पड़ोस की आंटी को पटा कर सेक्स का मजा- 1

नेबर आंट फक स्टोरी में मैंने अपनी छत से पड़ोस की आंटी को नंगी देखा तो मैं उन्हें पटा कर चोदने के चक्कर में लग गया. उनके सामने मैंने अपना लंड मसल कर अपनी मंशा जाहिर भी कर दी.

दोस्तो, मैं सोनू शर्मा 22 साल का हूं. मैं दिल्ली में रहता हूँ.

मैंने फ्री सेक्स कहानी के इस पोर्टल पर काफी सारी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं.

इधर मेरी यह पहली कहानी है कि कैसे मैंने अपने पड़ोस में रहने वाले आंटी को गर्म करके चोद दिया था.

पहले आपको आंट के बारे में बता देता हूँ.
उनका नाम नेहा है (यह नाम बदला हुआ है.)

उनकी उम्र 32 साल है और उनका फिगर 34-30-36 के आस-पास का रहा होगा.
आंटी का रंग एकदम दूध सा गोरा है.

यह घटना जनवरी 2022 की उस समय की है, जब मैं सुबह सुबह 6 बजे अपनी छत पर टहल रहा था.

उसी वक्त मेरी नज़र नेहा आंटी के बाथरूम में जा पड़ी.
उनके बाथरूम के दरवाजे के ऊपर से बना वेंटीलेटर के अन्दर का नजारा साफ दिख रहा था क्योंकि इतनी सुबह आंटी ने बाथरूम के अन्दर की बिजली जलाई हुई थी.

मैंने देखा कि अन्दर नेहा आंटी अपने कपड़े उतार रही थीं.
यह सीन देखते ही मेरे लंड की हालत खराब होने लगी थी.

मैं बस उन्हें देखता रहा था.
कुछ ही पल बाद वे पूरी नंगी होकर नहाने लगीं.

बता नहीं सकता दोस्तों कि नेहा आंटी क्या मस्त गदराया हुआ माल लग रही थीं.

कुछ देर उनको नंगी नहाते देखता रहा और अपने लंड से खेलता रहा.
मैं झड़ कर अलग हुआ तो कुछ ही पल बाद आंटी भी कपड़े पहन कर बाहर निकल गईं.

उस पूरे दिन मेरे दिमाग में मेरे सामने नेहा आंटी का नंगा बदन आ रहा था.

नेबर आंट फक की सोच सोच कर मैंने उनके नाम की तीन मुठ मारी.
लेकिन लंड की आग शांत नहीं हुई.

मैंने सोच लिया था कि अब जो भी हो जाए, मैं नेहा आंटी को चोद कर ही रहूँगा.

मेरे पास उनका व्हाट्सएप नंबर भी था लेकिन मैंने कभी उनसे बात नहीं की थी.

उसी रात को 11 बजे मैंने उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज किया- हैलो!
नेहा आंटी का 11:20 पर वापस मैसेज आया- हैलो.

मैं- कैसी हो आंटी जी आप … खाना हो गया आपका?
नेहा आंटी- मैं एकदम बढ़िया हूँ, हां खाना हो गया … तू बता?
मैं- जी, मैं भी ठीक हूं.

बस रात में इधर उधर की बात हुई.
फिर वे बोलीं- चल ठीक है. मुझे नींद आ रही है … बाद में बात करते हैं. गुड नाइट!

मैंने हिन्दी में उन्हें शुभ रात्रि कहा और साथ में दिल वाला इमोजी भी भेज दिया.

फिर मैं सुबह जल्दी उठा और छत पर टहलने चला गया.

आंटी भी टहलने के लिए आई हुई थीं.
उतनी सुबह हम दोनों के अलावा आस पड़ोस की छतों पर अन्य कोई नहीं था.

वे अपनी छत के एक किनारे पर वॉक कर रही थीं और मैं दूसरी साइड पर.

जब भी वह मेरे सामने आतीं, तो मैं अपना लंड मसल देता और उन्हें वासना से देखने लगता.

यह सब नेहा आंटी ने भी देख लिया था लेकिन वे कुछ बोली नहीं.
उसके बाद रात में नेहा आंटी का खुद सामने से संदेश आया.

नेहा आंटी- हैलो.
मैं- हैलो.

नेहा आंटी- क्या कर रहा है?
मैं- आपको याद.

नेहा आंटी- अच्छा किस खुशी में मुझे याद किया किया जा रहा है … बता?
मैं- क्यों याद नहीं कर सकते क्या किसी को?

नेहा आंटी- नहीं नहीं, कर सकता है … लेकिन कोई रात में बिना वजह तो याद नहीं करेगा ना … तेरी कोई जीएफ है क्या?
मैं- लेकिन मैं बिना वजह ही याद करता हूं … और मेरी कोई जीएफ नहीं है आंटी … मेरा इतना अच्छा नसीब कहां!

नेहा आंटी- अच्छा, इसलिए सुबह मुझे देख कर बार बार अपना लंड खुजला रहा था तू!

मैं उनके मुँह से लंड सुन कर थोड़ा सा शॉक हो गया है.
अब मुझे डर भी लग रहा था कि साला कहीं फंस न जाऊं.

मैं हकलाते हुए कहाने लगा- अरे आंटी वह तो बस ऐसे ही!

नेहा आंटी- अच्छा सुन, मुझे कल तेरी मदद चाहिए थी. थोड़ा सा सामान इधर उधर करना है. सुबह 5 बजे मेरे घर पर आ जाना.

मैं यह सुनकर अब मन ही मन में काफ़ी खुश हो रहा था. सामने से मैंने कहा- ठीक है आंटी.
नेहा आंटी- शुभ रात्रि.
मैं- शुभ रात्रि.

रात में मुझे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि लंड पूरा टाइट हो गया था.

जैसे ही सुबह हुई तो मैं अंकल की बाइक देखने के लिए नीचे चला गया.
रात में उनकी बाइक थी, सुबह नहीं थी.

इसका मतलब यह था कि अंकल मॉर्निंग में ही ड्यूटी गए हुए थे.
यह मौका काफी अच्छा था जब नेहा आंटी को चोदने का कार्यक्रम किया जा सकता था.
मैंने उनका गेट खटखटाया.

जैसे ही नेहा आंटी ने गेट खोला, तो वह क्या लग रही थीं!

आंट ने एक शॉर्ट्स और आधे पेट तक आने वाली टाइट टी-शर्ट पहन रखी थी जिसका गला कुछ ज्यादा ही बड़ा था.

मैं तो उनको देखता ही रह गया.
वे आंटी कम, कोई मनचली लौंडिया टाइप की लग रही थीं.

नेहा आंटी इठला बोली- क्या देख रहा है … अन्दर आ जा!
मैं- आज आप काफ़ी अच्छी लग रही हो.
नेहा आंटी- धन्यवाद.

मैं- क्या करना आंटी जी अभी?
नेहा आंटी- हां वह टेबल और अलमारी एक तरफ रखना है.

मैं- हां ठीक है आंटी. चलो आप बताती जाओ. मैं कर देता हूँ.

वे झुक कर पलंग के नीचे कुछ चीज खींचने लगीं.
उससे उनके टॉप में से उनके बड़े बड़े दूध झलकने लगे.

मुझे न जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि आंटी जानबूझ कर झुक कर किसी चीज को खींचने का ड्रामा कर रही हैं.
वे मुझे दिखाने के लिए अपने दूध झलका रही हैं.

चूंकि मुझे उनके मम्मों की झांकी देखने में मजा आ रहा था तो मैंने भी आगे बढ़ने का कोई उपक्रम नहीं किया.

यह सब देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था और शांत ही नहीं हो रहा था.
आज मैंने जानबूझ कर अंडरवियर भी नहीं पहनी थी इसलिए पूरा खड़ा लंड दिख रहा था.
यह नेहा आंटी ने भी नोटिस कर लिया था.

वे झुकी हुई थीं तो मैं उनकी चूचियों के अलावा ऊपर को उठी हुई गांड को भी देख रहा था.
कुछ देर बाद आंटी सीधी खड़ी हुईं और उन्होंने मुझसे पलंग के नीचे से एक भारी सी गठरी निकालने में मदद करने के लिए कहा.

फिर हम दोनों ने मिल कर उसे बाहर खींचा और उसी दौरान मेरे हाथ उनके मम्मों और गांड से भी कई मर्तबा स्पर्श हुए.
मैंने किसी तरह खुद को संयमित करते हुए सामान सैट करना शुरू किया.

कुछ देर बाद नेहा आंटी ऊपर से कुछ निकालने की कोशिश कर रही थीं.
उनका हाथ नहीं पहुंच पा रहा था.

वे अपने दोनों हाथ ऊपर उठाई हुई थीं तो उनके टॉप के नीचे से उनकी ब्रा तक दिखने लगी थी.

वे बोलीं- मेरे तो हाथ ही नहीं पहुंच रहे हैं.
मैंने कहा- चलो मैं आपकी मदद कर देता हूँ.
मैं आंटी के पीछे गया और पीछे से उन्हें ऊपर उठा लिया. उनकी कमर पर मेरे हाथ जमे हुए थे और उनकी गांड पर मैं अपना लंड टच करवा रहा था.

आंट को मेरे लौड़े से खुद को टच करवाने में शायद अच्छा लग रहा था, तो वे भी सामान निकालने में देरी कर रही थीं.
मैं उनकी गांड में लंड को रगड़ने लगा था, यह सब उन्हें भी समझ आ रहा था. पर वे कुछ नहीं बोलीं.

इसका मतलब साफ था कि आंटी की तरफ से हरी झंडी है; उनका भी मन सेक्स करने का है.

फिर दूसरी जगह से सामान निकालना था, तो मैंने सामान निकाला और उनको दे दिया.
वे वासना से मेरी तरफ देख कर बोलीं- टीवी चालू करके देख … तब तक मैं हम दोनों के लिए चाय बना कर लाती हूं.

वे यह कह कर किचन में चली गईं.
अब मुझसे बिल्कुल भी संयम नहीं हो रहा था.
मैं भी किचन में चला गया और उनके पास आ गया.

मैंने हिम्मत करके नेहा आंटी को पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा, प्यार से उनके कान में गर्म सांस छोड़ने लगा.

पहले तो वे डर गईं और मुझे धक्का देकर गालियां देने लगी थीं.
मगर जब मैंने नेहा आंटी का मुँह अपने सामने किया और उनके होंठों पर किस किया, तो वह कसमसाने लगीं.

एक दो मिनट बाद वे खुद ही मेरा साथ देने लगी थीं.
हम दोनों ने दस मिनट तक ऐसे ही किचन में लिप-किस का मजा लिया.

उसके बाद मैं उनको हॉल में लेकर आ गया.

नेहा आंटी अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं.
मैंने उनको फिर से किस करना शुरू कर दिया.

चूमने के साथ में मैं उनकी चूत भी मसल रहा था और दूध भी दबा रहा था.

वे तभी एकदम से बोलीं- दूसरे कमरे का गेट लॉक कर दो.
उधर उनका 4 साल का बच्चा सो रहा था.

मैं रूम लॉक करके आया, तब तक आंटी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे.
मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए और समय खराब ना करते हुए अपने कपड़े जल्दी से उतार दिए और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं नेहा आंटी के एक दूध को बहुत प्यार से चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा.

मैं बीच बीच में उनके निप्पल को काट भी लेता था, जिससे वे मादक आवाज निकाल कर मुझे चूचे काटने के लिए मना कर रही थीं.

फिर मैंने नेहा आंटी की चूत देखी.
एकदम गुलाबी रंग की कसी हुई चूत थी जिसमें से मस्त खुशबू आ रही थी.

मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. वे भी टांगें खोल कर मेरे सर को अपनी चूत पर रगड़वाने लगीं.

मैंने कुछ ही मिनट चूत चाटी होगी, उसी में नेहा आंटी अकड़ती हुई स्खलित हो गई थीं.

उसके बाद मैंने अपना लंड सामने रखा और हिलाया, तो आंटी ने लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दिया.

वे कुछ ही देर में वापस गर्मा गई थीं, तो बोलीं- चल अब पेल दे बेबी … अब सब्र नहीं हो रहा है.
मैंने लंड पर और चूत पर थूक लगाया और लौड़े को सैट करके एक ही झटके में अन्दर डाल दिया.

नेहा आंटी एकदम से चिल्ला पड़ीं और उन्होंने मुझे गाली दी- आह भोसड़ी वाले, आराम से कर … साले फ्री की चूत मिल गई तो कुछ भी करेगा क्या?
मैंने उनकी एक नहीं सुनी और उनको जोर जोर से चोदता रहा.

मैंने लगभग काफी देर तक उन्हें चोदा, जिसमें वे दो बार डिस्चार्ज हुईं.

अब मेरा माल निकलने वाला था, तो मैंने पूछा- कहां निकालूँ भैन की लौड़ी … जल्दी बोल?
नेहा आंटी बोलीं- आह अन्दर ही निकाल दे हरामी!

मैं- ठीक है साली रांड ले … अन्दर ही ले.
और नेबर आंट फक करके मैं झड़ गया.

नेहा आंटी बोलीं- आह … सच में चुदाई में मजा आ गया यार … आज जैसे तूने मुझे चोदा है, मेरा पति भी वैसा नहीं चोदता है. मैं तुझे मेरी जान से ज्यादा प्यार करने लगी हूं.

मैं सामान्य होकर आंटी से बोला- हां आंटी, मुझे भी काफ़ी मज़ा आया आपके साथ! सॉरी आपको गाली दे दी थी मैंने.
आंटी बोलीं- उसी समय तो गाली का सही मजा आता है.

मैं काफी थक चुका था और वहीं पर हम दोनों को नींद लग गई.

अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने नेहा आंटी की गांड मारी.

दोस्तो, ये मेरी सच्ची नेबर आंट फक स्टोरी है जो मैंने आप लोगों के साथ साझा की है, मुझे अपना फीडबैक जरूर देना.
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नेबर आंट फक स्टोरी का अगला भाग: पड़ोस की आंटी को पटा कर सेक्स का मजा- 2