मैंने अपनी माँ की चुदाई देखी- 1

मेरी माँ की चूत की कहानी में पढ़ें कि कैसे एक दिन मैंने अपने पापा के दोस्त को मेरी माँ की चूत चुदाई करते हुए देखा अपने ही घर में. आप पढ़ कर मजा लें.

दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूं.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और एकदम सच्ची है. ये मेरी माँ की चूत की कहानी मेरी मां और अंकल की चुदाई की कहानी है.

घर में हम तीन लोग ही रहते हैं, मां पापा और मैं.
मां का नाम सुशीला है और पापा का नाम रमेश है.

पापा एक ट्रक ड्राइवर हैं, वो ज्यादातर टूर पर रहते हैं. उनकी उम्र 42 साल है.

मेरे पापा के एक दोस्त राजेश हैं जो पापा के साथ ही कंपनी में काम करते हैं. वो हमारे घर से थोड़ी दूरी पर ही रहते हैं.
उनकी उम्र 41 साल के करीब होगी.
अंकल की पत्नी उनके गांव में रहती हैं और अंकल यहां काम करते हैं.

पापा और अंकल बहुत ही खास दोस्त हैं. वो दोनों हमेशा हरेक काम के लिए एक दूसरे का ध्यान रखते हैं.
कई बार अंकल हमारे घर पर ही खाना खाते हैं. पापा और अंकल दोनों ही हमारे घर पर बैठ कर देर रात तक बातें करते रहते हैं.

मैंने कई बार नोटिस किया था कि अंकल मेरी मां को मन ही मन प्यार करते हैं.

मेरी मां वैसे तो एक सामान्य घरेलू औरत हैं पर वो शरीर से इतनी ज्यादा मस्त दिखती हैं कि उन्हें देख कर कोई भी पागल हो जाए और उसका मेरी मां को उसी समय चोदने को मन करने लगे.

मेरी मां की उम्र 37 की है. मां अपने शरीर का ध्यान काफी रखती हैं, इसलिए वो फिट नज़र आती हैं.

ये बात तब की है जब पापा टूर पर थे.
मैं और मां घर पर ही थे. मुझे कुछ काम याद आया तो मैं मां को बोल कर दोस्त के घर चला गया.

लेकिन उस दिन दोस्त कहीं बाहर गया हुआ था … तो मुझे नहीं मिला और मैं वापस घर आने को निकला.

उतने में बारिश चालू हो गई.

वो जुलाई का महीना था तो बारिश का मौसम था.
मैं जल्दी घर जाना चाहता था लेकिन बारिश जोरों की चालू हो गई … तो भीगते हुए घर पहुंचा.

मुझे घर में मां बाहर नज़र नहीं आ रही थीं.
तो मैंने पापा के बेडरूम की तरफ देखा.

उधर से मां के किसी गीत के गुनगुनाने की आवाज आ रही थी.
मैं समझ गया कि मां अन्दर ही हैं लेकिन मेरे आने की उन्हें ख़बर नहीं हुई है.

मैं इस समय एकदम गीला था, तो अपने कमरे में कपड़े बदलने चला गया.

फिर जब मैं कपड़े बदल रहा था, तभी अंकल की आवाज आई.
वो पापा को बुला रहे थे.

शायद अंकल को ये पता नहीं था कि पापा टूर पर गए हैं.
इसलिए अंकल पापा को ‘रमेश रमेश …’ बुलाते हुए घर के अन्दर आ गए.

उन्हें मां नहीं दिखीं तो अंकल पापा के कमरे की तरफ चले गए.
चूंकि जब दोनों फ्री होते हैं, तो अंकल अक्सर पापा के साथ कमरे में ही बैठ कर बातें करते रहते हैं.
पापा जब काम पर नहीं होते हैं, तो वो बेडरूम में आराम करते रहते हैं.

इसी कारण से अंकल भी बिना सोचे समझे पापा के कमरे की तरफ जाने लगे.

मेरे रूम और पापा के रूम के बीच में एक साझा खिड़की है. खिड़की पर जाली लगी है, जो रोशनी वाली साइड से दिखती है … लेकिन अंधरे वाली साइड से नहीं.

इसी बीच में कपड़े बदल रहा था तो मेरा रूम का दरवाजा बंद था और मेरे रूम की लाइट बंद थी.

मैं घर पर आया हूं ये बात मां को पता नहीं थी … क्योंकि वो अपने रूम में थीं और रूम की लाइट चालू थी जिसकी थोड़ी रोशनी मेरे रूम में आ रही थी.

जब मुझे लगा कि अंकल पापा के रूम में जा रहे हैं तो मैंने सोचा कि उनको मना कर देता हूँ कि पापा घर पर नहीं हैं.
इसलिए मैं खिड़की से मम्मी को बोलने के लिए कि अंकल पापा से मिलने के लिए आपके रूम में आ रहे हैं, उनको मना कर दीजिए.

अभी मैं कुछ बोलता, उससे पहले ही मैं अन्दर देखा तो मम्मी बेड पर बेडशीट ठीक कर रही थीं और अंकल अन्दर आ गए थे.
इस बात का मम्मी को अहसास नहीं था.

मैंने देखा कि अंकल सिर्फ लुंगी पहने हुए थे और उनके सीने पर कुछ भी कपड़ा नहीं था.
अंकल मेरी मम्मी को पीछे से देख रहे थे और मम्मी की गांड को देख कर अंकल अपनी लुंगी के ऊपर से लंड को मसल रहे थे.

तभी अंकल ने दरवाजा को धीरे से बंद किया और लुंगी को खोल दिया.
वो चड्डी भी नहीं पहने थे इसलिए पूरे नंगे हो गए थे.

उनका लंड एकदम कड़क और 7 इंच लम्बा और किसी दो इंच के पाइप की तरह मोटा लग रहा था.
ये देखकर मुझे कुछ बोलने की हिम्मत ही ना हुई.
मैंने खिड़की को पूरा खोला भी नहीं था कि मां मुझे देख सकें.

फिर अंकल ने अचानक मम्मी को पीछे की तरफ से पकड़ लिया.
मेरी मां उस समय डॉगी की तरह खड़ी थीं.

इस अचानक हुए हमले से मम्मी घबरा गईं और अंकल से खुद को छुड़ाने की कोशिश करती रहीं.
लेकिन अंकल ने मम्मी को इस तरह पकड़ कर रखा था जैसे कोई शेर अपने शिकार को जकड़ लेता है.

मेरी मां छटपटाने लगी थीं लेकिन अंकल ने नहीं छोड़ा.
मेरी मां अंकल को मना करने लगीं- अमित आ जाएगा. छोड़ दो.
अंकल ने कहा- आज बहुत दिन बाद मौका हाथ लगा है. आज नहीं छोडूंगा.

और अंकल ने उन्हें नहीं छोड़ा.
जब अंकल को लगा कि अब मां की कोशिश धीरे धीरे कम हो रही है, तभी अंकल ने मां की साड़ी को पेटीकोट के साथ कमर तक उठा दिया.
इससे मेरी मां की गांड दिखने लगी.

मां की गांड काफी मस्त लग रही थी, एकदम गोरी गोरी गोल गांड पिंक कलर की पैंटी में फंसी हुई बड़ी ही मादक लग रही थी.

मैं चुप्पी साधे सब देख रहा था.

अंकल ने अब धीरे धीरे मां की गांड पर प्यार से हाथ घुमाना शुरू कर दिया था. मेरी मां छूटने की कोशिश कर रही थीं.

फिर अंकल ने अपना एक हाथ मम्मी के मम्मे पर रख कर उसे दबा दिया. मम्मी की आह निकल गई.

कुछ देर तक अंकल ने मम्मी की चूची को दबाया तो मेरी मां के मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें आने लगीं- आह आह ऊ उह ऊ क्या कर रहे हो राजेश … अमित आ जाएगा. उसने देख लिया तो गजब हो जाएगा. छोड़ दो प्लीज़.’

मां की इस आवाज से अंकल ने समझ लिया कि मेरी मां को मजा आने लगा है.
ये सही भी था कि मेरी मां की कोशिश भी थोड़ी कम होने रही थी. वो अब छुड़ाने की जद्दोजहद लगभग बंद कर चुकी थीं.

तभी अंकल ने मां की पैंटी को नीचे सरका दिया और अपने खड़े लंड पर थूक लगा कर मां की चूत में घुसा दिया.
मां जोर से ऐसे चिल्ला उठीं, जैसे कोई पाइप अन्दर घुस गया हो. वो जोर जोर से चिल्लाने लगीं.

तभी अंकल ने मम्मी को प्यार से समझाया और कहा- सुशीला, तुम्हें मालूम है कि मैं तुमसे प्यार करता हूं. कितने दिनों के बाद आज मौका मिला है … तो प्यार करने दो. अब तो लंड भी अन्दर जा चुका है.

मेरी मां चुप थीं, वो कुछ नहीं बोल रही थीं … बस दर्द से तड़फी जा रही थीं.

अंकल ने लंड को बाहर निकाला और जोर का झटका देते हुए मेरी मां की चूत में अन्दर आधी गहराई तक पेल दिया.

मां फिर से चिल्लाने लगीं पर अंकल जोर जोर से मां की चूत में लंड पेलते रहे.
वो रुके ही नहीं.

कमरे में ठप ठप की आवाज के साथ मां की पायलों की और चूड़ी की भी आवाज गूंज रही थी.

अंकल को तो जैसे अप्सरा चोदने को मिल गई हो, वो तो बस मां की कमर पकड़ कर उनकी चुत में लंड पेले जा रहे थे.
अब शायद मां को भी अच्छा लगने लगा था तो उनकी आवाजें बंद हो गई थीं.

इधर अंकल लंड की स्पीड तेज करके मां की चुत चोदते रहे.

फिर अंकल ने मां के कान में कुछ कहा तो मां ने अपना ब्लाउज और ब्रा को खोल दिया.

अब अंकल का लंड मां की चूत में था और हाथ मम्मों पर जम गए थे. अंकल मेरी मां की चूचियों को जोर जोर से दबा रहे थे.
मां मस्ती में आहें भर रही थीं.

अब अंकल ने मां की चूत से लंड को बाहर निकाला तो मां की चूत से रस निकल रहा था. लग रहा था कि मेरी मां झड़ गई थीं.

मां सीधे होकर लेट गईं.
अब अंकल मां के ऊपर चढ़ गए और मां के दोनों पैरों को चौड़ा करके अपना लंड मां की चूत पर सैट कर दिया.
अंकल ने एक जोर से धक्का लगाया तो लंड मां की चूत में पूरा अन्दर गहराई तक चला गया.

अंकल मेरी मां को चोदने लगे.
वो दोनों एकदम नंगे होकर चुदाई का आनन्द लेने लगे थे.
अब मां भी सब भूल कर अंकल का साथ देने लगी थीं और अपनी गांड को ऊपर उठा कर लंड लेने लगी थीं.

इस समय ऐसा लग रहा था … जैसे लंड और चूत का मिलन हो रहा हो.
वो दोनों एक दूसरे के जिस्म को प्यार कर रहे थे.

अंकल अपने होंठ को मां के होंठ पर रख कर किस कर रहे थे और प्यार से चूस रहे थे.
दोनों एक दूसरे के शरीर को रगड़ रहे थे.

मां अपने दोनों हाथों से अंकल का सिर सहला रही थीं.

अब अंकल ने स्पीड तेज कर दी. मां की चूत में लंड तेज गति से अन्दर बाहर हो रहा था. ऐसा लग रहा था … जैसे मां की चूत को ऐसा ही लंड चाहिए था, जो बहुत प्यार से चुदाई करे.
मां की गांड भी नीचे से उठने लगी थी.
वो अंकल का पूरा लंड अपनी चुत में अन्दर तक लेने की कोशिश कर रही थीं.

पूरे कमरे में ठप ठप की आवाज तेज हो रही थी.
साथ में मां और अंकल की सांसों की आवाज और मां की आह आह की मादक आवाज गूंज रही थी.

फिर अचानक स्पीड तेज हुई और अंकल ने सारा माल (वीर्य) मां की चूत में छोड़ दिया.
वो दोनों एक दूसरे की बांहों में कुछ देर पड़े रहे.

इसके बाद अंकल ने मां के माथे पर चूमा और अलग हो गए.

अंकल ने मां से कहा- आई लव यू.
मां शर्मा गईं.

फिर कुछ देर बाद अंकल लुंगी पहन कर जाने लगे.
उन्होंने जाते जाते मां से कहा- रात को तैयार रहना, मुझे अभी और प्यार करना है.
तब मां ने कहा- रात को तो अमित घर पर ही होगा, आप आज मत आना … कल मैं कुछ इंतजाम करती हूं.

अंकल हां बोल कर निकल गए और मां कुछ देर ऐसे ही सोती रहीं.

ये सब देख मैं भी चुपके से बाहर निकाल गया और कुछ देर बाद घर पर आया तो मैंने मां को आवाज दी- मुझे भूख लगी है … मेरे लिए मैगी बना दो.

मेरी आवाज सुनकर मां कमरे से बाहर आईं.
मैंने देखा कि वो बहुत खुश लग रही थीं. ऐसा लग रहा था जैसे मां का कोई सपना पूरा हो गया हो.

दोस्तो, अगली कहानी में मैं आपको अपनी मां और पापा के दोस्त अंकल के बीच हुई धुआंधार चुदाई लिखूंगा, जिसमें मैंने अपनी मां को एक पोर्न ऐक्ट्रेस की तरह चुदते हुए देखा था.

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मेरी माँ की चूत की कहानी का अगला भाग: मैंने अपनी माँ की चुदाई देखी- 2