ब्रदर सिस्टर पोर्न स्टोरी में मैं भाभी को चोद चुका टघा. एक दिन भाई बाहर गए भाभी ने मुझे अपने साथ सुलाया. मैंने भाभी की गांड मारी तो वे चीख उठी. मेरी बहन से सुन लिया.
मैं एक बार फिर से एक नई सेक्स कहानी के साथ हाज़िर हूँ.
मुझे उम्मीद है कि मेरी पिछली सेक्स कहानी की तरह यह कहानी भी लड़कियों की चूत गीली कर देगी और लड़कों के लंड कड़क कर देगी.
जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी
छोटी कार में भाभी के साथ मस्ती
में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी भाभी की चूत मारी थी.
उस घटना के बाद भाभी मेरे साथ अब पूरी तरह से खुल चुकी थीं और हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम लोग चुदाई कर लेते.
पिछली बार मैं उनकी गांड मारने में नाकाम रहा था लेकिन इस बार मैंने उनकी गांड अच्छे से मारी और उनके दोनों छेद अपने लौड़े के लिए चालू कर लिए.
इस ब्रदर सिस्टर पोर्न स्टोरी में पढ़े कि क्या कैसे हुआ.
हुआ यूं कि एक दिन भाई किसी काम से बाहर गए थे.
रात को मुझे खाना परोसते समय भाभी ने मुझे अपने बूब्स दिखाए और आंख मारने लगीं.
वे मुझसे चुदवाने के लिए मुझे गर्म कर रही थीं.
मैंने भी खाना खाते हुए हंस के कह दिया कि पहले पेट पूजा फिर कोई काम दूजा.
भाभी ने इठला कर कहा- आज तुम्हारे भैया बाहर गए हैं न … इसलिए देवर जी, आप मेरे कमरे में सो जाना. क्योंकि मुझे रात में अकेले सोने में डर लगता है!
मैं समझ गया कि इनको डर वर कुछ नहीं लगता है बस मेरे लंड से चुदने का मन कर रहा है इसलिए वे ऐसा कह रही हैं.
मैंने कहा- हां ठीक है भाभी … मैं आपके साथ सो जाऊंगा और आपकी चुदाई भी कर दूंगा!
वे हंस दीं.
खाना खाने के बाद मैं भाभी के कमरे में गया और अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने लगा.
भाभी अपना काम निपटा कर करीब 20 मिनट बाद आईं.
वे पसीने से पूरी भीगी हुई थीं और कयामत ढा रही थीं.
उनके आते ही मैंने सीटी मारी और कहा- हाय मेरी जान … क्या खूब दिख रही हो! उनके बूब्स भीगी हुई कमीज से बाहर से ही साफ दिख रहे थे. उनके निप्पलों की नोंके मेरे लौड़े को टनटनाने लगी थीं.
मैं उठा और उन्हें अपनी बांहों में उठाकर लाकर बेड पर पटक दिया.
मैं भाभी को किस करने लगा.
लेकिन वे बोलीं- जरा रुको न मेरे राजा … मैं अभी नहा कर आती हूँ!
मैंने कहा- चलो मेरी रसीली भाभी … आज मैं तुम्हें रगड़ रगड़ कर नहला देता हूँ!
यह सुनकर भाभी मुस्कुरा दीं और अंगड़ाई लेती हुई बोलीं- तो चलो बाथरूम में चल कर रगड़ दो मुझे!
मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम में ले गया.
उधर पहले मैंने उनकी कमीज उतारी, फिर सलवार.
उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, तो वे सिर्फ़ पैंटी में रह गईं.
मैंने शॉवर चालू किया और अपने कपड़े भी उतार दिए.
मैं उनके पीछे आ गया और अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर उनके दोनों दूध अपने हाथों में लेकर दबाने लगा और उनकी गर्दन को चूमने लगा.
भाभी ने अपना मुँह पीछे किया और अपने होंठों का रस मुझे चखाने लगीं.
मैंने उनके होंठ काट लिए, तो उन्होंने मुझे अपने आगे खींचा और अपने मम्मों पर गिरा दिया.
वे बोलीं- दूध चूसो देवर जी … आज इसी लिए खाने के बाद आपको दूध नहीं दिया था!
मैं पूरे जंगली अंदाज़ में भाभी के दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा.
उनके दोनों ब्राउन निप्पल पूरे कड़क हो गए थे और वे अपने मुँह से रसभरी सिसकारियां निकाल रही थीं- आह पी लो मेरी जान … अच्छे से चूस लो … बहुत गर्मी है मुझमें … सारी गर्मी निकाल दो मेरी … आहह!
यह कह कर वे मुझे अपने पेट की तरफ धकेलने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी चुत चुसवाना चाहती हैं.
मैं नीचे सरकते हुए उनकी चूत पर आ पहुँचा.
दोनों हाथ की उंगलियों से भाभी की पैंटी को नीचे किया और गर्म चुत सूंघने लगा.
मस्त महक आ रही थी.
उनकी चूत में जैसे भट्टी जल रही थी.
जैसे ही मैंने चूत पर मुँह लगाया, वह उछल पड़ीं.
उन्होंने अपनी एक टांग ऊपर उठाई तो मैंने उनकी चूत में जीभ चलानी शुरू की और वे चीखने लगीं.
कुछ देर चुत चूसने के बाद मैं उठकर खड़ा हुआ और उन्हें किस करते हुए कहा- बेबी, हम घर पर हैं … जरा धीमे आवाज करो … वर्ना बहन सुन लेगी!
उन्होंने मेरी बात सुन कर अनसुनी कर दी.
मेरे मसलने से वे गर्म हो चुकी थीं.
मैंने उन्हें नीचे बिठाया और अपना लंड मुँह में दे दिया.
भाभी बड़ी मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी थीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैंने उन्हें वहीं घोड़ी बनाया और उनकी गांड में लंड पेलने की कोशिश की.
लेकिन भाभी की गांड टाइट होने की वजह से लंड फिसल गया.
मैंने भाभी की गांड में शैंपू लगाया और सुपारा सैट करके एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरा लंड उनकी गांड में पूरा अन्दर समा गया और भाभी के मुँह से चीख निकली- बाहर निकालो!
मैं नहीं माना, उनकी पीठ सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद वह शांत हुईं, तो मैं अपने लौड़े को उनकी गांड में आगे-पीछे करने लगा.
कुछ देर के दर्द के बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा था, वे मेरा साथ दे रही थीं.
मैंने पूरी रफ्तार में भाभी को पटक-पटक कर उनकी गांड मारी.
करीब 20 मिनट बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया और हम दोनों थककर नंगे ही बाहर आ गए.
बाहर आकर देखा तो मेरी बहन वहां खड़ी थी.
वह भाभी की चीख सुनकर उनके कमरे में आई थी.
हमें इस हालत में देखकर वह मुँह छिपा कर भाग गई.
मैं डर गया क्योंकि उसका बर्ताव मेरे साथ थोड़ा रूखा था.
मैंने भाभी से कहा- ये किसी को बता ना दे, इसे समझाना होगा.
अब मैंने कपड़े पहने और अपनी बहन के कमरे में आ गया.
मेरे अन्दर जाते ही वह बोली- चले जाओ यहां से … मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी … यह सब जो आप कर रहे थे न … ये मैं सबको बताऊंगी कि आपकी गंदी करतूतें क्या क्या हैं!
उसके मुँह से यह सब सुन कर मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने उसे पकड़ा तो उसने मुझे धक्का दे दिया और कहने लगी- मुझसे दूर रहो!
मुझे और गुस्सा आ गया.
मैंने उसे जोर से पकड़ा और बेड पर लिटा दिया.
मैं उससे कहने लगा कि अगर तुमने किसी को यह सब बताया, तो बचेगी तू भी नहीं.
ये सब मैं उसके ऊपर बैठ कर उससे कह रहा था.
वह बोली- क्या कर लोगे आप?
मैंने बिना कुछ सोचे-समझे उसे पकड़ा, किस किया और उसके होंठों पर काट लिया.
वह चुप हो गई.
मुझे लगा वह भी गर्म है.
मैंने उसके हाथ छोड़कर उसके बूब्स पर हाथ रखे और दोनों दूध दबा दिए.
उसने अचानक मुझे धक्का दिया और मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गई.
वह मेरे हाथ पकड़कर बोली- आप में कुछ ज़्यादा हवस है क्या? आज करती हूँ आपके लौड़े का इलाज … रुको!
उसने लौड़े का इलाज करने का कहा, तो मैं मुस्कुरा दिया.
मुझे समझ आ गया था कि मेरी बहन भी मेरे लंड से चुदवाने के लिए मर रही है.
ब्रदर सिस्टर पोर्न खेल शुरू करते हुए उसने रस्सी से मेरे हाथ बांध दिए और भाभी को कमरे में बुलाया.
उन दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एक-दूसरे को किस करने लगीं, बूब्स दबाने लगीं.
उन्हें ऐसा करते देख कर मेरा लंड कड़क हो गया और मेरा मन अपनी बहन की चुत चोदने का मन करने लगा.
मैं चूंकि बंधा हुआ था तो कुछ नहीं कर सकता था.
उधर सामने मेरी बहन ने भाभी के बूब्स निचोड़ कर चूसे और फिर घुटनों पर बैठ कर वह भाभी की चूत में अपनी जीभ चलाने लगी.
मैं लेटा हुआ बस देखता रहा.
भाभी जोर-जोर से चीख रही थीं और बहन उनकी चूत चाटे जा रही थी.
भाभी एक बार झड़ चुकी थीं.
अब भाभी ने मेरी बहन की चूत चाटनी शुरू की.
उन्होंने अपना कामुक लेस्बियन सेक्स 20 मिनट तक किया.
फिर भाभी ने मेरी पैंट उतारी और वे मेरा लंड चूसने लगीं.
मेरी बहन ने मेरी शर्ट उतारी और वह बेल्ट से मुझे मारने लगी.
मुझे मज़ा भी आ रहा था, पर दर्द भी हो रहा था.
भाभी ने दस मिनट तक मेरा लंड चूसा, तो मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
हम तीनों एक बार शांत हुए, पर अभी भी आग लगी थी.
मेरी बहन ने मेरे हाथ खोल दिए.
मैंने भाभी को पकड़ा और किस करने लगा.
बहन आगे आई तो मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया और उसके गले तक लंड पेल कर उसका मुँह चोदने लगा.
उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
कुछ मिनट चुसवाने के बाद मेरा लंड फिर कड़क हो गया.
मैंने बहन को लेटाया और उसकी चूत पर लंड लगा कर घिसने लगा.
वह खुद भी अपनी कमर उठा कर लंड को अन्दर लेने के लिए मचलने लगी.
तभी मैंने एक तेज धक्का दे मारा.
इस शॉट में मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
कुंवारी चुत में एकदम से लौड़े के घुसने से उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
वह दर्द से चीखने लगी- आह भैया … प्लीज मुझे छोड़ दो. आह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज … मैं मरी जा रही हूँ … मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने उसकी एक न सुनी और जोर-जोर से झटके मारने लगा.
मैंने लंड चलाते हुए कहा- साली कुतिया बड़े हाथ चलते हैं ना तेरे … अब देख बहन की लौड़ी आह तेरी चुत के चिथड़े न उड़ा दिए तो कहना!
अपनी बहन की चुत में अपने लौड़े को बीस मिनट तक चलाने और जोरदार झटके मारने के बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया.
सब हो जाने के बाद भाभी ने बताया कि ये सब प्लान के मुताबिक था.
मेरी बहन को वाइल्ड सेक्स करना था, इसलिए ये सब किया.
उन्होंने यह भी बताया कि वह कुंवारी जरूर थी लेकिन लेस्बियन सेक्स में उसने डिल्डो से चुत चुदवाई थी.
मेरे साथ चुदाई के समय कुछ दर्द जरूर हो रहा था.
तो दोस्तो, यह मेरी बहन और भाभी की चुदाई की कहानी आपने पढ़ी.
प्लीज बताइए कि आपको ब्रदर सिस्टर पोर्न स्टोरी कैसी लगी?
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