मेरी सेक्सी बीवी औलाद के लिए नौकर से चुद गयी- 1

चीटिंग वाइफ एडल्टरी स्टोरी में रात में दो बजे मैं अपने घरेलू नौकर के कमरे के बाहर पहुंचा कुछ आवाजों को सुनते हुए. ये आवाजें जोरदार चुदाई की थी. दरवाजा बंद था, मैं अंदर नहीं देख सकता था.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी एक धोखेबाज पत्नी, व्यभिचार संभोग की है.
अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो इस कहानी को तत्काल छोड़ दें.

याद रखें कि व्यभिचार काल्पनिक और कामुकता में आनन्द का एक बड़ा स्रोत हो सकता है, लेकिन वास्तविक जीवन में यह लोगों को नुकसान पहुंचाता है और विवाह को नष्ट करता है.

कृपया निम्नलिखित कहानी को केवल एक काल्पनिक और काल्पनिक कृति के रूप में लें, यह आनन्द देने के लिए लिखी गई है और इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है.

यह एक मौलिक रचना है, हालांकि मैंने ऑनलाइन अनगिनत नौकर और महिला संबंधों की कहानियों से प्रेरणा ली है, खासकर अपने देश में, उन सभी का धन्यवाद जिन्होंने घर की महिला के दूधवाले, ड्राइवर, पुरुष नौकर, गार्ड, नौकरानी के पति, सब्जी वाले से चुदाई के बारे में लिखा है. आप सभी लेखकों के शब्दों ने इस कहानी को प्रेरित किया है.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम गगन है.
यह मेरी सच्ची चीटिंग वाइफ एडल्टरी स्टोरी है, जो मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ.

रात का समय था.
मैं चुपके से नौकर के कमरे की ओर नीचे चला गया, यह ध्यान रखते हुए कि कोई आवाज़ न आए.

पिछले चार महीनों की तरह यह कुछ ऐसा था, जो मैंने खुद को हर दूसरी रात कमोबेश बार-बार करते हुए पाया.
यह मेरे लिए बहुत शर्म और निराशा की बात थी.

जैसे ही मैं हमारे नौकर बलवान के बेडरूम के पास पहुंचा, दरवाज़े के पीछे से आने वाली आवाज़ें तेज़ होती जा रही थीं.

मैं शर्म और अपमान दोनों से शर्माने लगा था, लेकिन साथ ही एक स्पष्ट उत्तेजना भी महसूस कर रहा था.

यह ऐसी उत्तेजना थी, जिसे मैं लिख कर नहीं समझा सकता, लेकिन इनकार भी नहीं कर सकता था क्योंकि मेरा लंड सख्त होने लगा था.
शर्म और अपमान … ज़ाहिर है, उस दरवाज़े के पीछे जो हो रहा था, उसके कारण था.

मैं सावधानी से दरवाज़े के पास घुटनों के बल बैठा और चाबी के छेद पर कान लगाया.
पलंग की चरमराहट और चीख़ की आवाज़ें बहुत तेज़ थीं और बहुत साफ सुनाई दे रही थीं.

बलवान के कमरे में पुराना बिस्तर आगे-पीछे हिल रहा था, चरमरा रहा था और उसके पलंग के पैर चरमरा रहे थे.
मेरा नौकर बलवान जोर-जोर से कामुक आवाज़ें निकालता हुआ एक खूबसूरत गोरे बदन वाली मालकिन के साथ जोशीले सेक्स में मग्न था.

मैं उसकी नंगी त्वचा को किसी और की नंगी त्वचा पर थपथपाते हुए सुन सकता था.
जिस महिला को मेरा नौकर बुरी तरह से चोद रहा था, वह जोर-जोर से कराहने लगी थी क्योंकि उसका आनन्द बढ़ गया था.

वह बुदबुदाई- ओह, बलवान … ओह मेरे प्यारे बलवान … तुम बहुत चुदाई में अच्छे हो!

जब मैंने अपनी पत्नी को कराहते हुए सुना, तो मेरे ऊपर एक गर्म वासना के साथ साथ अपमान की भावना भी छा गई.
बिस्तर के हिलने की चरमराहट लगातार बढ़ती जा रही थी.

जिस महिला को मेरा नौकर चोद रहा था, जिस महिला की चूत में बलवान का बड़ा लंड अन्दर-बाहर हो रहा था, वह मेरे जीवन का प्यार थी … मेरी अपनी प्यारी पत्नी निकिता!

‘ओह बलवान … ओह बलवान.’ यह बोलती हुई निकिता खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी.

आनन्द की लहरें उसके ऊपर छाती जा रही थीं.
वह हमारे नौकर का नाम लेती रही, जबकि वह उसे चोदता रहा.

निकिता बहुत तेज़ आवाज़ में बोल रही थी.
कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता था कि बलवान के कमरे की खिड़की से आवाज़ कितनी दूर तक जाएगी.

बलवान का कमरा ग्राउंड फ्लोर पर था और उसकी खिड़की सड़क की ओर थी.
हालांकि हमारे घर के चारों ओर बाड़ थी, लेकिन बाड़ के बगल से सड़क पर चलने वाला कोई भी व्यक्ति निकिता की आवाजों को सुन सकता था.

ऐसा नहीं कि रात के 2 बजे सड़क पर कोई चल रहा था, लेकिन फिर भी मुझे डर तो लग ही रहा था.

कमरे के अन्दर से लगातार चरमराहट और चीख की आवाज़ें और तेज़ हो गई थीं.
बिस्तर के फ्रेम की लयबद्ध चरमराहट ने मेरे अपमान को और बढ़ा दिया था.

यह मुझे संकेत दे रही थी कि मेरी पत्नी निकिता के अंदर फिर से बलवान द्वारा गहराई से प्रवेश कराया जा रहा था.
मेरे नौकर का बहुत बड़ा लंड मेरी पत्नी की चूत में घुस रहा था.
उसकी कराहों और बड़बड़ाहट से मैं समझ सकता था कि वह हर पल का आनन्द ले रही थी, हमेशा की तरह!

बिस्तर तेज़-तेज़ हिल रहा था, ठीक वैसे ही जैसे हर रात बलवान ने मेरी बीवी को चोदा था.

‘ओह … बलवान … मुझे तुम्हारा बड़ा लंड बहुत पसंद है आह और ज़ोर से … आह … ओह … मैं तुमसे प्यार करती हूँ बलवान!’
निकिता ने हमारे नौकर को जोश में पुकारा.

अचानक पलंग की चरमराहट रुक गई.
यह एक हल्का विराम था, जिसे बाद में मैंने समझा कि बलवान ने चुदाई बंद करके हाथ उठाया था.

तभी वातावरण में थप्पड़ की आवाज़ गूंज उठी थी लेकिन यह बहुत तेज नहीं थी.
बलवान ने मेरी बीवी के चेहरे पर थप्पड़ मारा था, लेकिन बहुत ज़ोर से नहीं.

उसने उसे फिर से थप्पड़ मारा.

हाल ही में वह उनके संभोग के दौरान उसे बहुत थप्पड़ मार रहा था.
इससे मेरी पत्नी की आह आह की तेज आवाज निकल रही थी.

‘मेमसाब, यार तुम बहुत ज़्यादा शोर मचाती हो!’

बलवान ने जब तुम कहा तो समझ में आया कि अब वह मुश्किल से नौकर की तरह व्यवहार कर रहा था.
तभी उसने अपनी टोन बदली और गुर्राते हुए एक गाली देते हुए आदेश दिया- मुझे चूम मादरचोद साली मालकिन!

शायद निकिता को इस सम्बोधन से अच्छा ही लगा था.
‘ओह हां मेरे राजा … मेरी तेज आवाज निकल रही थी … मुझे माफ़ कर दो मेरे बलवान उउम्माह..!’
मेरी बीवी ने उसे चूमते हुए कहा.

इस पर बलवान ने भी चूमा.

मैंने उन्हें जोर-जोर से चूमते हुए सुना.
मेरी पत्नी जोश में उसके ऊपर लार टपका रही थी.

बलवान ने चुदाई फिर से शुरू कर दी और वह मेरी बीवी की चुत में लंड घुसेड़ घुसेड़ कर उसे चोदता रहा.

कमरे के अन्दर फिर से चरमराहट और चीखें शुरू हो गईं ‘उंह … उंह … ओह बलवान … मैं तुमसे प्यार करती हूँ!’

मेरी पत्नी अब और भी ज़ोर से कराह रही थी, भले ही उसे फिर से थप्पड़ खाने का जोखिम था.
बलवान का लंड उसकी बुर में और भी ज़ोर से घुसने लगा.

मैंने चाबी के छेद से अन्दर का नज़ारा देखने की कोशिश की लेकिन मैं वास्तव में समझ नहीं पाया कि क्या हो रहा था, क्योंकि अन्दर लाइटें बंद थीं.

मुझे पता था कि बलवान मेरी पत्नी के साथ थोड़ा ज़्यादा कठोर होने लगा था क्योंकि और भी ज़्यादा थप्पड़ लगने की आवाज साफ सुनाई दे रही थी.

मैं कमरे के अन्दर का सीन नहीं देख पा रहा था.
हालांकि, चाबी के छेद से निकलने वाली आवाज़ों से यह बिल्कुल साफ हो गया कि बंद दरवाज़े के पीछे क्या हो रहा था.

‘ओह मेरे बलवान!’
निकिता ने हांफते हुए कहा- ओह गॉड … तुम्हारा लंड इतना बड़ा है … मैं झड़ रही हूँ!

निकिता तेज़-तेज़ बड़बड़ा रही थी.
बिस्तर चरमरा रहा था क्योंकि बलवान उसे लगातार चोद रहा था.

यहां तक कि मेरी पत्नी का चरमोत्कर्ष भी शुरू हो गया था.

‘आह … आह … ओह हां … ओह … आह!’
निकिता बलवान के धक्कों को सहती हुई बड़बड़ाती रही.

बेडस्प्रिंग बहुत ज़ोर से चीख रहे थे.
बिस्तर अब दीवार से ज़ोर-ज़ोर से टकरा रहा था और स्प्रिंग ऐसी आवाज़ कर रहे थे मानो वे टूटने वाले हों.

बलवान अब मेरी पत्नी को ज़ोर से और तेज़ी से चोद रहा था.

मैंने कमरे के अन्दर से आ रही आवाज़ तेज़ होती हुई सुनी.
यह आवाज़ मेरे नौकर और मेरी पत्नी के जिस्म टकराने से उत्पन्न हो रही थी.
ऐसा लग रहा था कि दोनों में से किसी एक ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी थी, जिसके कारण यह आवाज़ तेज़ हो गई थी.

मैं बाहर से यह अंदाज़ा नहीं लगा पा रहा था कि यह किसका काम है.
तभी मुझे इसका पता चल गया.

‘मेमसाब … आह मैं झड़ने वाला हूँ!’ अचानक बलवान बोला.

मानो बलवान निकिता से इजाज़त माँग रहा हो जैसे चुदाई में हर बार वह उसकी बात मानता हो.

मैंने इस बात पर सुना कि मेरी पत्नी हमारे नौकर के गाल पर ज़ोर-ज़ोर से चुम्बन दे रही थी.

‘ओह बलवान … डॉन्ट वरी, तुम मेरे अन्दर ही झड़ जाओ!’
मेरी पत्नी ने बड़े प्यार से कहा.

चीटिंग वाइफ एडल्टरी में बिस्तर की चरमराहट तेज़ और तेज़ होती जा रही थी.

‘ओह हां… आह… आह. ओह बलवान. मैं तुमसे प्यार करती हूँ. बलवान, प्लीज़, मेरे अन्दर वीर्यपात करो … ओह मेरे बलवान!’

निकिता इस समय चुदाई में काफ़ी मुखर और ज़ोरदार थी.

मैंने बलवान को जोर से कराहते हुए सुना. यह एक ऐसी आवाज़ थी, जिससे मैं पहले से ही परिचित था क्योंकि मैं हर बार जब भी झड़ने को आता था, तो यही आवाज़ सुनता था.
‘आआ … आआ … आह.’

बिस्तर अब तेज़ी से हिल रहा था.
इसमें कोई संदेह नहीं था कि बलवान अब मेरी पत्नी में वीर्यपात कर रहा था.

मेरी प्यारी पत्नी निकिता के उपजाऊ गर्भ में अब एक ऐसे आदमी का वीर्य भर रहा था जो उसका पति नहीं बल्कि हमारा नौकर बलवान का वीर्य था.

अब निकिता चुप थी, बस वह कभी-कभी कराहती हुई आवाज़ निकाल रही थी.
क्योंकि बलवान समय-समय पर अपने नितंबों को मोड़ता था और अपना वीर्य उसके अन्दर और ज़्यादा डालने लगता था.

फिर मैंने उसे हमारे नौकर को फिर से चूमते हुए सुना.
‘ओह बलवान … ओह माय लव!’

निकिता कराह रही थी- मैं तुमसे प्यार करती हूँ … ओह यह अद्भुत सेक्स था!’

आमतौर पर यही वह समय होता था, जब मैं अपने बेडरूम में वापस जाता था.
बिस्तर पर लेट जाता था और सोने का नाटक करता था.

मेरी पत्नी निस्संदेह जल्द ही हमारे बेडरूम में वापस आ जाएगी.

लेकिन जब मैं वहां से धीरे से जाने के लिए खड़ा होने वाला था, तो मैंने उनमें से किसी को भी हिलते हुए नहीं सुना.

मुझे लगा कि निश्चित रूप से बलवान और मेरी पत्नी एक और दौर शुरू करने के बारे में नहीं सोच रहे थे?
तो भी वे क्यों रुके हुए हैं?

मुझे कुछ अजीब-सा लग रहा था, इसलिए मैंने फिर से दरवाज़े के छेद पर अपने कान लगा दिए और अन्दर हो रही आवाज़ों को सुनने की कोशिश करने लगा.

मैं कमरे के अन्दर उन दोनों की तेज तेज सांस लेने की आवाज़ें सुनी, मैं महसूस कर सकता था कि उन दोनों के बीच कितनी जबरदस्त चुदाई का दौर चला था.

इसी कारण से वे दोनों एक दूसरे से चुपके हुई लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे, बीच-बीच में मैं इन दोनों को एक दूसरे को चुनते हुए सुन सकता था. लेकिन कोई भी कुछ भी बोल नहीं रहा था, इससे मुझे नहीं पता चल रहा था कि वह दोनों क्या सोच रहे हैं? और आगे क्या करने वाले हैं?

आप मेरे साथ बने रहिए और इस चीटिंग वाइफ एडल्टरी स्टोरी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.
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