हॉट लेडी बेडरूम स्टोरी में मेरे दोस्त की मम्मी बहुत सेक्सी हैं. उनके कई अटके हुई काम मैंने अपनी पहचान से करवाए तो वे मेरी मुरीद हो गयी. वे मेरे लंड के नीचे कैसे आई?
दोस्तो, मेरा नाम बन्नी है और मैं गुजरात से हूँ.
अभी मेरी उम्र 29 साल है.
मैंने हिंदी में फ्री सेक्स स्टोरी की इस साइट पर बहुत सारी कहानियां पढ़ी हैं.
आज मैं आपके लिए अपनी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
ये कहानी अभी कुछ महीने पहले की ही है, जो मेरे साथ घटी थी.
हॉट लेडी बेडरूम स्टोरी मैं आपको विस्तार से बताता हूँ.
मेरा एक ऑफ़िस है, जिसमें ऑनलाइन वाला सारा काम होता है.
मैं दिखने में स्मार्ट हूँ और मेरा बोलने का तरीका भी अच्छा है इसलिए मेरे ऑफ़िस में आने वाले सारे लोगों से अच्छे रिश्ते हैं.
मेरे लंड का साइज़ सात इंच से ज़्यादा कभी नापा नहीं है पर जिसके भी साथ सेक्स किया … वह चुदते समय चिल्लाई ज़रूर है.
आप सब लड़कियां समझ ही सकती हैं कि मेरे लौड़े का साइज़ क्या होगा!
मैं मेरी दोस्त की मॉम के बारे में भी बता देता हूँ.
उनका नाम सुनीता है और वे मेरे ऑफ़िस के पास ही रहती हैं.
आंटी का फ़िगर बहुत ही शानदार है.
जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था, तभी मेरे लंड ने सलामी दे दी थी.
पर वे दोस्त की मां थीं इसलिए मैंने आगे कुछ और नहीं सोचा.
आंटी दिखने में एकदम व्हाइट विदेशी माल जैसी लगती हैं और उनके फ़िगर की बात करूँ तो वे बहुत ही स्लिम और सेक्सी कांटा माल हैं.
पहली बार में कोई भी उनको देखे तो उस आदमी का लंड देखने भर से खड़ा हो जाएगा.
क़रीब चार महीने पहले आंटी मेरे ऑफ़िस में आई थीं.
उन्हें अपना कुछ काम करवाना था.
उसी वक्त मैंने उनको पहली बार सही से देखा था.
वे मुझे काम बता कर चली गई थीं.
उस वक्त मैंने उनका काम करवा दिया था.
हालांकि वह काम थोड़ा मुश्किल था इसलिए थोड़ा वक़्त लगा, पर मैंने अपनी पहचान आदि से जोर लगवा कर आंटी का काम आसानी से करवा दिया था.
उनका काम हो जाने पर मैंने उन्हें कॉल करके बता दिया था कि आपका काम हो गया है.
मेरे दोस्त की मॉम और उसके डैड दोनों ही बहुत खुश हो गए थे क्योंकि उनका यह काम पिछले छह महीने से अटका हुआ था.
उस वजह से उनको काफी परेशानियां झेलनी पड़ी थीं.
उसके बाद मैंने दोस्त को कॉल किया और उसे बताया- भाई, मैंने तुम्हारी मॉम का काम करवा दिया है.
तो उसने मुझे धन्यवाद कहा और जो भी खर्च आया था उसने मुझे वह पेमेंट कर दी.
इस प्रकार से मेरी और दोस्त की मॉम की हॉट लेडी बेडरूम स्टोरी की शुरुआत हुई.
फिर तक़रीबन दस दिन बाद मेरे फ़ोन पर कॉल आया.
मेरे दोस्त की मॉम यानि सुनीता आंटी का कॉल आया- बन्नी मेरा सब काम आसानी से हो गया है और मैं आज बहुत खुश हूँ क्योंकि तुम्हारी वजह से आज मेरा काम जल्दी ख़त्म हो गया!
सुनीता आंटी ने मेरा धन्यवाद किया.
तो मैंने उनसे कहा- अरे आंटी कोई बात नहीं … जब भी कुछ काम हुआ करे तो आप बस बोल दिया करना. मैं आपका काम पहले कर दिया करूंगा.
फिर एक दिन मैंने अपने ऑफ़िस में कैंप लगाया था, जिसमें ऑनलाइन काम के लिए लोगों को बुलाया था.
उसके लिए मैंने बैनर बनवाया और सारे ग्रुप में और अपने परिचितों को भेज दिया.
आंटी को भी वह मैसेज मिला.
उन्होंने मुझे रिप्लाई किया- अंकल को कुछ काम है … तो वे तेरे ऑफ़िस आएंगे!
मैंने लिखा- ठीक है आंटी, कोई बात नहीं आप भेज देना …. मैं काम करवा दूंगा.
फिर जब अंकल आए तो उन्होंने बोला- मेरा पासपोर्ट एप्लिकेशन कहीं अटक गया है, तो प्लीज उसे क्लियर करवा दो. मुझे इसी महीने में लंदन जाना है!
मैंने बोला- ठीक है मैं कुछ करता हूँ!
काम हो गया और पासपोर्ट भी आ गया.
जब वे फ़ॉरेन जा रहे थे तो उन्हें छोड़ने के लिए मैं, मेरा दोस्त और आंटी, हम चार लोग गए थे.
वापसी में रात बहुत हो गई थी.
मेरे दोस्त की नींद आ रही थी तो वह गाड़ी मुझे चलाने के लिए देते हुए बोला कि मैं सो रहा हूँ.
वह पीछे की सीट में आराम से सो गया और आंटी मेरे पास आगे आकर बैठ गईं.
अब यहां से असली कहानी की शुरुआत होती है.
जब आंटी मेरे साथ वाली सीट पर बैठी थीं तो मैं गियर चेंज के बहाने उनकी मुलायम जांघों को छू लेता.
उनको लगता कि ग़लती से टच हो गया और ऐसे ही लगभग एक घंटा गाड़ी चलाते हुए हो गए थे.
मुझे पेशाब लग आई थी इसलिए मैं कहीं खड़े होकर पेशाब करने के लिए सही स्थान के आने का इंतज़ार करने लगा.
उसी वक्त मैंने आंटी की तरफ़ नज़र डाली, तो देखा कि आंटी भी सो रही हैं.
आंटी के बूब्स की दरार उनके गहरे गले वाले ब्लाउज़ से दिख रही थी तो मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसके बाद मैंने पीछे देखा, तो दोस्त गहरी नींद में सो रहा था.
मुझे आगे एक अच्छी जगह दिखी, तो मैंने गाड़ी रोकी और आंटी को जगाया.
मैंने मज़ाक-मज़ाक में कह दिया कि आंटी ब्लाउज़ में से आपका सब दिख रहा है, ठीक कर लीजिए. मैं बाहर पेशाब करके आता हूँ!
तो आंटी ने बोला- मुझे भी लगी है!
मैंने कहा- ठीक है आप जाओ!
आंटी बोलीं- नहीं, मुझे जानवर का डर लगता है, कहीं से कोई आ गया तो … तू मेरे साथ चल!
फिर मैं उनके साथ गया और वे बैठ कर सुसू करने की जगह देखने लगीं.
मैंने मुँह घुमा लिया.
फिर उन्होंने साड़ी उठाई और पेशाब करने लगीं.
जगह सुनसान थी तो सु-सु की आवाज़ आ रही थी.
फिर मैं मुँह उनके सामने ऐसे खड़े हो गया और सब देखने लगा था.
जब वे खड़ी हुईं, तो उनकी गांड देख कर मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया.
अंधेरे में भी उनकी गांड एकदम गोरी-गोरी चमक रही थी, जिसकी वजह से मेरे लंड ने अपनी पूरी औकात दिखा दी.
लौड़े ने पैंट में ही फूल कर रूप दिखाया तो आंटी को मेरे लंड के आकार का अहसास हो गया.
मेरा लौड़ा अपनी पूरी क्षमता से खड़ा था.
मैंने आंटी की नजरों की परवाह किये बिना जल्दी से लंड बाहर निकाला और मूतने लगा.
जब चेन लगाने का टाइम आया, तब मैं ऐसे ही लंड को अन्दर करने का ड्रामा करने लगा और ऐसा जताया कि मेरी पैंट की चेन ख़राब हो गई है.
मैं चाहता था कि चेन ख़राब हो जाने की वजह से आंटी मेरी चेन को छुएं और उन्हें मेरे सामान का अंदाज़ा हो जाए.
मैं अपना खड़ा लंड लेकर आंटी के सामने चला गया.
आंटी मेरे हथियार को देख कर एकदम से चौंक गईं.
मैंने बात संभालते हुए कहा- आंटी ये खड़ा हो गया है … और चेन नहीं लग रही है. आप गाड़ी में बैठो, तब तक मैं कुछ करता हूँ!
आंटी भी मेरे सामान को देखती हुई गाड़ी में बैठ गईं.
मैं करीब पांच मिनट बाद गाड़ी में आकर बैठ गया.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था कि अब क्या करूँ.
जैसे-तैसे मैंने गाड़ी चलानी शुरू की और हम सब घर पहुंच गए.
सब लोग गाड़ी से उतरे और मेरा दोस्त, जो कि पूरे दिन काम करके थक गया था … तो वह सीधा गाड़ी से उतर और ऊपर की मंजिल पर बने अपने कमरे में जाकर सो गया.
मैं आंटी घर के हॉल में बैठ गया.
आंटी मेरे लिए पानी लेकर आईं.
थोड़ी देर बाद मैं बोला- मैं अब घर जाता हूँ, बहुत देर हो गई है!
तो आंटी बोली- आज यहीं रुक जाओ, काफी रात हो गई है … कल सुबह चले जाना!
मैं भी थका हुआ था इसलिए कुछ बोला नहीं और मैंने हामी भर दी.
उसके बाद मैं फ्रेश होकर वापिस हॉल में आकर टीवी देखने लगा.
टीवी की आवाज़ सुनकर आंटी हॉल में आईं तो मैं आंटी को देख कर चौंक गया कि ये मैं क्या देख रहा हूँ.
आंटी ट्रांसपेरेंट नाइटी में आई थीं. उन्होंने अन्दर न तो ब्रा पहनी थी और न ही पैंटी. वे अन्दर से पूरी नंगी दिख रही थीं.
थोड़ी देर तक तो मैं आंटी को यूँ ही देखता रहा.
फिर आंटी ने मुझे टोका- क्या देख रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोल सका तो आंटी समझ गईं कि मैं क्या कर रहा था.
आंटी- तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया. जो तुमने किया है, वह किसी और ने नहीं किया. तुमने मेरा और अंकल का दोनों का सारा काम … जो अटका पड़ा था वह कर दिया!
फिर आंटी मेरे क़रीब आकर बैठ गईं, जिसकी वजह से मेरा सामान पुनः खड़ा होने लगा.
आंटी को साफ़-साफ़ दिख रहा था क्योंकि मैंने मेरे दोस्त का लोअर पहना था.
उसका यह लोअर बहुत ही शॉर्ट था.
मैं- कोई बात नहीं आंटी, वह तो मेरा काम था और आपके लिए तो मैं सब कुछ कर सकता हूँ!
यह बोल कर मैं चुप हो गया.
आंटी- सब कुछ मतलब?
मैं- आंटी आप जो काम बोलें … वह सब कुछ कर दूँगा!
आंटी मेरे सामान को देखती हुई- अच्छा कुछ भी कर सकते हो?
मैंने कहा- हां जो आप कहें!
फिर सुनीता आंटी ने मेरी जांघ पर हाथ रखकर कहा- कोई गर्लफ़्रेंड है क्या?
मैं- नहीं आंटी पहले थी, पर अभी कोई नहीं है. अब मैं अपने ऑफ़िस में लगा रहता हूँ इसलिए मुझे टाइम ही नहीं मिलता!
आंटी- अच्छा ये बात है क्या!
मैं बीच-बीच में आंटी के बूब्स को देख रहा था और यह सब आंटी को समझ आ रहा था क्योंकि बूब्स मुझे उनकी पारदर्शी नाइटी में से साफ़ दिख रहे थे.
मैं- हां आंटी अगर आप चाहो तो अभी आप मेरी …
मैं बीच में रुक गया और आंटी के होंठों की तरफ़ बढ़ता चला गया.
मुझे खुद नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूँ.
मैं अपने आप में खो सा गया था और मैंने अपने होंठों को आंटी के होंठों से सटा दिया.
वे कुछ समझ पातीं कि मैं उन्हें किस करने लगा.
आंटी भी कुछ भी कहे बिना ऐसे ही बैठी रहीं और मैं उन्हें ज़ोरदार किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद मैं वाइल्ड किस करने लगा तो आंटी कामुक आवाज़ें निकालने लगीं ‘आह्ह हह हहह इस्स्स इस्स्स!’
उनकी मस्त आवाज़ें निकलने लगीं तो मैं समझ गया कि उन्हें भी अब मज़ा आ रहा है.
मुझे रोकने का तो वे भूल ही गई थीं.
हम दोनों एक-दूसरे में खोए रहे.
क़रीब पंद्रह मिनट किस करने बाद आंटी ने मेरा लोअर निकाल दिया.
मैंने अन्दर कुछ नहीं पहना था इसलिए सीधा मेरा लंड आंटी के हाथ में आ गया.
आंटी मेरे बड़े से लौड़े से खेलने लगीं और उसे आगे-पीछे करने लगीं.
इधर मैंने भी आंटी की नाइटी फाड़ के अलग कर दी जो कि उनके शरीर को ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
मैं आंटी के रसीले बूब्स पर ऐसे टूट पड़ा जैसे कि कोई भूखा भेड़िया बहुत समय के बाद खाने बैठा हो.
आंटी भी ज़ोर-ज़ोर से ‘आह आह आह’ की कामुक आवाज़ें निकाल रही थीं.
उनकी मस्त आवाजों से मेरा भी जोश बढ़ गया और मैं उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से काटने लगा.
क़रीब दस मिनट बाद मैं बोला- सुनीता मुँह में लो ना!
आंटी- हां मेरे बन्नी राजा, अभी लेती हूँ!
इतना बोलने के बाद आंटी ने मेरा लौड़ा पूरा का पूरा अपने मुँह में ऐसे समा लिया जैसे वे बरसों से लौड़े की भूखी हों.
मैं- आह आंटी आराम से … अभी तो पूरी रात पड़ी है!
पर आंटी ने मेरी एक ना सुनी और मुँह में लंड लेना चालू रखा.
आंटी जिस तरह से मेरे लौड़े को अपने मुँह में ले रही थीं उसे देख कर तो पूछो ही मत यार … मैं तो समझो जन्नत की सैर कर रहा था.
मैं सिर्फ़ पांच मिनट में उनके मुँह में झड़ गया और आंटी मेरा पूरा रस निचोड़ कर सारा का सारा पी गईं.
मानो उन्हें अमृत मिल गया हो.
कुछ पल बाद मैं आंटी की चूत पर झपट पड़ा और उसे चाटने लगा.
क्या बताऊं दोस्तो … आंटी की नमकीन चुत चाटने में मुझे इतना मज़ा आ रहा था मानो ज़िंदगी में मैंने कभी उनके जैसी चूत देखी ही न हो.
आंटी की चुत इतनी गुलाबी थी कि पूछो मत.
मैं तो उनकी चूत का दीवाना हो गया था.
आंटी- राजा अब देर मत करो … जल्दी से चोद दो मुझे और मेरी चूत का भोसड़ा बना दो!
मैं- हां मेरी रानी छिनाल … रुक तो सही .. थोड़ा सब्र कर ले पहले … मुझे अच्छी तरह से चुत चाटने तो दे … उसके बाद तो आज तेरी चुत का भोसड़ा बनना पक्का है.
कुछ देर बाद मैंने अपनी दो उंगलियों को एक साथ आंटी की चूत में डाल दिया.
आंटी- ऊई मम्मी रे … आह मार दिया रे बता कर तो डालता!
मैं- अगर बता कर डालता तो तू चीखती कैसे?
मैं अब ज़ोर-ज़ोर से उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.
इससे आंटी पूरी तरह से मेरे वश में आ गई थीं.
कुछ ही देर बाद आंटी चुत चुदाने के लिए छटपटा रही थीं.
आंटी- आह आह आह … ऊई मां मार डाला. आह आह आह … अब लंड डालो ना … प्लीज अब और ना तड़पाओ!
मैंने अपनी पोजीशन बनाते हुए आंटी को सीधा लेटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.
अपने लौड़े को सैट करके मैंने चूत में घुसेड़ दिया.
उनकी रस टपकाती चुत में मेरा लौड़ा पूरा का पूरा अन्दर घुस गया.
आंटी की चूत पहले से ही पूरी भीग चुकी थी इसलिए मेरा मोटा और कड़क लंड भी एक ही झटके में अन्दर तक घुसता चला गया था.
आंटी की दर्द भरी चीख निकल पड़ी- आहह … मर गई उह जल्दी निकालो इसे बाहर … आह मुझे बेहद दर्द हो रहा है प्लीज़ … जल्दी निकालो!
मैंने आंटी की एक ना सुनी और मैं ऐसे ही उनकी चूत में अपने लौड़े को घुसाए हुए पड़ा रहा.
कुछ पल बाद मैं पूरे जोश में आ गया और आंटी की चूत को अपने सख्त लौड़े से धकापेल चोदने लगा.
आंटी मेरे तेज धक्कों से और ज़ोर से चीखने और चिल्लाने लगीं.
पूरा बेडरूम आंटी की दर्द भरी आवाजों से भर गया था.
‘आहह … मार डाला रे इतनी ज़ोर से कौन चोदता है … साले ने फाड़ डाली आज मेरी चूत … आहहह उई मां मार डाला … आह आह!
उनकी आवाज़ से पूरा बेडरूम गूँजता रहा और मैं मज़े से आंटी को पेलता रहा.
क़रीब दस मिनट की दमदार चुदाई के बाद मैंने आंटी को कुतिया बना दिया और मैं पीछे से आकर उनके भोसड़े को गपागप चोदने लगा.
अब आंटी मस्त आवाज़ें निकाल रही थीं- आह और ज़ोर-ज़ोर से चोद. आह.
काफी देर की दमदार चुदाई के बाद मैं झड़ने के क़रीब आया तो मैंने आंटी से पूछा- कहां निकालूँ?
आंटी- अन्दर ही निकाल दे … मैं तुम्हारी गर्मी का अहसास लेना चाहती हूँ!
मैंने अपना माल आंटी की चूत में भर दिया और उनके ही ऊपर लेट गया.
कुछ देर बाद मैं उठा और देखा कि आंटी की हालत बहुत ख़राब हो गई थी.
वे उठ ही नहीं पा रही थीं, वे वैसे ही पड़ी रहीं.
मैंने बाहर आकर पानी वगैरह पिया और वापिस आंटी के पास आकर लेट गया.
मैंने आंटी को उनकी दराज से एक दर्द निवारक दवा दी, जिससे वे सही हो गईं.
उस रात मैंने और आंटी ने तीन बार अलग-अलग तरीके से चुदाई के मज़े लिए.
हम दोनों ऐसे ही नंगे एक-दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह मैं जल्दी उठ गया.
मैंने सुनीता आंटी को उठाया और हम दोनों साथ में नहाने चले गए.
वहां भी मैंने एक और सेक्स राउंड लगा दिया.
अब तो आंटी सही से चल भी नहीं पा रही थीं.
कोई भी उन्हें देखता तो उसे पता लग जाता कि आंटी की बहुत दमदार चुदाई हुई है.
मेरा दोस्त अपनी जॉब पर बाहर चला गया है तो आंटी घर में अकेली रह गई हैं.
अब जब भी हम दोनों को मौका और टाइम मिलता है, तो मैं आंटी की जोरदार चुदाई कर लेता हूँ.
आंटी की चूत अब थोड़ी नहीं, बल्कि बहुत ज्यादा खुल गई है.
हम दोनों ने साथ में बहुत मज़े किए फिर वे अंकल के साथ फ़ॉरेन में शिफ़्ट हो गईं.
ये थी मेरी सच्ची सेक्स कहानी, जो मेरे साथ घटी थी.
दोस्तो, मुझे जरूर बताएं कि आपको मेरी हॉट लेडी बेडरूम स्टोरी कैसी लगी.
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