दो प्यार करने वालों का पहला सेक्स

Xxx रोमांस कहानी में राहुल और स्नेहा दोनों कई साल से प्यार करते थे लेकिन कभी सेक्स नहीं किया था. पर एक दिन दोनों ने अपने प्यार और रोमांस की ऊँचाइयों को छू लिया।

राहुल और स्नेहा दोनों एक-दूसरे को पिछले कई सालों से प्यार करते थे।

कभी नोक-झोंक, तो कभी घरवालों की रोक-टोक के कारण दोनों की शादी नहीं हो पाई थी।
दोनों ने साथ में कई बार बाहर घूमने का लुत्फ उठाया था, पर तब उनके बीच सिर्फ रोमांस ही हो पाया था… सेक्स नहीं हो पाया।

दोनों देर रात तक बातें करते थे और एक समय ऐसा आया जब दोनों ने अपने प्यार और रोमांस की ऊँचाइयों को छू लिया।
उसी दौरान की यह Xxx रोमांस कहानी है।

दोनों ने कहीं बाहर जाने का प्लान बनाया और मणाली पहुँच गए।

वहाँ दोनों मिलते ही एक-दूसरे को गले लगाकर अपनी भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

जैसा कि दोनों ने ऑनलाइन होटल रूम बुक किया था, वे होटल पहुँचते हैं, फ्रेश हो लेते हैं और खाना भी खा लेते हैं।

स्नेहा कपड़े बदलने में शरमाती है इसलिए वही कपड़े पहने रहती है।

राहुल ने निक्कर और टी-शर्ट पहन ली और स्नेहा को बाथरूम में जाकर कपड़े बदलने को कहता है।

स्नेहा नीली रंग की हल्की पारदर्शी शर्ट और लोअर पहन लेती है और मिरर के सामने नाइट क्रीम वगैरह लगाने लगती है।

राहुल उसके सामने जाने में हिचकिचाता है, पर स्नेहा कहीं न कहीं उसे मौका दे रही थी कि वह उसके पास आए।
रात के 10 बज चुके थे।

दोनों कुर्सियों पर आमने-सामने बैठकर बातें करने लगे।
फिर दोनों रोमांटिक मूड की ऊँचाइयों पर पहुँच गए।

रात के 12 बज गए।

राहुल: अच्छा सुनो, मुझे तुम्हारे पास आना है!
स्नेहा: क्यों?
राहुल: क्योंकि प्यार वाला मूड हो रहा है!
स्नेहा: अच्छा!

राहुल: तो आऊँ क्या?
स्नेहा: पर तुम तो इतनी दूर हो, आते-आते मूड ऑफ हो जाएगा!
राहुल झट से स्नेहा के पास जाकर उसके बगल में बैठ जाता है।

स्नेहा: इश्श! शॉक्ड! आँख खुलते ही मेरे सामने… वाह!
राहुल: हाथ तो दो!
स्नेहा: ओके! मुझे कैसा-कैसा फील हो रहा है!
राहुल: कैसा?
स्नेहा: थोड़ा सा डर, थोड़ी सी शर्म… और प्यार ही प्यार!

राहुल ने स्नेहा का हाथ छोड़ा और झट से लाइट्स ऑफ करते हुए स्नेहा को अपनी बाहों में भर लिया।

स्नेहा उसको चिढ़ाते हुए: अरे-अरे! ये क्या कर रहे हो?
राहुल: थोड़ी सी शर्म और थोड़ा सा डर और ढेर सारा प्यार जताने के लिए यही एक जरिया है!

स्नेहा: अच्छा!
खुद को कम्फर्टेबल फील करते हुए अपने दोनों हाथों से राहुल को जकड़ते हुए बोली.

राहुल स्नेहा के उभारों को अपने सीने से रगड़ते हुए उसकी कमर को और जोर से पकड़ता है।
चूँकि राहुल का पहली बार किसी लड़की के इतने करीब आना हुआ था, उसका टाइगर भी काफी उत्तेजित हो गया।

स्नेहा: अपने माथे को राहुल के कंधे पर रखते हुए साँस तो लेने दो राहुल, मार डालोगे क्या पहली बार में ही!
राहुल: स्नेहा के कंधों पर, उसकी ब्रा की स्ट्रिप को चूमते हुए आज कोई बंदिशें मत लगाओ!

स्नेहा: कुछ गलत हो गया तो? दुनिया क्या कहेगी?
कहते ही स्नेहा राहुल को और जोर से जकड़ लेती है।

इधर राहुल का उत्तेजित टाइगर स्नेहा की गुफा में रहने के लिए गुफा के सामने दहाड़ते हुए मँडरा रहा था।

स्नेहा: कुछ चुभ रहा है!
राहुल: कहाँ?

स्नेहा मुस्कुराते हुए: अपना दाहिना हाथ राहुल की पीठ से हटाते हुए उसके टाइगर को हल्का सा धक्का देती है जानू, ये क्या था?
राहुल: यही चुभ रहा था क्या? ये मेरा टाइगर है और गुफा में जाना चाहता है!

इतना सुनते ही स्नेहा राहुल को धक्का देती है और शरमाकर मिरर के पास चली जाती है।
राहुल भी स्नेहा के पास जाता है और पीछे से उसे गले लगा लेता है।

स्नेहा: बस, अब सो जाते हैं!
पर राहुल स्नेहा की पीठ पर चुम्बनों की सिलसिला शुरू कर देता है और स्नेहा छटपटाती रहती है।
राहुल स्नेहा के गले पर चूमते हुए उसे अपनी ओर खींच लेता है।

स्नेहा: बस जानू, हो गया!
वैसे स्नेहा का भी मन तो था, पर वह नखरे दिखाती रही।

राहुल ने अपने दोनों हाथों से स्नेहा के पिछवाड़े को दबाते हुए आई लव यू कहता जाता है।

राहुल स्नेहा के लोअर के अंदर हाथ डाल देता है और उसके चूतड़ सहलाने लगता है।
राहुल पहले स्नेहा के रसीले होंठों पर एक हल्की सी दस्तक देता है।

स्नेहा: आज तो गई!

राहुल स्नेहा के ऐसा कहते ही उसके सागर जैसे होंठों को चूसना शुरू करता है और काफी समय तक चूसता रहता है।
स्नेहा भी राहुल का पूरा साथ दे रही थी।

कुछ देर बाद…

स्नेहा: आह्ह्हा… थकते नहीं हो क्या?
राहुल: क्या हुआ?
स्नेहा: मेरी तो साँस ही अटक गई थी!
राहुल: अरे पगली, मेरी साँस से साँस लो!

कहते ही उसने स्नेहा को फिर से अपनी बाहों में भर लिया और उसकी टॉप की पीछे से चेन खोलने लगता है।
वह स्नेहा की पीठ पर हाथ सहलाते हुए चेन खोल देता है।

स्नेहा: जानू, बस हो गया आज! तुमने मेरी सारी जगहों को छू लिया, अब तो मैंने सारी बंदिशें भी नहीं लगाई। आज इतना ही, प्लीज!

राहुल समझ जाता है कि स्नेहा का भी मूड है, पर वह नखरे कर रही है।
राहुल ने उसे फिर से लिप्स पर किस करना शुरू किया और करते-करते उसके दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए उसकी शर्ट निकाल दी।

अब स्नेहा अर्ध-नग्न हो चुकी थी।
वह ठंड का बहाना बनाकर दौड़कर बेड में चली जाती है और कंबल ओढ़ लेती है।

राहुल भी अपनी टी-शर्ट उतारते हुए कंबल के अंदर घुस जाता है।
स्नेहा खुद को राहुल के उलटे कर लेती है।
राहुल उसकी पीठ पर किस करते हुए स्नेहा की दोनों टाँगों को अपनी टाँगों के बीच लॉक कर देता है, फिर स्नेहा को पलटाते हुए उस पर लेट जाता है और उसके गले के नीचे हाथ डालते हुए फिर से लिप्स पर किस करता है।

स्नेहा खुद को न संभालते हुए सिसकियाँ लेना शुरू कर देती है। स्नेहा को पसीने आने शुरू हो जाते हैं।

राहुल स्नेहा के गालों को चूमते हुए उसके उभारों के ऊपर अपने होंठ गड़ा देता है।
स्नेहा राहुल के बालों को जोर से पकड़ते हुए: अह्ह्ह… हाह्ह्हा… एम्म्मम… हो गया ना… अह्ह्ह!

राहुल: अपने दोनों हाथों से स्नेहा की ब्रा खोल देता है और उसके छोटे-छोटे उभारों को आज़ाद कर लेता है, वह उन पर चुम्बनों की बरसात शुरू कर देता है।

स्नेहा और जोर-जोर से सिसकियाँ लेना शुरू करती है।

राहुल स्नेहा के मुँह को बंद करता है और फिर से उसके होंठों पर किस शुरू कर देता है।

राहुल ने स्नेहा के लोअर को धीरे-धीरे नीचे सरकाया और उसे पूरी तरह से आज़ाद कर दिया।

स्नेहा ने अपनी आँखें बंद कर लीं, लेकिन उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी।
राहुल ने स्नेहा के पूरे शरीर पर अपने चुम्बनों का जादू बिखेरना शुरू किया।
स्नेहा अब पूरी तरह से राहुल के साथ थी, उसका हर स्पर्श उसे और करीब ला रहा था।

दोनों एक-दूसरे की बाहों में थे।
स्नेहा ने राहुल के सीने पर अपना सिर रखा और उसकी धड़कनों को सुनने लगी।

राहुल एक हाथ से स्नेहा के उभारों को दबाते हुए अपनी निक्कर उतार लेता है।

स्नेहा: निक्कर क्यों उतार रहे हो, जान?
राहुल: टाइगर गुफा में जाना चाहता है!
स्नेहा: टाइगर के लिए गुफा छोटी पड़ जाएगा। गुफा टूट गई तो?
राहुल: नहीं टूटेगी!

स्नेहा: दर्द होगा, टाइगर बड़ा है!
राहुल: प्यार वाला मीठा दर्द है… सहन नहीं कर पाओगी क्या?
स्नेहा: क्या पता, मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा!

राहुल ने पहली बार अपने औज़ार को घुसाया।
स्नेहा चीख पड़ी… अह्ह्ह्हा… माँ!

राहुल: क्या हुआ?
स्नेहा: दर्द हो रहा है!
कहकर राहुल को और कसकर जकड़ लेती है।

राहुल का पहला शॉट गलत था।
फिर उसने सही तरीके से सही जगह घुसाया।

स्नेहा खुद को संभाल नहीं पा रही थी।
कई बार टाइगर के अंदर-बाहर होने पर टाइगर ने गुफा में पानी की तलाश कर ही ली।

स्नेहा राहुल के सीने पर हाथ फेरते हुए: हाँफते हुए राहुल को किस करते हुए लव यू, माय जान!
अब स्नेहा दूसरी गति की फिराक में थी।

स्नेहा की साँसें अभी भी तेज थीं, लेकिन अब उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।
वह राहुल के सीने पर अपनी उंगलियाँ फिराते हुए हल्के से मुस्कुराई।
राहुल ने स्नेहा की इस हरकत को भाँप लिया और उसे फिर से अपनी बाहों में कस लिया।

राहुल स्नेहा के कान के पास फुसफुसाते हुए: जान, अभी तो रात बाकी है!
स्नेहा: शरमाते हुए हाँ, पर थोड़ा ठहर तो जाओ! मेरी तो जान ही निकल गई!

राहुल ने स्नेहा के माथे पर एक प्यार भरा चुम्बन दिया और उसे और करीब खींच लिया।
स्नेहा अब पूरी तरह से राहुल के साथ थी, उसका डर और शरम धीरे-धीरे प्यार की गर्मी में पिघल रहे थे।

दोनों एक-दूसरे की आँखों में खो गए और कमरे में सन्नाटा छा गया, बस उनकी साँसों की आवाज़ गूँज रही थी।

स्नेहा राहुल के गाल को सहलाते हुए: जान, तुम सच में बहुत पागल हो!
राहुल मुस्कुराते हुए: तुम्हारे लिए तो ये पागलपन भी कम है!

स्नेहा ने हल्के से राहुल के सीने पर चपत लगाई और फिर उससे लिपट गई।

राहुल ने स्नेहा की कमर पर हाथ फेरते हुए उसे फिर से चूमना शुरू किया।
इस बार स्नेहा ने कोई नखरा नहीं किया।
वह भी राहुल के होंठों का साथ देने लगी और दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह खो गए।

राहुल ने धीरे से स्नेहा को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर झुक गया।
स्नेहा की साँसें फिर से तेज हो गईं लेकिन इस बार उसकी सिसकियों में दर्द की जगह एक मीठा सा एहसास था।

राहुल ने स्नेहा के गालों, गले और फिर उसके उभारों पर चुम्बनों की बारिश शुरू कर दी।
स्नेहा की सिसकियाँ अब और तेज हो गई थीं।

स्नेहा हाँफते हुए: राहुल… बस… धीरे…!
राहुल मुस्कुराते हुए: जान, प्यार में जल्दबाजी नहीं करते!

स्नेहा: धीरे से राहुल, ये पल… मैं इन्हें कभी नहीं भूलूँगी।
राहुल: स्नेहा के बालों में उंगलियाँ फिराते हुए मैं भी नहीं, जान। ये हमारा प्यार है, हमेशा ऐसा ही रहेगा।

रात गहरी हो चुकी थी। दोनों कंबल के अंदर एक-दूसरे से लिपटे हुए थे।
स्नेहा की आँखों में अब शरम की जगह सिर्फ प्यार और विश्वास था।
राहुल ने स्नेहा को अपनी बाहों में कसकर रखा, जैसे वह उसे कभी छोड़ना ही नहीं चाहता।

Xxx रोमांस के बाद सुबह की पहली किरण कमरे में आई, तो स्नेहा और राहुल अभी भी एक-दूसरे की बाहों में थे।

स्नेहा ने धीरे से राहुल को देखा और मुस्कुराई: फुसफुसाते हुए गुड मॉर्निंग, मेरे टाइगर!
राहुल: हँसते हुए गुड मॉर्निंग, मेरी गुफा की रानी!

दोनों हँस पड़े और एक-दूसरे को गले लगा लिया।

मणाली की ठंडी हवाओं के बीच उनका प्यार अब और गहरा हो चुका था।
वे जानते थे कि उनके सामने अभी कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन इस पल में वे सिर्फ एक-दूसरे के थे।

उनका प्यार, जो सालों की नोक-झोंक और घरवालों की रोक-टोक से गुजरा था, अब एक ऐसी मंजिल पर था जहाँ सिर्फ वे दोनों थे।
और यह कहानी, जो मणाली की रातों में शुरू हुई थी, उनके दिलों में हमेशा के लिए बस गई।

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