गे बॉटम सेक्स कहानी मेरी कजिन दीदी के पति यानि मेरे जीजा जी के लंड चूसने की है. एक दिन मैंने जीजाजी को मूतते हुए देख लिया. उनका लंड मुझे अच्छा लगा.
दोस्तो, मैं अभिषेक आपको अपनी गे बॉटम सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.
ये बात तब की है, जब मेरे परिवार में शादी थी. शादी गांव में थी.
हम पूरे परिवार के साथ गांव के लिए निकल गए. हमारे कज़िन जीजू भी साथ में थे. शुरू में मेरा कोई ऐसा इरादा नहीं था, पर बाद में सब कुछ होता चला गया.
मैं आपको विस्तार से बताता हूँ कि क्या हुआ था.
हम सभी लोग गांव में होने वाली शादी में गए थे, तो उधर एक बड़ी समस्या सामने आई. दरअसल हम लोगों को वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट की आदत थी और गांव में टॉयलेट नाम की कोई चीज ही नहीं थी.
उधर बस एक गली जैसी थी, वहां पर सब जाकर पेशाब करते थे और लेट्रिन के लिए खेतों में जाना पड़ता था. गांव के जिस घर में हम रह रहे थे, उसकी छत से वो गली साफ़ दिखती थी.
गर्मी होने के कारण में छत पर सोने चला गया. सुबह मैं 7 बजे उठा और छत से नीचे जाने को उठा.
तभी छत पर खड़े होकर मैंने गांव की खुली हवा का आनन्द लेते हुए एक बार छत पर घूम कर देखा. छत की जिस तरफ से गली दिखती थी, मेरी नजर उधर चली गई. मैंने देखा कि जीजू गली की तरफ जा रहे थे.
मैंने सोचा कि वो मूतने जा रहे होंगे.
तभी दिमाग में आया कि जीजू को मूतते हुए देखूं कि उनका लंड कैसा है.
मैं झांक कर जीजू के लंड को देखने की कोशिश करने लगा.
जीजू ने अपने लोवर में से लंड निकाला और उसे सहलाने लगे.
उनका लंड काफी बड़ा और मोटा था.
वो मूतने की जगह लंड पर अपने हाथ चला रहे थे और मुठ मार रहे थे.
कुछ देर बाद जीजू के लंड ने रस फेंक दिया.
अब वो आंख बंद करके झड़ने का मजा लेने लगे.
बाद में उन्होंने लंड से मूत की धार निकाली. फिर अपने लंड को झटक कर हिलाया और लोअर में अन्दर करके जीजू वापस जाने लगे थे.
उसी समय उन्होंने अचानक ऊपर देखा, तो उन्हें मैं दिख गया.
उन्होंने समझ लिया था कि मैं उनका लंड देख रहा था.
उनकी आंख से आंख मिलते ही मैं पीछे को हुआ और झट से नीचे आ गया.
आज मेरे अन्दर जीजू के मोटे लंड को देखने की एक अजब सी ख़ुशी थी.
ये ख़ुशी मुझे सारे दिन गुदगुदाती रही.
उस रात को मुझे नींद भी नहीं आई.
मैं दूसरे दिन सुबह जल्दी उठ कर फिर से जीजू के आने का इंतजार कर रहा था.
दिन का उजाला हुआ तो मैं जीजू के आने का इन्तजार कर रहा था.
मैंने देखा कि जीजू गली की तरफ जा रहे थे.
इस बार मैंने देखा कि जीजू ने अपना पूरा लोवर नीचे कर दिया.
शायद उन्होंने ये मेरे लिए किया था. उनका लम्बा लंड आज शुरू से ही कड़क था और हवा में हिल रहा था.
मैं उनका तन्नाया हुआ लंड देखे जा रहा. तभी उन्होंने अपनी नजर ऊपर की ओर मुझे देखा.
पर जीजू ने कुछ कहा नहीं, बस मेरी तरफ देख मेरे सामने लंड हिलाया और चले गए.
आज मुझे कल से कुछ ज्यादा ख़ुशी मिल रही थी.
सारे दिन मैं जीजू के लंड को याद करते हुए अपने अन्दर एक अजीब सी सनसनी को महसूस करता रहा. सारे दिन मेरी गांड में भी कुलबुली होती रही.
फिर मैं रोज की तरह रात को सोने के लिए छत पर गया.
उधर मैंने देखा कि आज जीजू छत पर ही खड़े थे.
उन्हें देख कर पहले तो मैं डर गया कि पता नहीं जीजू क्या बोलेंगे.
मैं जीजू को देख कर वापस नीचे जाने लगा तो जीजू ने मुझे आवाज दी और ऊपर बुला लिया.
ऊपर आकर मैंने देखा कि मेरे बिस्तर के बाजू में ही एक और बिस्तर लगा था.
मैंने उस बिस्तर की तरफ देखा और जीजू की तरफ सवालिया नजरों से देखा.
जीजू ने कहा- ये मेरा बिस्तर है. आज मैं छत पर ही सोऊंगा.
मैं मन में खुश तो था, पर एक घबराहट भी हो रही थी.
जीजू फोन पर बात करने में लग गए और मैं छत पर चहलकदमी करने लगा.
तभी मैंने देखा कि जीजू अपने लंड को मसल रहे थे.
मुझे लगा उन्हें टॉयलेट लगी है. उन्होंने फोन पर बात बंद की और मुझे देखने लगे.
मैं भी जीजू को देखने लगा.
उन्होंने मुझसे कहा- मैं गली में जा रहा हूँ, तुझे देखना हो तो देख लेना.
मैं- क्या?
जीजू- वो ही … जो सुबह देख रहा था.
मैं- अभी गली में लाइट नहीं है, कुछ दिखेगा ही नहीं.
जीजू- अच्छा तो क्या यहीं दिखा दूं?
मैंने कहा- कोई आ न जाए.
जीजू- तो जीने का दरवाजा बंद कर देते हैं.
जीजू की बात सुनकर मैंने सर हिलाया और दरवाजे की तरफ बढ़ गया.
मैंने दरवाज़ा बंद किया और पीछे मुड़कर देखा तो जीजू लंड हिला रहे थे.
मैं पास में आ गया और उनका लंड देखने लगा.
जीजू बोले- कैसा लगा … हाथ लगा कर देख!
मैंने जीजू की आंखों में भरी वासना को देखा और उनके लंड पर अपना हाथ रख दिया.
एक पल तो लंड की गर्मी और सख्ती से मेरे मन में गुदगुदी हुई और अगले ही पल मैं लंड हिलाने लगा.
मेरे लंड हिलाने से जीजू को मजा आने लगा और वो कमर को आगे पीछे करते हुए लंड को ज्यादा सहलाने का इशारा करने लगे.
मैं कुछ और तेजी से लंड को आगे पीछे किया.
तो जीजू बोले- बस अब हिला मत … मुँह में ले ले.
मेरा खुद का मन यही हो रहा था.
मैं घुटने के बल बैठ गया और जीजू का लंड अपने मुँह में ले लिया.
उनके लंड का खट्टा सा स्वाद मेरे मुँह में मजा देने लगा. मेरी जीभ लंड को चूसने लगी.
जीजू की आंखें मुंद गईं और वो मेरे सर पर हाथ रख कर लंड चुसाई का मजा लेने लगे.
मैंने 5 मिनट तक लंड चूसा और बाहर निकाल कर जीजू को देखने लगा.
जीजू ने मुझे उठाया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर मुझे लिपकिस करने लगे. मैं उनके होंठों की गर्मी से उत्तेजित होने लगा.
जीजू ने धीरे से कहा- अभी मेरे साथ सेक्स करेगा?
मैंने हां कह दी.
फिर जीजू में अपने कपड़े उतारे और मेरी तरफ देख कर मुझसे कपड़े उतारने की कहने ही वाले थे कि तभी किसी ने जीने का दरवाज़ा बजा दिया.
हम दोनों डर गए. जीजू ने जल्दी से कपड़े पहने और मुझसे कहा कि तुम सोने की एक्टिंग करो.
मैंने वैसा ही किया. मैं अपने बिस्तर पर लेट गया और आंखें मूंद लीं.
दरवाज़े पर कज़िन सिस्टर थीं, मतलब जीजू की वाइफ थीं. हमारा सेक्स का प्लान फ्लॉप हो गया.
दीदी छत पर आ गई और मुझे सोते हुए देख कर जीजू की बांहों में समा गईं.
मेरी बहन को लगा था कि मैं सो गया हूँ; उन्होंने जीजू से कहा- चलो सेक्स करते हैं.
जीजू का लौड़ा पहले से ही गर्म था. उनको मेरी गांड की जगह अपनी बीवी की चुत चोदने को मिल गई थी.
उन्होंने एक मिनट से कम समय में दीदी को नंगी किया और उन्हें कुतिया बना कर उनकी चुदाई करने लगे.
दीदी की कामुक सिसकारियां आने लगीं.
मुझे उन दोनों की सेक्स भरी आवाजें सुनाई दे रही थीं, जिससे मेरी गांड में कीड़ा चल रहा था.
जीजू मेरी बहन को बहुत देर तक चोदते रहे. फिर वो दोनों उधर ही बिस्तर पर सो गए.
उन दोनों की चुदाई से मुझे पूरी रात नींद नहीं आई.
सुबह बारात जाने वाली थी और शादी दिन में ही पूर्ण होने वाली थी.
मुझे लगा कि इस बार जीजू के साथ सेक्स नहीं हो पाएगा.
कुछ देर बाद बारात रवाना हुई.
मैंने जीजू को देखा, क्या हॉट लग रहे थे. वो वाइट पैंट और ब्लू शर्ट पहने थे. वाइट पैंट कुछ पारदर्शी सी थी. उनका काला अंडरवियर साफ़ झलक रहा था.
मैं उनका फूला हुआ लंड देख कर पागल हो गया.
तभी जीजू मेरे पास आए और बोले- कार में मेरे पास बैठ जाना.
मैंने कहा- दीदी कहां बैठेगी?
उन्होंने कहा कि वो अपनी महिला मंडली के साथ जाएगी.
मैं ये सुनकर खुश हो गया और मैंने हां कह दी. उसके बाद जब बारात रवाना हुई, तो मैं और जीजू कार के पास आकर अन्दर बैठ गए.
जीजू ड्राइविंग सीट पर और मैं उनके साइड में बैठ गया. मैं बहुत उत्तेजित था.
जीजू ने स्माइल दी और कहा- चलें जानू!
मैंने भी स्माइल कर दी.
तभी एक अंकल आए और बोले- मुझको भी कार में बैठना है.
वो भी शादी में आए थे.
जीजू उनको मना ही नहीं कर पाए और उनको कार में बैठा लिया.
मुझे अंकल पर बहुत गुस्सा आया, फिर से प्लान फ्लॉप हो गया था.
फिर हम दोनों शादी वाले घर पर पहुंच गए. वहां चारों तरफ टेंट लगे हुए थे. शादी होने लगी हम दोनों को एकांत मिल ही नहीं पाया.
फिर खाने का समय आया तो मैं और जीजू एक साथ बैठ गए.
हमने साथ में खाना खाया.
जीजू ने कहा- तुम बहुत हॉट हो यार, तुमने मेरा लंड देख लिया है कैसा लगा?
मैंने कहा कि अभी ठीक से नहीं देखा.
जीजू ने कहा- अच्छा, मतलब अन्दर लेकर नहीं देखा.
मैंने उनकी बात पर स्माइल कर दी.
उन्होंने कहा- ठीक है अच्छे से दिखा दूँगा.
मैंने कहा- कब … आज शाम को तो आपको वापस जाना है.
उन्होंने कहा- तुम चिंता मत करो … दिखा दूँगा.
कुछ देर बाद बारात के वापस जाने का समय होने लगा था; उन्होंने मुझे कार के पास आने का इशारा किया.
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा.
मैं कार के पास गया तो जीजू ने कहा कार में बैठ जाओ.
मैं कार में पीछे की सीट पर बैठ गया. जीजू ने चारों तरफ देखा और अन्दर आ गए.
जीजू ने कार का गेट लॉक किया और बोले- लिप किस करोगे?
मैं डर रहा था.
जीजू बोले- ज़बरदस्ती नहीं है, अगर तुम चाहो तो लिप किस करते हैं.
मैंने हां कर दी.
जीजू मेरे पास को आ गए. उन्होंने अपने होंठों से मेरे होंठ चूम लिए और मुझे 5 मिनट तक फ्रेंच किस किया.
अब उन्होंने कहा- पैंट उतारूं … तुम्हें लंड देखना है ना!
मैंने कहा- हां.
उन्होंने कहा- ओके इस बार तुम अपने हाथ से उतारो.
फिर मैंने जीजू का बेल्ट खोला और लंड को हाथ लगाया. मुझे उनके लंड के फूलने का अहसास हो रहा था.
मैंने पैंट का हुक और ज़िप खोल दी. वो थोड़ा सा ऊपर को उठे, तो मैंने पैंट नीचे कर दी.
फिर मैंने अंडरवियर के ऊपर से लंड दबाया. जीजू ने फिर से लिप किस किया और बोले- देखा!
मैंने अंडरवियर नीचे सरका दी और लंड देख कर पागल हो गया. मैंने लंड को हाथ में लिया और ऊपर नीचे करने लगा. कुछ मिनट तक मैंने लंड को ऊपर नीचे किया.
फिर जीजू ने कहा- मुँह में लो न!
मैं धीरे से नीचे को हुआ और लंड को किस किया.
आज लंड से अज़ीब सी स्मेल आ रही थी तो मैंने उसे कपड़े से साफ किया. फिर लंड की चमड़ी को नीचे किया और जीजू के लंड के गुलाबी टोपे को बाहर निकाल लिया. मैंने सुपारे पर जीभ रखी और लंड को मुँह में ले लिया.
तभी ढोल बजने की आवाज़ आने लगी.
हम दोनों अचानक से हुई इस आवाज से डर गए.
जीजू ने अपनी पैंट को ऊपर किया और हम दोनों कार से बाहर आ गए.
अब विदाई हो रही थी, पर मुझे दुख हुआ कि जीजू का लंड ठीक से नहीं चूस पाया. हम दोनों वहां से घर वापस निकल आए.
इस बार हमारी पूरी कार घर वालों से भरी हुई थी. बरात वापस गांव में आ गई और सब खाना के बाद सोने लगे.
सुबह हम सब वापस जाने वाले थे. मुझे बुरा लग रहा था कि मैं जीजू के साथ कुछ नहीं कर पाया.
सुबह जब सब लोग वापस जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी जीजू आए और मुझे अपना व्हाट्सैप नंबर देकर बोले- वीडियो कॉल पर बातें करेंगे.
मैं फिर से खुश हो गया और मैंने जीजू को थैंक्स कहा.
जीजू ने कहा कि एक किस दे दो.
हम दोनों लोगों की नजरें बचाते हुए कमरे में आए और हमने एक देर वाला लिप किस किया.
हम सब वापस शहर आ गए. मैंने जीजू का नंबर सेव कर लिया था और उनके साथ व्हाट्सैप व्हाट्सैप पर बातें शुरू हो गईं.
अगली बार जब जीजू का लंड नसीब में होगा, तब उनसे अपनी गांड मरा लूंगा. वो सेक्स कहानी आपको जरूर लिखूंगा.
मेरी गे बॉटम सेक्स कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करें.
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