अन्तर्वासना2 सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने इंस्टिट्यूट के स्टाफ के एक लडके के रूम में जाकर घनघोर चुदाई का मजा लिया आगे से भी और पीछे से भी.
अन्तर्वासना2 सेक्स कहानी के पिछले भाग
इंस्टीट्यूट में बांके जवान लड़के का लंड चूसा
में आपने पढ़ा कि मैंने अपने इंस्टिट्यूट के स्टाफ के लड़के को पता कर उसके साथ सेक्स का मजा लेना शुरू कर दिया. उस दिन वो मुझे अपने रूम में ले गया.
दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर आ गए।
मैं खड़ी हुई और उसके सीने से लग गयी। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से भींच लिया.
अपना पूरा शरीर उसने जैसे मुझसे सौम्प दिया कि जो मेरे मन में हो, वो मैं कर सकती हूँ उसके साथ।
अब आगे की अन्तर्वासना2 सेक्स कहानी:
उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे बालों पर लगी क्लिप को निकाल दिया.
मेरे पूरे बाल खुल गए और उसने मेरे बालों में अपना हाथ घुमा कर पूरे अपने हाथ में मेरे बालों को फंसा लिया.
फिर उसने मेरा सर खींचते हुए मेरे होंठों को खूब चूसा.
लेकिन जब वो किस करके अपना मुँह हटाने लगा तो मैंने अपने दांतों से उसके नीचे वाले होंठ को दबा लिया. फिर अपने दांतों से उसका होंठ खूब मसला … इतना कि साहिल के होंठ से खून आ गया.
मैंने अपने होंठों से साफ कर दिया जिसके बाद जवाब में उसने मेरे गाल को पकड़ा और अपना दांत मेरे गाल में घुसा दिया.
अब मुझसे सहा नहीं गया तो मैंने हाथ से उसको दूर हटाना चाहा. लेकिन साहिल ने मेरे गाल में अपने दांत गढ़ा दिये.
और जब कुछ देर बाद मुँह हटाया तो मैंने हाथ से छुआ अपने गाल को … तो बहुत ज़्यादा गहरा निशान पड़ गया था.
उसने मेरे सभी लव बाईट का एक ही बार में हिसाब कर दिया।
मैंने अब उसके शर्ट के बटन खोलकर साहिल की शर्ट उतार दिया.
और उसका … या यूं कहिए कि इतने मस्त शरीर वाले लड़के का नंगा शरीर मैं पहली बार देख रही थी।
अब मैं उसकी छाती को चूमने और चाटने लगी और उस पर भी मैंने अपने दांत के निशान दिये.
फिर उसे चूमते हुए नीचे तक आयी और उसकी बेल्ट निकाल कर उसकी पैन्ट उतार दी.
अब वो मेरे सामने पूरा नंगा खड़ा था.
उस टाइम मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा थी जैसे किसी चोर के सामने खुली तिजोरी हो!
वो खड़ा था और मैं सोफे पर बैठ कर उसका लन्ड चूसा. उसकी गोलियों को भी खूब अपने मुँह में घोला.
जिसके बाद उसने मुझे खड़ा किया और अपनी छाती से मेरी पीठ को सटा कर मेरे गालों को चाटने लगा. अपने हाथों से मेरे दोनों मोटे मोटे 36″ के चूचों को दबाने लगा.
और फिर मुझे सीधा कर के मेरी चूचियों के बीच की घाटी में अपना मुँह घुसा कर अपनी जीभ फेरने लगा.
कुछ देर में ही उसने मेरा पल्लू हटा कर एक ही झटके में मेरी पूरी साड़ी खोल कर अलग कर दी.
अब मैं बस पेटीकोट और ब्लाउज में थी उसके सामने!
वो नीचे होकर मेरी नाभि ने अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगा. मेरे दोनों स्तनों को मींझने लगा.
उसने मुझे कुछ ही सेकंड में पूरी नंगी कर दिया और मुझे सोफे पर लिटा कर मेरा दूध पीने लगा. फिर खूब ज़ोर ज़ोर से मेरे निप्पल्स को चबाने लगा.
उसके बाद वो नीचे चाटते हुए मेरी चूत तक आ पहुंचा.
जैसे ही उसके मुँह की गर्म भाप मेरी चूत पर पड़ी, मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
कुछ देर उसने मेरी चूत को बहुत तबीयत से चाटा।
अब वो खुद मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूत में अपने लन्ड को सेट करने लगा.
अगले ही पल उसने एक ज़ोर का झटका माराऔर उसका टोपे से कुछ ज़्यादा हिस्सा मेरे चूत को चीरते हुआ घुस गया.
मेरी एक जोर की चीख निकल गयी.
वो थोड़ा रुक गया और मेरे दर्द को कम करने के लिए उसने मेरे होंठों और मम्मों को चूमा.
मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मौका देखते हुए उसने एक और 440 वोल्ट का झटका मेरे चूत में मारा जिससे मेरी चूत पूरी तरह से चिर गयी.
फिर उसने बिना रुके दो – तीन झटकों में अपना पूरा लम्बा मोटा गर्म लट्ठा मेरी गर्म भट्टी में ठूँस दिया।
अब मैं दर्द से चीख रही थी और वो मुझे शांत करने के लिए मेरे होंठों को चूसे जा रहा था.
कुछ मिने बाद जब मुझे कुछ हल्की राहत मिली तो वो मेरी गर्म गुफा में अपनी रेलगाड़ी दौड़ाने लगा.
और कुछ देर मेरी चूत ठोकने के बाद उसने बिना अपना लन्ड बाहर निकाले मुझे अपनी गोद में उठा लिया और खुद वो नीचे हो गया.
मैं ऊपर साहिल के लन्ड पर बैठ कर उड़ने को तैयार थी।
अब मैं अपनी गांड उठा उठा कर उसके लन्ड में अपने दोनों चूतड़ पटकने लगी.
मेरी चूत में पानी निकलने की वजह से उस पूरे कमरे में पच पच की आवाज़ गूंज रही थी.
मैं जैसे आसमानी झूले की सैर कर रही थी। मेरे मुँह से मदमस्त कामुकता भरी आवाज़ साहिल के लन्ड को और रफ्तार दे रही थी।
मेरे दोनों मुग़ल काल के महल के गुम्बद हवा में झूल रहे थे।
मेरी सिसकारियों ने एक अलग ही समा बांध रखा था.
अब वो मेरे दोनों चूतड़ों पर अपने हाथों से चांटे मार रहा था. जिससे मेरी पूरी गांड पर उसकी उंगलियां छप गयी थी.
साहिल की चुदाई की रफ्तार जैसे जैसे बढ़ रही थी, मेरी कामुक मादक सिसकारियाँ निकल रही थी; मैं साहिल को और ज़्यादा तेज़ चोदने को कह रही थी।
अब अगले ही पल उसने किसी पहलवान की तरह धोबी पछाड़ की तरह मुझे अपने नीचे पटक दिया और वो मेरे ऊपर सवार हो गया.
अब उसका लन्ड बिल्कुल अंदर तक घुसने लगा था. मैं अब ‘उफ़्फ़ हहह ओह्ह हहह यस उफ़्फ़ह हहहह फ़क ई आहह … चोदो मेरे राजा अपनी जान को! इतना चोदो कि मैं बस तेरी ही दीवानी हो जाऊँ. फाड़ दो मेरी चूत … आह आह कर रही थी।
इस अवस्था में मेरी चूत मारने के बाद उसने मुझे कुतिया बना कर मेरी चूत में अपना लन्ड घुसा दिया. और मेरी दोनों चूचियों को मसलते हुए मुझे ठोकने लगा।
अभी ये कुतिया चुद ही रही थी कि मेरी दीदी का फ़ोन आ गया.
मैंने साहिल को रोका लेकिन वो रुका नहीं; वो जैसे किसी मशीन की तरह मुझे चोद रहा था.
लेकिन फ़ोन उठाना भी ज़रूरी थी फिर मैंने अपनी उखड़ती हुए सांस को थोड़ा थामा और फिर फ़ोन उठाया.
दीदी से बात की.
लेकिन मेरी सास अभी भी उखड़ी हुई थी क्योंकि मेरी चूत में फुल स्पीड में लन्ड घुस रहा था जिसकी फट फट की आवाज़ फ़ोन के पार जा रही थी.
जिसको सुन कर दीदी ने पूछा- ये आवाज़ कैसी है? और तुम इतना हाम्फ क्यों रही हो?
तो मैंने बात बनाते हुए बोला- कुछ काम हो रहा है, आवाज़ उसकी है. और मेरी फ्रेंड मुझे दौड़ा रही थी. मैं इसलिए हाम्फ रही हूँ.
इतना कहते हुए मैंने मेरी समझ से फ़ोन काट दिया.
लेकिन वो कटा नहीं था. जिसका नतीजा क्या हुआ वो आप को आगे पता चल जाएगा.
अभी के लिए आप इस कुतिया बानी एक चुदास औरत की चुदास कहानी सुनिए।
इसके बाद साहिल खुद सीधा हो कर लेट गया और मेरा बाल पकड़ कर मुझे खींच लिया अपने लन्ड के तरफ! मेरे सर को पकड़ कर अपने लन्ड को मेरे मुँह के अंदर बाहर करने लगा.
अब मैं समझ गयी कि मेरी दो बार झड़ने के बाद अब ये पहली बार झड़ने वाला है.
अगले कुछ मिनट में एक गर्म नमकीन सैलाब मेरे मुँह में आ गया. हर बार की तरह इस बार भी साहिल ने मेरा मुँह में पूरा अपना लन्ड घुसाए रखा; आज फिर उसका सारा बीज मेरे हलक के पार चला गया।
अब एक राउंड चुदाई का खेल खेलने के बाद मैं उसके ऊपर लेट गई.
हम दोनों अपनी उखड़ती साँसों पे काबू पाने की कोशिश करने लगे.
तभी मेरी नज़र सामने घड़ी पर पड़ी तो देखा एक घंटा हो गया था मुझे साहिल से चुदते हुए।
मैं घर से अपने लिए भोजन लेकर आई थी तो हम दोनों ने मिल कर खाया।
खाना खाने के बाद साहिल सोफे पर बैठा था.
तो मैं भी जा कर उसकी गोद में बैठ गयी.
अभी हम दोनों नंगे ही थे.
तभी साहिल ने अपना मोबाइल उठाया और उसने एक पोर्न वीडियो लगा दी।
उस वीडियो में साहिल के जितना ही बड़े लन्ड वाला काला आदमी एक लड़की की पहले तो खूब अच्छे से गांड चाटता है; फिर उसको झुका कर उसकी गांड मरता है।
वो पूरी वीडियो खत्म हो जाने के बाद साहिल मेरे गालो को चूमते हुए बोला- क्या हम दोनों भी ये करें?
मैंने सोचा कि मैंने कभी ज़िन्दगी में गांड नहीं मरवायी है. अभी मेरी गांड की सील भी पैक है. साहिल का लन्ड भी इतना बड़ा है कि पक्का मेरी गांड फट जाएगी.
लेकिन अगर मैंने इसको मना किया और कहीं ये मुझे दूर चला गया तो ऐसा लन्ड और इतनी जबरदस्त चुदाई करने वाला कहाँ मिलेगा.
मैं इतना सोच ही रही थी कि साहिल बोला- क्या हुआ? कोई दिक्कत है तो रहने दो. नहीं करते!
इस पर मैं बोली- नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है. जो कुछ भी करना हो, वो करो तुम. लेकिन दर्द बहुत होगा. यही सोच रही हूँ।
साहिल- ठीक है फिर रहने दो।
मैं- नहीं मेरी जान, रहने कैसे दूँ. अब इतना अच्छा मौका और इतनी नायाब चीज़ मुझे मिली है, मैं उसको कैसे जाने दे सकती हूं. और रही बात दर्द की … तो तुम्हारे लिए मैं इतना दर्द झेलने को तैयार हूँ.
मेरे इतना कहते ही उसने मुझे एक बहुत अच्छा सा किस किया और फिर वो किचन से सरसों का तेल ले आया. फिर मुझे बेड पर लेटा दिया.
अब वो फिर से गया और रस्सी ले आया. उसने मुझे बेड पर उल्टा लेटा कर मेरे दोनों हाथ और पैर बांध दिये।
तब उसने मेरी गांड चाटना शुरू किया.
पहले तो जीभ घुसा घुसा कर मानो मेरी गांड चोद रहा हो अपनी जीभ से!
फिर मेरी गांड के छेद में बहुत सारा सरसों का तेल भर दिया और अपने मोटे लोहे के रॉड जैसे लन्ड को भी पूरा तेल से भिगो लिया.
इसके बाद अपने हाथों से मेरी गांड का छेद खोल कर अपना टोपा रख कर मेरे ऊपर चढ़ गया.
फिर ज़ोर लगा कर मेरी गांड में लंड डालने लगा.
अभी साहिल का टोपा ही गया था कि मैं दर्द से चिल्लाने लगी.
लेकिन साहिल को मेरी गांड मारने का लाइसेंस मैंने ही दिया था तो उसने मेरे दर्द को भी नहीं सुना और लगातार झटके पर झटके मारने लगा.
6 – 7 झटके मारने के बाद उसने फिर से अपने लन्ड पर तेल गिराया जो बहते हुए मेरी गांड के छेद में गया.
जैसे ही उसका आधा लन्ड मेरी गांड में गया … मेरी गांड फट गयी. खून बहने लगा.
और मैं रोने लगी चिल्लाने लगी.
लेकिन इस पर भी वो नहीं रुका. उसने कुछ झटकों में मेरी गांड में पूरा घुसा दिया अपना मूसल लौड़ा।
अब मेरी गांड आग की तरह जलने लगी. बहुत ज़्यादा जलन हो रही थी. लेकिन वो पागल की तरफ मेरी गांड चोदे जा रहा था.
करीब दस मिनट तक मेरी गांड फाड़ने के बाद उसने मुझे खोल दिया.
अब मैं सीधी होकर बैठी.
लेकिन अभी भी साहिल के लन्ड पर, चादर पर और मेरी गांड में खून लगा था.
मुझे जलन भी हो रही थी.
साहिल बोला- जाकर खून साफ कर लो.
मैं बाथरूम में चली गयी।
मुझसे चला नहीं जा रहा था मेरे पैर जमीन पर पड़ ही नहीं रहे थे किसी तरह मैं बाथरूम से चल कर बेड पर आई।
तो साहिल भी अपना लन्ड साफ कर चुका था. वो बोला- क्या हुआ? ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या?
मैं- हाँ … थोड़ा है. चला नहीं जा रहा।
अब साहिल ने मुझे अपने गोद में लिटा लिया और मेरे बालों को सहलाने लगा.
उसका लन्ड अभी भी खड़ा था. मैं लंड चूसने लगी.
कुछ ही देर बाद साहिल ने मुझसे फिर घूमने को बोला.
दर्द मुझे अभी भी था, बस हल्का आराम हुआ था.
लेकिन मैं उसको मना नहीं कर सकती थी. इसलिए मैं घूम गयी और साहिल ने मुझे घोड़ी बना कर फिर अपना लन्ड घुसाया और मेरी गांड बजाने लगा.
मैं दर्द के मारे तड़प रही थी लेकिन मना नहीं कर सकती थी. मैं अपनी गांड चुदवा रही थी।
साहिल ने कई पोजीशन में मेरी गांड बजाई और अपना सारा माल मेरी गांड में बहा दिया.
उसके बाद हम दोनों एकदम थक कर लेट गए।
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अन्तर्वासना2 सेक्स कहानी का अगला भाग: जिस्म दिखाकर लिया सेक्स का मजा- 4