यंग टीन चुदाई कहानी में मैं दोस्त की बेटी की शादी में गया तो वहां खूब सारी जवान लड़कियां शादी का मजा ले रही थी. मेरा मन हुआ कि मैं अभी किसी लड़की को चोद दूँ.
मैं एक बार दोस्त की बेटी के शादी समारोह में गया था.
शाम का समय था और पंडाल में माहौल काफी मस्ती भरा था.
लड़कियों का समूह बन ठन कर ऐसे घूम रहा था मानो सब एक दूसरी से आगे बढ़ चढ़ कर लड़का पटा रही हों.
मेरी उम्र पचास साल की जरूर हो गई है लेकिन मेरा लंड किसी भी लड़की को संतुष्ट करने में किसी नव जवान के लौड़े से ज्यादा काबिल था.
मेरा लंड उस झुंड में से किसी कमसिन लौंडिया की चुत चोदने के लिए फनफनाता हुआ फुफकार मार रहा था.
मैंने लड़की पटाने के लिए एक नाटक किया.
मैं इसी इंतजार में बाहर खड़ा था कि कोई लड़की इधर को आए और मेरा काम बन जाए.
भगवान सबकी इच्छा पूरी करते हैं और मेरा भी कर दिया.
मैंने देखा कि चार लड़कियों का एक झुंड मेरे पास से गुजरने लगा.
सही मौका देखकर मैंने गिरने का नाटक किया और धीरे से चिल्लाया- मेरी मदद करो!
‘अरे अंकल जी गिर गए, चलो उठाते हैं.’
सभी मुझे पकड़कर उठाने लगी.
मैंने कराहते हुए कहा- आह बहुत दर्द हो रहा है. कहीं किसी कमरे में आराम करने के लिए ले चलो.
सभी लड़कियों ने मुझे टांगा और बाहर बने एक खाली कमरे में ले जाकर पलंग पर लिटा दिया.
एक लड़की बोली- अंकल आप यहीं पर आराम करें … जब ठीक हो जाएं तो आ जाइएगा.
मैंने अनुरोध किया- मेरी तबियत खराब लग रही है. कोई एक तो मेरे साथ रहो प्लीज!
उसमें से एक लड़की बोली- पिंकी तुम छोटी हो, इसलिए तुम अंकल के पास रहो. जब बारात आएगी तो आ जाना.
पिंकी बोली- जी शालिनी दीदी, मैं अंकल के पास रह जाती हूँ.
मैं पिंकी को गौर से देखने लगा.
सुन्दर गोरा चेहरा, टागें दुबली-पतली, होंठ गुलाब की पंखुरियों के जैसे मासूम और चूचियों का आकार बड़े वाले नींबू के साईज का … उन पर एकदम टाइट और उठे हुए निप्पल किसी छोटे सख्त बेर के जैसे लग रहे थे.
इस यंग टीन चुदाई कहानी की नायिका यही थी.
मैंने कहा- पिंकी मेरे पास आकर बैठो प्लीज, मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही है.
‘ओके अंकल!’ कहकर वह मेरे पास बैठ गई.
मैंने मौका देखा और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा.
वह भी बुरा न मानकर मुस्कराने लगी.
उसकी हंसी देखकर मेरा मन डगमगा गया और बदन में तरंग दौड़ गयी, जिससे मेरा लंड फुफकार कर खड़ा हो गया.
अब मेरा लंड मेरी धोती के बाहर झांक रहा था.
क्योंकि मैं धोती के नीचे कच्छा नहीं पहनता हूँ.
पिंकी ने मेरे सांप सरीखे लौड़े को धोती से बाहर मुँह बाते देखा तो वह भी आश्चर्य चकित होकर मेरा लंड देखने लगी.
वह लौड़े को देख कर मंत्र मुग्ध होने लगी थी.
उसी दौरान मैं उसकी पीठ को अपने हाथ से सहलाने लगा, जिसका उसने एक बार भी विरोध नहीं किया.
इससे मेरा हौसला बढ़ गया.
मैंने अपना लंड धोती से बाहर निकाल कर खुला छोड़ दिया.
उसने भी शायद अपने पापा-मम्मी की चुदाई देखी होगी या मोबाईल में सनी लियोनी की नंगी चुदाई वाली वीडियो देखी होगी.
वह उसी समय से मर्द के लंड के लिए शायद प्यासी व चुदासी थी.
उसे आज तक कोई लंड सामने से देखना नसीब नहीं हुआ था.
आज मेरा लंबा और मोटा लंड देखकर वह गजब की उत्तेजित हो रही थी.
उसकी सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.
मैंने भी धीरे से पूछा- पिंकी तुम्हारा कोई ब्वॉय फ्रेंड है?
पिंकी बोली- नहीं अंकल! दीदी का ब्वॉय फ्रेंड हैं.
मैंने पूछा- दीदी अपने ब्वॉय फ्रेंड के साथ क्या करती है?
पिंकी मुस्करा कर बोली- वे अपने ब्वॉयफ्रेंड से अपनी चुदाई करवाती हैं.
‘अच्छा … दीदी के ब्वॉयफ्रेंड ने कभी-कभार तुम्हारी चूचियों को भी सहलाया है क्या?’
पिंकी बोली- बहुत बार … परन्तु मैं भाग जाती हूँ.
यह सुनकर मैंने उसकी चूचियों को अपने हाथ से पकड़ा और सहलाते हुए कहा- तुम्हारा चुदाई करने का मन करता है?
पिंकी उत्तेजित होकर बोली- हां मन तो बहुत करता है … परन्तु दीदी के डर से चुप रह जाती हूँ!
मैंने कहा- मेरा लंड पसंद आया है क्या … इससे चुदाई करवाओगी?
यह कहकर मैंने बैठ कर उसकी फ्राक को उतार दिया.
वह फ्राक के अन्दर कुछ नहीं पहनी थी इसलिए उसकी गोरी नींबू के साईज की चूचियां मेरे सामने नंगी हो गई थीं.
मैं उसके एक चूची को अपने हथेली से भर कर दबाने और सहलाने लगा.
पिंकी मस्त होने लगी और मदभरी आवाज में बोली- मुझे आपका यह पसंद तो है … परन्तु आप अनजान अंकल हो आपसे कैसे चुदाई कराऊं?
अब मैंने पिंकी को अपने ऊपर लेटा लिया और उसकी एक चूची को होंठों से चूमते हुए बोले- मैं अनजान नहीं हूँ पिंकी … जिसकी शादी हो रही है न … वह मेरी दोस्त रघुवीर की बेटी सीमा है और उसने हमसे बहुत बार चुदाई करवाई है!
पिंकी यह सुनकर खुशी से उछलती हुई बोली- अरे वाह अंकल, आपने सीमा दीदी को भी चोदा है, तब तो मैं भी आपसे चुदाई करवाऊंगी … परन्तु अंकल आपका लंड बहुत लंबा और मोटा है. मेरी छोटी सी चुत में यह कैसे जाएगा?
मैंने उसके पैंटी के अन्दर हाथ डालकर चुत सहलाते हुए कहा- जब मैंने सीमा की पहली बार चुदाई की थी न … तो उसकी चूचियां और चुत तुम्हारी तरह ही थीं … वह बड़ी आसानी से मेरे लौड़े से चुद गई थी.
अपनी चुत सहलाने से खुश होकर पिंकी मुझे चूमने लगी.
मैंने कहा- पहले जाकर दरवाजा बंद कर दो, कोई आ जाएगा.
पिंकी अपनी कमर और चूतड़ हिलाती हुई गयी और दरवाजा बंद कर मेरे पास आ गई.
उसकी पतली कमर और चूतड़ देखकर मेरे दिल का धड़कन बढ़ गई थी.
अब मैंने उसे सही से लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी नन्हीं सी झांट रहित चुत को जीभ से चाटने लगा.
मैंने पूछा- पिंकी तुम कितने साल की हो?
वह बोली- अंकल मैं अठारह साल की हूँ.
मैंने कहा- तब तो तुम सच में चोदने लायक माल बन चुकी हो.
वह बोली- हां अंकल, मेरी बुर में चींटियां सी रेंगती रहती हैं.
मैंने उससे कहा- चलो अब 69 में मजा करते हैं. तुम जानती हो न 69 का क्या मतलब होता है?
वह हंस दी और बोली- हां मैंने दीदी को 69 में अपने ब्वॉयफ्रेंड का लंड चूसते हुए देखा है.
मैंने कहा- अरे वाह तुम्हारी दीदी लंड कैसे चूसती हैं जरा बताओ?
वह 69 में आ गई और मेरे ऊपर लेट कर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
यह देखकर मैंने उससे पूछा- तुमने अभी तक किसी और का लंड भी चूसा है?
वह शर्मा कर बोली- हां, दीदी के ब्वॉय फ्रेंड अंकित का लंड चूसा है.
अब हमने उसकी पैंटी को उसकी टांगों से उतार दिया और उसे पूरी नंगी कर दिया.
मैं उसकी चुत में उंगली डालकर ऊपर-नीचे करने लगा.
पिंकी सीसीईईई की आवाज निकाल कर चुदासी होकर बोली- आह अंकल … अब आप मेरी चुत का उद्घाटन कर ही दो प्लीज … अन्दर बहुत खुजली हो रही हैं.
मैंने कहा- हां जरूर, परन्तु जरा चुत को प्यार तो कर लेने दो. बहुत प्यारी और कोमल लग रही है. अभी तो इसमें झांटें भी नहीं आई हैं! यह तो एकदम मक्खन मलाई की तरह चिकनी है.
यह कह कर मैं अपनी जीभ को अन्दर डालकर उसकी टंग फकिंग करने लगा और उसकी कमसिन बुर का स्वाद लेने लगा.
पिंकी भी अपनी बुर को मेरे मुँह के पास लाकर सटा रही थी.
अब तो वह जोर जोर से सीसीई ईईई ईईई की सिसकारी भरती हुई चुदाई करवाने के लिए उछलने लगी थी.
यह देखकर मैंने अपना घोड़ा ब्रांड लंड को हाथ से सहलाया और थूक लगा कर चिकना कर लिया.
फिर लंड की नोक को उसकी बुर पर रखकर ऊपर-नीचे करते हुए बुर को प्यार करने लगा.
पिंकी खुशी से मेरे कान में फुसफुसा कर बोली- जल्दी से लंड घुसाकर चोदिये न. मैं भी आपसे वादा करती हूँ कि सीमा दीदी को विदा के पहले ही लेकर आपके लौड़े से चुदवाने के लिए आ जाऊंगी!
मैंने मुस्करा कर कहा- नहीं, उसे तो मैं तुम्हारे सामने आज ही चोदूँगा, पहले तुम यह वादा करो कि तुम मुझसे हमेशा चुदवाने आओगी.
‘अरे अंकल आप चोदो तो सही … एक बार लड़की आपके लंड से पट गई, तो वह तो हमेशा ही आपके लौड़े पर झूला झूलने आएगी और अपनी सहेलियों को भी लाएगी!’
मैंने समझ लिया कि लड़की अठारह की हुई जरूर है लेकिन साली लंड चूस चूस कर पहले से ही चालू हो गई है.
मुझे सोचता देख कर पिंकी मुस्कराकर बोली- बस … लो कर दिया वादा कि मुझे आपके लंड से चुदवाने में ही खूब मजा आएगा. अपनी शादी के बाद भी मैं आपसे ही अपनी चुदाई करवाऊंगी. अब तो मेरी चुत का उद्घाटन कीजिए न!
यह सुनकर मैंने एक धक्का दे दिया, तो सुपारा चुत की फांकों को फाड़ कर अन्दर घुस गया.
वह दर्द से चिल्ला कर बोली- ऊऊईई मां … मर गई आह ईई … अंकल इसे जल्दी से बाहर निकाल लो प्लीज … मेरी फट जाएगी!
अब तो लंड ने चुत का स्वाद चख लिया था तो वह निकलने को कैसे राजी हो जाता.
मैंने पिंकी की आवाज को अनसुनी करते हुए उसके होंठों को अपने मुँह से बंद किया और एक चूची के निप्पल को अपनी दो उंगलियों से पकड़ कर मींजते हुए कहा- आह मेरी जान … सबको पहली बार दर्द होता है … कुछ देर बाद तुमको मेरे लंड से खूब आनन्द आएगा. तुम बार बार इसी लौड़े के झूला पर झूलने आओगी!
फिर कुछ मिनट के बाद दर्द कम होने पर पिंकी मुस्करा उठी.
वह बोली- आह अंकल सच में मैं तो आपका लंड पूरा खा गई. आह अब अन्दर बड़ी गुदगुदी हो रही है … अब जल्दी जल्दी से लंड घुसाओ निकालो न अंकल!
मैंने एक और जोरदार धक्का दे दिया और फचाक के आवाज के साथ अन्दर आधा लंड घुस गया.
पिंकी चूतड़ों को हिलाकर आनन्द से भर गई और किलक कर बोली- आह मजा आ गया मेरे राजा अंकल! आह पूरा लंड अन्दर घुसाओ न अंकल!
यह सुनकर मैंने आव देखा न ताव, एक जोरदार धक्का दे दिया और अपना पूरा लंड अन्दर जड़ तक ठोक दिया.
वह दर्द से कसमसाई जरूर … लेकिन बड़ी बहादुर लौंडिया थी.
अपने होंठ दबा कर दर्द को सह गई.
मैं भी उसकी चूचियों और पीठ को सहलाते हुए दनादन दनादन चुदाई करने लगा.
पिंकी भी आश्चर्य चकित होकर कमर हिलाकर चुदाई कराने लगी.
दस मिनट के बाद मैंने कहा- अब घोड़ी बन जाओ, ज्यादा मजा आएगा.
यह कहकर मैंने लंड खींचा तो ‘फक’ की आवाज के साथ लंड बाहर आ गया.
पिंकी अब घोड़ी बनकर खड़ी हो गई और मैंने घोड़ा बनकर लंड को छेद पर रखकर धक्का मार दिया.
उस यंग टीन गर्ल को जरा सा दर्द हुआ और वह सहज होकर लंड खा गई. मैं उसकी कमर पकड़ कर उसे चोदने लगा.
मुझे महसूस हुआ कि इस बार पिंकी को ज्यादा दर्द नहीं हुआ.
काफी देर तक चुत के रस से लंड को नहलाने के बाद मैंने उसकी छोटी सी गांड पर लंड टिकाया और एक ही शॉट में पूरा लंड अन्दर कर दिया.
पहले तो वह दर्द से कराह उठी. लंड गांड में लेने से इन्कार कर रही थी, फिर मान गयी.
मैंने उसकी ताबड़तोड़ चुदाई की.
उसके बाद पिंकी ने पानी छोड़ दिया. परन्तु मेरा लंड अभी खड़ा ही था तो यंग टीन चुदाई चालू रही.
तभी दरवाजे पर दस्तक हुई.
मैंने झट से लंड बाहर किया और धोती पहन कर दरवाजा खोला, तो सीमा अपनी एक सहेली के साथ खड़ी थी.
पिंकी अपने कपड़े पहन कर मुस्करा रही थी.
सीमा मुस्करा कर बोली- पिंकी … हो गया चुत का उद्घाटन!
मैंने लंड को सहलाते हुए मुस्करा कर कहा- पिंकी बहुत ही होशियार लड़की है. इसने बड़े आराम से चुत का उद्घाटन कराया है!
यह सुनकर वह शर्मा कर बोली- अंकल, दीदी को कैसे पता चला कि इधर ओपनिंग सेरेमनी चल रही है?
सीमा मुस्कराकर बोली- हमने ही तो प्लान बनाया था छोटी …
उसने यह कहा और अन्दर आकर दरवाजा बंद कर दिया.
फिर सीमा ने मेरी धोती को खोल दिया और वह घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को चूमने लगी.
अब मेरा लंड वापस फनफनाकर फुफकार मारने लगा.
तब सीमा बोली- अंकल, आज मेरी शादी है, इसलिए मुझे चोद कर अपना वीर्य मेरी चुत में डाल दो. मैंने आपसे वादा किया था कि मैं आपके ही ब/च्चे की मां बनूँगी!
मैंने भी सीमा को लिटाया और अपना लंड उसकी चिकनी चुत में घुसेड़ कर दे दनादन दनादन चुदाई करने लगा.
आधा घंटा चुदाई करने के बाद मैंने रस निकालने की तैयारी की और सीमा से कहा- सीमा, मेरा ब/च्चा ग्रहण करो!
बस मेरे लंड से वीर्य निकल कर सीमा की चुत के अन्दर समा गया.
कुछ देर वह वैसी पड़ी रही, फिर उठकर बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर बाहर आई.
अब मैंने उसके साथ आई कमसिन लड़की को पकड़ा, उसकी चूचियों और चुत को सहलाते हुए कहा- जानेमन … शादी के बाद तुम्हारी चुत का उद्घाटन करूँगा!
वह भी मुस्करा कर मुझसे लिपट कर चूमने लगी और मेरे लंड को चूसने लगी.
ऐसा करने से मेरा लंड फिर से फुफकार कर खड़ा हो गया.
यह देखकर सीमा बोली- अंकल एक बार फिर से अपना वीर्य मेरी चुत में डाल दीजिए न … हो सकता है कि पहली बार से गर्भ न ठहरे!
‘नेकी और पूछ-पूछ!’
मैंने अपना घोड़ा लंड सीमा को घोड़ी बनाकर चुत में डाल दिया.
धकापेल चुदाई होने लगी और मैंने सीमा की चुत को तब तक चोदा, जब तक वीर्य निकल कर उसकी चुत में न घुस गया.
वह भी तब तक वैसी ही खड़ी रही, जब तक आश्वस्त न हो गई कि अब गर्भ ठहरेगा ही!
सीमा उठकर बाथरूम जाकर वापस फ्रेश होकर आई और पिंकी व उस कमसिन लड़की के साथ मंडप में चली गई.
उनके पीछे से मैं भी चला गया.
उधर मेरा दोस्त रघुवीर हाथ जोड़ कर मेरा स्वागत करते हुए बोला- माफ करना भाई! हमें बेटी सीमा ने बताया था कि आपको गिरने से चोट लग गई थी. शादी की व्यवस्था में लगे होने के कारण मैं व्यस्त था, इसलिए देखने नहीं आ पाया!
मैंने पिंकी और सीमा को देखते हुए मुस्कराकर कहा- कोई बात नहीं दोस्त! पिंकी बेटी ने मेरी बहुत सेवा की है इसलिए चलकर आ रहा हूँ. वैसे सीमा भी मेरा कम ख्याल नहीं रखती है.
रघुवीर सहाय मुस्कराकर बोला- सीमा तो आपकी दीवानी है. हमेशा आपका ही नाम जपती रहती है.
मैंने मुस्कराकर कहा- अब सीमा चली जाएगी तो पिंकी बेटी है न मेरा ख्याल रखने के लिए! क्यों पिंकी, अंकल को ख्याल रखेगी न!
पिंकी कुटिल मुस्कान के साथ बोली- जरूर अंकल! आपका मैं ख्याल न रखूंगी तो कौन रखेगा!
आशा है, इस यंग टीन चुदाई कहानी को पढ़ कर आपके लंड और बुर के अन्दर पानी आ गया होगा.
अपने विचारों से सेक्स कहानी को और अच्छे से लिखने में मेरी मदद करें.
आपका लंडराज
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लेखक की पिछली कहानी थी: नई बहू की चुदाई का मजा