यंग इंडियन गर्ल सेक्स कहानी में मुझे पोर्न का चस्का लग गया तो सेक्स करने की जबर्दस्त इच्छा होने लगी. पड़ोस के एक अंकल को मैं देखती थी. मुझे उनके लंड लेने की चाह हुई.
मेरा नाम शानिया है।
जब मैं 19 साल की थी, मुझे पोर्न में तरह-तरह के लंड देखने का चस्का लग गया था।
पोर्न में लड़कियों को लंड चाटते और चूसते देख मेरे बदन में आग लग जाती थी।
फिर मुझे उंगली करना ही पड़ता था क्योंकि इसके अलावा कोई चारा नहीं था।
24 घंटे मेरे दिलो-दिमाग में लंड ही लंड घूमता रहता था।
मेरे ऊपर जवानी का रंग पूरी तरह छा गया था और मैं वासना में डूबने लगी थी।
मुझे मॉर्निंग वॉक का बड़ा शौक था।
मेरे मोहल्ले में खुराना नाम के एक अंकल रहते थे।
वह बहुत हैंडसम और स्मार्ट थे, बहुत पैसे वाले थे और उनका बड़ा बिजनेस था।
यह यंग इंडियन गर्ल सेक्स कहानी इन्हीं अंकल के साथ की है.
मैं उन्हें मॉर्निंग वॉक में रोज देखती और बातें करती थी।
मगर जब मैं जवान हुई, तो जाने क्यों मैं उन्हें रोमांटिक नजरों से देखने लगी।
मेरे मन में अंकल का लंड देखने की इच्छा पैदा हो गई।
पोर्न में कोई लंड देखती, तो सोचती कि क्या अंकल का लंड भी ऐसा होगा? क्या अंकल भी आंटी को ऐसे ही पेलते होंगे? क्या आंटी की चूत भी ऐसे ही चाटते होंगे?
ऐसा सोचते ही मेरी चूत गीली हो जाती थी।
यह ऐसी फीलिंग थी कि मैं इसे किसी को बता भी नहीं सकती थी।
एक दिन मॉर्निंग वॉक में भीड़ थी तो अंकल बोले, “शानिया, जरा संभलकर चलो, नहीं तो कोई ठोक देगा।”
मैंने मुस्कराकर कहा, “ठोक दे तो अच्छा ही है न, अंकल?”
वह मुझे देखकर मुस्कराने लगे।
फिर एक दिन वो खुद बोले, “शानिया, मेरा एक दोस्त है जो तेरी जैसी लड़कियों को देखकर खड़ा हो जाता है।”
मैंने कहा, “अच्छा, तो मुझे उस दोस्त से मिलवा दो न, अंकल, किसी दिन?”
मेरी बात सुनकर वो हंस पड़े और बोले, “जरूर मिलवा दूंगा किसी दिन।”
मेरी उनसे ऐसी हंसी-मजाक की बातें लगभग रोज होने लगीं।
एक दिन मैं अचानक उनके घर चली गई।
अंकल नंगे बदन बैठे थे।
मुझे देखकर बोले, “अरे शानिया, तुम बड़े अच्छे मौके पर आई हो। देखो, घर में मेरे अलावा कोई नहीं है।”
मैं सोफे पर बैठ गई।
बातों ही बातों में मेरे मुंह से निकला, “तुम्हारा दोस्त कहाँ है, अंकल?”
उन्होंने कहा, “वो तो यहीं है, शानिया।”
मैं बोली, “तो फिर मिलवाओ न मुझे उससे?”
अंकल ने कहा, “मिलकर भागोगी तो नहीं?”
मैंने कहा, “भागूंगी क्यों? मैं तो प्यार से मिलूंगी उससे।”
उन्होंने कहा, “अच्छा, अपनी दोनों आँखें बंद करो।”
मैंने आँखें बंद कर लीं।
थोड़ी देर बाद वो बोले, “अब आँखें खोलो।”
मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि अंकल मेरे सामने खड़े हैं।
मैंने कहा, “कहाँ है तेरा दोस्त, अंकल?”
यह सुनकर उन्होंने अपनी लुंगी खोलकर फेंक दी।
उनका लंड मेरे सामने तनकर खड़ा हो गया।
लंड की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “यही है मेरा दोस्त, शानिया।”
अंकल का लंड देखकर मेरे होश उड़ गए।
मैं अपनी जिंदगी का पहला रियल लंड देख रही थी।
मेरे बदन में आग लग गई।
खड़ा हिनहिनाता हुआ लंड देखकर मैंने कहा, “ओ माय गॉड, इतना बड़ा लंड? इतना मोटा लंड? बड़ा मस्त है तेरा दोस्त।”
मेरा हाथ अपने आप लंड तक पहुँच गया और मैं उसे प्यार से हिलाने लगी।
मैंने लंड की चुम्मी लेते हुए कहा, “बड़ी खुशी हुई तेरे दोस्त से मिलकर!”
फिर अंकल ने मुझे अपने बदन से चिपका लिया।
मैं बड़ी देर तक लंड को घुमा-घुमाकर देखती रही।
लंड की झांटें एकदम साफ थीं। लंड का टोपा बिल्कुल लाल टमाटर जैसा था।
मेरे मुंह में पानी आ गया।
अंकल मेरे सामने नंगे खड़े थे और मैं सोफे पर बैठी थी।
लंड बिल्कुल मेरे मुंह के सामने था।
अचानक मेरा मुंह अपने आप खुला और मैंने लंड पूरा मुंह में भर लिया।
बिल्कुल वैसे ही, जैसे पोर्न की लड़कियाँ करती हैं।
मैं एक हाथ से पेल्हड़ थामकर दूसरे हाथ से लंड बड़े प्यार से चूसने लगी।
जीभ लंड के टोपे पर फिराने लगी।
अंकल को मजा आने लगा।
वे बोले, “शानिया, तुम बहुत क्यूट हो, खूबसूरत हो। तुम तो लंड बहुत अच्छी तरह चूस लेती हो।”
ऐसा कहकर उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए।
मैंने कोई आपत्ति नहीं की।
फिर उन्होंने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया।
मुझे नंगी देखकर उनका लंड और टनटना उठा, और ज्यादा मोटा हो गया।
मैं समझ गई कि अंकल का लंड बड़ा स्ट्रॉन्ग है।
मैं लंड को बार-बार अंदर-बाहर करते हुए ब्लोजॉब देने लगी।
चपर-चपर, छप्प-छप्प, पच्च-पच्च की आवाजें आने लगीं।
अंकल ने मेरे बाल पकड़कर मेरा सिर आगे-पीछे करने लगे।
अपनी गांड से जोर लगाकर मेरा मुंह चोदने लगे।
मुझे मजा आने लगा।
अब तक मैं अंकल से बिल्कुल बेशर्म हो चुकी थी।
मेरी लाइफ का पहला लंड मुझे अद्भुत मजा दे रहा था।
अंकल भी सिसकारियाँ निकाल रहे थे, जिससे मेरी लंड चूसने की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।
मैं सारी दुनिया भूलकर लंड में खो गई थी।
कुछ देर बाद अचानक लंड से कई पिचकारियाँ निकलीं और सीधे मेरे मुंह में घुस गईं।
पहले तो मुझे वीर्य का स्वाद अजीब लगा, लेकिन फिर मैंने पोर्न में लड़कियों को वीर्य पीने की कला याद की और लंड का सारा माल पी गई।
इससे अंकल बहुत खुश हो गए।
उन्होंने मुझे उठाया और अपने गले से चिपका लिया, बोले, “शानिया, तुम बहुत अच्छी हो, मेरी रानी!”
उन्होंने बड़ी देर तक मुझे अपने बदन से चिपकाए रखा।
फिर वो मुझे बाथरूम ले गए।
मैंने उनका लंड धोया और उन्होंने मेरा पूरा नंगा बदन धोकर मुझे खुश कर दिया।
फिर हम दोनों बिस्तर पर नंगे-नंगे लेट गए।
बस 15 मिनट बाद मैंने उनका लंड फिर पकड़ लिया और हिलाने लगी।
मैं बोली, “अंकल, आपका लंड मेरे दिल में समा गया है।”
उन्होंने मेरी चूत पर हाथ फिराना शुरू कर दिया।
मेरी छोटी-छोटी झांटों वाली चूत बिल्कुल खिली हुई थी।
अंकल ने उसे चूमा, कई बार चूमा।
फिर अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और जीभ अंदर घुसाने लगे।
मैं एकदम सिहर गई … करंट पूरे बदन में लग गया।
उन्होंने दोनों हाथ ऊपर किए और मेरे दोनों निपल्स मसलने लगे।
मैं मस्त होने लगी।
फिर मैंने उनकी टांग खींची और लंड अपने मुंह में ले लिया।
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
वो मेरी चूत चाटने लगे, मैं उनका लंड चाटने लगी।
मेरा मन खिला हुआ था।
मैं अपने आप को बड़ी लकी महसूस कर रही थी।
मुझे नहीं मालूम था कि मुझे इतनी जल्दी इतना मस्त लंड मिल जाएगा।
मैंने कहा, “अंकल, मैं तुमसे ज्यादा तुम्हारे लंड से प्यार करने लगी हूँ।”
वो बोले, “हाँ शानिया, मुझे भी तेरी चूत से ज्यादा प्यार हो गया है। तेरी चूचियों और तेरी गांड से भी प्यार हो गया है।”
इस बार फिर वो मेरे मुंह में झड़ गए और मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
शाम को वो बोले, “शानिया, मैं तुम्हें बिना शादी किए हमेशा अपने पास रखना चाहता हूँ।”
मैंने कहा, “अंकल, ये कैसे हो सकता है?”
उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, “हो सकता है, मेरी जान शानिया। तुम मेरे बेटे समीर से शादी कर लो और मेरी बहू बन जाओ। तब तो तुम मेरे घर में रह सकती हो न? मेरे पास पैसा बहुत है। धन-दौलत, मान-सम्मान, सब तुम्हें मिल जाएगा। तुम मेरी पूरी संपत्ति की मालकिन बन जाओगी।”
मैंने कहा, “फिर तो मैं आपके लंड से दूर हो जाऊँगी, वो मुझे मंजूर नहीं। मुझे धन-दौलत से ज्यादा प्यारा है आपका लंड!”
उन्होंने कहा, “देखो शानिया, अभी तुम मेरी बहू नहीं हो। इसलिए मैं तुम्हें चोद सकता हूँ। आज मैं तुम्हें दुल्हन बनाकर तेरे साथ सुहागरात मनाऊँगा। जी भर के तुम्हें चोदूंगा। जब तक तेरी शादी मेरे बेटे से नहीं हो जाती, तब तक तुम मेरी बीवी बनी रहोगी और मैं तुम्हें बड़े प्यार से चोदता रहूँगा। शादी के बाद भी तुम मेरा लंड लेती रहोगी। कैसे लोगी, वो मैं तुम्हें बाद में बताऊँगा।”
ऐसा कहकर वो मुझे बाजार ले गए और मेरे लिए सोने के गहने खरीदे … गले का हार, कान के झुमके, नाक की नथनी, हाथ के कंगन और एक साड़ी खरीदी।
फिर मुझे ब्यूटी पार्लर ले गए, मेरा मेकअप करवाकर मुझे दुल्हन बना दिया। फिर गाड़ी में बैठाकर घर ले आए।
घर में बैठाकर मुझे थोड़ी शराब पिलाई और खुद भी पी।
फिर मुझे बेड पर दुल्हन बनाकर बैठा दिया।
कुछ देर बाद वे दूल्हा बनकर कमरे में आए और मुझे प्यार करने लगे।
अंकल ने गिफ्ट में मुझे एक डायमंड की अंगूठी दी और मेरे कपड़े उतारने लगे।
10 मिनट में मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगे हो गए।
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि हम दोनों पहले भी नंगे हो चुके थे।
वो मेरी चूँचियाँ चूसने-चाटने लगे और मैं उनका टनटनाता हुआ लंड।
लंड इस बार कुछ ज्यादा ही सख्त था; लंड का लाल-लाल टोपा कुछ ज्यादा ही चमक रहा था।
अंकल मेरे कान में प्यार से बोले, “शानिया, अब तुम मेरी बीवी हो। आज मैं तुझे चोदकर अपनी सुहागरात मनाऊँगा।”
मैंने भी प्यार से कहा, “हाँ मेरे राजा, आज तुम मुझे जी भर के चोदो, क्योंकि मैं आपकी बीवी हूँ। अपनी बीवी की चूत में मियां का लंड पूरा का पूरा घुसेड़ दो।”
उन्होंने मेरी चूत सहलाई और कहा, “शानिया, तेरी छोटी-छोटी झांटों वाली चूत बड़ी क्यूट लग रही है।”
मेरे मुंह में लंड था, तो मैं कुछ कह नहीं सकी।
मुझे लंड चूसने में अपार आनंद आ रहा था।
कुछ देर में उन्होंने लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
मैं समझ गई कि अब ये पेलेगा, मादरचोद लंड।
मैं पेलवाने के लिए तैयार थी।
उन्होंने लंड सेट किया और गच्च से घुसेड़ दिया अंदर।
लंड चूत के चारों तरफ चिपकता हुआ अंदर घुस गया।
मुझे जन्नत का मजा आया।
मेरे मुंह से उफ तो निकला, लेकिन मैं चिल्लाई नहीं।
हाँ, इतना जरूर कहा, “पूरा का पूरा लौड़ा एक ही बार में पेल दिया, भोसड़ी के खुराना, तेरी बेटी की चूत, साले बेशर्म हरामी।”
वो मेरी गालियाँ सुनकर और उत्तेजित हो गए।
फिर लंड 10-12 बार अंदर-बाहर करके घपाघप चोदने लगे।
मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगी।
हम दोनों मियां-बीवी की तरह चुदाई में मशगूल हो गए।
मेरी पहली चुदाई थी और यंग इंडियन गर्ल सेक्स का मजा ले रही थी, बड़ी मस्त चुदाई हो रही थी।
मैं नीचे टाँगें फैलाकर लेटी थी।
वो मेरे ऊपर चढ़ा था और चोद रहा था।
मैं पहली बार चुदाई की आवाजें सुन रही थी।
मेरे कानों को वो आवाजें बड़ा मजा दे रही थीं।
फिर अचानक वो बेड से नीचे उतरे और मेरी दोनों टांगों में हाथ डालकर मुझे गोद में उठा लिया।
उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और गच्च से मेरा पूरा बदन अपनी तरफ खींच लिया।
लंड, बहनचोद, सीधे मेरी बच्चेदानी तक पहुँच गया।
फिर वो मुझे गेंद की तरह पकड़कर भकाभक चोदने लगे।
मुझे भी मजा आने लगा।
मैं उनके लंड की ताकत देखकर हैरान हो गई।
अंकल पागलों की तरह मुझे चोदने में जुटे थे।
मैंने मजाक में पूछा, “अंकल, अपनी बीवी चोद रहे हो या अपनी बहू?”
वो बड़े मजाकिया अंदाज में बोले, “मैं आज की बीवी चोद रहा हूँ, कल की बहू चोद रहा हूँ। इसलिए तू मेरी चहेती बीवी भी है, मादरचोद, और बहू भी! बीवी की तरह लंड तेरी चूत में पेलूँगा और बहू की तरह लंड तेरे मुंह में घुसेड़ूंगा। शानिया, मुझे पहली बार इतनी मस्तानी बीवी मिली है, जिसे मैं अपनी बहू बनाकर रखूँगा।”
मैंने कहा, “तो क्या आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे?”
वो बोले, “वो तो मैं बनाऊँगा ही, लेकिन आज से तेरी ये चूत मेरे पास ही रहेगी।”
ऐसा बोलकर उन्होंने एक बड़ा झटका मारा, तो मैं चीख पड़ी, “उई माँ, मर गई मैं! बड़ा मोटा लंड है तेरा, मादरचोद। ऊफ्फ ह्ह्ह्ह उउउउ आआआ, तू बड़ा ज़ालिम है, खुराना, तेरी माँ का भोसड़ा! साला कुत्ते की तरह चोद रहा है तू मुझे!”
मुझे लगा कि ये साला बड़ी देर तक चोदेगा।
इसका लंड झड़ ही नहीं रहा जबकि मैं किनारे पर पहुँच गई थी।
मैं समझ गई कि अंकल बड़ा चोदू है।
मेरे मुंह से निकला, “कितनी चूत में लंड पेला है तूने, खुराना?”
उन्होंने कहा, “मैं चोदता हूँ, तो चूत की गिनती नहीं करता। मैं लड़कियाँ भी चोदता हूँ और लड़कियों की माँ भी चोदता हूँ।”
उनकी इस बात ने मेरी चूत की आग को बुरी तरह भड़का दिया।
उन्होंने चोदने की रफ्तार बढ़ा दी और मैं भी झटकों के जवाब झटकों से देने लगी।
कुछ देर बाद मेरी चूत से पानी निकला, तो उनके लंड ने भी पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया।
मैं पहली बार में ही इतनी अच्छी तरह चुदी।
मैं घूमकर झड़ता हुआ लंड चाटने लगी तो वो बड़े प्यार से मेरे गाल थपथपाने लगे।
इस तरह उन्होंने मुझे उस दिन कई बार चोदा और हर बार मैंने उनके हक्कानी लंड का पूरा मजा लूटा।
एक दिन अंकल ने मेरी शादी अपने बेटे समीर से करवा दी।
समीर भी बड़ा हैंडसम और स्मार्ट लड़का था।
वो मुझे सुहागरात मनाने विदेश ले गया।
वहाँ समीर ने मुझे खूब चोदा, बेतहाशा चोदा।
उसका लंड अंकल के लंड से कम न था।
एक दिन चुदवाते हुए मैंने मन में कहा, “जैसा बाप का लंड, वैसा ही बेटे का लंड! जैसे बाप उछल-उछलकर चोदता है, वैसे ही बेटा भी उछल-उछलकर चोद रहा है। जैसे बाप पेलता है लंड, वैसे ही बेटा भी पेल रहा है लंड।”
मैंने दोनों जगह सुहागरात बड़े अच्छे ढंग से मनाई।
जब विदेश से लौटकर आई तो मेरा पति काम से 3 दिन के लिए बाहर चला गया।
उसके जाने के बाद अंकल ने मुझे रात में पकड़ लिया।
मैंने भी बड़े प्यार से नंगी होकर उनका लौड़ा पकड़ा और चाटने-चूसने लगी।
वो भी मेरे नंगे बदन से खेलने लगे।
फिर वो खड़े हो गए और लंड मेरे मुंह में पूरा घुसेड़ दिया, मेरे बाल पकड़कर लंड बार-बार अंदर-बाहर करने लगे।
कुछ पल में अंकल बोले, “शानिया, बहू रानी, अब मैं तेरी चूत नहीं, तेरा मुंह चोदा करूँगा। मैंने तेरी चूत अपने बेटे को दे दी है। अब तेरी चूत पर मेरा कोई हक नहीं है।”
फिर मैं उस दिन अपने ससुर को ब्लोजॉब देने लगी; उनका लंड चूस-चूसकर खलास करने लगी।
कुछ दिन बाद उन्होंने मुझे लंड गांड में लेना सिखा दिया।
फिर मैं आये दिन ससुर से गांड मरवाने लगी।
धीरे-धीरे मुझे गांड मरवाने में वही मजा आने लगा, जो चूत चुदवाने में आता था।
मैंने एक दिन पति से कह दिया, “मैं गांड नहीं मरवाती। मेरी गांड में लंड कभी मत पेलना।”
वो मान गया।
इस तरह मैं बाप और बेटे दोनों के लंड का मजा लेने लगी।
चूत अपने पति को देने लगी और गांड अपने ससुर को।
मुंह में तो लंड दोनों मादरचोद पेलने लगे।
पति को मैंने कभी नहीं मालूम होने दिया कि मैं अपने ससुर से अपनी गांड मरवाती हूँ और उसका लंड मुंह में लेकर पीती हूँ।
आज भी मैं दोनों लंड का भरपूर मजा लूट रही हूँ।
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लेखिका की पिछली कहानी थी: भाभी ने मुझे कई लंड दिलवाए