क्रेजी S3x विद वाइल्ड भाभी का मजा मुझे खुद भाभी ने पहल करके दिया. उन्होंने मुझे पहले शराब पिलाई, फिर मेरे लंड का मजा लेने के लिए मुझे घर से दूर ले गयी.
कहानी के पहले भाग
अमीर भाभी की चूत चुदाई का मौक़ा
में आपने पढ़ा कि कहीं जॉब ना मिलने पर मैं अपने गाँव के एक अमीर भैया के पास शहर में उनके घर में काम करने लगा. मेरा हृष्ट पुष्ट बदन देख भाभी का दिल मुझ पर आ गया.
अब आगे क्रेजी S3x विद वाइल्ड भाभी:
मैंने चूत वाले हिस्से को होठों से किस किया।
भाभी का पानी निकलने से वो हिस्सा थोड़ा गीला हो गया था।
मैं चूत वाला हिस्सा चूस-चूस कर मुझे बोल रहा था कि वो अब अपनी सेक्सी भाभी की चूत को चूस-चूस कर मजा देने वाला है।
मैं बोला, “भाभी, लेट जाओ, 69 करेंगे।”
मैंने अपनी जांघ को भाभी के मुंह के ऊपर रखा और अपना लंड पूरा डंडे की तरह लटका दिया।
7 इंच लंबा लंड भाभी के होठों से थोड़ी ही दूर लटककर, हिल-हिल कर चूसने के लिए बोल रहा है।
और मैंने भाभी की दोनों जांघों को पकड़कर चूसना शुरू किया।
फिर मैंने नंगी चूत में अपने होठों से हमला कर दिया, भाभी की आह निकल गई.
मैंने नीचे करके लंड भाभी के मुंह में फंसा दिया।
मैं चाट-चाट कर भाभी की चूत को रगड़कर मेरी मस्ती को बढ़ा रहा था और भाभी ने मेरे लंड को गले तक भरकर अपनी आवाज कम कर रही थी।
मैंने मस्ती में चूत की खाल को दांत से काट लिया और भाभी तड़प उठी.
पर मेरा लंड उनके गले तक भरा था और उसके घुटने मेरे कंधों पर रखे थे, भाभी कुछ नहीं कर सकती थी.
और मैं पागल बार-बार उनकी चूत के लिप्स को काट रहा था।
भाभी ने अपने दोनों हाथों से मेरी जांघ को दबाकर ऊपर उठने के लिए इशारा किया, तो मैं थोड़ा ऊपर हुआ और लंड थोड़ा बाहर निकल गया।
भाभी लंड को उलटे हाथ में पकड़कर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से मेरी जांघ को ऊपर उठने का सहारा किया।
मैं अपनी सेक्सी भाभी की मदमस्त चूत को फिर से होठों में दबाकर चूसने लगा।
भाभी की चूत में बाढ़ आ गई, भाभी ने मेरे लंड को अपने होठों में दबा लिया।
मैं पानी को चाटने लगा, चूत के छेद में अंदर तक जीभ घुसा-घुसाकर पानी चाट रहा था।
भाभी मदहोश होकर मेरा लंड चूस रही थी।
मैं कितनी देर तक अपनी गर्मी संभालता … लंड की फुहार भाभी के गले में फूटकर गिर गई।
अब भाभी लंड को क्रीमरोल की तरह खाने लगी और मैं चूत में होंठ और नाक रखकर लेट गया।
गर्म सांस से चूत की गर्मी बढ़ रही थी और चूत के छेद पर भाभी के हिलने से हलचल महसूस हो रही थी।
भाभी ने अपने देवर के लंड को चूस-चूस कर फिर से कड़क कर दिया।
मैं फिर से जोश में आ गया।
मैंने उठकर भाभी को किस करना शुरू कर दिया।
भाभी की मोटी चूची, आह सेक्सी गर्दन, गोरी-गोरी कमर पर होठों और दांतों से काट-काट कर चूम रहा था।
फिर उनका शरीर सुलगने लगा और वो मुझे उकसाने के लिए “देवर जी, जोर से करो” ऐसे बोलने लगी।
मैं भी चूची के निप्पल को दांतों से खींचकर उनकी आह निकालकर मजा ले रहा था।
अगला हमला मेरी भाभी की चिकनी मोटी जांघों पर हुआ।
मैं हल्के-हल्के दांत से काटने से फिर होठों से चूम-चूम कर खुद को मजा दे रहा था।
पूरे पैरों को चूमकर मैं उनकी कमर पर किस करने लगा।
मेरे मुंह से निकला पानी मैंने अपनी गर्म भाभी की नाभि में भर दिया।
भाभी “सी सी आह देवर जी…” करके तड़प गई।
मैं भाभी की टांगों को उठाकर अपने कंधों पर रखा और चूत को फिर से अपने मुंह में भरकर चूसने लगा।
भाभी की गर्मी और आह-आह वाली सिसकारियां तेज हो गई।
भाभी मेरे सिर को अपनी चूत में ऐसे दबा रही थी, जैसे देवर को पूरा अंदर घुसा लेंगी।
और मैं शिकारी कुत्ता बनकर अपनी भाभी की चूत को चूस-चूस कर बुरा हाल कर रहा था।
भाभी ने अपना पानी मेरी नाक और मुंह पर छोड़ दिया।
और मैं गर्म चूत का नमकीन पानी चाट-चाट कर पी रहा था, जैसे एक बूंद भी बाहर नहीं गिरने दूंगा।
अब भाभी थककर बदहवास होकर सीट पर गिर गई और टांग अपने देवर के कंधों पर आ गई, जैसे मुझे फिर से भाभी को गर्म करने के लिए मेहनत करने का इशारा मिला हो।
मैंने फिर से उनकी टांग उठाकर हवा में की और अपने मोटे लंड को चूत पर रखकर धक्का लगाया।
चूत तो पूरी गीली थी और पहले से फटी हुई … लंड अंदर तक घुस गया।
और उनकी आह-आह निकलने का दौर फिर से शुरू।
मैं धक्के मार-मार कर अहसास कर रहा था कि मेरी भाभी कितनी प्यासी है।
भाभी बोल रही थी- आह आह जोर से देवर जी … आह मेरी चूत … तुम्हारा लंड तो बहुत मस्त है देवर जी … आह्ह मेरी बजा दो।
काफी देर तक चोदने के बाद वे बोली, “देवर जी, अपना वीर्य रस मेरी चूत में भर दो।”
मैं भी तेज रफ्तार से चोदने लगा और मैंने अपना वीर्य भाभी की चूत में भर दिया।
मैं तेज-तेज सांस लेकर आखिरी बूंद तक भाभी के अंदर डालना चाहता था.
और फिर भाभी की मोटी चूची पर मुंह रखकर मैं आराम करने लगा।
भाभी मेरे सिर को सहलाकर अपने प्यारे देवर को प्यार दे रही थी।
हमने कुछ देर आराम करने के बाद फिर से दारू पीना शुरू कर दिया।
मैंने भी पूछा, “कितना बज गए भाभी?”
भाभी मस्त अंदाज में बोली, “कितना बज गए वो छोड़ो, पर तुमने मुझे अच्छे से बजाया आज!”
मैं मुस्कुराकर बोला, “अभी तो शुरू किया है। और करना है, मुझे बहुत दिन से तड़प रहा था। कब मेरी शादी होगी और अपनी वाइफ की चूत चोद-चोद कर फाड़ दूंगा।”
भाभी बोली, “कोई बात नहीं देवर जी, आज से मैं आपकी वाइफ।”
मैं भाभी की तरफ देखकर बोला, “भाभी, पूरी जिंदगी साथ देना पड़ेगा।”
भाभी ने मेरे हाथ को पकड़कर अपने दोनों हाथों के बीच में रखा और बोली, “अपने भाई को पता मत चलने देना, पूरी जिंदगी तेरी कुतिया बन जाऊंगी।”
मैं बोला, “भाभी, तुम तो मेरी रानी हो। कुतिया तो चोदने के टाइम बनाऊंगा।”
और मैंने फिर से सीट पर गिराकर उनके नंगे शरीर के ऊपर चढ़ गया।
अपने उलटे हाथ में दोनों टांगें उठाकर भाभी के कंधों की तरफ मोड़ दी और दूसरे हाथ से लंड को चूत के मुंह पर रखकर अंदर डालने लगा।
भाभी के दोनों पैरों को मिलाकर पकड़ने से चूत का छेद टाइट हो गया और मेरा लंड बिल्कुल रगड़कर धीरे-धीरे अंदर जा रहा था।
कामुकता में भाभी की ‘उफ्फ आह’ वाली आवाज तेज हो रही थी.
और फिर मैंने दोनों हाथों से टांगों को पकड़कर कंधों की तरफ मोड़कर धक्के मार-मार कर नशे में भाभी की सिसकारियों को कराहने में बदल दिया.
वो “आह माँ” करने लगी, बोल रही थी- मेरी कमर में दर्द कर दिया, रुक जाओ।
भाभी दर्द में कराहकर बोली, “चूतड़ के नीचे कुछ सपोर्ट रखो, दर्द हो रहा है।”
मैंने उनकी नंगी टांगें छोड़ दी और भाभी की टांग अपने कंधों पर रखकर आराम दिया।
मैं धीरे-धीरे से चूत में लंड को रगड़-रगड़ कर चुदाई करने लगा।
“उफ्फ क्या सेक्सी माल मिला है।”
आज शराब से ज्यादा नशा भाभी के शरीर की अंतर्वासना का सामना करके हो रहा था।
अब मैं रफ्तार कम करके चूची चूस-चूस कर धक्के लगा रहा था।
एक औरत को क्या चाहिए …जब उसकी चूत में लंड घुसा है और चूची को होठों से मजा मिल रहा है।
जब अंदर लंड जाता, तो मैं निप्पल को होंठ में पकड़कर लंड को बाहर खींचने के लिए पीछे होता, फिर जब लंड बाहर खींचता, तो निप्पल होंठ से बाहर निकल जाता, फिर से लंड अंदर डालते, तो फिर से निप्पल पकड़ लेता।
भाभी आंख बंद करके स्वर्ग के मजे ले रही थी, बोली, “जन्नत का मजा किसे कहते हैं, आह्ह देवर जी, ये ही जन्नत है।”
शुक्र है कि गाड़ी में से आवाज बाहर नहीं गई, वरना एक-दो लंड तो भाभी की कामुक आवाज सुनकर झड़ जाते।
उफ्फ क्या मजा था।
फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर बिठाकर लंड की सवारी करवाई।
और चूची को अपनी उंगलियों में फंसाकर खींच-खींच कर मजा दिया।
मैं निप्पल को जोर से दबा देता, तो भाभी की आह निकल जाती.
ऐसे ही चुदने के बाद मैंने पूरा पानी भाभी की चूत में भर लिया।
भाभी झड़कर मेरे ऊपर गिर गई।
हमने एक-एक पेग और पीने के बाद टाइम देखा, तो 4:20 हो गए थे।
भाभी ने अपने कपड़े पहने और फटी हुई ब्रा-ब्लाउज को ऐसे ही अपनी चूची को ढकने के लिए पहन लिया.
फटी हुई पैंटी भी चूत को ठीक से नहीं ढक सकी।
पर भाभी के पास साड़ी थी, तो फटे हुए कपड़े पहनकर मैंने भाभी को साड़ी पहनाई और अच्छे से पूरी बॉडी को कवर कर ली और वो चुप से गाड़ी में बैठ गई।
मैं बोला- इस टाइम दूसरे कपड़े मिलना तो प्रॉब्लम है।
भाभी ने कहा, “तुम घर चलो, मैं कर लूंगी कुछ!”
हम घर आ गए।
नशे में हम भूल गए थे कि हमने घर जा दरवाजा भी लॉक नहीं किया।
मैं बच्चों के पास चुप से जाकर लेट गया और भाभी भैया के कमरे में गई।
मैंने डरते हुए भाभी को कॉल किया, तो भाभी ने बाथरूम में जाकर बोला कि भैया सोए हैं, कोई टेंशन नहीं है।
मैं बोला, “भाभी, एक बार और करें प्लीज।”
भाभी थोड़ा सोचकर बोली, “तुम बाहर गाड़ी में चलो, मैं आती हूँ।”
मैं गाड़ी में आकर अंदर बैठ गया.
भाभी अपने हाथ में नए कपड़े ले आ रही थी और भाभी ने मैक्सी पहनी थी।
मैंने भाभी को गले लगा लिया।
भाभी अंदर ब्रा-पैंटी नहीं पहनी थी तो मैंने पूरा फायदा उठाया और मैक्सी को निकाल दिया।
भाभी घर के बाहर पार्क में पूरी नंगी खड़ी थी।
वो जल्दी से गाड़ी में घुस गई।
फिर मैंने अपनी रखेल की तरह बैक सीट पर गिरा दिया और गाड़ी बंद करके अंदर ही अंदर भाभी की सिसकारियां निकालकर चोदा।
सीट पर बैठकर भाभी को अपने ऊपर बिठाकर लंड की सवारी करवाई।
और वो मजे से अपने देवर से चुदी।
काफी देर करने के बाद हम दोनों थक गए पर मेरा पानी नहीं निकला।
मैं बोला, “भाभी, पीछे करूं क्या?”
भाभी ने आज से पहले गांड में नहीं किया था, पर आज तो वो देवर जी की सब बात मानना चाहती थी।
तो भाभी ने हां बोल दिया।
उन्हें अगली दोनों सीट के बीच में घोड़ी बनाकर गांड के छेद में घुसाया, तो भाभी को बहुत दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी।
क्योंकि अब नशा भी कम हो गया था और भाभी की गांड में डालना आसान नहीं था।
फिर भाभी की चूत में ही चोदा उस रात … और उन्हें मजा दिया।
अगली सुबह मैं भाभी के लिए नाश्ता बनाकर ले गया।
वो काफी देर तक सोई, भैया ऑफिस में जा चुके थे और बच्चे स्कूल में।
मैंने और भाभी ने साथ नाश्ता किया और भाभी ने थैंक यू बोला.
तो मैं बोला, “जल्दी से फ्रेश हो जाओ। एक राउंड और करना है।”
भाभी वॉशरूम जाकर रात का सब माल बाहर किया और फिर गांड धोकर शावर लेने लगी.
तो मैं क्रीम लेकर नंगे ही बाथरूम में गया।
फिर भाभी को झुकाकर गांड के छेद में क्रीम भर दी और उंगली से फैलाकर छेद को चिकना किया।
उनकी कमर पर हाथ रखकर अपना लंड सेट किया.
और भाभी धीमे से बोल रही थी, “दर्द मत करना, जोर से मत डालना, फट जाएगी देवर जी, प्लीज प्यार से करना।”
मैंने जोर का धक्का मारकर लंड घुसा दिया।
“आह माँ मर गई, फट गई मेरी आह्ह्ह.” भाभी चिल्ला उठी।
वो आगे भागना चाहती थी पर मैंने कमर को पकड़कर हिलने नहीं दिया।
और बचा हुआ लंड गांड में फंसा दिया।
भाभी भी क्या करती, औरत तो मर्द की कुतिया है … उसको तो दर्द भी सहना है।
वो अपने मन को समझाकर अपने मुंह पर हाथ रखकर चुप हो गई।
क्योंकि मैं भी कुत्ते की तरह उनकी चूत को चाट-चाट कर मजा देता हूँ।
थोड़ी देर बाद मैंने गांड में रगड़ना शुरू किया और भाभी बस इंतजार करने लगी कि कब ये दर्द खत्म होगा।
पर कुछ देर बाद भाभी सिसकारी भरकर मजा लेने लगी और अपना हाथ चूत पर रखकर रगड़ने लगी।
“आह” भाभी अपनी गांड हिलाकर मुझे सपोर्ट करने लगी- “आह्ह्ह देवर जी, जोर से करो!
और क्रेजी S3x विद वाइल्ड भाभी की चूत का पानी निकल गया।
भाभी का पानी निकलने के बाद वो थक गई और मैंने भी कमर छोड़ दी।
अब वो सीधी खड़ी हुई, अपनी कमर और गांड में हाथ रखकर दर्द महसूस करने लगी।
फिर मेरे सीने पर सिर रखकर बोली, “बहुत दर्द है।”
मैंने शावर में भाभी को अपने हाथ से नहलाया, एक-एक अंग पर साबुन लगाकर, फिर उन्हें गोद में उठाया और बेड पर ले जाकर भाभी की चूत को चूसा और फिर चूत को चोद-चोद कर भाभी को मजा दिया।
हम दोनों थककर नंगे ही सो गए।
बच्चों के स्कूल के समय रोज की तरह भैया का फोन आया, तो मैं कपड़े पहनकर स्कूल गया।
पिछले दो साल से भाभी जी दिन में मेरी पत्नी बनकर मजा लेती हैं और रात में भैया के साथ।
भाभी प्रेग्नेंट हो गई, शायद मेरे पानी से या फिर भैया से, पर मैं चाहता हूँ कि वो इस बच्चे को पैदा करे और वो मेरी शादी दूसरी लड़की से करना चाहती है।
पर मैं भाभी को मनाने की कोशिश कर रहा हूँ।
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