गाँव की चूत की चुदाई का लुत्फ़ लिया मैंने लॉकडाउन के दौरान. पड़ोस की नवविवाहिता लड़की को मैं छत से देखता था. उसे बंद पड़े मकान में मैंने कैसे चोदा?
हैलो फ्रेंड्स, मैं नील अपनी देसी बिल्लो रानी की चुत चुदाई की कहानी के पिछले भाग
लॉकडाउन में देहाती जवानी मिली
में बता रहा था कि कैसे ही बिल्लो ने मेरा लंड हाथ में लिया वो एकदम से चौंक गई.
उसने कहा- बाप रे … इतना बड़ा!
अब आगे गाँव की चूत की चुदाई कहानी:
मैंने भी मजाक में बोला- बाप रे क्या होता है … क्या तुम्हारे बाप का इतना मोटा है?
इस पर वो गुस्सा हो गयी लेकिन मैं तुरंत बात को संभालते हुए बोला- यार मजाक कर रहा था.
फिर वो शांत हो गयी.
बाद में पता चला कि उसके पिताजी नहीं हैं.
उसके बाद उसने खुद ही मेरा पैंट और चड्डी उतार दी और मेरे लंड को ध्यान से देखने लगी.
मैं जब उसके पेटीकोट को उतारने लगा तो वो मना करने लगी.
लेकिन मनाने पर मान गयी.
मैंने उसके पेटीकोट की डोरी खोल दी, जिससे पेटिकोट नीचे गिर गया.
अब उसके बदन पर केवल साड़ी बची थी, जो अस्त व्यस्त सी उसके कंधे और पेट पर लिपटी पड़ी थी.
उसका चीरहरण भी मैंने तुरंत कर डाला.
अब वो ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी थी. इस देसी कट्टे को नंगी देखकर मेरा लंड 120 डिग्री में ऊपर की तरफ खड़ा हो गया.
मेरा लंड उसकी चूत को सलामी दे रहा था और उसकी चूत में जाने को बेताब हो रहा था.
वो मेरे लंड को सहला रही थी तो मैंने पूछा- कैसा लगा मेरा लंड?
उसने जबाब दिया कि बहुत बड़ा और मोटा है.
ज्यादा पूछने पर बिल्लो ने बताया कि उसके पति का बहुत ही छोटा और पतला है.
जब मैंने उससे पूछा- तुमने तो उसके साथ भाग कर शादी की थी, तो पहले तो उसका देख ही चुकी होगी.
वह बोली- उस समय मुझे इसके बारे में ज्यादा पता नहीं था. पिताजी के गुजर जाने के बाद घर में गुजारा मुश्किल था, जब एक शादी में गयी थी, तो मुझे 3 लड़कों ने पकड़ कर मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. जिसमें ये भी था. फिर हल्ला होने के डर से इसने मुझसे शादी के लिए बोल दिया. फिर अगले दिन ही मैं इसके साथ इसके घर चली आयी.
अब मैं पूरा माजरा समझ चुका था. ये लव मैरिज नहीं थी, मजबूरी में की हुई शादी थी.
मैं बोला- अभी तुम ये सारी बात भूल जाओ और मेरे साथ चुदाई का मजा ले लो. मैं तो तुमसे शादी करूंगा नहीं, लेकिन तुमको आज चुदाई का मजा भरपूर दे दूंगा.
इतना बोलते ही मैं फिर से उसकी चूचियों पर टूट पड़ा और उसकी चूचियों को बुरी तरह से चाटने चूसने लगा.
मैंने दांत से निप्पल काटे तो वो मना करने लगी और बोली- निशान पड़ जाएगा, तो मैं अपने पति को क्या बोलूंगी.
मैंने बिल्लो की चूचियों को काटना छोड़कर चूसना शुरू कर दिया.
फिर वो बोली- मैं इतना बड़ा लंड केवल उनके मोबाइल में जब गंदी वाली वीडियो दिखाते हैं, तब देखी थी. लेकिन वो हमेशा बोलता है कि सच में ऐसा नहीं होता है, इतने बड़े बड़े लंड केवल वीडियो में दिखाए जाते हैं. लेकिन आपका लंड देखकर लगता है कि ऐसे लंड तो घर के पास भी मिल जाता है.
मैंने उससे पूछा- तुम कितने लंड देख चुकी हो?
वह कुछ देर सोचते हुए बोली- मैंने अपने पति के अलावा मेरे मायके में एक लड़के का देखा था, वो मुझे चोदता था. उस रात मेरे पति औऱ दोनों लड़के अपना लंड निकाल कर मुझे चोदने की कोशिश में थे, तब मैंने उन दोनों लड़कों के देखे थे.
बहुत पूछने पर वह अपने गांव के लड़के से हुई पहली बार की चुदाई के बारे में बताने लगी.
उस सेक्स कहानी को मैं किसी और कहानी में आपको बताऊंगा.
जब वो अपनी चुदाई की कहानी सुना रही थी, उस दौरान मैं उसकी चूचियों को चूसता रहा और उसकी चूत में उंगली डाल कर कभी उसकी भगनासा को रगड़ देता, जिससे वो चिल्लाने लगती. तो कभी उसकी चूत के अन्दर पूरी उंगली डाल देता.
उसकी चूत को देखकर यही लग रहा था कि अभी इसकी ज्यादा चुदाई नहीं हुई है और ना ही इसकी चूत के अन्दर कोई ढंग का लंड गया है. क्योंकि चूत में दो उंगलियां बड़ी टाइट जा रही थीं.
जब मैंने तीन उंगलियां डालने की कोशिश की तो वो चिल्लाने लगी.
अब मैं चुदाई के इस खेल को आगे बढ़ाने के चक्कर में था.
जब मैंने उससे अपना लंड चूसने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया.
मैंने समझाने की बहुत कोशिश की.
तो बोली- मैंने कभी लंड नहीं चूसा है. ये कोई चूसने की चीज थोड़ी न होती है.
मैंने उसको समझाया- तुम एक बार इसको चूस कर तो देखो, तुम चूसने के लिए बेताब हो जाओगी.
उसने धीरे धीरे अपना मुँह मेरे लंड की तरफ बढ़ाया.
अब मेरे लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था.
जैसे ही बिल्लो ने अपने होंठों से मेरा लंड थोड़ा सा लगाया, मैंने अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसेड़ दिया. उसके मुँह से केवल गों गों की आवाज आ रही थी.
मैं उसके मुँह में धक्के मारने में व्यस्त था.
लगभग 4-5 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया.
लंड निकालते ही वो जोर जोर से सांस लेने लगी और बोली- यहीं जान से मार देने का इरादा था क्या?
मैं हंस कर बोला- तुमको जान से मार दूंगा … तो मैं इस लॉकडाउन में चूत किसकी चोदूंगा. तुम्हारी इतनी कसी चूत तो किसी बिना चुदी हुई लड़की की ही होगी, जो अभी मिलना मुश्किल है.
इसी बीच मैंने सोचा कि इसकी चूत का स्वाद भी चूसकर ले लूं, फिर पता नहीं क्यों उसकी चूत पर झांटें देखकर चूसने की इच्छा नहीं हुई.
मैंने उससे बोला- अगली बार जब आना, तो चूत के बाल को साफ करके आना. मैं भी चुत को चूसना चाहता हूँ.
इस पर वह तैयार हो गयी लेकिन उसके पास झांटों को साफ करने का कोई साधन नहीं था.
मैंने उसको बता दिया कि मैं एक क्रीम दे दूंगा उससे साफ़ हो जाएगी.
वो बोली- क्रीम लगाने से कैसे हो सकती हैं?
मैंने उसे क्रीम के इस्तेमाल के बारे में सब बता दिया.
अब मेरा लंड उसके कसी चुत में जाने के लिए बेकरार था.
जब मैंने अपना लंड उसकी चुत की तरफ बढ़ाया तो साली मना करने लगी.
बिल्लो बोली- इतना मोटा लंड मेरी चुत में नहीं जाएगा. मैं हाथ से हिला कर आपका पानी निकाल देती हूं.
मैंने बोला- जब मुझे हाथ से ही निकालना होता, तो मैं खुद ही निकाल लेता. इतना रिस्क लेने की जरूरत ही नहीं थी. मैं तेरी चुत को बिना चोदे हुए नहीं जाऊंगा.
मैं जब अपना लंड उसकी चुत में डालने लगा, तो मुझे बिल्कुल कुंवारी चुत का अहसास हुआ. जब क़रीब 3-4 इंच अन्दर गया तो बिल्लो रोने लगी.
मैंने बिना परवाह किए अपना पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया.
जब मैंने उसकी तरफ़ देखा, तो वो रो रही थी.
मैं धक्के लगाने के बजाए उसकी चूचियां चूसने लगा.
एक मिनट के अन्दर ही वो नार्मल हो गयी और अपनी चुत को मेरे लंड पर धक्का देने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया कि अब ये चुदाई के लिए तैयार हो गई है.
मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिए.
उसकी चुत से काफी सारा पानी निकलने लगा जिससे मुझे धक्का लगाने में आसानी हो गई.
पहले दस मिनट तक मैं धक्का ज्यादा जोर से नहीं मार रहा था, लेकिन चुत में चिकनाई आते ही मैंने पलना शुरू कर दिया.
उसकी चुत ने अगले दो मिनट में ही पानी छोड़ दिया.
उसके बाद मैं भी उसकी चुत में लंड पेले हुए रुक गया. अभी मेरा लंड झड़ना बाकी था.
बिल्लो ने झड़ते ही मुझसे रुकने को कहा.
तो हम दोनों चिपक कर चूमाचाटी करने लगे.
उसने पूछने पर मुझे बताया कि ऐसा अनुभव मुझे पहली बार हुआ है औऱ मुझे बहुत मजा आया.
इतना कह कर वो मुझसे ज़ोर से लिपट गयी और मेरे गालों पर चूमने लगी.
बिल्लो बोली- आज पहली बार मेरी ढंग से चुदाई हुई है, क्योंकि इसके पहले मुझे मेरे बॉयफ्रेंड और पति ने ही मुझे चोदा है. उन दोनों से कभी भी मुझे ऐसा अनुभव नहीं हुआ.
अब मैं उसकी चुत में जोर ज़ोर से धक्का लगा रहा था और उसकी चुत ने फिर से गर्म होना शुरू कर दिया था.
बिल्लो की बातों को सुनकर मुझे काफी गर्व सा महसूस हुआ और मैंने जोश में अपने धक्कों की रफ्तार और भी बढ़ा दिया.
मैं बोला- रानी, ये तो अभी मजे की शुरुआत है, अभी पूरी चुदाई तो बाकी ही है. तुम बस देखती जाओ कि चुदाई किसे कहते हैं.
अगले दस मिनट तक मैं ऐसे ही जोर जोर से धक्का मारता रहा और उसकी चुत के मजे लेता रहा.
बहुत दिनों बाद मुझे ऐसी कसी हुई चुत चोदने मिली थी; मैं इसका भरपूर मजा लेना चाहता था.
उसके बाद मैं बेड पर पैर सीधा करके बैठ गया और उसको खींचकर उसे अपने लंड पर बैठा लिया.
उसकी चुत गीली होने के कारण लंड सरसराता हुआ चुत के अन्दर घुस गया और मैं उसकी चूचियों को मसलने औऱ चूसने लगा.
उसके मुँह से आह आह की आवाजें निकलने लगीं.
मैंने जानबूझकर पूछ लिया कि क्या हुआ … ऐसी आवाज क्यों निकाल रही हो?
वो बोली- सचमुच यार चुत में बहुत ही मजा आ रहा है. ये आवाज़ अपने आप निकल रही है. अभी आप अपना माल (वीर्य) अन्दर मत छोड़ देना. मेरा पति साला हमेशा ऐसे ही करता है, जब मुझे मजा आने लगता है तो उसका माल निकल जाता है. मैं फिर कुछ कर नहीं पाती हूं.
माल शब्द सुनते ही मैं चौंक गया औऱ सोचने लगा कि साली जितनी सीधी और शरीफ बनकर चुद रही थी, उतनी शरीफ है नहीं. इसकी कहानी जरूर कुछ औऱ होगी. शायद ये बात घर में पता हो, जो बाद में पता लगाऊंगा, अभी तो चोदने का समय है.
मैं तुरंत ही बोला- अपने पति की तरह नामर्द समझी हो क्या? जब तक तू आह आह से बाप बाप तक नहीं बोलना शुरू नहीं करेगी, तब तक छोड़ने वाला नहीं हूँ. मैं अब तक बहुत सारी चुत चोद चुका हूं, कभी किसी को निराश नहीं किया है.
मेरी यह बात सुनकर वो आश्वस्त होकर मजे लेने लगी.
इसी तरह चोदते हुए उसकी पहली चुदाई के बारे में पूछा, तो पूरी कहानी बता दी, जिससे मेरी चुदाई का मजा और बढ़ गया.
करीब 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद उसको पीछे की तरफ घुमा दिया औऱ वापिस चुत पर लंड लगा दिया.
अबकी बार औऱ भी मजे से मेरा लंड सरसराते हुए उसकी चूत में घुस गया और वो उछलने लगी.
मैं थोड़ी देर बाद लेट गया और वो अपनी गांड ऊपर नीचे कर रही थी, जिससे मेरा लंड उसके चुत के मुँह के पास तक आकर चुत की गहराई तक आ जा रहा था.
हमारे मजे की सीमा नहीं थी.
मैं थोड़ी देर बाद उठा और उसको आगे की तरफ झुका दिया.
अब उसकी गांड मेरे सामने थी और उसे लगा कि मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ.
तो उसने आज के लिए मना करते हुए कहा- पीछे की किसी और दिन … आज केवल मेरी चूत की प्यास को मिटा दीजिये.
अब वो खुल चुकी थी और जैसे फोन पर लंड चुत की बात कर रही थी, उसी तरह की बात सामने से भी करने लगी थी.
जबकि ये सब वो अभी तक नहीं कर रही थी.
मैं बोला- आज क्या … तुम दो दिन अब लंड नहीं मांगोगी, लेकिन मुझे तुमको कल भी चोदना है. पक्के से आ जाना आज के समय में ही.
इतना कहते ही मैं अपना लंड घोड़ी बने हुए में ही उसकी चूत में डाल दिया.
वो ‘बाप रे … मर गई …’ कहकर फिर चिल्ला दी.
जिससे मैं हँसने लगा और वो झेंपकर बोली- बाप रे … बोलने की आदत है.
काफी देर तक इसी पोज़ में चोदने के बाद वो बोली- अब मैं आपको चोदना चाहती हूँ.
मैं बोला- खरबूजा गिरे चाकू पर या चाक़ू गिरे खरबूजा पर, कटना तो खरबूजे को ही है. चल आ जा.
इतना कहते ही मैं बेड पर लेट गया औऱ बिल्लो अपना चेहरा मेरी तरफ करके मेरे लंड पर बैठ गयी.
लंड फिर से सरसराता हुआ उसकी कसी चुत में ऊपर नीचे होने लगा.
वो मुझे जोर जोर से पूरी ताकत से चोद रही थी या ये कहें कि वो खुद चुद रही थी.
अब वो चाह रही थी कि किसी तरह मेरा पानी निकल जाए और वो जीत जाए!
लेकिन मैं कहां कच्चा खिलाड़ी था. मैं बहुत ही आराम से लेटकर उसकी चुदाई के मजे ले रहा था.
मैं चोदते चोदते हुए उसको गंदी गंदी गालियां देने लगा था.
वह भी बहुत ही मजे से चुदाई का लुत्फ उठा रही थी.
हम दोनों इस चुदाई को मस्त बनाने के लिए चुत, लंड, चूची, गांड शब्दों का भरपूर प्रयोग कर रहे थे.
कुछ देर बाद मैंने वापिस उसको पलटकर लिटा दिया और उसकी चुत में अपना लंड पीछे के तरफ से ही डाला और चोदने लगा.
उसका मन अब चुदाई से भर चुका था, तो बोलने लगी- यार अब अपना माल मेरी चुत के अन्दर ही निकाल दो क्योंकि अभी मैं माहवारी से होकर निकली हूँ.
यह सुनकर मेरा लंड औऱ भी फनफनाकर चुत चोदने लगा क्योंकि मुझे चुत के अन्दर माल निकालने में बहुत ही आनंद का अनुभव होता है.
कुछ मिनट बाद उसी पोज में मेरे छोटू चोदू भगत ने अपने अन्दर की आग का लावा बिल्लो रानी की चूत में पूरा भर दिया.
मैं बिल्कुल खल्लास होकर उसके बड़े बड़े मम्मों पर सर रखकर सो गया.
कुछ मिनट तक मैं उससे चिपक कर सोता रहा. मैं बिल्कुल मदहोश हो चुका था.
उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने.
वो करीब 15 मिनट के बाद धीरे से दरवाजा खोल कर झांकने लगी.
बाहर किसी को नहीं आता देखकर चुपके से दरवाजे के रास्ते अपने घर चली गयी.
जाते जाते मैंने उसकी गांड पर एक चपेट मारकर बोला- अबकी बार इसका नंबर है, तैयार चिकनी करके रखना.
वो ‘ठीक है ..’ बोलकर चली गयी.
उसके जाने के बाद मैं भी एक सिगरेट पीकर छत के रास्ते से अपने घर आ गया.
मैंने उसी को फोन लगाया और बात करने लगा.
दोस्तो, मैं नील आपके सामने अपनी चुदाई की कहानी लिख कर आपसे जानना चाहता हूँ कि आपको मेरी यह दास्तान कैसी लगी.
प्लीज मुझे हैंगआउट्स पर मैसेज करके जरूर बताएं या आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं.
और हां मुझे यह भी बताएं कि इस गाँव की चूत की चुदाई कहानी पढ़ने के दौरान आपने अपने लंड को कितनी बार हिलाया. मैं आपके मैसेज का इंतज़ार करूंगा. मुझे आपके फीडबैक की जरूरत है, इसलिए प्लीज़ मैसेज जरूर करें.
[email protected]