अनजान भाभी को चोद कर 3सम फंतासी पूरी की

भाभी फक फक स्टोरी में मेरी इच्छा कि किसी खाई खेली भाभी आंटी को मसल मसल कर इतना पेलूँ कि उसकी हालत खराब हो जाए. मेरे एक दोस्त ने मुझे एक भाभी से मिलवाया.

मेरा नाम गौरव है, और मैं राजस्थान का हूँ।
हाल ही में मैं पुणे शिफ्ट हुआ हूँ, जहाँ मैं एक होटल में मैनेजर हूँ।

अपने बारे में बता दूँ: मेरी उम्र 26 साल है, मैं गोरा हूँ, अच्छा फेसकट है, मेरा वजन 68 किलो और कद 5 फीट 7 इंच है।

अब भाभी फक फक स्टोरी पर आते हैं।
ये मेरी पहली कहानी है जो बिल्कुल सच्ची है।

मेरे होटल में बाकी स्टाफ मेरे अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारी खूब बकचोदी होती है।

मेरा एक लॉन्ग डिस्टेंस टॉक्सिक रिलेशनशिप था जिसका ब्रेकअप हो चुका है।

मुझे आंटी और भाभी बहुत पसंद हैं यार!

होटल में छुट्टी मिलना मुश्किल होता है लेकिन उस दिन अचानक छुट्टी मिल गई।

मैं अपने एक दोस्त के साथ बार में बीयर पी रहा था।

तभी मुझे फोन आया कि होटल में किसी काम से वापस आना पड़ेगा।

मैंने एक कैब बुक की और कैब ड्राइवर मिस्टर पाटिल ने मुझे पिक किया।

मैं थोड़ा नशे में था तो उनसे बात शुरू हुई।

उनकी उम्र लगभग 35-40 साल थी, स्लिम बॉडी, अच्छा फेसकट।
पहले तो नॉर्मल बात हुई.

फिर मैंने उनसे पूछा, “पुणे में कोई अच्छी एस्कॉर्ट सर्विस बताओ! होटल के काम से परेशान होकर सेक्स करना चाहता हूँ!”
पाटिल बोले, “कैसी पसंद है आपको, सर?”

मैंने कहा, “मुझे आंटी या भाभी पसंद हैं! वो जमकर चुदाई करवाती हैं, और मुझे थ्रीसम करना है! मैंने पहले भी सेक्स किया है, लेकिन आंटी की चूत चोदने में जो मजा आता है, वो कहीं और नहीं मिलता!”
वो समझ गए और बोले, “कभी होगा तो बताऊँगा!”

फिर उन्होंने मुझे होटल ड्रॉप किया, और मैं जाकर सो गया।

कुछ दिन बाद एक अनजान नंबर से कॉल आया, “हैलो सर, कैसे हो आप?”
मैंने कहा, “अच्छा हूँ, लेकिन आप कौन? पहचान नहीं पा रहा!”

उधर से आवाज आई, “क्या सर, मैं पाटिल! आपको एक बार होटल ड्रॉप किया था। आपने बताया था कि आपको कुछ करना है, कोई फंतासी है। हमारी बात हुई थी कार में। मेरे पास आपके लिए कोई है, आ जाओ, एक मैडम से मिलवा देता हूँ!”

मैं सोच में पड़ गया, “यार, कोई इतना अच्छा है जो मुझे मिलवाएगा?”

पिछले दिन से मेरी तबीयत खराब थी, बुखार था।
मैंने कहा, “अभी तबीयत ठीक नहीं है, नहीं आ सकता!”
पाटिल ने जोर देकर कहा, “सर, एक मुलाकात के लिए तो आ जाओ! सिर्फ मिलकर बात कर लेंगे!”

मैंने सोचा कि मिलकर बात करने में क्या नुकसान है?” और मैं मान गया।

मैं तैयार होकर अपने साथ एक रिसेप्शनिस्ट को ले गया।
वहाँ पहुँचकर देखा, ये तो वही कैब ड्राइवर है, जिसने मुझे पार्टी वाले दिन बार से होटल ड्रॉप किया था।

मैं पाटिल से मिला और हमारी बात शुरू हुई।
पाटिल ने मुझे अपनी कार में बैठी एक भाभी को दिखाया।

मैं पहले पाटिल के साथ आगे की सीट पर बैठा, उनसे बातें की।

वो भाभी हमें बातें करते देख रही थी।

पाटिल ने मुझे इंट्रोड्यूस करवाया, “गौरव सर, यही मैडम हैं। इनका नाम रेणुका है!”

रेणुका की उम्र 33-35 साल होगी।
मस्त गदराया हुआ बदन, थोड़ी मोटी, एकदम गोरी, 36-34-36 का फिगर!

उसे देखकर कोई भी पागल हो जाइ!
वो मुझे नहीं जानती थी, लेकिन मैंने उसके साथ कंफर्टेबल होने के लिए बात शुरू की।

पाटिल साहब कार से बाहर चले गए।

मैंने रेणुका से पूछा, “आपके परिवार में कौन-कौन है? आप क्या करती हैं?”
रेणुका ने बताया, “एक बच्चा है, पति है, जो टूर पर ज्यादा रहता है।”

उसने कहा कि उसे अपने पति से अब वो चरम सुख नहीं मिलता, और उसे चुदने की बहुत तड़प है।

मैंने कहा, “आपकी तड़प मैं मिटा सकता हूँ! अगर आप चाहें, तो मैं आपकी चूत को चाट-चाटकर, चूस-चूसकर सारा पानी निकाल दूँगा!”

इतने में पाटिल साहब आ गए और बोले, “क्या बातें चल रही हैं, सर? यहाँ से अच्छा आसपास घूम लेते हैं!”

कार स्टार्ट हुई, और हम आगे बढ़ने लगे।
बात करते-करते मैंने रेणुका से सेक्स के बारे में पूछा और धीरे से उसकी थाई पर हाथ रखकर दबाने लगा।

रेणुका ने अपनी दोनों टाँगें चिपका लीं और मेरा हाथ बीच में दबा लिया।

पाटिल जी मिरर में ये सीन देख रहे थे।

पाटिल बोले, “सर, आज मैडम की चूत में इतना पानी निकलवाओ कि ये जी भरकर खुश हो जाए!”

मैंने कहा, “पाटिल साहब, आज आपकी इस मैडम की चूत का पानी भी निकलेगा, और मैं पूरा पी भी जाऊँगा!”
रेणुका हँसी और बोली, “गौरव, ऐसा बोलने से कुछ-कुछ होता है!”

मैंने उसकी थाई पर हाथ घुमाते हुए उसकी गर्दन को रगड़ना शुरू किया।

वो धीरे से सिसकारियाँ लेने लगी, “उउउ उउफ! क्या मस्त टच है तुम्हारा!”

पाटिल बोले, “मैडम, मैंने कहा था ना, लड़का बहुत अच्छा है! आपको आज बहुत मजा आएगा!”

मैं रेणुका की गर्दन को अपनी जीभ से चाटने लगा।
जब मैंने उसके स्तनों को साड़ी के ऊपर से दबाया तो पता चला कि मेरे स्पर्श से उसकी निपल्स पूरी टाइट हो चुकी थीं।
मैंने उसकी निपल्स को ब्लाउज के ऊपर से दोनों उंगलियों से दबाया।

रेणुका के मुँह से आवाज निकली, “ऊऊह्ह्ह माँ! आज तो मैं तुम्हें अपना दूध पिलाना चाहती हूँ!”
मैंने कहा, “कार में नहीं पी सकता! कार के शीशे से बाहर सब दिखेगा!”

पाटिल बोले, “सर, क्यों टेंशन ले रहे हो? मेरे दोस्त का फ्लैट पास में है, मैं आपको वहाँ ले चलता हूँ! आज रेणुका को मैं आपके साथ मिलकर चोदूँगा! हम दोनों आज रेणुका को दो लंड का मजा देंगे!”

मैंने कहा, “हाँ रेणुका, ट्रेलर के लिए मैं अभी तुम्हारी चूत चाट सकता हूँ!”
रेणुका बोली, “कैसे चाटोगे? वैसे भी तुमने मुझे टच करके मेरे पूरे बदन में आग लगा दी!”

ये सुनकर मैंने रेणुका की साड़ी में नीचे से हाथ डाला और उसकी पैंटी के ऊपर से चूत को दबाने लगा।

उसे भी मजा आने लगा।
उसने अपनी साड़ी ऊपर कर दी और मजे लेने लगी।

मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से महसूस किया कि उसने नेट वाली पैंटी पहनी थी और उसकी चूत का पानी अब बाहर आने लगा था।

पाटिल बोले, “सर, ऐसे मजा नहीं आएगा! अब तो आप दोनों ने मेरा लंड भी खड़ा कर दिया!”

वो बोले, “मैडम, आज आपको दो लंड एक साथ मिल सकते हैं, अगर आप हाँ करें!”
रेणुका बोली, “पाटिल जी, आज की रात तुम भी मुझे किसी और से चुदते हुए देखो और साथ में चोदो!”

“अब मुझसे इंतज़ार नहीं होता! ले चलो मुझे कहीं अच्छी जगह, जहाँ तुम मुझे अच्छे से चोद लो!”

हम पाटिल के दोस्त के घर पहुँचे, जहाँ कोई नहीं था।
रेणुका पहले गई, फिर हम आए।

अंदर जाते ही मैंने रेणुका को बोला, “गेट लगाओ!”

जैसे ही उसने गेट लगाया, मैंने उसे दरवाजे से चिपका दिया।
एक हाथ उसकी कमर पर, दूसरा उसकी गर्दन पर, और उसके होंठों को अपने होंठों के बीच लेकर चूसने लगा।

पाटिल साहब आ गए और उसके स्तन दबाने लगे।

रेणुका के मुँह से आवाज निकली, “स्स्स्ह्ह उउउ उम्म्म ऊओह्ह्ह!”
वो बोली, “पाटिल, आज लग रहा है कि मैं जमकर चुदने वाली हूँ!”

ये सुनते ही पाटिल ने उसकी साड़ी उतारना शुरू किया।
पाटिल ने उसका पेटीकोट ऊपर करके उसकी टाँगों को चाटना शुरू किया।

मैं पीछे से उसकी गर्दन चूमने लगा और ब्लाउज के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा।
रेणुका बोली, “जोर से चाटो!”

मैंने उसके दोनों स्तनों पर हाथ रखे और उसका ब्लाउज खोल दिया।
उसकी काली ट्रांसपेरेंट ब्रा में उसके गोरे-गोरे बड़े स्तन दिखने लगे।

मैंने उसके स्तनों को हल्के से दबाना शुरू किया और उसके कानों की सबसे कोमल त्वचा को चूसने लगा।

मैं अपनी जीभ उसके कानों में डाल रहा था। वो अब मदहोश हो चुकी थी।

पाटिल पूरा उसके पेटीकोट के अंदर घुसकर उसकी थाई को जोर-जोर से चूस रहा था।
रेणुका बोली, “ओह्ह पाटिल! आज तक मैंने ऐसा कभी महसूस नहीं किया! मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों मिलकर मेरी चूत की ऐसी चुदाई करो कि सारा पानी मैं गौरव को पिलाऊँगी!”

वो मुझसे बोली, “क्यों गौरव, पीना चाहोगे मेरी चूत का पानी?”
मैंने रेणुका को एक डेविल स्माइल दी और बोला, “रेणुका, आज तुम्हारे स्तनों का दूध और चूत का पानी पीकर मैं तुम्हारी तड़प और अपनी प्यास बुझाऊँगा!”

ये बोलकर मैंने उसके ब्लाउज को साइड किया और उसके कंधों को चूसने लगा।

वो और मदहोश होने लगी।
उसके मुँह से निकला, “उउउ उउउम्म! प्लीज मुझे दर्द से चाटो! उउउ उफ माँ! पाटिल, हाँ, मेरी थाई को ऐसे ही चूसो!”

मैंने उसके कंधे पर एक काटने का निशान बना दिया।

पाटिल को बोला, “चलो, अब इसे बिस्तर पर लेटाकर चूसेंगे!”

पाटिल उसके पेटीकोट से बाहर आया और बोला, “क्यों, आज दो लोगों से एक साथ चुसवाकर मजा आ रहा है?”

रेणुका बोली, “साले, आज तक सिर्फ अपने पति और तेरे लंड से चुदी हूँ!”

वो हम दोनों की पैंट पकड़कर हमें खींचते हुए बिस्तर पर ले गई और बैठ गई।
उसने हमारे लंड को हाथ से मसलना शुरू किया. धीरे-धीरे हमारा बेल्ट खोला, पैंट नीचे की, और अंडरवियर के ऊपर से दोनों के लंड को बारी-बारी अपनी जीभ घुमाने लगी।

मेरे मुँह से आवाज निकली, “हाँ, बिल्कुल ऐसे ही! अंडरवियर निकालकर चाटो! ऊओ ह्ह्ह्ह!”

मैंने कहा, “पाटिल साहब, आज तो रेणुका के मुँह में लंड देकर आराम मिल रहा है! बस यही तमन्ना थी कि किसी आंटी या भाभी को जमकर चोदूँ और उनकी चूत का सारा पानी पी जाऊँ!”

हमने दोनों का लंड निकाला, और रेणुका ने दोनों लंड एक साथ अपने मुँह में ले लिए और जोर-जोर से चूसने लगी।
तभी पाटिल का माल उसके मुँह में निकल गया।

वो बाथरूम चली गई।

जब वो बाथरूम से आई, तो उसने अपना पेटीकोट निकाल दिया था।
अब वो सिर्फ न्यूड कलर की ब्रा और पैंटी में थी।

मैं उसे देखता रह गया।
उसकी इनरवियर का रंग उसके बदन से मैच कर रहा था।
उसके बड़े-बड़े स्तन गीले हो गए थे, शायद जानबूझकर गीला किया था।

पाटिल सोफे पर नंगा लेट गया और रेणुका को बोला, “आज मैं तुझे किसी और से चुदते हुए देखना चाहता हूँ!”

रेणुका ने उसके गाल पर किस किया और बोली, “आज तुम्हारी सारी विश पूरी करूँगी!”

वो मेरे पास आई, मुझे बिस्तर पर लेटाया, अपनी पैंटी निकाली, और अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी।
मेरे दोनों हाथ अपने ऊपर-नीचे दबाकर अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ते हुए बोली, “तुझे मेरी चूत का पानी पीना था ना? तो चूस और चाट!”

मैं मस्त होकर उसकी चूत चाटने लगा।
उसकी चूत इतनी टेस्टी थी! उउ उफ! उसकी चूत की खुशबू मुझे और ज्यादा एक्साइटेड कर रही थी।

मैंने जोर-जोर से उसकी चूत को चूसा और चाटा।
वो 69 पोजीशन में आकर मेरे लंड को जोर-जोर से हिलाने और चूसने लगी।
हम दोनों झड़ गए।

हमने थोड़ी देर आराम किया।
तब तक पाटिल तैयार हो चुका था।

अब पाटिल ने उसकी दोनों टाँगें उठाईं और उसकी चूत में लंड डालकर झटके देने लगा।

जब पाटिल का लंड अंदर जा रहा था, तो वो गालियाँ देने लगी, “साले भड़वे, दूसरों की बीवी को चोदने के लिए और दम लगा! जोर-जोर से कर! फक फक!”

वो मुझे अपने स्तनों को चुसवाने लगी।
मैंने उसके दोनों हाथ हवा में करके उसकी अंडरआर्म्स को चूसना शुरू किया।

उसकी कामुक आवाज निकली, “उउ उउइ इइइ माँ! गौरव, तू क्या-क्या चूस लेता है! आज तक मेरे पति और पाटिल ने भी इसे नहीं चूसा!”

पाटिल की चूत में लंड जाने की आवाज आ रही थी — फच फच फच!

पाटिल बोला, “गौरव, तू इसके नीचे आ, मैं इसके ऊपर!”

मैं नीचे लेट गया और उसकी चूत में धीरे से लंड डाला।
वो बोली, “ढंग से डाल!”

मैंने एक साथ पूरा लंड अंदर डाल दिया।
उसके मुँह से आवाज निकली, “हाय रे! कितना मोटा लंड है तेरा! एक बच्चा होने के बाद भी आज तेरे लंड से मजा आया!”

मेरा लंड 6.8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।
मेरे लंड से उसे सुकून मिल रहा था।

पाटिल ने उसकी गांड में तेल लगाया और दो उंगलियाँ डालकर अंदर-बाहर करने लगा।
रेणुका की चीख निकल गई, “उउउइ माँ! उउउ फ्स्स्स्स! ऊओह्ह भगवान! आज तो मजा आ गया रे! दो लंड एक साथ मेरी चूत में!”

हमने उसे अकेले और साथ में चार बार चोदा।
उसकी चूत चोद-चोदकर भोसड़ा बन गई थी।

करीब 4 बजे के बाद हम नंगे ही सो गए।
पूरी रात में मैंने और पाटिल ने उसे चार बार चोदा।
उसका पानी बहुत निकला।

उसकी चूत और गांड में एक साथ लंड जाने से उसकी हालत खराब हो गई थी।
फिर हम नंगे ही एक-दूसरे से लिपटकर सो गए.

ये भाभी फक फक स्टोरी आपको कैसी लगी?
मुझे मेल करके इस मेल आईडी पर बताएँ।
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