा था और दूसरे को चूसने लगा.
यह खेल कुछ देर चला, फिर मैं भाभी की चूत को चाटने लगा।

कभी मैं चूत के ऊपर की कली को चाटता तो कभी चूत के अंदर अपनी जीभ घुसा देता।

अब वो भी अपनी कमर उठा उठा कर मजे लेने लगी।

कुछ ही देर में भाभी ने नमकीन पानी छोड़ दिया और मैंने पूरा गटक लिया।

अब भाभी बोलने बोलने लगी- निशांत अब बस भी करो और अंदर डाल भी दो।

भाभी के इतना बोलते ही मैंने अपने खड़े लंड को भाभी की चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।
अब भाभी की सांसें और भी तेज होने लगी थी।

मैंने चूत के अंदर लंड डाला और चूत की दीवारों को भेदता हुआ मेरा लन्ड भाभी की चूत में जा समाया।

अब भाभी की दर्द में छोटी सी आह की आवाज निकली और मैं अब चुदाई जोर जोर से करने लगा और भाभी अपनी कमर उठा उठा कर मजे लेने लगी।

कुछ देर बाद मैं बेड पर लेट गया और भाभी मेरे ऊपर आ गई और उछल उछल कर लंड की चुदाई का मजा लेने लगी.

पर भाभी पूरा नीचे नहीं आ रही थी तो मैं भी उठ उठ कर भाभी के अंदर तक चोट देने लगा।
और भाभी मेरे लन्ड पर ही झड़ गई और मेरे ऊपर लेट गई।

भाभी ने लंड और चूत बेडशीट से साफ किए और लंड को चूसने लगी और मेरे लन्ड से पानी निकाल कर ऐसे पी गई जैसे जन्मों की प्यासी मेरे लंड का पानी पीने के लिए बैठी थी।

चुदाई लगभग 2 घंटे तक चली और मैंने पोज़ बदल बदल कर बिहारी भाभी की देसी चुदाई की.

और मेरा माल भाभी की चूत में ही 3 – 4 बार निकला और भाभी दो बार झड़ गई।

हम रात भर नंगे ही सोए।

सुबह भाभी ने मुझे जल्दी उठाया और एक बार और चुदाई की और हम तैयार हो कर लखनऊ से आजमगढ़ के लिए निकल पड़े.
और इसी बीच मैंने भाभी के कहने पर गर्भ रोकने की गोली दी।

भाभी बीच में ही अपनी मंजिल पर उतर गई और मैं आजमगढ़ आ गया।

भाभी से ना मैंने नंबर मांगा और न ही उन्होंने दिया।

तो दोस्तो, और भाभियो, कैसी लगी मेरी चुदाई की सच्ची कहानी?

अगली कहानी में मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ की स्टोरी शेयर करूंगा बस थोड़ी हिम्मत जुटा लूं।

भाभियों से मुझे खासा प्यार है और किसी भाभी को मुझसे इसी बीच प्यार हुआ तो मुझे ईमेल पर मैसेज करना ना भूलें।

मेरी बिहारी भाभी की देसी चुदाई कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स में बताएं.
तब तक के लिए विदा।
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