सेक्स स्लेव पोर्न स्टोरी में मैंने अपने बॉयफ्रेंड को अपना पालतू गुलाम बना कर रखा हुआ है. मैं डिलडो से उसकी गांड मारती हूँ. कुछ दिन पहले मेरे पापा के दोस्त का स्मार्ट बेटा हमारे घर आया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो,
मेरा नाम निशा है, मैं अमरावती की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र 23 साल है।
मेरे बारे में आपने मेरी पिछली कहानी
बॉयफ्रेंड से बी डी एस एम सेक्स
में पढ़ा होगा।
अगर नहीं पढ़ा तो पहले जाकर पढ़ लें, वरना इस भाग का मज़ा अधूरा रह जाएगा।
मैं और राहुल कैसे मिले, कैसे हमारी लव स्टोरी और सेक्स लाइफ शुरू हुई, ये आप जानते हैं।
हमें बहुत से ईमेल आए, हमारी दिनों कहानियां आप सभी को इतनी पसंद आएगी हमने सोचा नहीं था।
आप सभी के वजह से हमें हमारी सेक्स लाइफ को हम कैसे एंजॉय करते है वो बताना पड़ रहा है।
अगर आप सभी का प्यार हमारे ज़िंदगी के इस किस्से को भी उतना ही मिले तो!
हम दोनों आपको हमारी जिंदगी एक दूसरे के साथ 2017 में शुरू हुई वहां से लेकर अभी 2025 तक कैसे कैसे एंजॉय करते आए है और कर रहे हैं, सारे किस्से आप को बताएंगे।
हमारी सेक्स स्लेव पोर्न स्टोरी शुरू करते हैं.
राहुल मेरा सेक्स स्लेव है। उसे मेरे स्ट्रैपऑन से गांड मरवाने में जितना मज़ा आता है, उतना ही मुझे उसे चोदने में।
हमने वादा किया है कि लव लाइफ अलग होगी, जिसमें हम एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं, और सेक्स लाइफ अलग होगी, जो मेरी मर्ज़ी से चलेगी।
राहुल को मेरा ये आइडिया पसंद है और वो मेरे साथ हर तरह की फंतासी ट्राई करने को तैयार है।
लेकिन मेरे दिमाग में एक नया तूफान उठ रहा था, जो मेरी फंतासियों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाला था।
मेरे घर में मैं, मम्मी और पापा हैं।
दोनों डॉक्टर हैं और दिनभर क्लिनिक में व्यस्त रहते हैं।
मैं अकेली घर पर रहती हूँ और अपनी फिटनेस का पूरा ध्यान रखती हूँ — सुबह जॉगिंग, योगा, और घर के जिम में वर्कआउट।
मेरा फिगर 34-28-34 है जो राहुल को दीवाना बनाता है।
मुझे सेक्सी ड्रेसेज़, लॉन्जरी, ब्रा, पैंटी, थॉन्ग, और बॉडी-स्टॉकिंग्स पहनना पसंद है।
BDSM मेरी फंतासी का हिस्सा है और मैं अपनी सेक्स लाइफ को खुलकर जीना चाहती हूँ।
मेरा कमरा मेरे मज़े करने का अड्डा है.
वहाँ मंद रोशनी, सेंटेड कैंडल्स, और एक बड़ा मिरर, जो मेरी हर हरकत को और रोमांचक बनाता है।
राहुल 25 साल का है, अमरावती का।
वह अपने पापा के फोर-व्हीलर शोरूम में काम करता है।
उसका छोटा भाई औरंगाबाद में पढ़ता है, मम्मी हाउसवाइफ हैं, और पापा बिज़नेस संभालते हैं।
राहुल मुझसे बेहद प्यार करता है और मेरी हर बात मानता है, खासकर सेक्स लाइफ में।
उसकी वो सबमिसिव मुस्कान और मेरे हर ऑर्डर को मानने की चाह मेरे दिल में आग लगा देती है।
अब कहानी में नया मोड़ आता है।
साहिल की एंट्री।
साहिल मेरे पापा के अकोला वाले दोस्त का बेटा है।
उसका अमरावती में कॉलेज में एडमिशन हुआ है और क्योंकि पापा के दोस्त उनके करीबी हैं, साहिल हमारे घर पर रहने आया है।
साहिल लंबा, गोरा, जिम वाला टोन्ड जिस्म, और एक ऐसी स्माइल, जो किसी का भी दिल चुरा ले!
वो समझदार और अच्छा लड़का है लेकिन उसकी वो स्माइल और बॉडी मेरे दिमाग में ज्वालामुखी फोड़ गई।
मैंने उसे देखते ही सोच लिया था कि ये लड़का मेरी फंतासियों का नया रंग बनने वाला है!
उस दिन शाम को जब साहिल हमारे घर आया, मैंने उसे पहली बार देखा।
लंबा, गोरा, जिम वाला जिस्म, और एक कातिलाना स्माइल! उसने टाइट ब्लू जीन्स और ब्लैक टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें उसके बाइसेप्स और चेस्ट एकदम उभर रहे थे।
उसकी आँखों में एक शरारत थी, जैसे वो जानता हो कि उसका हर कदम मेरे दिल की धड़कन बढ़ा रहा है।
“निशा, साहिल को उसका कमरा दिखा दो, वो तुम्हारे कमरे के बगल में है!” पापा ने मुझे कहा।
मैं हल्का सा मुस्कुराई, अपनी आँखों में शरारत भरी, और साहिल को ऊपर ले गई।
कमरे में पहुँचकर मैंने उसे उसका रूम दिखाया।
वो अपने बैग अनपैक करने लगा और मैंने जानबूझकर उससे थोड़ी बात की।
“साहिल, अमरावती में मज़ा आएगा। लेकिन यहाँ के लोग थोड़े … उबाऊ हो सकते हैं!” मैंने शरारती लहजे में कहा और अपने बालों को उंगलियों से सहलाया।
उसने मेरी तरफ देखा, और उसकी स्माइल में एक चिंगारी थी।
“निशा, मुझे लगता है तू यहाँ के मज़े को और रंगीन कर देगी!” उसने जवाब दिया।
उसकी आवाज़ में एक गहराई थी, जो मेरे जिस्म में सिहरन पैदा कर गई।
मैं हॉल में वापस आ गई, लेकिन मेरी आँखों के सामने उसका वो गठीला जिस्म घूम रहा था।
उसकी चौड़ी छाती, पतली कमर, और वो स्माइल।
मेरे दिमाग में एक तूफान मच गया था — मैं उसे चाहती थी … लेकिन राहुल के बिना नहीं।
उसी शाम पापा को हॉस्पिटल से इमरजेंसी कॉल आया और वो मम्मी के साथ जल्दी निकल गए।
घर में सिर्फ़ मैं और साहिल थे।
मैं हॉल में टीवी देख रही थी लेकिन मेरा दिमाग साहिल के कमरे की तरफ भाग रहा था।
तभी ऊपर से एक जोरदार ठड़ाक की आवाज़ आई।
मेरा दिल धक् से रह गया।
मैं जल्दी से ऊपर भागी, भूल गई कि वो कमरा अब साहिल का है।
मैं बिना नॉक किए सीधे रूम में घुस गई।
दृश्य मेरे सामने ऐसा था कि मेरी साँसें थम गईं।
टेबल लैंप ज़मीन पर गिरा था, और साहिल सिर्फ़ तौलिए में, बिना टी-शर्ट, ज़मीन पर बैठा अपनी उंगली पकड़े था।
उसका टोन्ड जिस्म चाँदनी की रोशनी में चमक रहा था, जैसे कोई ग्रीक गॉड ज़मीन पर उतर आया हो!
जैसे ही उसने मुझे देखा, वो झट से खड़ा हुआ, और उसका तौलिया खुलकर ज़मीन पर गिर गया।
मैं एकदम शॉक हो गई—उसका लंड, बिना खड़े हुए भी 5 इंच का, मेरी आँखों के सामने लटक रहा था।
उसका जिस्म एकदम स्मूथ, बिना बालों वाला, और टोन्ड।
उसकी जाँघें मज़बूत, पेट पर हल्के सिक्स-पैक, और वो लंड… उफ्फ! मेरी चूत में आग लग गई।
“सॉरी… सॉरी, निशा!” साहिल ने जल्दी से तौलिया उठाया और लपेट लिया।
उसकी आवाज़ में हल्की सी घबराहट थी, लेकिन उसकी आँखों में वही शरारत थी।
मैंने झट से आँखें बंद कीं और अपने कमरे में भाग आई।
मेरी साँसें तेज़ थीं और मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
साहिल का वो लंड मेरी आँखों के सामने घूम रहा था।
मैं बेड पर लेट गई और बिना सोचे अपनी दो उंगलियाँ चूत में डाल दीं।
“आह्ह … साहिल … तेरा लंड … उफ्फ … मेरी चूत को फाड़ दे …” मैं सिसकारियाँ भर रही थी।
मेरी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।
मैं एक हाथ से अपने बूब्स दबाने लगी।
“उम्म… साहिल… तू मुझे चोद… मेरी चूत की आग बुझा… ओह्ह… हाय…” मेरी चूत टपक रही थी और मेरे जिस्म में एक अजीब सी बेचैनी थी।
लेकिन मेरे मन में एक डर भी था।
“राहुल, मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करती हूँ। लेकिन मेरी ये फंतासी… क्या तुम इसे समझ पाओगे? मैं तुम्हें कभी चोट नहीं पहुँचाऊँगी!”
मैंने सोच लिया था कि साहिल के लंड से चुदवाना है लेकिन राहुल को भी इसमें शामिल करना है।
मेरी फंतासी दो लंड से चुदवाने की थी और मैं इसे सच करने वाली थी।
पूरी रात मैं यही सोचती रही.
और नींद कब लगी, पता ही नहीं चला।
अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठी।
मम्मी-पापा हॉस्पिटल जा चुके थे।
मैंने सोचा, आज साहिल को रिझाने का मौका है।
लेकिन पहले मैंने चुपके से साहिल के कमरे में जाकर उसका बैग चेक किया।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, जैसे मैं कोई गुप्त खजाना ढूंढ रही हूँ।
मुझे एक ब्लैक बॉक्स मिला, और जब मैंने उसे खोला, मेरी आँखें चमक उठीं।
उसमें BDSM टॉयज थे—मेटल हैंडकफ्स, एक चमड़े का चाबुक, वाइब्रेटिंग निप्पल क्लैंप्स, एक बॉल गैग, और एक वाइब्रेटिंग बट प्लग।
मैं हैरान थी।
“ये साहिल तो बाहर से सभ्य है, लेकिन अंदर से BDSM मास्टर!”
मैंने मन ही मन सोचा।
मेरे जिस्म में एक नई सिहरन दौड़ गई।
ये मेरे प्लान को और खतरनाक और रोमांचक बना रहा था।
मैंने बॉक्स को वैसे ही रख दिया और अपने कमरे में आ गई।
मैंने अपने वॉर्डरोब से सबसे सेक्सी लॉन्जरी चुनी — एक चेन और स्टड्स वाली लेदर ब्रा, जिसमें मेरे सख्त निप्पल्स हल्के से दिख रहे थे, और एक क्रॉचलेस ब्लैक थॉन्ग, जो मेरी गीली चूत को साफ उजागर कर रही थी।
ऊपर से मैंने एक शीयर रेड बॉडीकॉन ड्रेस पहनी, जो मेरी पतली कमर और गोल गांड को हाइलाइट कर रही थी।
मैंने ग्लॉसी रेड लिपस्टिक, काजल, और बालों को खुला छोड़ा।
मिरर में खुद को देखा — मैं किसी जन्नत की हूर से कम नहीं लग रही थी! मेरे होंठों पर एक शरारती मुस्कान थी।
“साहिल, आज तू मेरे जाल में फंसने वाला है!” मैंने खुद से कहा।
मैं किचन में कॉफी बना रही थी.
जब साहिल नीचे आया, उसने ग्रे ट्रैक पैंट और व्हाइट टी-शर्ट पहनी थी।
उसकी टी-शर्ट में उसका चेस्ट और बाइसेप्स फिर से उभर रहे थे।
वो मुझे देखकर रुक गया और उसकी आँखों में वही शरारत थी।
“गुड मॉर्निंग, निशा!” उसने अपनी कातिलाना स्माइल के साथ कहा।
उसकी आवाज़ में एक गहरा आकर्षण था, जैसे वो मुझे अपनी नज़रों से ही नंगा कर रहा हो।
“गुड मॉर्निंग, साहिल!” मैंने उसे देखते हुए मुस्कुराया और जानबूझकर थोड़ा झुकी, ताकि मेरी ड्रेस का नेकलाइन मेरे बूब्स को हल्का सा दिखाए।
“कॉफी पियोगे?” मैंने पूछा.
मेरी आवाज़ में एक हल्की सी उकसाहट थी।
“हाँ, क्यों नहीं!” वो काउंटर के पास आकर खड़ा हो गया।
मैंने जानबूझकर कॉफी का मग थोड़ा दूर रखा ताकि उसे लेने के लिए वो मेरे करीब आए।
उसकी नज़रें मेरी ड्रेस पर रुकीं.
और मैंने देखा कि वो मेरे टाइट बूब्स और निप्पल्स को स्कैन कर रहा था, जो लेदर ब्रा के ऊपर से हल्के से दिख रहे थे।
मेरी चूत में फिर से आग लगने लगी।
“क्या बात है, साहिल? इतना घूर क्यों रहे हो?” मैंने शरारती अंदाज़ में पूछा और अपनी टाँगें थोड़ी खोल दीं ताकि मेरी थॉन्ग का स्लिट साहिल को दिखे।
मेरी ड्रेस का किनारा हल्का सा ऊपर उठ गया और मेरी गीली चूत की झलक उसे साफ दिख रही थी।
“न… नहीं, बस… तू किसी मॉडल से कम नहीं लग रही!” वो थोड़ा हड़बड़ा गया.
लेकिन उसकी आँखों में वासना की चमक साफ थी।
“अच्छा? तो पास आकर देख ना, कितनी अच्छी लग रही हूँ!” मैंने उसे चैलेंज किया।
मैंने अपनी आवाज़ को और मोहक बनाया, “साहिल, तेरा वो मोटा लंड मैंने कल देख लिया… मेरी चूत इसे लेने के लिए तड़प रही है। आज रात ट्राई करें?”
मैंने शरारती अंदाज़ में कहा लेकिन अपने पूरे प्लान का खुलासा नहीं किया।
मैं चाहती थी कि वो सोचे कि वो कंट्रोल में है, जबकि असल में मैं अपनी दो लंड वाली फंतासी को सच करने जा रही थी।
साहिल की आँखें चमक उठीं।
“निशा, तू बहुत खतरनाक है!” उसने हँसते हुए कहा और मेरे पास आ गया।
उसकी साँसें तेज़ हो गईं और मैंने देखा कि उसका लंड पैंट में सख्त हो रहा था।
मैंने कॉफी का मग उसके हाथ में दिया और मेरी उंगलियाँ जानबूझकर उसके हाथ को छू गईं।
उसका स्पर्श मेरे जिस्म में करंट की तरह दौड़ा।
“रात को देखते हैं, साहिल!” मैंने धीरे से कहा और उसे छेड़ते हुए चली गई।
मेरे कदमों में एक विजेता की चाल थी लेकिन मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
साहिल का वो लंड, उसकी वो स्माइल, और वो BDSM टॉयज — मेरे दिमाग में एक तूफान मच गया था।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल था — क्या राहुल मेरे इस प्लान को स्वीकार करेगा?
और अगर स्वीकार करेगा, तो क्या साहिल का मास्टर वाला रवैया हमारी लव लाइफ को हिला देगा?
जैसे ही मैं अपने कमरे में लौटी, मेरे फोन पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया।
“निशा, मैंने तुझे आज देखा। तूने जो खेल शुरू किया है, वो मैं खत्म करूँगा। तैयार रहना!”
मेरे हाथ काँपने लगे।
ये साहिल था, या कोई और? क्या कोई मेरे और साहिल के बीच की छेड़खानी देख रहा था?
मेरी चूत में आग और बढ़ गई, लेकिन मेरे दिल में एक अजीब सा डर भी था।
क्या मेरा प्लान उल्टा पड़ने वाला था?
राहुल को इसमें कैसे शामिल करूँगी, और साहिल का असली चेहरा क्या है?
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