देसी चाची Xxx चुदाई कहानी में मैं मेरी विधवा चाची की देखभाल के लिए उनके घर में ही रहता था. गरमी की एक रात मैंने चाची को खुले ब्लाउज और साड़ी जांघों तक उठी देखा.
प्रिय पाठकगण, आप सभी को मेरा प्रणाम.
आप सभी ने मेरी पहली सेक्स कहानी
भाभी की मम्मी के साथ बस में चुदाई
पढ़ी और मुझे आपकी ओर से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली.
आशा करता हूँ कि आप इस कहानी को भी उतना ही प्यार देंगे.
मेरा नाम रोहण है, मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है. मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ.
मैं कॉलेज ख़त्म करके अब प्राइवेट जॉब कर रहा हूँ.
मैं बिहार का रहने वाला हूँ.
ये देसी चाची Xxx चुदाई कहानी मेरे और मेरी चाची के बीच हुई प्यार और सेक्स की कहानी है जिसे सुनकर आप सभी के लंड और चूत से पानी की बौछार होने लगेगी.
मैंने कभी नहीं सोचा था कि चाची के साथ ऐसा कुछ करूँगा या कभी चुदाई करूँगा.
मेरी चाची का नाम पुष्पा है.
वे 40 साल की हैं. उनका कद लगभग 5 फीट का है, रंग सांवला है, जिसमें थोड़ी-सी चमक है. जैसी सभी मध्यम वर्ग की महिलाएं होती हैं.
उनका शरीर भारी है.
उनकी मोटी गांड और भरे हुए दूध देखकर मन करता है, काश एक बार मसलने को मिल जाए.
चाचा की मृत्यु के बाद से ही चाची किसी से ज्यादा बात नहीं करती थीं.
वे हमेशा उदास और गुमसुम रहने लगी थीं.
चाची की सिर्फ़ एक बेटी थी, उन्हें कोई बेटा नहीं था.
उनकी बेटी की शादी भी जल्दी हो गई.
मैं ही चाची के घर का सारा काम और बाहर का काम करता था.
अब घर में सिर्फ़ मैं और चाची ही रहते हैं.
क्योंकि शुरू से मैं कभी चाचा के घर, तो कभी अपने घर, जहां मन करता, वहां खाना खाता और रहता था.
चाचा के जाने के बाद मैं चाची के घर रहने लगा.
बात तब की है जब 2023 में गर्मी के मौसम में मैं अक्सर छत पर ही सोता था.
आसमान को देखते हुए ठंडी-ठंडी हवा आती और नींद बहुत अच्छी आती थी.
मैंने आज से पहले कभी अपनी चाची को बुरी नज़र से नहीं देखा था लेकिन उस दिन के बाद मेरा नज़रिया चाची के लिए बदल गया. मैं उनके लिए कामुक हो गया था.
हुआ यूं कि एक रात मैं छत पर सोया था.
रात को मुझे प्यास लगी और मैं पानी ले जाना भूल गया था.
मैं नीचे गया, पानी पिया और छत की ओर लौट रहा था कि मैंने चाची के कमरे की लाइट ऑन देखी.
उनके कमरे का दरवाज़ा भी खुला था.
मैंने सोचा कि शायद चाची भूल गई होंगी तो दरवाज़ा बंद कर देता हूँ, कहीं चोर न आ जाए.
मैं दरवाज़ा बंद करने गया, तो अन्दर चाची को सोते हुए देखा.
उनका हाल देखकर मेरा मन बहुत खराब हो गया.
गर्मी का समय था तो चाची सिर्फ़ पेटीकोट में सोई थीं.
उनकी साड़ी खुली हुई थी और उन्होंने अपना ब्लाउज़ भी खोल दिया था.
चाची को इस हालत में देखकर मुझे बहुत बुरा और खराब लगा.
मैंने सोचा कि गर्मी की वजह से चाची ऐसे सोई हैं.
मैं तुरंत ऊपर आकर सो गया, लेकिन नींद कहां थी.
पता नहीं क्यों … आज चाची मुझे चाची नहीं, किसी और रूप में दिखीं.
मैं सोचते-सोचते सो गया.
अगली सुबह सब सामान्य था.
सारा दिन जैसे रोजाना गुज़रता है, वैसे ही गुज़रा.
रात को मैंने खाना खाया और अपना बिस्तर लेकर छत पर सोने चला गया.
छत पर आकर मैं लेटा तो कल का दृश्य पुनः आंखों में घूमने लगा और चाची की हालत याद आने लगी.
बस फिर नींद कहां आने वाली थी.
आज मेरा मन कामुक हो गया था.
मैं फिर से चाची का नंगा बदन देखना चाहता था.
सोचते-सोचते रात के 11 बजे मैं चुपके से नीचे उतरा ताकि चाची जाग न जाएं.
आज फिर चाची ने दरवाज़ा बंद नहीं किया था.
वे फिर से साड़ी खोलकर सोई थीं.
आज मैं कामुक भरी नज़रों से चाची को देख रहा था.
उन्होंने काले रंग का पेटीकोट पहना था.
ब्लाउज़ और साड़ी खोल दी थी. उनकी चूचियां बहुत बड़ी थीं और गांड भी भरी हुई थी.
उन्हें देखकर लग रहा था कि काश ये मेरी चाची न होतीं … मेरी बीवी होतीं, तो दम भर चुदाई करता!
यही सब सोचते-सोचते मेरा लंड खड़ा हो गया.
उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां बहुत मस्त लग रही थीं और गांड भी बड़ी होने से चोदने में मज़ा बहुत आने वाला था.
चाची को देखते-देखते मेरा लंड रॉड बन गया.
मुझसे अब एक पल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था मगर बेबस था तो मैं छत पर आ गया.
चाची को सोचते हुए मैं लंड को रगड़ने लगा और पानी निकाल कर सो गया.
अब मेरी नीयत पूरी तरह चाची को चोदने का हो गई थी.
मैं बार-बार चाची को ही देखने लगा ताकि उनकी चूचियों का दर्शन हो जाए.
कई दिन तक रात को ताकझांकी करता रहा और रोज़ मुठ मारकर सो जाता रहा.
लेकिन अब बर्दाश्त से बाहर हो गया.
मैं इंटरनेट पर ‘भाभी कैसे पटाएं.’ और ‘आंटी कैसे पटाएं.’ के वीडियो देखने लगा.
मैं सोचता था कि शायद किसी तरह से कुछ मदद मिल जाए.
चाची की चुदाई की कहानियां पढ़ने लगा, थोड़ा-बहुत मूवी भी देखने लगा कि कैसे चाची की चुदाई करूँ.
फिल्मों को देख कर और सेक्स कहानी पढ़ पढ़ कर मैं सोचता और तरकीब निकालने लगता.
अब मैं ज्यादा समय घर में रहने लगा. जॉब के बाद चाची के साथ ही समय बिताने लगा.
एक दिन मैंने चाची से कहा- चाची, चलो कहीं घूमने चलते हैं!
पहले तो उन्होंने मना किया लेकिन मेरे जिद करने पर मान गईं.
मैं बहाने से उन्हें मूवी दिखाने ले गया.
चाची मना कर रही थीं लेकिन मैंने कह दिया- मैंने तो टिकट बुक कर लिया है. अगर नहीं गए, तो पैसा बर्बाद हो जाएगा.
आप तो जानते ही हैं औरतों को घर का पैसा बर्बाद होने का अच्छा नहीं लगता.
वे मान गईं.
हम लोग शाहरुख खान की मूवी पठान देखने गए.
‘बेशर्म रंग’ वाले गाने पर बहुत सारे लोग नाचने लगे और हो-हल्ला करने लगे.
मूवी ख़त्म होने के बाद हम दोनों ने डोसा खाया और रात 8 बजे घर पहुंचे.
फ्रेश होने के बाद मैं चाची के कमरे में चला गया.
हम दोनों बैठकर बातें करने लगे.
चाची अपने बारे में बताने लगीं.
इस तरह उनसे कुछ देर बात करके मैं ऊपर सोने चला गया.
आधी रात को मैं फिर से नीचे गया तो चाची ने आज साड़ी पहनी हुई थी.
मुझे आज कुछ नहीं दिखा.
मैं वापस छत पर आ गया और चाची को सोच-सोचकर लंड सहलाने लगा.
मेरा पानी पैंट में ही निकल गया.
अब मेरा हिम्मत बढ़ने लगी थी.
मैंने सोच लिया था कि जो होगा, देखा जाएगा.
अगले दिन चाची से थोड़ी इधर-उधर की बात शुरू की, तो किसी बात पर चाची से हंसी-मजाक होने लगा.
अब ऐसा रोज होने लगा था और चाची भी खुश रहने लगी थीं.
धीरे-धीरे उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछना शुरू किया.
इस तरह जब मुझे मन हुआ, तो चाची को साथ ले जाने का ख्याल आया.
अब मुझे ऐसा नहीं लगता था कि वे मेरी चाची हैं; बल्कि ऐसा लगने लगा था जैसे वे मेरी बीवी हों.
मेरा पूरा मन चाची को चोदने का था और मुझे थोड़ा और विश्वास हो गया था कि चाची अब ज्यादा मना नहीं करेंगी और अगर मना करेंगी भी, तो किसी को कुछ नहीं बताएंगी.
इसी तरह एक दिन मैंने चाची से कहा- चाची, आज मूवी देखनी है.
चाची भी मान गईं.
लेकिन मैंने कहा- चाची, आज घर पर ही टीवी पर देखेंगे.
मैंने पेन ड्राइव से मूवी देखने की बात कही.
मैंने जानबूझ कर 2-4 सेक्सी वीडियो भी पेन ड्राइव में डलवा लिए थे ताकि मूवी देखते-देखते उसे चला सकूं.
मैंने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ मूवी लोड करवाई थी जिसमें थोड़ा सेक्सी सीन भी था.
चूंकि ये पुरानी मूवी थी इसलिए चाची को शक नहीं होगा कि मैंने गंदी मूवी देखने के लिए जानबूझ कर चुनी.
मूवी में जीनत अमान का सेक्सी लुक और चूची का सीन देखकर मेरा लंड टाइट होने लगा.
चाची को मूवी अच्छी लगी क्योंकि उन्हें पुरानी फिल्में थोड़ी ज्यादा पसंद हैं.
मूवी खत्म होते ही तुरंत सेक्सी वीडियो शुरू हो गया.
मैंने नाटक किया- अरे, ये किसने डाल दिया.
यह सब बोलकर तुरंत वीडियो बदला, लेकिन फिर से सेक्सी वीडियो ही शुरू हुआ.
चाची उठकर चली गईं, वे कुछ बोलीं नहीं.
मेरे प्लान के हिसाब से सब ठीक-ठाक गुजरा.
मैं टीवी बंद करके चाची के पास सॉरी बोलने गया.
चाची गुस्से में बोलीं- तुमने जानबूझ कर ऐसा किया!
मैंने मना किया और कहा- नहीं चाची, मैंने ऐसा नहीं किया. पता नहीं, ये मेरे दोस्त की पेन ड्राइव है, शायद उसी ने डाल रखा.
उन्हें सॉरी बोलकर मैं छत पर चला गया.
रात को सोने का नाटक किया, लेकिन नींद नहीं आई.
मैं नीचे चाची को देखने गया.
चाची जाग रही थीं.
मैंने फिर से सॉरी बोला और उन्हें किस करने लगा.
चाची मना करने लगीं, लेकिन मैंने किस करना जारी रखा.
मैं सॉरी सॉरी बोलते हुए मैं उनके दूध दबाने लगा.
चाची ने मुझे पैर से धक्का मारकर दूर किया.
लेकिन मैं अब कहां रुकने वाला था.
इतना अच्छा मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहता था.
मैंने फिर से जबरदस्ती किस करना शुरू किया और चाची को जोर से पकड़ लिया.
अब चाची के पास कोई चारा नहीं बचा तो वे भी ढीली पड़ गईं.
मैं किस करते हुए उनके दूध को जोर-जोर से मसलने लगा.
चाची ‘आह्ह्ह … ऊऊऊ … आह्ह्ह.’ की आवाज करने लगीं.
वे बोलीं- मत करो … मैं तेरी चाची हूं.
लेकिन मैं रुका नहीं.
मैंने अपने कपड़े खोल दिए और चाची के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए.
उनके दूध मसलते हुए मैं उन्हें चूमने लगा.
चाची बोलीं- धीरे करो न … दर्द हो रहा है.
मैं ‘आई लव यू’ बोलते हुए उनके दूध दबाने लगा.
उनकी ‘आह्ह्ह … ऊई … उफ्फ’ की आवाज मुझे और मदहोश कर रही थी.
अब चाची भी मुझे अपनी ओर खींच रही थीं.
मैं समझ गया कि चाची भी गर्म हो गई हैं.
मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उनकी बुर की ओर ले गया.
उनकी चूत गीली हो चुकी थी.
मुझे समझने में देर नहीं लगी.
मैंने तुरंत चाची की साड़ी, पेटीकोट और पैंटी खोल दी.
अब मेरे सामने देसी चाची Xxx चुदाई के लिए नंगी थीं.
उनकी मोटी-मोटी चूचियां और चिकनी चूत देखकर मेरा लंड खूब टाइट हो गया, दर्द भी करने लगा.
मैंने चाची से कहा- चाची, मैं आपको बहुत प्यार करता हूं.
चाची ने नखरे से कहा- चोदने के लिए तू सब कुछ बोलेगा! अभी ज्यादा होशियार मत बन. चोदना है तो चुपचाप चुदाई कर और अब चाची मत बोल!
मैंने वैसा ही किया और ‘पुष्पा रानी’ बोलकर उनकी चूत में उंगली डाल दी.
चाची के मुँह से ‘सीईई आह्ह्ह ऊऊऊ आह्ह्ह’ की आवाज निकलने लगी.
मैं जोर-जोर से उंगली से चूत चोदने लगा.
चाची की आवाज सुनकर मैं और जोर से उंगली डालने लगा.
फिर चाची की बुर से पानी निकल गया.
मैंने उनकी चूत साफ की और चाटने लगा.
चाची बुर चटवाने का मजा लेने लगीं.
वे ‘आह्ह उफ्फ’ की आवाज करतीं और गांड उठा-उठा कर चूत चटवाने लगतीं.
मैं कभी अपनी जीभ लंबी करके उनकी चूत में अन्दर तक डाल देता, तो कभी होंठों से चूत का दाना पकड़ कर खींचता.
चाची पूरा आनन्द लेने लगीं.
अब वे मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगीं.
मैंने चाची से लंड चूसने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
मैंने उनका सिर पकड़ कर अपने लंड पर ले गया और चूसने को कहा.
चाची ने लौड़े को चूसना शुरू कर दिया.
चाची को लंड चूसते देख मेरा लंड झटके मारने लगा और जल्दी ही उनके मुँह में सारा रस भर गया.
चाची ‘छी:.’ बोलकर सारा रस थूक दीं.
मुझे जिंदगी में इससे ज्यादा मजा कभी नहीं आया था.
हम दोनों इस तरह लेट गए और एक-दूसरे के सामने से खेलने लगे.
मेरा हाथ चाची की चूत में था और चाची मेरे लंड को सहला रही थीं.
करीब दस मिनट बाद मेरा लंड फिर से पूरी तरह टाइट और सनसना गया.
चाची बोलीं- क्या बात है? अभी फिर चूसूं क्या?
मैंने हां में सिर हिलाया.
वे खुद मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने चाची की बुर को थूक से गीला किया और अपना लंड उनकी चूत पर ताली की तरह बजाने लगा ‘थप-थप’
मैं लंड पकड़कर चूत में थप-थप बजाने लगा.
अब चाची से रहा नहीं गया. वे बोलीं- डालो ना अब … और मत तड़पाओ!
मैंने देर न करते हुए चाची से कहा- लो मेरी पुष्पा रानी, लंड का मजा लो.
यह कह कर मैंने जोर से धक्का मारकर लंड उनकी चूत में डाल दिया.
मैं उन्हें जोर-जोर से चोदने लगा.
चारों तरफ चाची की ‘आह्ह्ह … उफ्फ्फ … ऊई … आह्ह्ह.’ की आवाज गूंज उठी.
घर में सिर्फ हम दोनों थे तो खुलकर चुदाई करने लगे.
कभी वे मेरे ऊपर चढ़ जातीं, तो कभी मैं उनके ऊपर.
मैंने चाची की चूत चुदाई में सारी पोजीशन ट्राई की लेकिन जो मजा डॉगी स्टाइल और देसी स्टाइल में है.
वह किसी और आसन में नहीं आता है.
अंत में मैं चाची को डॉगी स्टाइल में चोदने लगा.
‘गप-गप-गप-गप.’
मैं लंड अन्दर तक डाल दे रहा था.
बहुत मजा आ रहा था.
‘औच आह … फुच … फुच’ की आवाज गूंज रही थी.
मुझे तो ऐसा लग रहा था मानो मेरी बहुत दिनों की ख्वाहिश पूरी हो गई.
लगभग 25 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकल गया और सारा पानी चाची की चूत में भर गया.
फिर हम दोनों अलग हुए और सोने लगे.
लेकिन 30 मिनट बाद मेरा लंड फिर टाइट होने लगा.
मैंने चाची को उठाया.
चुदाई से थककर वे सो गई थीं लेकिन मेरे जिद करने पर वे उठ गईं.
इस बार मैंने शुरू से ही चाची को घोड़ी बनाया.
चाची की गांड चाचा ने अभी तक नहीं मारी थी.
मैं पहला था जो उनकी गांड मारने वाला था.
मैंने अपना लंड थूक से गीला किया और जोर से डाल दिया.
चाची दर्द के मारे चिल्लाने लगीं- निकालो!
लेकिन मैंने और जोर से धक्का मार-मारकर चोदने लगा.
कुछ देर के दर्द के बाद अब चाची भी गांड चुदाई का मजा ले रही थीं.
इस तरह चुदाई करते-करते हम दोनों थक गए और एक-दूसरे की बांहों में सो गए.
अगली सुबह जब मैं उठा, तो देखा चाची बेड पर नहीं थीं.
मैं बाहर निकला, तो देखा चाची आज बहुत खुश थीं.
इस तरह हर रात हम दोनों चुदाई करने लगे.
अब तो हाल यह था कि कभी चाची की चूत में, तो कभी गांड में लंड पेल देता था.
मैं उनके दोनों छेदों में लंड घुसेड़ने लगा था.
आप सभी को मेरी देसी चाची Xxx चुदाई कहानी पसंद आई होगी.
तो मुझे अपने विचारों से अवश्य अवगत कराएं.
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