पोर्न भाभी Xxx चुदाई का मजा मुझे मिला अपने ऑफिस की एक भाभी के साथ! मैं उनके घर में एक कमरे में रहता था. एक रात भाभी खाना लेकर आयी तो …
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।
आज मैं आपको अपनी पोर्न भाभी Xxx चुदाई कहानी बताने जा रहा हूं। शुरू करने से पहले मेरे बारे में थोड़ा बताना बेहतर होगा।
मैं 5 फीट 7 इंच का 27 साल का जवान लड़का हूं, मेरा रंग साफ है और बॉडी अच्छी है।
ये कहानी एक साल पहले की है जब मैं दिल्ली में जॉब करता था। मेरे लिए दिल्ली शहर नया था तो ज्यादा किसी को जानता नहीं था।
मैंने बस किसी तरह कंपनी के पास में रहने के लिए रूम ले लिया था और खाना होटल पर खाया करता था।
कंपनी में पहले दिन मुझे सबसे मिलवाया गया और फिर काम बता दिया गया।
उसके बाद मैं अपने काम में ही व्यस्त हो गया।
लंच के समय में सब लोग अपना अपना खाना लेकर आए।
मेरा पहला दिन था तो मुझे कुछ पता नहीं था और न ही मेरे पास खुद का खाना था।
फिर सब लोगों के पास ही थोड़ा थोड़ा मैंने खाया और अपना पेट भरा।
फिर मैं बाहर होटल पर खाने जाने लगा था।
ऐसे ही तीन चार महीने बीत गए।
एक दिन अचानक मैंने पाया कि वो होटल बंद हो गया।
उसके बाद मैंने अपनी कंपनी में लोगों से बात की, जहां पर मुझे रहने और खाने की व्यवस्था साथ में मिल जाए।
मेरी कंपनी में एक लड़की थी मनीषा, जो शादीशुदा थी, उसने मुझे बताया कि उसके घर के ऊपर एक रूम है जो खाली है।
वो कहने लगी कि मैं उसके घर वाले रूम में रह लूंगा और खाना मेरे लिए वह खुद बना दिया करेगी।
मुझे भी ये बात समझ में आ गई और दो दिन के भीतर मैंने अपना रूम बदल लिया।
अगली सुबह जब मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था तो तभी मेरे रूम का दरवाजा किसी ने खटखटाया।
उस वक्त मैं कपड़े पहन रहा था।
मैंने थोड़ा रुक कर दरवाजा खोला।
सामने चाय और नाश्ता लेकर मनीषा खड़ी हुई थी।
वो मुझे देखकर मुस्कराने लगी तो मैं भी मुस्करा दिया।
वो नाश्ता देकर वापस लौट गई।
ऐसे ही 15 दिन और बीते और इन दिनों के बीच मेरी और मनीषा की काफी बातें होने लगीं।
फिर एक दिन मुझे कंपनी के काम से लखनऊ जाना पड़ा।
मैं निकल गया.
लेकिन इस बीच मनीषा बार-बार मुझे कॉल करके मेरे खाने पीने के बारे में पूछती रही।
मुझे भी ये सब बहुत अच्छा लग रहा था।
कोई किसी की इतनी परवाह करे तो सबको ही अच्छा लगता है।
आपको मैं मनीषा के बारे में थोड़ा और बता देता हूं।
वो 35 साल की गदराये बदन की मालकिन थी, रंग गोरा और हाइट 5.3 फीट लम्बी।
होंठ जैसे रस से भरे गुलाब थे और फिगर 36-34-36 का था।
चूंकि मनीषा से मेरी बहुत दिनों से बातचीत चल रही थी तो अब कभी कभी नॉनवेज बातें भी हो जाती थीं।
ऐसे बात करते हुए हम लोग सेक्स की बातें भी करने लगे।
इस दौरान उसने मुझे बताया कि वो मुझे पसंद करने लगी है।
मैंने पूछा कि कब से?
तो उसने कहा कि पहले दिन से ही।
फिर मैंने भी उससे कह दिया कि मैं भी उसको पसंद करता हूं।
इस बात पर वो खुशी से फूली नहीं समायी।
फिर मैंने पूछा- तो फिर आज क्या खिला रही हो मुझे?
वो बोली- जो मन करे वो खा लेना।
मैंने कहा- ठीक है, तो देखता हूं कि आज तुम क्या खास खिलाती हो।
फिर उस रोज मुझे पहुंचने में देर हो गई और पहुंचने के समय तक 12 बज चुके थे।
मैंने जाकर गेट खटखटाया तो मनीषा ने ही दरवाजा खोला जिसे देखकर मैं हैरान रह गया।
उसने लोअर और टीशर्ट पहनी हुई थी।
फिर वो बोली- अंदर भी आना है या सुबह तक यहीं खड़े रहना है?
मैं अंदर आया और उसने गेट बंद कर दिया।
मैंने जागने का कारण पूछा तो बोली कि पति की नाइट शिफ्ट थी और बेटी सो चुकी है तो नींद नहीं आ रही थी।
मनीषा के गेट बंद करने के बाद मैं सामान लेकर ऊपर चला गया।
मैं कपड़े चेंज करने लगा तभी मनीषा आकर गेट पर खड़ी हो गई।
मैंने जल्दी से कपड़े पहन लिए तो उसने हंसते हुए कहा- अरे रहने दो, ऐसे ही अच्छे लग रहे हो।
मैंने कहा- लेकिन मुझे शर्म आ रही है।
इतने में वो अंदर आ गई और खाने की थाली रखकर बेड पर बैठ गई।
मैंने जल्दी से खाना खत्म किया और फिर उससे बातें करने लगा।
बातें करते हुए वो अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में बताने लगी।
वो कहने लगी कि पति से उसको खुशी नहीं मिल पाती है।
फिर पूछने लगी- तुमने किसी के साथ सेक्स किया है?
मैंने बोला- अभी तक तो नहीं।
मनीषा- क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी क्या?
मैं- नहीं, कभी कोई पसन्द नहीं आई।
मनीषा- अच्छा, तो तुम्हें कैसी लड़की पसंद है?
मैं- अब बता कर भी क्या फायदा!
मनीषा- अरे बताओ तो?
मैं बोला- तुम्हारे जैसी, बिल्कुल सेक्सी और हॉट सी!
मनीषा- सच में! मैं इतनी अच्छी लगती हूं तुम्हें?
मैं- हां, तुम मुझे बेहद पसंद हो।
मनीषा- अच्छा जी, तो ये बात है। तो अगर मैं तुम्हें मिल गई तो क्या करोगे?
मैं- सबसे पहले तुम्हें गले लगाऊंगा और फिर किस करूंगा फ्रेंच वाली।
मनीषा- तो फिर इंतजार किसका है … लो … जो करना है कर लो!
उसने आंख बंद करके होंठ मेरी तरफ बढ़ा दिए।
मैं जल्दी से उठा और दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और वो भी मुझसे लिपट गई।
पांच मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के गले से लगकर खड़े रहे और एक दूसरे की पीठ पर हाथ फिराते रहे।
फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया।
कई चुम्बन करने के बाद वो भी गर्म होने लगी और उसने मेरे चेहरे को पकड़ कर मेरे होंठों पर अपने होंठों को सटा दिया।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे।
अब मेरे हाथ उसकी चूचियों पर पहुंच चुके थे और मैं साथ साथ उनको दबाने भी लगा था।
उसकी कसमसाहट अब आहों में बदल गई थी।
मैंने भी देर नहीं की और उसको बेड पर पटक लिया। मैंने उसकी चूचियों को टीशर्ट के ऊपर से चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
वो भी मेरे सिर को अपनी चूचियों में दबाए जा रही थी।
फिर उसने मेरी टी शर्ट उतार दी और मैंने भी जल्दी से उसकी टी शर्ट और ब्रा उतार दी।
अब मैं उसके नंगे चूचे अच्छी तरह से मसल रहा था। पूरा कमरा उसकी कामुक आवाजों से गूंज रहा था।
उसने एक हाथ मेरी लोअर में डाल दिया और मेरा लंड पकड़ कर दबाने लगी।
मेरा लौड़ा पहले ही फूल कर 6 इंच का हो गया था और उसके दबाने से और ज्यादा फूलने लगा।
मैं उसको किस करता तो कभी चूचे चूसने लगता।
फिर मैंने उसकी लोअर और पैन्टी एक झटके में निकाल दी और उसने भी मुझे लोअर निकालने को बोला।
अब हम दोनों पूरे नंगे थे।
मैंने उसके पूरे बदन को गौर से देखा।
वो एकदम से कयामत लग रही थी।
उसकी चूत गीली हो गई थी जिसका पानी बाहर चूत के होंठों तक आकर चमक रहा था।
चूत एकदम चिकनी गुलाबी थी, जैसे गुलाब की पंखुड़ी हो।
मैंने उसकी चूत को सूंघा तो उससे बड़ी ही मादक खुशबू आ रही थी।
देर न करते हुए मैंने उसकी चूत पर हमला कर दिया जिससे वो उचक गई और आह्ह … उफ … करके मादक आवाजें निकालने लगी।
मैं उसकी चूत को चाटने लगा और एक उंगली उसकी चूत में अंदर डाल दी।
अब मैं उंगली को अंदर-बाहर करने लगा।
मैं लगातार चूत को चाट रहा था।
कुछ ही देर में उसका बदन अकड़ने लगा और इसके साथ ही वो झड़ गई।
मैंने उसकी चूत का पूरा रस पी लिया।
अब वो उठी और मेरा लन्ड अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी।
आह्ह … क्या मजा आ रहा था।
उस दिन किसी ने पहली बार मेरा लन्ड चूसा था।
मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गया था।
उसकी जीभ बार बार मुझे अपने लंड के टोपे पर लगती महसूस हो रही थी।
मैं ज्यादा देर टिक नहीं पाया और जल्दी ही मेरा पानी उसके मुंह में निकल गया।
उसने मेरा लंड चाट चाटकर साफ कर दिया।
अब कुछ देर हम फिर से बातें करने लगे।
थोड़ी देर में फिर दोनों के हाथ एक दूसरे के बदन पर सहलाने लगे।
मेरा लंड भी दोबारा से तन गया।
अब फिर से मैंने उसको किस करना शुरू किया और उसकी चूची चूसने लगा।
धीरे-धीरे वो फिर से गर्म होने लगी और बोली- बस … अब और मत तड़पाओ, चोद दो मेरी चूत को! अपने मोटे लन्ड से फाड़ दो आज इसको, बहुत प्यासी है ये।
लेकिन मैंने अभी उसको और तड़पाने के लिए उसकी चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे उसकी चूत से रस बूंद बूंद करके टपकने लगा।
वो अब और नहीं रुक सकती थी और चोदने के लिए आग्रह करने लगी।
फिर मैंने भी उसको चोदने की तैयार कर दी, अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और धक्के के साथ आधा लंड अंदर सरका दिया।
लंड घुसते ही उसकी हल्की चीख निकली- ऊईईई मां, आह्ह … आराम से करो।
फिर मैं थोड़ा रुका और लंड को धीरे धीरे चूत में हिलाने लगा।
लंड अब आराम से चूत में एडजस्ट होने लगा.
मैंने उसका चेहरा देखा तो उसको अब अच्छा लग रहा था।
फिर मैंने उसे चोदना शुरू किया।
अभी आधा लंड बाहर ही था।
अब मैं अंदर जाते धक्के के साथ थोड़ा ज्यादा जोर लगाने लगा और लंड अंदर सरकने लगा।
धीरे धीरे मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।
पूरा लंड घुस जाने के बाद मैं उसके ऊपर लेट गया और होंठों को चूसते हुए नीचे से कमर चलाने लगा।
अब वो भी आह्ह … आह्ह … करती हुई चुदने लगी।
कुछ देर के बाद उसकी कमर भी नीचे से चलने लगी।
इससे मुझे संकेत मिल गया कि अब भाभी को चुदने में पूरा मजा मिल रहा है।
मेरी भी स्पीड बढ़ गई और मैं तेजी से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करते हुए पेलने लगा।
अब उसकी सिसकारियां और तेज हो गईं- आह्ह … अभि … ओह्ह अभि … आह्ह … हाह्ह … ऊईई आह्ह … आईई … अम्म … आह्ह … प्लीज … आह्ह और चोदो … आह्ह … और चोदो … आह्ह।
उसकी ये कामुक आवाजें मुझे भी पागल कर रही थीं। उसकी चूत को इतना मजा मिलने लगा कि वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी।
इससे मुझे और ज्यादा जोश चढ़ रहा था।
जब उसको चोदते हुए 15 मिनट के लगभग हो गए तो मेरा भी झड़ने के करीब होता दिखाई दिया।
जब मुझे लगा कि अब मेरा माल किसी भी टाइम निकल सकता है तो मैंने पूछा- कहां गिराऊं?
वो बोली- अंदर ही गिरा दो।
फिर 10–15 तेज झटके मारने के साथ ही मैं उसकी चूत में झड़ गया।
लंड खाली होने के बाद मैं उसके ऊपर ही पड़ गया।
रात के करीब 3 बजे मेरी नींद खुली।
मैंने देखा कि मैं भी नंगा और मनीषा भी नंगी।
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो रहे थे।
नींद खुलते ही मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मेरा मन फिर से भाभी की चुदाई करने के लिए करने लगा।
उसको मैंने जगाया नहीं और नींद में ही उसकी दोनों टांगें फैला दीं।
उसकी चूत अब मेरे सामने खुली हुई थी।
लंड पर मैंने तेल चुपड़ा और टोपा मनीषा की चूत पर सेट कर दिया।
मैंने जैसे ही झटका दिया मनीषा की एकदम से चीख निकल गई।
उसकी नींद टूट गई और वो आह्ह … ऊह्ह … करके चिल्लाने लगी।
लेकिन लंड अंदर घुस चुका था।
अपना काम मैंने जारी रखा।
मैंने उसके मुंह पर हाथ रख लिया और ऊपर लेटकर उसको चोदने लगा।
कुछ देर में उसकी बांहें भी मेरी पीठ पर लिपट गईं और टांगें मेरी गांड पर लिपट गईं।
मनीषा भी चुदाई का मजा लेने लगी।
अब हम दोनों एक दूसरे के होंठ भी पी रहे थे और साथ में गूं … गूं … की आवाज भी हो रही थी।
लगभग आधे घंटे तक मैंने मनीषा की चूत मारी और फिर हम दोनों साथ में झड़ गए।
Xxx पोर्न भाभी मदहोश हो गई थी।
चुदने के बाद बोली- मुझे आज तक किसी ने ऐसे नहीं चोदा। मेरी चूत तुम्हारे लंड के पानी से पूरी तरह तृप्त हो गई है। अब किसी और लंड से इसकी प्यास नहीं बुझेगी। अब से मैं तुम्हारी ही होकर रहूंगी।
मैंने भी उसको गले से लगाते हुए उसके माथे को चूम लिया।
उसके बाद पोर्न भाभी नीचे चली गई।
फिर हमें जब भी मौका मिलता था हम एक दूसरे की प्यास बुझाते थे।
लगभग 6 महीने तक हम दोनों के बीच ये Xxx चुदाई का खेल चला।
उसके बाद मैं भोपाल आ गया।
मेरी नौकरी भी बदल गई थी।
फिर धीरे धीरे मनीषा के साथ संपर्क टूट गया और एक दिन उसका नम्बर बंद हो गया।
उसके बाद हमारी कभी बात नहीं हो पाई।
लेकिन मनीषा ने उस रात जो अपनी चूत खिलाई थी, मैं उसे कभी नहीं भूल पाता हूं।
आपको मेरी ये पोर्न भाभी Xxx चुदाई कैसी लगी, मुझे जरूर बताना। मैं आप सबके मैसेज का इंतजार करूंगा।
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