अन्तर्वासना से मुझे एक हॉट सेक्स गर्ल मिली. मेरी कहानी पढ़ कर उसने मुझे मेल किया था. हमारी दोस्ती सेक्स तक कैसे पहुंची? पढ़कर मजा लें.
दोस्तो, मैं सिद्धार्थ आप सबको अन्तर्वासना में अपनी नई हॉट सेक्स गर्ल की कहानी में स्वागत करता हूं.
मैं पच्चीस साल का हूं और भुवनेश्वर में रहता हूं.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
बारिश की रात और गर्म भाभी
के प्रकाशित होने के बाद जब मैं अपनी मेल चैक कर रहा था, तो मुझे मायरा नाम की एक लड़की की मेल आई थी.
उसने मेरी सेक्स कहानी को बहुत सराहा था और मेरी बहुत तारीफ भी की थी.
मैंने उसको भी धन्यवाद दिया और ऐसे ही हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा.
कुछ ही दिनों में हम बहुत ज्यादा करीब आ चुके थे. धीरे धीरे हमारी बात मेल से फेसबुक पर होने लगी.
उसके साथ ज्यादा जानकारी साझा हुई तो ये मेरे लिए ताज्जुब की बात थी कि वह मेरे ही शहर में नौकरी कर रही थी.
कुछ ही दिनों बाद हमारी फोन पर भी बातें होने लगी और एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया.
मैं उसी के ऑफिस के पास के एक रेस्टोरेंट में उससे मिला. मैंने एक टेबल को अपने लिए रोका और उधर बैठ कर उसके आने का इंतजार करने लगा.
कुछ देर बाद जब वह आई, तो मैं उसे देखता ही रह गया.
मैंने उसे सिर्फ फोटोज में देखा था. पर जब वह मेरे सामने आई तो मेरे सांसें मानो थम सी गई थीं.
उसने नीले रंग की कुर्ती और उसके नीचे सफेद लेगिंग्स पहने थी.
उसके बाल खुले हुए थे और उसकी आंखें पता नहीं क्यों मुझे अपनी तरफ खींच रही थीं.
मैं अपने होश खो बैठा था और उसकी तरफ मुँह बाये देख रहा था.
जब उसने मेरे पास आकर मेरे सामने चुटकी बजाई, तब मुझे होश आया.
वह मुस्कुराने लगी और मैं फिर से उसकी आंखों में खो गया.
उसने मुझे हिलाया और पूछा कि यूं बार बार क्यूं खो जा रहे हो?
मेरे मुँह से कुछ नहीं निकला.
कुछ देर बाद हम दोनों ने औपचारिक बातें की और अपनी पहली मुलाक़ात को दिल से महसूस किया.
फिर हमने वहां खाना खाया और कुछ देर बैठ कर पर्सनल बातें भी की.
मैं तो उसे बस देख कर ही खुश था.
जब वह जाने लगी, तो मैं उससे फिर से मिलने का बोलने लगा.
वह भी खुश हुई.
वैसे तो वह मेरे से चार साल बड़ी थी, पर पता नहीं क्यूं .. मैं उसे बहुत पसंद करने लगा था और दिल से चाहने लगा था.
यूं ही हमारा मिलने का सिलसिला चलता रहा और हम एक दूसरे के करीब आने लगे.
कुछ दिन बाद उसका जन्मदिन आ गया.
वह अकेली भुवनेश्वर में रहती थी और उसकी फैमिली आगरा में थी. वह परिवार से दूर रह कर पहली बार अपना जन्म दिन मना रही थी.
मैं ही उसके जन्म दिन को स्पेशल बनाने में लग गया.
मैंने एक दोस्त की रेस्टोरेंट में शाम को एक पार्टी रखी और उसके दोस्तों को भी बुलाया.
उसकी एक खास सहेली को उसे लेकर आने को बोल दिया था.
हम सारी सजावट करके उसके आने का इंतजार करने लगे.
जब वह अपनी सहेली के साथ आयी तो हमने पूरा अंधेरा कर रखा था.
हम सब उसके अन्दर आते ही ‘हैप्पी बर्थडे ..’ चिल्लाने लगे.
जब लाइट ऑन की, तब हम सबको देख पहले वह चौंक गई और जल्दी से आकर मेरे गले से लग गई.
हमने वहां पर पार्टी की और रात नौ बजे मैं उसे अपनी बाइक पर बिठा कर उसके फ्लैट पर ले जाने लगा.
रास्ते में जोर से बारिश होने लगी और हम दोनों पूरी तरह से भीग गए.
जब हम दोनों उसके घर पहुंचे, तब वह मुझे एक टॉवेल देकर खुद बाथरूम में चली गई.
मैंने अपने कपड़े बदल कर सूखने को रख दिए और उसी टॉवेल को लपेट लिया.
जब वह बाथरूम से वापस आयी, तो एक टी-शर्ट और शॉर्ट पहनी थी.
उसके इस रूप को देख कर मेरे दिल में हलचल होने लगी.
वह मुझे देख कर मुस्कुरा दी.
मैं ठंड में थोड़ा कांप रहा था और मेरे पास पहनने के लिए कुछ था ही नहीं.
वह मेरे लिए कॉफी बनाने के लिए पानी गर्म करने लगी.
इधर मुझे उसको देखकर और रहा नहीं गया. मैंने पीछे से जाकर उसे जोर से गले लगा लिया.
पहले तो वह चौंक गई, फिर मुस्कुराने लगी.
मैं उसे वैसे ही गले लगाए हुए, उसके गले पर, कान पर अपने होंठ फिराने लगा.
उसके मुँह से ‘उम्ह आह आह्हह ..’ जैसे हल्की सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने धीरे से उसकी कमर में अपने दोनों हाथ सरका दिए और हल्के हल्के उसकी नाभि सहलाता रहा.
मेरी इस हरकत से मायरा ने आंखें बंद कर लीं और अपनी पीठ मेरी बांहों में टिका दीं.
कुछ ही देर की इस हरकत से मायरा मदहोश होने लगी और आंखें बंद करके अपने हाथ पीछे ले आई.
उसने मेरे बालों में हाथ घुमाना शुरू कर दिया.
‘आअह .. उफफ्फ़ …’
इस बार फिर से मायरा वासना में सिसकने लगी और पीठ घुमा कर उसने अपना चेहरा मेरे सामने कर दिया.
मायरा की आंखें अभी भी बंद थीं लेकिन उसकी सांसें काफ़ी तेज़ हो चुकी थीं.
मैं हल्के से मुस्कुरा दिया और मायरा के चेहरे पर गिर रही उसके ज़ुल्फों को अपनी उंगली से हटा कर उसके सुंदर से चेहरे को देखने लगा.
मायरा की सांसें अभी थम चुकी थीं, लेकिन आंखें बंद थीं और होंठ सूखे और खुले थे. मैं थोड़ा सा आगे हुआ और अपने होंठों को मायरा के होंठों के पास ले गया.
हम दोनों के बदन बिल्कुल तप चुके थे. हमारी गर्म सांसें बयान कर रही थीं कि हम आज रुकना नहीं चाहते थे.
मायरा और मेरी आंखें मिलते ही हम दोनों एक दूसरे में डूब गए और दोनों अपने अपने हाथ एक दूसरे के बालों में डालकर सहलाने लगे.
देखते ही देखते हम दोनों के होंठ फेविकोल के जोड़ के जैसे जुड़ गए और दोनों धीरे धीरे कर एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
‘उम्म्म उम्म्म …’
मायरा हल्की हल्की मादक सिसकारियां निकालने लगी.
हम एक दूसरे को बेतहाशा ऐसे चूमने लगे, जैसे हम दोनों अब कभी जुदा नहीं होना चाहते. जब हमारी सांसें उखड़ने लगीं, तो हम एक दूसरे अलग होकर हांफने लगे और एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए.
कुछ ही पलों में सांसें दुरुस्त होते ही हमारे होंठ आपस में फिर से लड़ गए और वासना के इस तूफान में मायरा के बदन से उसकी टी-शर्ट अलग हो गई.
हम किस करने में पूरी तरह से खो गए थे. हम ऐसे खो गए थे कि हम किस करते हुए एक दूसरे के होंठों को काटने लगे थे.
काटने के दर्द से हमारा जोश बढ़ कर किस को वाइल्ड बना रहा था. ये क्या था हमें समझ ही नहीं आ रहा था.
उसके नाख़ून मेरी पीठ में चुभ रहे थे, तो मैं उसके रेशमी बालों को बिखेर रहा था.
मेरे हाथों ने धीरे से उसकी काली ब्रा के अन्दर छुपे 34 साइज के गोरे सुडौल चुचियों को आजाद कर दिया.
फिर मेरे हाथों ने उसके दोनों चूचों को पकड़ा और मसलने में लग गए.
मायरा आनन्द की लहरों में गोते खाने लगी.
मेरे होंठ उसकी गर्दन को चाट कम, काट ज्यादा रहे थे. मेरे हाथ उसके चूचों को बेरहमी से मसल रहे थे और उसके निप्पलों को कुरेद रहे थे.
फिर मैं उसे उठा कर बेड पर ले गया, उसको बेड पर लिटा कर उसके दोनों कबूतरों को चूसने लगा, उसके निप्पलों को मरोड़ कर काटने लगा.
इन हरकतों के वजह से निकलती मायरा की मादक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज रही थीं.
उसकी आवाजें मुझे पागल कर रही थीं.
धीरे धीरे मेरे होंठ नीचे के तरफ जाने लगे.
पहले मेरे होंठों का रुख उसकी नाभि पर हुआ, फिर मेरे होंठ एकदम से उसकी जन्नत घाटी को पार करते हुए सीधे जांघों पर अपना प्यार लुटाने लगे.
इसके बाद उसकी गर्म चूत पर मेरी गर्म सांसों की सुनामी आ गई.
मेरी गर्म सांसों को अपनी चूत पर महसूस करके मायरा का तन भट्टी की तरह तपने लगा. उसके हाथ मेरे बालों में घुस कर मेरे सर को चूत पर खींचने लगे.
मेरे होंठ और जीभ उसकी मादक चूत का अहसास पाते ही मानो पगला उठे.
मैं उसकी चूत को बेतहाशा चूसने लगा.
उसने भी टांगें खोल कर पूरी चूत पसार दी. नर्म फांकों के बीच मेरी जीभ चूत की गहराइयों में उतारने लगी.
उसे इतना अधिक मजा मिलने लगा कि कुछ ही देर में उसने अपना सारा चूत रस मेरे मुँह में ही निकाल दिया और बेड पर गिर पड़ी.
मैं भी उसकी चूत का सारा रस पी कर उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमने लगा.
वह भी मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी.
उसने मुझे वैसे ही किस करते करते मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई.
उसके बाद मेरी कमर से बंधी टॉवेल को उतार कर मेरे लंड को हाथ में ले लिया.
मेरा लंड गर्म होकर तन गया था और उसके हाथों में सांप के भांति हिलने लगा था.
उस हॉट सेक्स गर्ल ने नशीली आंखों से मेरे लंड को देखा. फिर प्यार से मेरे लंड के टोपे पर अपने होंठ रख दिए और धीरे धीरे चूसने लगी.
वह लंड को जैसे चूस रही थी, उसे मैं शब्दों में बयान ही नहीं कर सकता.
लंड चुसाई के मजे में मेरी आंखें बंद होने लगीं.
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.
मैं उसके ऊपर चढ़ कर अपने लंड को उसकी चूत की फांकों में रगड़ने लगा और अपने होंठ उसके होंठ व पूरे बदन पर घुमाने लगा.
उसे किस करते हुए मैंने एक जोर का धक्का लगाया. इस झटके में मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह दर्द में चिल्लाने वाली थी पर उसके होंठ पर मेरे होंठों ने पकड़ बना रखी थी, जिस वजह से उसकी आवाज़ को निकलने से रोक दिया गया.
उसके होंठ और चूचों को किस करते हुए मैंने उसके दर्द को कम करने व भुलाने का प्रयास किया.
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, तो उसने कमर हिला कर मुझे अहसास कराया कि चुदाई शुरू कर देनी जानी चाहिए.
मैंने उसी वक्त एक तेज धक्के के साथ अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसकी फिर से एक आह निकली और उसकी आंखें बंद हो गईं.
अब वो दर्द को जज्ब करते हुए लंड को झेलने की कोशिश करने लगी थी.
मैंने धीरे धीरे किस करते हुए अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
जब उसका दर्द खत्म हो गया और उसे मजा आने लगा तो उसने अपनी गांड उठा कर चूत चुदवाना शुरू कर दिया.
मैं भी ये देख कर जोर लगाते हुए उसे धकापेल चोदने लगा.
मेरे धक्कों की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ने लगी और उसके पूरे बदन पर मेरे हाथ और होंठ घूमने लगे.
हर धक्के के साथ उछलती उसकी चूचियां मुझे अपनी और ज्यादा आकर्षित कर रही थीं.
मैंने उन्हें मसलते चूमते हुए अपने धक्के जारी रखे.
‘आह सिड .. अहा .. उम्ह हां हाहाहा ऐसे ही चोदो मुझे सिड ..’
मायरा भी आनन्द के मारे ऐसे ही तेज तेज सिसकारियां भरने लगी.
उसकी ये आवाजें मेरे जोश को और बढ़ाने लगी थीं.
मेरे कुछ देर के धक्कों ने उसको पानी छोड़ने पर मजबूर कर दिया.
उसके झड़ने के बाद मैं कुछ पल रुका और उसकी चूत से लंड खींच कर उसे घोड़ी बना दिया.
वो झट से घोड़ी बन कर मुझे चोदने के लिए कहने लगी.
मैं पीछे से उसकी चूत चोदने लगा. घोड़ी बनाकर चुदाई करने में चूत में लंड के धक्के मारने में ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
घोड़ी बनाकर हर धक्का जोरदार लगने लगता था.
जोरदार धक्के लगाते हुए मैं उसकी पीठ को काटने लगा और उसके गांड दबाने लगा. हर धक्के के साथ उसके चूतड़ों से आती थप थप की आवाज़ उसकी चूत मारने का मज़ा और बढ़ा रही थी.
मैं और मायरा इस लंबी चुदाई को पूरी तरह से एंजाय कर रहे थे.
मैंने कुछ धक्के तो इतनी जोर के मारे थे कि मायरा को लगा होगा कि मेरा पानी निकल रहा होगा.
फिर मैंने लंड चूत से निकाल लिया और बेड पर सीधा लेट गया; मायरा को इशारा किया और उसे अपने ऊपर ले लिया.
मायरा अपनी चूत मेरे लंड के ऊपर रख कर लंड अन्दर तक लेने लगी.
मैंने भी नीचे से अपना धक्का जारी रखे. उसके हिलते चूचों को मसल कर अपने लंड को उसकी चूत की जड़ में उतारने लगा.
वो भी अपनी पूरी ताकत लगा कर उछल कर लंड चूत में अन्दर तक लेने लगी.
दस मिनट बाद हम दोनों झड़ने के करीब आ गए थे. वह मुझे उसके अन्दर ही झड़ने को कहने लगी.
हम दोनों जोरों से चुदाई करने लगे और एक साथ झड़ गए. मैंने लंड का पूरा माल उसकी चूत की गहराई में छोड़ दिया.
स्खलन के बाद हम दोनों के चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान थी.
हम दोनों बेड पर ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में गिर गए.
मैंने उसे कसकर अपनी बांहों में भरा और अपना प्यार का इजहार कर दिया.
उसने भी मेरे छाती में सर रख कर मेरे प्यार को अपना लिया.
फिर हम दोनों एक साथ नहा कर बिस्तर में आ गए और बिना कपड़ों के सो गए.
सुबह मैं जब उठा, तो देखा मायरा सो रही थी. उसके बाल उसके चेहरे पर पड़े थे.
मैंने उन्हें हटाकर उसके चेहरे को देखा तो चांदी सा चमक रहा था.
मुझे उस हॉट सेक्स गर्ल पर बहुत प्यार आ रहा था.
मैंने उसके गाल पर एक प्यार भरा चुम्बन दिया और उठ कर उसके लिए कॉफ़ी बना लाया.
कॉफी लाकर मैंने उसे उठाया, तो उसने मुस्कुराते हुए मुझे किस किया और मुझे प्यार से अपनी बांहों में भर लिया.
दोस्तो, ये थी मेरी हॉट सेक्स गर्ल की कहानी. आपको कैसी लगी, ये मुझे जरूर बताइएगा.
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