देवर भाभी की चुदाई बनी हकीकत- 2

अलोन वाइफ वांट सेक्स … सुहागरात के बाद पति विदेश चला गया तो दुल्हन को पति के लंड की याद तो आनी ही है. उसने वीडियो सेक्स करके अपनी चूत में उंगली की.

कहानी के पहले भाग
एन आर आई पति के साथ सुहागरात
में आपने पढ़ा कि रूपा का NRI पति आकाश उससे शादी करके 5 दिन का लंबा हनीमून मना कर वापिस विदेश चला गया. अब रूपा अपने देवर के साथ रह रही थी.

अब आगे अलोन वाइफ वांट सेक्स:

सुबह दस बजे उसे रूपा ने अन्नू को उठाया।
वो नहाकर फ्रेश हो चुकी थी और कॉफी बनाकर लायी थी।
उसे मालूम था अन्नू सुबह कॉफी पीता है।

रूपा ने उसे बताया कि आकाश और बाबूजी मम्मी लंदन पहुँच चुके हैं।

अन्नू ने लाड़ जताते हुए रूपा को हग किया और बोला- भाभी, मुझे मालूम है कि आपको काफी बुरा लग रहा होगा. अब भैया की कमी तो मैं पूरी कर नहीं सकता. पर एक पल के लिए भी मैं आपके चेहरे पर दुख नहीं आने दूँगा, आपका पूरा ध्यान रखूँगा।
रूपा बोली- क्या खाक ध्यान रखोगे, आकाश के जाते ही रूपा से हटकर भाभी पर आ गए, कहीं रूपा कुछ खर्च न करा बैठे।

अन्नू ने उसे प्यार से अपने पास ही बैठा लिया और उसकी हथेलियों को प्यार से सहलाने लगा।
रूपा बोली- फटाफट फ्रेश हो जाओ और मुझे बताओ नाश्ते में क्या खाओगे?

अन्नू को ये अपनापन अच्छा लगा, उसने कहा- जो तुम्हें अच्छे से आता हो, वही बना लो, वैसे मैं तो सिर्फ ऑमलेट से भी काम चला लेता हूँ. और इतनी सुबह नहाना मेरे बस का नहीं।
रूपा बोली- जब तक मैं यहाँ हूँ, सुबह जल्दी नहाना पड़ेगा वरना मैं बेड पर ही पानी डाल दूँगी। बल्कि सुबह उठकर रोज़ घूमने चला करेंगे कल से!

मन मारकर अन्नू बाथरूम में घुस गया।

फ्रेश होकर नहाधोकर जब वो किचन में पहुंचा तो रूपा ने पूड़ी-आलू बनाए थे।
अन्नू को कितने सालों बाद घर की स्त्री का बना खाना खाने को मिला था।
शादी में तो बाहर से कुक आए हुए थे, वही बनाते थे।

नाश्ता करके दोनों बेड पर बैठकर गप्पे मरते रहे।
रूपा बोली- चलो ताश खेलते हैं।

अन्नू और रूपा के बीच कोई झिझक तो थी नहीं तो इसीलिए रूपा ने भी केपरी और टी शर्ट पहनी थी और अन्नू तो स्लीवलेस्स टी शर्ट और बेरमुडा मे था।
अन्नू का बदन आकाश के मुक़ाबले ज्यादा गठीला और व्यक्तित्व ज्यादा ही हंसमुख था।

ताश में अन्नू पूरी बेईमानी कर रहा था।
रूपा से जब तक बर्दाश्त हुआ, तब तक उसने किया.
जब बात हद से पार हो गयी तो उसने उठाकर पत्ते फेंक दिये और बोली- तुम चीटर कॉक हो, पक्के बेईमान; जाओ मैं नहीं खेलती तुम्हारे साथ!

अन्नू उसे चिढ़ाने लगा- हार गयी तो बहाने बना रही हो।
सुन कर रूपा उठी और उसने हँसते हुए पानी की बोतल अन्नू के ऊपर उड़ेल दी।

अन्नू को भी बदमाशी सूझी, उसने रूपा को गोदी में उठाया और शावर के नीचे जाकर शावर खोल दिया।
रूपा बहुत चीखी पर उसने भिगो कर ही दम लिया।

और रूपा ने गुस्से में उसके हाथ पर काट भी लिया, पर अन्नू हँसता रहा।
हँसते हुए दोनों बाथरूम में भीगे खड़े रहे।

तभी अन्नू को होश आया कि रूपा को तो फीवर है, उसने माफी मांगते हुए कहा कि आप चेंज कर लो, मैं गर्म कॉफी लाता हूँ।
अन्नू ने कपड़े बदले और कॉफी लेकर रूपा के पास बेडरूम में गया।

रूपा बेड पर लेटी मुसकुरा रही थी।
उसने कॉफी लेते हुए अन्नू को प्यार से अपने पास बिठाया और कहा- मेरा हमेशा यूं ही ध्यान रखेंगे न?
अन्नू बोला- फटाफट जॉब करने वहीं आ रहा हूँ आपके पास, पूरा परिवार एक साथ रहेगा।

दोनों ने कॉफी पी।

रूपा बोली- मैं अब सोऊंगी, तुम भी यहीं सो जाओ।
अन्नू झिझका, बोला- मैं अपने रूम में जाकर सो जाता हूँ.

तो रूपा ने उसे प्यार से वहीं लिटा लिया और बोली- चुपचाप सो जाओ, मुझे अकेले डर लगता है, इतनी बड़ी कोठी में!
कहकर रूपा ने अपना हाथ उसकी छाती पर रख लिया और सो गयी।

दोनों की आँख शाम 6 बजे खुली।
फ्रेश होकर दोनों बाहर घूमने निकल पड़े।

वैसे तो रूपा और अन्नू कई बार ऐसे ही घूमे हैं, पर आज बात कुछ और थी।
अन्नू रूपा कि हर बात का खयाल रख रहा था।

रूपा ने कॉलेज गर्ल जैसे ऊंचा टॉप और टाइट जींस पहनी थी।
वो अब अन्नू के साथ बिल्कुल सहज थी।
उसे मालूम था कि जितने भी वक़्त उसे इंडिया में रहना है, खुश रहने या रोना ये उसी के हाथ में है।

अन्नू आकाश के मुक़ाबले ज्यादा नटखट और बिंदास था।
रूपा भी मस्त हो रही थी उसके साथ … आकाश से वो ज्यादा खुली हुई अन्नू के साथ महसूस कर रही थी।

आकाश के साथ बिंदास होने में उसे डर लगता था कि पता नहीं वो क्या सोचेगा।
पर अन्नू एक तो उसकी हमउम्र था और दोनों पिछले एक साल से मटरगश्ती कर ही रहे थे तो उनके बीच लिहाज और पर्दा कम ही था।
आज तो रूपा बिल्कुल उसके सिर पर चढ़ी हुई थी।

अहमदाबाद में बोटेनिकल गार्डेन, जिसे लवर्स पार्क भी कहते हैं, दोनों वहीं घूमने गए, बिल्कुल प्रेमी प्रेमिका की तरह हाथों में हाथ डाले।
खूब मस्ती हो रही थी।

पाव भाजी खाकर जब दोनों गाड़ी में बैठे तो रूपा बोली- क्यों बेटा, घर पर कुछ पीने को है या नहीं?
अन्नू बोला- एक दो दिन भैया के गिलास से सिप क्या मार लिया अपने को पियक्कड़ समझ रही हो? चढ़ गयी ना … और रात को जब फोन आएगा भैया या मम्मी का तब अगर जबान लड़खड़ा गयी तो मालूम है फिर क्या होगा। बचपन में मम्मी की चप्पलों की पिटाई आज भी याद है।

रूपा हंस पड़ी, बोली- चलो बियर ले लेते हैं।
अन्नू ने एक क्रेट बियर केन ले लीं।
फिर रूपा से पूछा- और बताइये लेडी डॉन सिगरेट सुल्फा गाँजा भी लूँ क्या?

रूपा हंस पड़ी, बोली- नहीं, बियर ही बहुत है मेरे राजा रात रंगीन करने के लिए! और फिर आकाश की बची हुई पूरी बोतल कमरे में पड़ी है। मुझे मालूम है सिगरेट तुम पी लेते हो तो तुम्हारे रूम में होगी ही। अब चुपचाप घर पहुँचो। आकाश का विडियो कॉल आ रहा था, मैंने उससे तो बात कर ली और कह दिया कि कपड़े बदलकर अभी थोड़ी देर में माँ से बात करती हूँ।

घर पहुँच कर कपड़े बदलकर रूपा ने माँ-पिताजी से बात कर ली।

रात के 11 बज गए थे।
अन्नू ने कहा- मैं तो सोने जा रहा हूँ, आप भी थोड़ी देर सो लो. फिर तो भैया उठा देंगे फोन करके।
रूपा ने हंस कर कहा- बहुत बोल निकल रहे हैं तुम्हारे। यहाँ हम मस्ती कर रहे हैं, वहाँ बिचारा ऑफिस में पिल रहा होगा।

असल में आकाश का टाइम यहाँ के टाइम से 6 घंटे पीछे था। तो रूपा को अंदाज़ था कि वो वहाँ के 11 बजे मतलब यहाँ के सुबह 5 बजे फोन करेगा।
रूपा ने अन्नू से कहा- तुम मेरे रूम में ही सो जाओ, अकेले मेरा मन भी नहीं लगेगा।
अन्नू बोला- भैया का फोन आएगा तो मेरी आँख खुल जाएगी। ऐसा करो तुम मेरे रूम में आ जाओ, रात को जब नींद खुले तब अपने रूम में आ जाना।

रूपा मान गयी और शॉर्ट्स पहनकर ही अन्नू के रूम में आ गयी।
अन्नू ने उसे देखकर सीटी मारी तो वो बोली- भाभी हूँ तुम्हारी … शर्म करो।

पर अन्नू भी बेशर्मी से बोला- देवर तो सैयां की गैरमौजीदगी में पूरा सैयां हो होता है।
रूपा बोली- तो ठीक है, अब सैयां बनकर मेरे पैर दबाओ।

नींद तो दोनों को आ नहीं रही थी तो बियर की केन खोल लीं।
अन्नू बोला- अगर आपको बुरा न लगे तो मैं एक सिगरेट जला लूँ?
रूपा ने आँख मार कर हाँ कह दी।

अन्नू से सिगरेट लेकर दो चार सुट्टे रूपा ने भी मार लिए।

इस बीच आकाश का मेसेज आया की रात को 10-11 के बीच फोन करूंगा।
रूपा ने उसे ओके कर दिया।

अब रूपा और अन्नू की गप्पें शुरू हो गईं।
बियर की दो दो केन पी गए दोनों और 3-4 सिगरेट फूँक दीं।

रूपा बड़ी बेतकुल्लुफ़ी से अन्नू की टांगों के ऊपर टांगें बिछाये अधलेटी थी।

दो बजे करीब अन्नू बोला- यार मैं तो सोता हूँ, तुम्हें नींद कहाँ आएगी।
कहकर अन्नू तो करवट पलट कर सो गया तो रूपा भी अपने रूम में चली गयी।

रूपा को नींद नहीं आ रही थी। अकेली होते ही उसकी चूत कुलबुलाने लगी। उसकी उँगलियाँ अनायास ही चूत में चली गयी और लगी मचलने!

एक हाथ से उसने अपने मम्मे मसलने शुरू किए।

अब उसकी कसमसाहट बढ़ती जा रही थी.
जब बात बर्दाश्त से बाहर हो गयी तो उसने आकाश को मेसेज किया कि वो जल्दी लाइन पर आए।
आकाश का तुरंत ही फोन आ गया कि क्या बात है, वो घबरा गया था।

रूपा ने बड़े भोलेपन से कहा- तुम मुझे छोड़कर क्यों गए, मुझसे ये नहीं संभाली जा रही।
आकाश हंस पड़ा, बोला- चलो अभी 15 मिनट में रूम में पहुँचकर फोन करता हूँ।

तीन बजे आकाश का फोन आया।
तब तक रूपा ने अपने सारे कपड़े उतार दिये थे और आकाश से भी कपड़े उतरवा कर विडियो कॉल शुरू की।

रूपा बेहाल हो रही थी.
कमोबेश यही हाल आकाश का भी था। उसका लंड पूरा तना हुआ था। वो अपने हाथ से उसे मसल रहा था।

दोनों अपनी पिछली रातों को याद कर आहें निकाल रहे थे।

आकाश के कहने पर रूपा ने अपनी चूत में उँगलियों की स्पीड बढ़ा दी।
वो बिस्तर पर जल बिन मछली की तरह मचल रही थी।

थक कर उसने उंगली चूत से निकाल कर मुंह में ले ली।
आकाश भी अपना लावा निकाल चुका था।

दोनों थक कर लेटे हुए बात करने लगे।

आकाश ने बताया कि यहाँ तो बहुत सख्ती है, उसे भी घर से ही काम करना पड़ रहा है। अभी रूपा का यहाँ आना तो एक डेढ़ महीने के लिए टल गया लगता है।

रूपा बहुत रोयी … पर क्या हो सकता था।
एक घंटे विडियो कॉल के बाद आकाश ने रूपा को सोने के लिए समझाया और ये भी कहा कि वो समय मिलने पर उसे फोन करता रहेगा, रोज़ संभव नहीं है।

आकाश ने उसे बताया कि काम के सिलसिले में उसे हफ्ते में 2-3 दिन तो बाहर रहना पड़ता है।

फोन के बाद रूपा ने सोने की बहुत कोशिश की पर नींद नहीं आ रही थी।
खैर जैसे तैसे वो सो गयी।

इस बीच अन्नू की एक बार आँख खुली तो उसे रूपा के कमरे से कराहने की आवाज आई।
वो तुरंत उठा और सीधे रूपा के कमरे में पहुंचा।

डोर लॉक नहीं था पर भिड़ा हुआ था।
अंदर से आती कामुक सीत्कारों ने उसका दिमाग झन्ना दिया।
रूपा और आकाश खुलकर फोन सेक्स कर रहे थे। रूपा हर गंदा लफ्ज बोल रही थी और कसमसा रही थी।

अन्नू ने डोर को हल्के से धक्का दिया तो झिरी बन गयी।
अंदर रूपा बेड पर नंगी पड़ी मचल रही थी। फोन उसने एक स्टेंड पर बेड पर लगा रखा था।

डोर की तरफ उसका सिर था। शी वांट सेक्स … उसका एक हाथ मम्मों पर और हाथ चूत में था।

अन्नू से और देखा नहीं गया; वो धीरे से वापिस बेड पर आ गया।
उसने सोने की बहुत कोशिश की पर रूपा का गदराया मांसल जिस्म उसकी निगाहों में आ जाता। उसने अपने आपको बहुत समझाने की कोशिश की कि रूपा उसकी भाभी है पर दिल तो चंचल है। नहीं माना तो नहीं माना।
आखिर में अन्नू को रूपा के मचलते नंगे जिस्म का ख्याल करके मुठ मारनी पड़ी।

अगली सुबह वही 10 बजे रूपा ने उसे उठाया।

रूपा की आँखों में झिझक थी।
असल में सुबह डोर की झिरी खुली होने से उसे ये शक हुआ था कि हो सकता है सुबह कसी समय अन्नू उधर आया हो और उसे सोता देख कर वापिस चला गया हो।
वैसे तो वो चादर ढक कर सोयी थी पर उसने जो अपने कपड़े उतार फेंके थे वो डोर के पास ही पड़े थे।

पर अन्नू ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा कर कॉफी ले ली और नजर चुराते हुए वाशरूम चला गया।

रूपा ने उसका बेड ठीक करने को जब चादर ठीक की तो उसे अन्नू का वीर्य से भीगा अब सूख कर कड़क हो चुका रुमाल मिला।
वो सारा मजरा समझ गई। उसे यही समझ में आया कि अन्नू ने उसकी आवाजें जरूर सुनी होगी।

रूपा जल्दी से बेड ठीक करके वापिस आ गयी और अपने रूम में मुंह छिपा कर रोने लगी।
अभी तो उसे जुदाई का एक लंबा महीना काटना था।

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