साईट पर गांव की कुंवारी गर्ल से सेक्स

यंग वर्जिन सेक्स कहानी में मैंने सड़क बनाने वाली साईट पर एक लड़की को पटाकर खूब चुदाई की। वह कुंवारी सीलबंद चूत थी. उस साइट पर मेरी जिंदगी सबसे ज्यादा रंगीन थी.

दोस्तो, मेरा नाम साहिल है, मैं सिविल इंजीनियर हूं मेरी उम्र 29 साल कद 5 फुट 7 इंच है और मेरा हथियार 6 इंच का है।

हमारी कंपनी को 15 कि.मी. सड़क बनाने का ठेका मिला था और उस साइट पर सभी गांव सड़क के अगल बगल ही थे।

हमारी कंपनी ने हमें साईट पर ही रूम दिया था।

हम सड़क को चौड़ा कर रहे थे जिससे सड़क पर पड़ने वाले घर को भी गिराना पड़ा था.
तभी मुझे एक सुंदर सी लड़की दिखाई दी वो भी अपने ढहे हुए घर का सामान हटा रही थी.

यह यंग वर्जिन सेक्स कहानी इसी लड़की की है.

वो दिखने में बहुत सुंदर थी, मैं उसे देखता ही रह गया।

वह उम्र में मुझसे 10 साल छोटी थी उसकी उम्र 19 साल थी और मेरी उम्र उस समय 29 साल थी।

उसका नाम आर्शी था और उसकी फिगर 32-28-32 थी।

अब मैंने उसे पटाने की ठान ली.
मेरी किस्मत अच्छी थी कि मुझे उसी के गांव के पास ही पुलिया बनवाने की ड्यूटी लगाई गई।
एक पुलिया उसके घर से 100 मीटर पहले ही थी और एक पुलिया उसके गांव के बाद करीब 100 मीटर आगे था और मैं इसी चीज का फायदा उठाया।

उसको पटाने के लिए एक पुलिया से दूसरे पुलिया तक इधर से उधर चक्कर लगाने लगा.

लेकिन जैसे ही मैं उसके घर के पास पहुंचता था, वो मुझे देखते ही घर में घुस जाती थी।

लेकिन मैं हार नहीं माना और चक्कर लगाता रहा.
फिर धीरे धीरे वो भी मुझे देखने लगी।

मैं उसके अगले दिन साईट पर नहीं गया क्योंकि मुझे आफिस का काम मिला था तो मैं उसे पूरा करने लगा और काम पूरा होते होते शाम हो गई।

अगले दिन जब मैं साईट पर गया तो शायद वो मेरा इंतज़ार कर रही थी.
तो मैंने अपना मोबाइल दिखाकर उसका नंबर मांगने का इशारा किया.

तो वो इशारों में मुझसे मेरा नंबर लिखकर फेंकने को बोली।
जब तक मैं अपना नंबर लिखता, उसी समय उसके अब्बू आ गये और वो घर में चली गई।

मैं उसको नम्बर देने के लिए एक पुलिया से दूसरे पुलिया चक्कर लगाने लगा लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
अंत में उसने खुद ही अपना नंबर लिखकर सही मौका देखकर मेरी तरफ फेंक दिया।

मैंने इधर उधर देखा तो कोई नहीं था तो उस कागज को उठा लिया और सीधा पुलिया के पास जाकर ही रुका.
उसका नंबर सेव करके मैंने उसे कॉल किया और बातें शुरू हो गई।

वैसे तो वह बहुत अच्छी लड़की थी पर सेक्स की भूख तो सभी को होती है और उसे तो कुछ ज्यादा ही थी क्योंकि वो नई नई जवानी चढ़ी थी।

जब शाम को रूम पर गया तो बातें शुरू हुई, और बातों ही बातों में अगले दिन ही मिलने का प्लान बना.

चूंकि गांव से होटल कोसों दूर था तो शाम के समय गेहूं के खेतों में मिलने का तय हुआ।

उसके घर के सामने और पीछे की तरफ खेत थे जिससे गेहूं लगे थे और जनवरी का महीना था, शाम होते ही घने कुहरे से घिर जाता है जिससे एक दो खेत लगभग 40-50 मीटर के आगे नहीं दिखाई देता था.
और उसी का फायदा मिला।

मैं अगले दिन शाम में गेहूं के खेत में मिलने के लिए रूम से पैदल ही निकल गया।
मेरा रूम और उसका घर बिल्कुल विपरीत दिशा मे लगभग 1.5 किमी की दूरी पर था।

20 मिनट में पहले वाले पुलिया पर पहुंच कर फोन करके घर से निकलने के लिए बोला.

तो वो डर की वजह से अपने घर से दो खेत दूर तक ही आयी.
तब मैं उसके पास गया.

वो घर फ्रेश होने के बहाने आयी थी इसलिए साथ में पानी भी लायी थी।

मेरी टांगें ठंड से ज्यादा तो डर की वजह से थर-थर कांप रही थी।
क्योंकि मेरा इस तरफ खेत में लड़की से मिलने का पहली बार था।

मैंने उसके गले लगकर गालों को पकड़ कर बहुत देर तक चूमा और फिर हम लिप किस करना शुरू कर दिया।
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूचियों पे चला गया और मैं उन्हें दबाने लगा.
उसे भी मज़ा आ रहा था!
उसके रिएक्शन में वह मेरे होंठ काट रही थी।

मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसके कमीज के अंदर डाल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा।
उसके बूब्स मीडियम साइज के थे और उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी।

तब ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी रुई को छू रहा हूँ.
वो इतने मुलायम थे कि मुझे उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था.
मैं बस उन्हें दबाये जा रहा था और साथ साथ फ्रेंच किस भी कर रहा था।

फिर मैंने अपने होंठ, उसके होठों से हटाए और उसके कमीज़ को ऊपर उठा कर उसके बूब्स पर मुंह रख दिया और उन्हें जोर जोर से पीने लगा.

लेकिन निप्पल इतना छोटा था कि मुंह में नहीं आ रहा था।
फिर भी बहुत मज़ा आ रहा था।

उसके हाथ मेरे बालों पे थे.

अब वह सिसकारने लगी पर अपनी आवाजों पर कंट्रोल करने की कोशिश थी क्योंकि उसका घर पास में ही था. कोई आ न जाए इसका भी डर था।

एक हाथ से उसके मैं उसके एक बूब को दबा रहा था और दूसरे बूब को अपने मुँह ले रखा था।

मैंने 10 मिनट तक उसके बूब्स चूसे और उन्हें पूरा लाल कर दिया।
उसके चेहरे पे ख़ुशी साफ़ दिख रही थी।

मेरा एक हाथ उसकी कमर पे था और दूसरा हाथ उसकी जींस के अंदर उसकी चूत पर … जो गीली हो चुकी थी और छोटे छोटे बाल भी थे।

15 मिनट बाद मैं उससे चूत देने के लिए बोला.
तो वह मना कर रही थी.
मैं भी ज्यादा जोर नहीं देना चाहता था क्योंकि अभी दो दिन हुए थे हमारे बातचीत को.

लेकिन फिर भी एक बार और बोला कि आगे बढ़ने दो.
तो तुरंत मान गई.

अपनी जींस थोड़ी नीचे की तो मैं उसपे टूट पड़ा और चूत को एक दो मिनट तक चूसा.
फिर वह गेहूं के खेत में अपनी शॉल बिछाकर लेट गई.

तो मैं उसके दोनों पैरों को ऊपर करके लन्ड को उसके चूत पर सेट किया और एक झटका लगाया, चूत टाइट होने की वजह से सिर्फ टोपा ही अंदर गया गया था.
उसे बहुत दर्द होने लगा था लेकिन वो चिल्लाई नहीं क्योंकि उसको पता था कि घर से 40-50 मीटर की दूरी पर है. किसी ने सुन लिया तो दिक्कत हो जायेगी।

उसकी बुर से खू.न नहीं निकला तो मैंने उससे पूछा.
तो वह कसम खाकर बोली- ये मेरा पहला सेक्स है।

मुझे भी यंग वर्जिन सेक्स का यकीन हो गया क्योंकि उसके बुर बहुत टाइट थी बस चूत बहुत गीली हो गई थी जिसकी वजह से थोड़ा आसानी हो गई थी।

फिर उसने इशारा किया तो मैंने धक्का लगाया तो पूरा लंड अंदर चला गया।

मैं धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा।
तब मैंने धीरे धीरे झटके देना शुरू किया और फिर स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से धक्के लगाने लगा.

वह 15 मिनट में झड़ गयी.
और जब मैं झड़ने को हुआ तो अपना लंड उसकी बुर से निकल कर सारा माल उसके नाभि में डाल दिया।

वह उस वक़्त बहुत खुश थी जो उसके चेहरे पे साफ दिख रही थी।

हम एक और राउंड करना चाहते थे लेकिन वो हगने के बहाने आयी थी इसलिए डर था कि कहीं उसके घर वाले देर होने की वजह से खोजने न आ जायें.
इसलिए अगले दिन फिर उसी जगह पर मिलने का वादा की और फिर वापस आ गए।

रूम पर आकर वीडियो कॉलिंग किया तब वह मुझसे बिना कपड़ों में बात कर रही थी।

अगले दिन फिर उसी जगह पर मिले।
आज वो सूट सलवार में आयी थी।

हम गले मिले और किसिंग शुरू कर दी.

वह इतना ज्यादा वाइल्ड हो गई थी जैसे सारा प्यास एक ही बार में मिटा लेगी।
इस बार वो इतना जोश में थी कि बिना कहे खुद व खुद नीचे से नंगी हो गई थी।

वह तो फुल न्यूड होना चाहती थी लेकिन खेत में डर था कि कहीं कोई आ गया तो कपड़े पहनने का मौका नहीं मिलेगा। 

इस बार तो वो मेरा लोवर नीचे करके खुद ही ऊपर आ गई और लंड को बुर में सेट करके धक्के देने लगी।

दोस्तो, क्या बताऊं … ऐसा लग रहा था कि पहली बार कोई मेरे टक्कर का मिला है क्योंकि मुझे ऐसी ही लड़की पसंद है जिनको ज्यादा फोर्स न करना पड़े और सब पहल खुद ही करे।

मैं अपने एक्सपीरियंस से कह रहा हूं कि जिस किसी भी लड़की के हल्के हल्के मूंछें हो उसके साथ सिर्फ एक बार सेक्स कर लो फिर वो खुद ही बुला बुला सेक्स करेगी और उसके भी हल्के हल्के मूंछें थीं।

वो मेरे ऊपर नीचे होने लगी और मैं उसके मम्मों को दबाते हुए मजा लेने लगा।
वह भी जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी।

मेरी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी.
मैंने उसके मम्मों पर झपट पड़ा और सूट को उसके गर्दन तक करके एक को जोर जोर से दबाते हुए और दूसरे दूध के निप्पल को अपने मुँह में भर कर खींचते हुए चूसने लगा।
आज भी उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

वह और जोर से कामुक सिसकारियां लेने लगी।
वह खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था।

लगभग 15 मिनट तक वो खूब ऊपर नीचे होकर चुद रही थी।
इतनी देर में वह दो बार झड़ गई थी.

मैं भी झड़ने वाला था तो अपनी मनी बाहर निकाल दी ताकि वह प्रेग्नेंट न हो जाए।

मैंने उसके होंठों को चूमा और बोला- तुमने तो जन्नत दिखा दी.
वह बोली- और करना हो तो कर लीजिए.

मैं उसको लंड खड़ा करने के लिए बोला तो वो हाथ से सहलाने लगी। 

मैंने उससे लंड चूसने को बोला.
पहले तो उसने थोड़ी आनाकानी की, मगर फिर मान गई।

उसने मेरे लंड मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसा।
जब मेरा लंड पूरा तन गया तो मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वह मुस्कुराने लगी और घोड़ी बन गई।

क्या गांड थी उसकी … एकदम मस्त।
दिल कर रहा था कि अभी गांड मार लूं.
लेकिन फिर सोचा पहले इसके बुर को ठंडा करूं, फिर बाद में देखेंगे।

और फिर मैं पीछे से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो वह फिर से मदहोश हो गई.

थोड़ी देर बाद मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ कर उसे चोदने लगा.
वह आह भरने लगी.

मैं उसे धकापेल चोदे जा रहा था.

20 मिनट बाद मेरा जब गिरने वाला था, तभी मैं लंड को बाहर निकाल कर उसके चूचों पर झड़ गया।
वह बोली- अब बस करो, कहीं ऐसा न हो कि घर वाले मुझे खोजने आ जायें।

हम दोनों ने कपड़े ठीक किए और चलने के लिए रेडी हो गए।

हम फिर गले मिले, किस की और अपने रूम पर आ गये।

फिर उसने मुझे बताया कि उसकी अम्मी को शक हो गया है, उसकी अम्मी उससे पूछ रही थी कि इतना समय क्यों लग गया?
और बोल रही थी कि पहले जंगल के लिए घर के पीछे की तरफ जा रही थी तो फिर दो दिन से घर के सामने वाले खेतों में क्यों जाने लगी?
तो उसने मुझे बताया वो अपने मां से बोली कि कुहरे की वजह से उसे घर के पीछे जाने में डर लगता है इसलिए आगे जा रही है।

सच तो ये है कि वो मुझे अपने घर के पीछे ही बुला रही थी.
लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि अगर कोई आ जाता भागने के लिए उल्टा पड़ जाता.
लेकिन सामने से खेतों से सीधा अपने रूम में आ जाता।

फिर हमने डिसाइड किया कि अब हम खेत में न मिलकर उसके रूम में मिलेंगे जब सब सो जायेंगे तब!
वह हर रात वीडियो कॉलिंग पर बिना कपड़ों में बात करती थी और बात करते करते इतना कामुक हो जाती थी कि मुझे बुलाने लगती थी और कहती थी कि अगर तुम रोज आओगे तो रोज चूत दूंगी.

लेकिन उसका घर मेरे रूम से 1.5 कि.मी. होने की वजह से मैं रोज जाने से डरता था कि पकड़े न जायें।

फिर एक दिन अचानक से किसी कारणवश काम बंद करना पड़ा।
सारे स्टाफ गेस्ट हाउस में वापस आ गए।
यंग वर्जिन सेक्स कहानी के और भाग भी आयेंगे.
आप कहानी पर अपने विचार देते रहिये.
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