साथ पढ़ने वाली कमसिन कली की चुत चुदाई

यंग लड़की की चुदाई स्टोरी मेरी क्लास की देसी लड़की की चुदाई की है. मैंने कैसे उससे बात शुरू की, कैसे उसे दोस्त बनाया, फिर उसकी चूत को चोद कर मजा किया?

दोस्तो, मेरा नाम मनीष वर्मा है. मेरी उम्र 23 साल है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है, जो किसी भी लड़की को खुश करने के लिए काफी है.

मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूं. इधर की सेक्स कहानी पढ़कर ही मुझे भी मेरी यंग लड़की की चुदाई स्टोरी लिखने का विचार आया.
आज मैं आपके लिए मेरे साथ घटी घटना को सेक्स कहानी के रूप में सुना रहा हूं.

यह घटना तब की है, जब मैं 19 साल का था और रायपुर में रह कर बीएससी कर रहा था.
हमारी क्लास में बहुत सी सुंदर लड़कियां थीं, उन्हीं में से एक कुसुम थी, जिसे मैं पसंद करता था … या यूं कहूं कि उसके साथ चुदाई करना चाहता था.

मैं आपको कुसुम के बारे में बता देता हूँ. कुसुम एक कातिलाना शरीर की मालकिन थी. उसके 34 इंच के मम्मे, लचकती कमर का नाप 28 इंच और 34 इंच की उठी हुई तोप सी गांड किसी भी लड़के का लंड खड़ा करने के लिए काफी थी.

मैं उसे चोदना तो चाहता था, मगर समस्या ये थी कि क्लास में मेरी उससे कोई खास बात नहीं होती थी.
वो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी कि मैं उससे हाय हैलो कर सकूँ.

फिर एक दिन मैंने उसे फेसबुक पर देखा और उसे रिक्वेस्ट भेज दी.
उसने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली.

फेसबुक के माध्यम से हमारी बातें होने लगीं. फेसबुक पर जुड़ने के बाद ही उसे मालूम हुआ कि मैं उसकी क्लास में ही पढ़ता हूँ.

मैंने उससे पूछा- क्या तुम वाकयी में मुझे नहीं जानती हो?
तो वो बोली- सॉरी यार … लेकिन मुझे सच में नहीं मालूम कि तुम मेरी क्लास में हो.

मैंने कहा- क्या तुमको लड़कों की तरफ देखना पसंद नहीं है या तुम लड़कियों को भी नहीं देखती हो?
वो हंस दी और बोली- मैं इस शहर में अकेली रहती हूँ और शायद मेरे मन में लड़कों को लेकर कुछ डर सा रहता है.

मैंने उससे काफी सहज भाव से बात की थी तो वो मेरे व्यवहार से काफी खुश थी और मुझसे काफी सहज होकर बात करने लगी थी.

उससे बात करके मुझे लगा कि लौंडिया सैट हो सकती है तो मैंने उससे खुल कर बातचीत करना शुरू कर दी.
हमारे फोन नम्बर भी साझा हो गए.

कुछ ही दिनों में हमने वॉट्सएप पर चैट शुरू कर ली.
अब मैं उसके साथ फ्लर्ट करने लगा, इसमें उस बहुत मज़ा भी आता था.

फिर मैं धीरे धीरे उसे क्लास में भी छेड़ने लगा. अब हालात ये हो गई थी कि वो खुद मेरे पास बैठने की इच्छा जाहिर करने लगी और इस तरह से हम दोनों क्लास में साथ में बैठने लगे.

फिर एक दिन क्लास में कुसुम को छेड़ते हुए मेरा हाथ उसके मम्मों में जोर से लगा गया. इससे उसके दूध दब गए.
वो चिहुंक उठी और कुछ देर के लिए शांत हो गई.

मैंने उसे सॉरी बोला, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा.

क्लास में हुई इस घटना के बाद मैं जरा सहम गया था कि लौंडिया भड़क न जाए.
मगर कुसुम के कुछ ना कहने से मेरी हिम्मत बहुत बढ़ चुकी थी.

अब तो मैं कभी कभी जानबूझ कर, तो कभी उसकी गांड को सहला देता था.
वो हंस देती, तो मैं उसी वक्त उसके एक मम्मे को दबा दिया करता था.
वह कुछ नहीं कहती थी, बस हंस कर आंख दबा देती थी.
शायद वह भी मेरे लंड से चुदना चाहती थी.

इसी तरह हमारे दिन मस्ती से कट रहे थे.

फिर हमारे सीनियर्स ने हमें फ्रेशर्स पार्टी दी, जिस पार्टी में मैं और कुसुम ने मिल कर पेपर डांस में भाग लिया.

दोस्तो, आप लोग को तो पता ही है पेपर डांस में कितना चिपकना पड़ता है.

जब हम पेपर डांस कर रहे थे, तब उसके मम्मे मेरी छाती से चिपके हुए थे. मेरा एक हाथ उसकी गांड से थोड़ा नीचे था.
वह इस पार्टी में वन पीस ड्रेस पहन कर आई थी.

इस सेक्सी ड्रेस में पेपर डांस की मदभरी पोजीशन में रहने के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो शायद उसे भी महसूस होने लगा था.

फिर मुझे एक शैतानी सूझी और मैंने उसके एक चूतड़ को जोर से मसल दिया, पर वो बस मुस्कुरा कर शांत हो गई.

जैसे ही उसे मौका मिला तो उसने एक स्टेप में मेरे लंड पर अपनी चुत रगड़ दी और साथ ही अपने हाथ से मेरे लंड को मसल भी दिया.

अब मुझे तय लगने लगा था कि आज कुसुम चुदने के पक्के इरादे से आयी है.
मैंने उसके कान में धीरे से कहा- पसंद आया?

वो कुछ नहीं बोली, बस नशीली आंखों से मुझे देखने लगी.

कुछ देर बाद डांस खत्म हुआ और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.
हालांकि अलग होकर भी हम दोनों एक दूसरे से आंखों ही आंखों में बात करते रहे.

जैसा कि बातचीत की शुरुआत में ही कुसुम ने मुझे बताया था कि उसने इसी शहर में ही एक रूम किराए पर लिया हुआ था. वो उसमें अकेली रहती थी.
मैंने सोचा पार्टी के बाद इसे छोड़ने चला जाऊंगा.

पार्टी खत्म होने के बाद कुसुम ने खुद ही मुझसे कहा- मुझे रूम तक छोड़ दो.
मैं सहर्ष राजी हो गया.

लेकिन मैंने उससे मजाक करते हुए कहा- इसकी फीस लगेगी.
वो भी मजाक करने लगी- हां हां फीस दूंगी … बोलो क्या चाहिए?

मैंने धीरे से कहा- एक पप्पी.
वो कुछ नहीं कहते हुए बस इतना बोली- पहले चलो तो.

मैं हंस दिया और उसे अपने साथ लेकर उसके रूम तक छोड़ने के लिए चल दिया.

जैसे ही हम दोनों उसके रूम तक पहुंचे तो उसने कहा- आओ अन्दर आ जाओ, मैं तुम्हें अपना रूम दिखाती हूं.
मैं उसके साथ उसके रूम में चला गया.

रूम में जाते ही मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और जोर से हग कर लिया.
वह भी मुझसे चिपक गई.

वो बोली- मैं तो समझ रही थी कि मैंने किसी गधे से इश्क किया है. साला समझता ही नहीं है.
मैंने कहा- डार्लिंग गधा ही समझती रहना … बड़ी मेहनत से काम करता है.

वो समझ न सकी कि मैंने क्या कहा, लेकिन वो मेरे साथ मस्ती करने लगी.
उसका साथ मिलते ही मैं उसे जोर जोर से लिप किस करने लगा. उसके गले में किस करने लगा.

मुझे बेहद वासना चढ़ने लगी थी तो मैंने उसकी ड्रेस को ऊपर उठाते हुए निकालने की कोशिश की. कुसुम ने भी मेरी इच्छा समझ ली थी और उसने खुद अपना वन पीस निकाल दिया.

मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए. मैं चड्डी में रह गया था और वो ब्रा पैंटी में थी.

इसके बाद हम दोनों दोबारा किस करने लगे. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को जोर जोर से मसल रहा था. वो भी गर्म होने लगी थी और मेरे लंड को रगड़ने लगी थी.

फिर मैंने उसकी ब्रा को निकाल कर साइड में फेंक दिया और उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा.
वो भी अपने दूध मेरे मुँह में ठेलते हुए सिस्याने लगी- आह पी लो … चूस लो … बहुत दिनों से तुम्हारे लिए तड़फ रही थी.

मैंने निप्पल को होंठों में भरा और हाथ से दूध दबाते हुए किसी आम के जैसे चूची चूसने लगा.

वो गर्म हो गई थी और आंख बंद करके मम्मे की चुसाई का मजा लेने में लगी थी.

एक मिनट बाद वो बोली- मेरे पास दूसरा संतरा भी है बेबी.

मैं समझ गया कि इसको दूसरी चूची चुसवाने का मन है.

मैंने उसकी आंखों में देखा तो चकित रह गया. वो किसी प्यासी रांड की सी नशीली आंखों से मेरी आंखों में देख रही थी.

मैंने उसकी आंखों में झांकते हुए ही उसका दूसरा दूध अपने होंठों में दबा लिया.
जैसे ही मैंने उसके निप्पल को खींचा, उसकी भवें एक मस्ती के अंदाज में उठीं और हल्की सी आह निकल गई.
वो मेरे सर को सहलाते हुए अपने दूध को मेरे मुँह में देने लगी.

अब तक कुसुम बहुत गर्म हो चुकी थी और सीत्कार करने लगी थी- आह … आह … मनीष चूसो … अच्छे से चूसो.

वो मेरे सर को अपने मम्मों के बीच दबाने लगी.
मैं उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने लगा.
कुछ ही पलों में उसकी चूत गीली हो गई.

फिर मैंने उसकी पैंटी को निकाल दिया और उसकी चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.

कुसुम अब वासना से तड़पने लगी थी और कहने लगी थी कि अब जल्दी से अपना लंड अन्दर डाल दे साले … मेरी चुत में आग लग गई है.

मैंने धीरे से अपना 7 इंच का लंड निकाला और उसके सामने लहरा दिया.
वो खड़ा लंड देख कर एक बार को सहम गई.

उसी समय मैंने उसकी चूची को मसलते हुए कहा- बेबी गधे का पसंद आया!
वो अब समझी कि गधा कितने काम का होता है.

कुसुम हंस दी और बोली- यार, ये बहुत बड़ा है.
मैंने कहा- अच्छा तुमको छोटा लेने की आदत है?

वो मेरे तरफ आंखें तरेरते हुए बोली- मारूंगी साले!
मैंने हंस कर उसको अपनी बांहों में भर लिया.

फिर मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में लिया और उसकी चूत की फांकों में घिसना शुरू कर दिया.
वो गर्म होने के कारण अपनी गांड उठा रही थी.
मैंने लंड डालना शुरू किया. मेरा लौड़ा चुत की फांकों में रगड़ मारकर फनफना उठा था. वो भी लंड लीलने के लिए अपनी गांड और ऊपर उठा रही थी.

फिर जैसे ही मैंने धक्का देकर अपना लंड चुत के अन्दर डाला, तो कुसुम उछल पड़ी और उसकी चीख निकल गई.

मेरा लंड चुत को चीरता हुआ अन्दर तक चला गया था.
मैंने रुकना उचित नहीं समझा और जोर जोर से अपना लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

एक दो मिनट के दर्द के बाद अब उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था.

कुसुम जोर जोर से ‘आह … उह … आह ..’ करने लगी थी.

करीब बीस मिनट की लंबी चुदाई के बाद मैंने अपना लंड चुत से खींचा और लंड का सारा माल उसके चेहरे पर गिरा दिया.
वो हंस रही थी और अपनी उंगलियों से मेरे लंड रस को अपने गालों पर क्रीम के जैसे मल रही थी.

मैंने कहा- चख कर देख लो रानी … मस्त लगेगा.

उसने अपनी उंगली से वीर्य उठाया और जीभ की नोक से उंगली को चखा.
उसे स्वाद ठीक लगा, तो उसने पूरी उंगली मुँह में ले ली और अपने चेहरे पर लगा सारा रस चाट लिया.

मैंने उसे अपने मुरझाए लंड को चूसने को कहा.
तो वो बोली- फिर कभी.

यंग लड़की की चुदाई ऐसे हुई. इसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए और मैं घर चला गया.

तब के बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता तो मैं उसकी खूब चुदाई करता था.
वो मेरा लंड भी चूसने लगी थी.

दोस्तो, यह यंग लड़की की चुदाई स्टोरी आपको पसंद आई या नहीं? आप मुझे मेल करना ना भूलें ताकि मैं आगे अपने साथ घटी अन्य घटनाओं को सेक्स कहानी के रूप में लिख कर बता सकूं.

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