यंग गर्ल बॉय सेक्स कहानी में 1990 में आस पड़ोस के कुछ लड़के लड़कियां अपनी नई नई जवानी का मजा ले रहे हैं. वे खेल के बहाने गांड मारने मरवाने का खेल खेल रहे हैं.
दोस्तो, मेरा नाम निक्कू है.
मेरे सामने वाले घर में 20 साल का कल्लू और उसकी 22 साल की बहन सपना रहते थे.
ठीक बराबर के घर में 21 साल की माही और 22 साल की निकिता अपने मम्मी-पापा के साथ रहती थीं.
ये यंग गर्ल बॉय सेक्स कहानी 1990 के आसपास की शाहदरा की है, जब हमारा घर गली के बिल्कुल आखिर में था.
उसके बाद कई सारे खाली प्लॉट थे जिनमें आवारा जानवर घूमते रहते थे.
हम सबके परिवार गांव से आए थे इसलिए हमें बचपन में खेलने के लिए ढेर सारा समय और कई सारे खेल मिले.
हम सब शुरू से ही डॉक्टर-डॉक्टर, हाइड एंड सीक और साइकिल के टायर जैसे खेल खेला करते थे.
बचपन साथ बिताया, तो जवानी भी साथ ही आई.
उन्नीस सौ के आखिरी सालों में हम चले गए. तब इंटरनेट और वीडियो गेम ज्यादा प्रचलित नहीं थे.
टीवी भी बस शक्तिमान, चंद्रमुखी, चित्रहार, या संडे वाली फिल्म के लिए ही देखा जाता था, वरना सब साथ में ही खेलते थे.
हमारे सबके पापा दिल्ली में नौकरी करने जाते थे और मम्मी घर के काम करती थीं.
फिर पड़ोस में एक-दूसरे के साथ बैठकर बातें करती थीं, जिन्हें चुगली करना भी कहते हैं.
हम सब जवान हो गए थे पर हमारा रिश्ता अभी भी दोस्ती वाला था.
गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं तो कल्लू के मामा के ब/च्चे, सौरभ और सुचित्रा, आए हुए थे.
हम उन्हें बचपन से जानते थे और उनके साथ खूब घुल-मिल कर रहते थे.
वैसे तो सब सुचित्रा को सुचि कहते थे लेकिन हम दोस्त मजाक में सुचि को ‘लुच्ची’ कहते थे.
हम सब हमउम्र थे, पर सुचि हम में सबसे बड़ी थी.
एक दिन टाइमपास न होने की वजह से मैं अपनी बहनों को खेलने के लिए ढूँढने निकला.
पर वे नहीं मिलीं.
फिर पड़ोस में माही और निकिता के घर गया, तो पता चला कि वे सब खेलने के लिए कल्लू के घर गए हैं.
मैं भी कल्लू के घर चला गया.
वहां सब आंटियां बैठकर बातें कर रही थीं.
मैंने पूछा- सब लोग कहां खेल रहे हैं?
तो उन्होंने ऊपर छत की तरफ इशारा कर दिया.
मैं छत पर पहुंचा.
वहां दो कमरे थे और आगे की तरफ बहुत सारे गमले रखे थे, जिनमें फूल और पौधे लगे थे.
दोनों कमरे बंद थे पर एक कमरे से कुछ आवाज़ आई.
मैंने खिड़की से झांककर देखा, तो नज़ारा देखने लायक था.
उस कमरे में मेरी दोनों बहनें मोनी और सोनी, कल्लू, उसकी बहन सपना, सुचि और पड़ोस की लड़कियां माही व निकिता सब खेल रहे थे.
उनका खेल कौन सा था, ये जानकर तो आपको भी मजा आ जाएगा.
मेरी बहन सोनी अपनी सलवार को नीचे करके घोड़ी बनी हुई थी और कल्लू पीछे से अपना लंड उसकी गांड में डाल कर धक्के लगा रहा था.
बाकी सब लोग उन दोनों को बड़े ध्यान से देख रहे थे.
तभी सुचि ने कहा- अब मेरा नंबर!
तो सोनी हट गई और सुचि अपनी सलवार उतार कर घोड़ी बन गई.
फिर कल्लू ने पीछे से लंड उसकी गांड के अन्दर डाल दिया.
अब मुझे बड़ा गुस्सा आया, पर इन सब को मस्ती करता देख मेरा भी मन हुआ तो मैंने अपनी बहन को दरवाजा खोलने को कहा.
मेरी आवाज सुनते ही अब तो कमरे के अन्दर एकदम से हड़बड़ी मच गई.
सुचि ने जल्दी से अपनी सलवार पहन ली. कल्लू ने भी अपनी निक्कर ऊपर की और तभी मेरी बहन ने दरवाजा खोल दिया.
मैं अपना गुस्सा छोड़ कर मुस्कुराते हुए अन्दर गया और बोला कि मुझे भी खेलना है.
मेरी बात सुनकर वे सब डर कर चुप हो गए.
फिर सुचि ने हिम्मत करते हुए कहा- अभी तो हम छुपम छुपाई खेलने वाले हैं. तुम भी खेल लो.
पर मेरे मन में तो वही खेल चल रहा था.
सुचि की बात सुनकर मैं चुप रहा.
फिर हम सब हाइड सीक खेल कर वापस घर आ गए.
रात को मम्मी पापा के सोने के बाद मैंने सोनी को उठाया और उससे उसी खेल के बारे में पूछा.
तो वह बोली- सुचि ने बताया था कि कैसे खेलना है … और उसने यह भी कहा था कि उसने अपने भाई के साथ वह खेल बहुत बार खेला भी है.
मैंने अपनी बहन से कहा- मैंने देखा है वह खेल … अब मुझे भी तेरे साथ वही खेल खेलना है!
बहन बोली- ठीक है लेकिन मम्मी पापा को मत बताना!
मैंने हां बोल दिया.
सोनी बोली- कल दिन में खेलेंगे, अभी रात को आवाज सुनकर मम्मी जाग जाएंगी और देख लेंगी.
मैंने कहा- तो नीचे चलते हैं न … वहां बाथरूम में थोड़ी देर खेल लेंगे.
इस पर मेरी बहन सोनी मान गई.
हम दोनों बिना आवाज किये उठे और छत से नीचे आ गए.
सोनी बाथरूम के बजाए कमरे में जाने लगी तो मैंने कहा- क्या हुआ?
तब वह बोली कि बाथरूम में अच्छा नहीं लगेगा.
हम दोनों कमरे में चले गए.
सोनी ने अपनी सलवार उतार दी और पैंटी भी घुटनों तक उतार दी.
फिर वह बेड पर हाथ रख कर घोड़ी बन गई.
मैंने अपना लोअर नीचे खींच कर लंड बाहर निकाला और सोनी की गांड के छेद में डालने लगा.
मेरा लंड कड़क नहीं हुआ था तो वह उसकी गांड के अन्दर नहीं घुस रहा था.
सोनी बोली- जल्दी करो न!
मैंने किसी तरह से लंड को कड़क किया और उसकी गांड के छेद में सैट करके एक जोरदार धक्का दे दिया.
इस झटके से मेरा थोड़ा सा लंड बहन की गांड के अन्दर घुस गया.
इससे मेरी बहन को हल्का सा दर्द हुआ और वह मुझसे अलग होकर खड़ी हो गई.
वह ‘आह मम्मी’ बोल कर मेरा लंड देखने लगी.
सोनी- तेरा तो बहुत मोटा है, इसी वजह से दर्द हो रहा है. अब मैं तेरे साथ नहीं करूंगी!
मैं- कल्लू के साथ तो बड़े मजे से खेल रही थी!
सोनी- उसका छोटा सा है. उससे दर्द नहीं होता!
अब मैंने सोनी को बहुत मनाया, पर वह नहीं मानी और वापस ऊपर चली गई.
अगले दिन जब दोपहर में कल्लू के घर खेलने गए तो वहां कल्लू उसकी बहन सपना, सौरभ, सुचि थे क्योंकि माही और निकिता अपनी मम्मी के साथ अपने मामा के यहां चली गई थीं तो वे लोग नहीं थे.
अब हम सब फिर से छत पर खेलने आ गए.
सोनी ने सुचि को रात वाली बात बताई तो वह लुच्ची मुस्कुरा रही थी.
हम हाइड सीक खेलने लगे.
मेरी बहन मोनी को हम सबको ढूंढना था वह नीचे की तरफ सीढ़ियों पर खड़ी हो कर 1 से 10 तक गिनने लगी और हम सब छुपने लगे.
तभी लुच्ची मेरे पास आकर छुप गई और मेरी शॉर्ट्स के ऊपर हाथ फेरने लगी.
कमरे में ज्यादा रोशनी नहीं थी और हम दोनों एक संदूक के पीछे छुपे थे.
मैं बोला- क्या कर रही हो?
तो लुच्ची बोली- रात को तुमने सोनी के साथ जो खेल खेला था ना, मुझे तेरे साथ वही खेल खेलना है.
मैं बोला- ठीक है, सबको बुला लो.
तो सुचि बोली- नहीं सौरभ को पता चल गया तो वह मम्मी को बता देगा. उसने पहले भी मेरी पिटाई करवाई है.
मैं- तो क्या तुम अकेली खेलोगी?
सुचि- हां मैं और तुम … बाद में तुम जिसके साथ बोलोगे, उसी के साथ छुप जाना. मैंने सोनी और सपना को भी बता दिया तुम्हारा बड़ा है, तो ज्यादा मजा आएगा.
मैं- पर रात को सोनी ने तो मना कर दिया था!
सुचि- एक दो बार करने से थोड़ा दर्द होता है … फिर तो मजा आता ही है. बस धीरे धीरे से डालना और थूक लगा कर चिकना कर लेना.
मैंने अपना लंड निकाल कर सुचि को दिखाया तो वह साली लुच्ची तो मस्त हो गई और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
उसने झट से अपनी सलवार नीचे खींची और घोड़ी की तरह झुक गई.
मैंने पीछे से लंड उसकी गांड में डाल दिया, तो वह भी ‘आह मम्मी’ की आवाज करने लगी.
उसकी आवाज सुनकर पास में छुपी सपना हमारे पास आ गई.
वह हम दोनों को देखती हुई बोली- क्या हुआ?
मैंने सपना को देख कर लंड बाहर निकाल कर छुपा लिया.
सुचि बोली- अरे यार वही खेल खेल रहे हैं. साली तू चुप हो जा वर्ना सौरभ आ जाएगा.
सपना बोली- वह तो सीढ़ियों पर गया है. अबकी बार उसी को ढूंढना है.
यह सुनकर लुच्ची बोली- ठीक है, तू इधर ही छुप जा. सौरभ इधर आए तो बता देना. हम दोनों छुप कर मजेदार खेल खेल रहे हैं.
सपना राजी हो गई.
अब वह लुच्ची फिर से घोड़ी बन गई.
मैंने भी अपना लंड उसकी गांड के सुराख में घुसा दिया.
इस बार वह शोर नहीं मचा रही थी.
मैं धीरे धीरे से धक्के लगाने लगा और वह भी गांड में रगड़ लगने से मजे ले रही थी.
हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही गांड में लंड की रगड़ का, यंग गर्ल बॉय सेक्स के मजे लेते रहे.
फिर मेरा पानी निकल गया और मैं रुक गया.
लुच्ची ने भी मुझसे अलग होकर अपनी सलवार पहन ली.
अब सपना मेरे पास आई और बोली- मुझे भी खेलना है!
सुचि बोली- उसका रस निकल गया, बाद में खेल लेना.
सपना बोली- कल भी सोनी और सुचि ने ही खेला था … हमारा तो नंबर भी नहीं आया था!
मैं उससे बोला- कल मैं तेरे साथ पक्का खेलूंगा.
सपना बोली- नहीं मुझे तो अभी खेलना है वरना मैं मम्मी को बता दूंगी.
अब मेरी तो गांड फट गई.
मुझसे ज्यादा तो सुचि डर गई.
वह बोली- किसी को कुछ मत बताना बस थोड़ी देर रुक … मैं कुछ करती हूं.
उसने कल्लू को ढूंढा, पर वह सौरभ के साथ छुपा हुआ था.
अब मेरी छोटी बहन मोनी का नम्बर था हम सब को ढूंढने का.
तो सुचि मेरे पास आई और मेरे शॉर्ट्स को नीचे करने को बोली.
मैंने अपना शॉर्ट्स नीचे करके लंड बाहर निकाल दिया, पर अब मेरे लंड में तनाव नहीं था. वह छोटा सा हो गया था.
लुच्ची ने हाथ में लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी. उसने लौड़े की खाल को खींचा और उसके गुलाबी टोपे को देखने लगी.
वह अपनी उंगली से मेरे टोपे को सहला रही थी तो मुझे अच्छा लगने लगा और कुछ ही देर में मेरे लंड में वापस से तनाव आ गया.
सुचि ने लंड को रेडी देख कर कहा- सपना आ जाओ, अब तुम खेल लो.
सपना तो यह सुनकर खुश हो गई और अपनी स्कर्ट उठा कर पैंटी नीचे करके घोड़ी बन गई.
मैंने भी अपना लंड उसकी गांड के सुराख पर लगाया और अन्दर डालने लगा.
पर उसकी गांड का छेद छोटा था तो लंड घुसा ही नहीं.
वह बोली- डाल दो न अन्दर … बाहर क्यों रगड़ रहे हो.
मैंने थोड़ा थूक लंड पर गिराया और लंड की टोपी को चिकना कर लिया.
फिर मैंने वापस से सपना की गांड के छेद पर लंड रखा और जोर लगा कर अन्दर डाल दिया.
लंड का टोपा ही सपना की गांड में घुसा था कि वह ‘आह मर गई …’ चीख कर आगे को हो गई.
अब पास खड़ी लुच्ची हमारे पास आई और वह बोली- साली, इतनी जोर से क्यों चीख रही है. कोई आ जाएगा तो हम सब पकड़े जाएंगे!
सपना बोली- इसका मोटा है और मुझे दर्द हुआ.
तभी मैंने देखा कि मेरी छोटी बहन मोनी उधर आ रही थी.
मैंने उन दोनों को बताया कि मोनी इधर आ रही है.
सपना ने यह सुना तो उसने झट से अपनी पैंटी ऊपर चढ़ा कर पहन ली.
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