जवान ताई और भतीजे की अन्तर्वासना- 1

हॉट इंडियन आंटी सेक्स लव की कहानी में पढ़ें कि मेरे ताऊ दूसरी शादी करके एक गजब की सुंदर लड़की को लाये. मेरा दिल उस ताई पर आ गया. मैंने उसे अपने नीचे लाना चाहता था.

दोस्तो, कैसे है आप लोग. उम्मीद करता हूँ कि सब एकदम अच्छे से होंगे और सब अपने लंड और चूत का अच्छे से ख़्याल रख रहे होंगे.

ये सेक्स कहानी मेरे एक पाठक दीपक जी की भेजी हुई है जो मुझसे अनुरोध कर रहे थे कि मैं उनकी कहानी अन्तर्वासना साइट पर भेज कर प्रकाशित करवा दूँ.

तो यह हॉट इंडियन आंटी सेक्स लव की कहानी आप दीपक जी की जुबानी ही सुनिए.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दीपक है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र अभी 20 साल है और मेरा शरीर भी औसत ही दिखाई देता है.
मेरा कद 6 फुट है.

मेरे लंड का साइज भी ठीक है.
यह हमारे भारतीय मर्दों के औसत जितना ही है.
नाप में बताऊं तो यह साढ़े पांच इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.

मुझे पूरा विश्वास है कि इससे मैं किसी भी औरत या लड़की को आराम से ठंडा या संतुष्ट कर सकता हूँ.

मेरी सेक्स कहानी की नायिका मेरी ताई जी 38 साल की हैं.
उनका नाम अंजुमन है.
वे मेरे ताऊ जी की दूसरी बीवी हैं इसलिए उनकी उम्र इतनी कम है.

ये ताई जी और काफ़ी बोल्ड हैं.
वे एक सुडौल और भरे शरीर की मालकिन हैं.
उन्हें कोई एक बार देख ले, तो मैं दावे से कह सकता हूँ कि वह इंसान बिना मुठ मारे नहीं रह पाएगा.

उनके शरीर की बात करूँ, तो उनके पपीते जैसे थन 34-डी नाप के एकदम गोरे हैं. उन पर काले जामुन जैसे टंके हुए उनके निप्पल उनके मम्मों की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं.
ताई जी की गांड का साइज़ 38 इंच का है. जब वे अपनी गांड मटका कर चलती हैं, तो बड़े से बड़े सूरमा का लंड खड़ा हो जाता है. उनकी क़मर भी भारी लचकती है.

उनकी आंखें एकदम झील की तरह गहरी और रंगत में काली हैं. मेरा तो उनमें डूब जाने को मन करता है.
कुल मिला कर ताई जी इस उम्र में एकदम 25-26 की लगती हैं.

मेरे ताऊ जी राजस्थान से बाहर काम करते हैं.
हालांकि उनके (पहली ताई से) 3 बच्चे हैं. वे सब अपनी दूसरी माँ के साथ ही रहते हैं.

ताऊ के बेटे पप्पू की उम्र भी मेरे जितनी ही है. हम दोनों में काफ़ी बनती है और हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं.

वह मेरा भाई कम दोस्त ज्यादा है.
हम दोनों साथ में कई बार मुठ भी मार चुके हैं.
वह मेरा लंड सहला देता है और मैं उसका.

हम दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त हैं और ताई भी मुझे अपने बेटे जितना ही प्यार करती हैं.
मैं ताई जी के घर जाता रहता हूँ.

अभी तक मेरे मन में ताई को लेकर कोई गलत विचार नहीं आया था.
एक दिन की बात है, जब मैं उनके घर गया था और उनके बेटे को आवाज लगा रहा था, तो वह कोई जवाब नहीं दे रहा था.

मैंने उसे घर में हर जगह ढूंढा, वह मुझे कहीं नहीं मिला.

फिर जब मैं वापस घर जाने के लिए निकलने को हुआ, तो उसके घर के बाथरूम से गाने की आवाज सुनाई दी.
यह ताई की आवाज थी.

मैं बड़े ध्यान से उनकी आवाज को सुनने लगा और जब मन नहीं माना, तो मैंने दरवाजे की झिरी से झांक कर देखा.
अन्दर मेरी अंजुमन ताई पूरी नंगी थीं और नहाती हुई अपने मम्मों को साबुन से मल रही थीं.

वे अपने ही मजे में गाना गाती हुई आराम से नहा रही थीं.
उन्होंने अपने बाथरूम का भी दरवाजा बंद नहीं किया था.

शायद उस दिन वे घर पर अकेली होंगी तभी आराम से नंगी होकर नहा रही थीं.

मेरा तो दिमाग ही सुन्न पड़ गया था.
मैंने पहली बार किसी के पपीते देखे थे वह भी अपनी ताई जैसी मस्त औरत के.

मेरा तो लौड़ा पूरा एकदम नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया.

मैं आराम से दरवाजे की एक साईड होकर उन्हें देखने लगा.
हॉट इंडियन आंटी को देख मेरे मुँह से लार टपकने लगी थी. मेरे अन्दर सेक्स लव की मिलीजुली भावना जागृत हो रही थी.

पता नहीं बाद में उनको या तो आभास हुआ या उन्होंने देख लिया कि शायद उन्हें कोई देख रहा है.
उन्होंने दरवाजा खींच कर बंद कर लिया.

मेरी तो गांड फटने लगी, मुझे लगा कि आज तो मर गए.
मैं दबे पांव वहां से भाग आया और सीधा अपने घर में आकर अपने कमरे में बैठ गया.

तब मुझे लगा कि आज तो पापा या मम्मी से गांड पर फटके ज़रूर पड़ने वाले हैं.
मुझे यह भी लगने लगा था कि शायद ताई ने मुझे देख लिया है और वे मेरे घर पर यह सब बता देंगी.
बस इसी बात को सोच कर मेरी गांड फटने लगी कि यह क्या हो गया.

उसके बाद पता नहीं, कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया.

शाम को जब मेरी आंख खुली तो मैंने उठ कर चाय पी और पुनः ताई के घर चला गया.
उधर उनके बेटे के पास गया तो कोई दिक्कत नहीं थी, सब पहले जैसा ही था.

यह सब देख कर मेरी जान में जान आई.

उसके बाद मैं और उनका बेटा क्रिकेट खेलने के लिए चले गए.
फिर रात को वापस आकर खाना खाया और मैं अपने कमरे में आ गया.

उधर बैठ कर मैं फ़ोन चलाने लगा.

फोन तो क्या ही चला रहा था, मेरे दिमाग में वही दोपहर वाली बात चल रही थी और मुझे ताई के बड़े बड़े दूध मेरी आंखों के सामने आ रहे थे.

मैं आंखें बंद करके ताई के बारे में सोचने लगा.
उनके दूध याद करते हुए अपने लंड को मुठ मार कर झाड़ दिया और सो गया.
उस दिन मेरे लंड ने पानी भी बहुत ज्यादा उगला था.

उसके बाद पता नहीं कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया.
रात को करीब 3 बजे फिर से मेरी आंख खुली. मैं मूतने चला गया, पानी पीकर वापस आया और लेट गया.

नंगी ताई जी फिर से मेरी आंखों के सामने आने लगीं मतलब मेरी दिमाग़ में बस अब वे ही घूम रही थीं.
फिर से मुझको लंड झाड़ कर शांत करना पड़ा.

मैं कब सो गया, कुछ पता ही न चला.
सीधे सुबह ही आंख खुली तो मेरी ताई ही मुझे उठाने आई थीं.

आंख खुलते ही मैंने उन्हें देखा तो मैं सोच में पड़ गया.

तभी ताई बोलीं- सुबह सुबह ऐसा क्या सोच रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही!

ताई मुझे उठा रही थीं तो उनकी नजर सीधे मेरे बॉक्सर पर पड़ी. मेरे बॉक्सर में मेरे लंड के पानी के छींटे थे रात वाले … और उस वक्त भी लंड एकदम खड़ा था.

मैंने जल्दी से उसे ठीक किया और बाथरूम में चला गया.
उधर लंड को मूत कर ढीला किया और बाहर आ गया.

बाद में ताई ने बताया- तुम्हारी मम्मी आज मंदिर गयी हैं. तुम जल्दी से नहा लो, मैं तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ.
मैं जल्दी से नहा लिया और नाश्ता करके अपने दोस्तों के साथ चला गया.

उस दिन मेरा मन नहीं लग रहा था और मेरे दिमाग़ में ताई के ही ख्याल आ रहे थे.
जब मुझसे न रहा गया तो मैं अपने दोस्तों से बोला- मुझे कुछ काम याद आ गया है. मैं घर जा रहा हूँ.

मैं वहां से सीधे ताई के घर चला गया.
उस समय भी ताई नहा रही थीं.

अब मैंने तरकीब लगाई और मन में ठान लिया था कि अब तो ताई को अपने लंड के नीचे लाना ही है.

अब मैं भी रोज उसी समय ताई के घर चला जाता, तब वे नहाने जातीं.

बाद में धीरे धीरे मैंने उनके शरीर को घूरना चालू कर दिया था.

ताई को भी सब समझ में आने लगा था कि मैं उनके शरीर को घूरने लगा हूँ.
वे भी मुझसे हंस कर बातें करने लगी थीं.
कभी वे अपने ब्लाउज को आगे कर देतीं, कभी अपनी गांड को मटकाती हुई चलने लगतीं.

उनकी इन हरकतों की वजह से अब मुझे भी लगने लगा था कि ताई को नीचे लाने में अब ज़्यादा समय नहीं लगेगा.

एक दिन मैं उनके घर उनके बेटे के पास गया हुआ था.
उनका बेटा उस वक्त घर में नहीं था.
ताई उस समय धूप में बैठ कर कपड़े धो रही थीं.

मैंने ताई से पूछा- पप्पू कहां है?
तो उन्होंने बताया कि वह तो अपनी नानी के यहां गया हुआ है.
यह सुनकर मैं वापस जाने लगा.

ताई ने मुझे रोक लिया और बोलीं- रुक यहां बैठ जा, थोड़ी देर मेरे से भी बात कर ले.
मेरे तो मन में लड्डू फूटने लगे थे.
मैं भी यही चाहता था तो मज़े से खटली पर बैठ गया.

ताई और मैं बातें करने लगे.

अंजुमन ने मुझसे कहा कि अब तो तू बड़ा होन लगा है रे … लगता है अब तेरे मम्मी पापा से कहकर तेरी शादी करानी पड़ेगी.
तो मैंने पूछा- ताई जी एक बात बताओ कि ऐसा क्या हुआ जो आज आप मुझसे ऐसे कह रही हो!

ताई हंसने लगीं और बोलीं- मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी.
मैं भी हंसने लगा.

फिर थोड़ी देर यही सब बातें हुईं.
बाद मैं मैंने दिमाग़ के घोड़े दौड़ाने चालू किए कि आज सही टाइम है. आज ताई को नीचे लाया जा सकता है.

मैंने पूछ लिया- ताई, आपने मेरी शादी की बात क्यों कही?
वे मुस्कुरा कर बोलीं- बस ऐसे ही … उस दिन जब मैं तुझे उठाने तुम्हारे कमरे में गयी थी, तब तुम्हारे बॉक्सर पर सफ़ेद दाग लगे थे, तब मैंने सोचा कि अब तुम्हारी शादी जल्दी ही करानी पड़ेगी.
यह कह कर ताई हंसने लगीं.

मेरा मुँह शर्म से लाल हो गया और मैंने अपने सर को नीचे कर लिया.
ताई फिर से हंसने लगीं और बोलीं- कोई बात नहीं, इस उम्र में सबके साथ ऐसा होता है. तू कोई अनोखा नहीं है.

मैंने ऊपर देखा और हिम्मत करते हुए सीधा ही ताई से बोल दिया- ताई क्या आप भी ऐसा करती थीं?
तो ताई बोलीं- हां, मैं भी जवानी में करती थी. मैंने भी जवानी में कई बॉयफ़्रेंड बनाए हैं और उनके लंड को शांत किया है. अपनी चूत की गर्मी से कइयों के लंड का पानी निकाला है.

मैं तो ताई को देखता ही रह गया कि वह तो बिंदास सब कुछ साफ साफ बोली जा रही थीं और लंड चूत जैसे शब्दों को इस्तेमाल करने में उन्हें कोई हिचक या संकोच नहीं था.
मैंने पूछ लिया- ताई, अब भी आपको ताऊ जी के साथ मज़े आते हैं!

ताई ने बताया- तेरे ताऊ जी पहले तो मुझे एकदम से संतुष्ट कर देते थे लेकिन अब उनकी सुगर की बीमारी की वजह से उनका खड़ा होना बंद हो गया है. मैंने जैसे तैसे खड़ा करती भी हूँ, तो वह पेलते ही झड़ जाते हैं. अब तो मुझे अपने हाथ से काम निकालना पड़ता है.
यह कहती हुई ताई उदास सी हो गईं.

मैंने कह दिया- ताई मुझे बुला लिया करो, मैं आपका सारा दुख दूर कर दूंगा.
यह कह कर मैं हंसने लगा.

ताई भी बोलीं- हां मुझे पता है कि जब मैं नहाने जाती हूँ, तब तू मेरे बाथरूम में तांक-झांक करता है.
मैं हंसने लगा और ताई भी!

मैंने पूछा- ताई हाथ से मज़ा पूरा मिल जाता है?
उन्होंने कहा- कहां पूरा मज़ा, जो बात लंड में है … वह हाथ में कहां. पहले तो मैं चूत में मूली, खीरा भी ले लेती थी, पर हाथ दुःख ने लगता है … इसी लिए आज कल हाथ से ही काम चलाती हूँ.

मैंने भी ये सब सुना तो ज़्यादा समय ना गंवाते हुए उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और उनके होंठों से अपने होंठों को मिला दिया.

एक बार तो ताई को यह समझ में नहीं आया.
वे मुझे हटाने लगीं.

पर बाद में उनको पता चल गया था कि मैं आज हटने वाला नहीं था तो वे ढीली हो गईं.

मैंने बिना रुके अपना काम चालू रखा और उनके होंठों को चूसता चला गया.
बाद में अंजुमन भी धीरे धीरे नर्म पड़ने लगीं और उनके होंठों ने भी मेरे होंठों पर अपनी कसाव बढ़ा लिया.

हम दोनों अपने आप में खोने लगे.
अब ताई ने अपने हाथ में लगाम ले ली थी.
वे मेरे होंठों को खाने लगी थीं.

उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने की बजाए मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
अंजुमन ने अपने होंठों को हटाते हुए मुझसे कहा- चलो कमरे में चलते हैं.

मैंने फिर होंठों से होंठों को लगा दिया और उन्हें चूम कर हम दोनों कमरे में पहुंच गए.
उधर चुंबन चालू हुआ, तो उनके हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे और मेरे हाथ उनकी पीठ को.

ऐसे ही काम-क्रीड़ा में लगभग दस मिनट से ज़्यादा हो गया था.
उनकी लार मेरे मुँह में और मेरी लार उनके मुँह में जा रही थी.
हम दोनों एक दूसरे को खा जाना चाहते थे क्योंकि उनको चुदाई किए हुए काफ़ी टाइम हो गया था.

मेरा तो ये पहली बार वाला मामला ही था.
आग दोनों तरफ से लगी थी.

अंजुमन ने पूछा- कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- अभी तो बड़ी सनसनी हो रही है. जब अन्दर पेलूँगा, तो न जाने क्या होगा?
वे बोलीं- कुछ नहीं होगा. बस तुम मेरे मुताबिक चलते चलो. सब अच्छा ही होगा.

दोस्तो, मैंने अपनी अंजुमन ताई की चुत को किस तरह से चोदा और उनके साथ क्या क्या हुआ, वह सब मैं आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में बताने वाला हूँ.
यह हॉट इंडियन आंटी सेक्स लव की कहानी आपको किसी लगी?
आप मुझे प्रोत्साहित करने के लिए अपने मेल जरूर भेजें.
धन्यवाद.
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हॉट इंडियन आंटी सेक्स लव की कहानी का अगला भाग: जवान ताई और भतीजे की अन्तर्वासना- 2