बस में मिली लड़की की चूत बजाई

सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी में पढ़ें कि एक दिन एक सेक्सी जवान लड़की बस में मिली. उससे बात हुई और फिर मैंने उसको चुदाई के लिए कैसे पटाया?

अंतर्वासना के सभी पाठकों को मेरा लंड भरा नमस्कार! मेरा नाम नील है जो कि रीयल नहीं है. आज बहुत दिनों के बाद आप लोगों के रूबरू होने का अवसर मिला है. इसलिए ज्यादा समय ज़ाया न करते हुए चलते हैं सीधे सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी की ओर।

दोस्तो, ये घटना मेरी जिन्दगी का ऐसा हिस्सा है जिसके बाद से मेरी जिन्दगी में काफी बदलाव आये.

बात तीन साल पहले की है जब मैं नवी मुम्बई में जॉब करने जाता था. मैं रोज सुबह 8 बजे की बस से निकलता था और शाम को 7 बजे की बस से लौट आता था.

ये रूटीन मेरा प्रतिदिन का ही था. रोज बस में आने जाने वाली लड़कियों को घूरता रहता था और मेरा अच्छा टाइम पास हो जाता था. सोचता रहता था कि कभी चूत ही मिल जाये.

काफी दिनों से ऐसे ही चलता आ रहा था.

एक दिन किस्मत ने करवट बदली और मेरे भाग खुल गये. मैं बस में आकर बैठा ही था कि एक 23-24 साल की लड़की मेरे बाजू वाली सीट पर आकर बैठ गयी.

उन दिनों मुझे चूत का चस्का बहुत ज्यादा लगा हुआ था. हर वक्त चूत पटाने के चक्करों में लगा रहता था. काफी चालू टाइप का बंदा हुआ करता था मैं.

बस में चढ़ते ही मैं बाजू वाली सीट पर बैग रख देता था ताकि कोई लड़का उस पर न बैठ जाये. फिर जब कोई सुंदर सी लड़की या कोई सेक्सी भाभी आती थी तो मैं बैग को हटा लेता था.

उस दिन भगवान की ऐसी मेहर हुई कि मेरे साथ ऐसी लड़की बैठ गयी जिसको देखने मात्र से ही लंड खड़ा हो जाये.
क्या फिगर थी यार … उसकी! एकदम गर्म माल।
बहुत ही आकर्षक जिस्म की मालकिन थी. न ज्यादा गोरी थी और न ज्यादा सांवली.

लम्बे काले बाल, 34 के साइज के रसीले आम, 30 की बलखाती कमर और गांड के तो कहने ही क्या! उसको देखकर मन करता था कि चूत भले न मिले लेकिन इसकी गांड मिल जाये तो जिन्दगी संवर जाये.

इतनी बात मैं भरोसे के साथ कह सकता था कि ये मुझसे नहीं पटेगी.
ऐसा पटाखा रोज रोज देखने को नहीं मिलता.
वैसे भी वो मुझे उसी दिन दिखाई दी थी.
पूरे चान्स थे कि ये रोज आने जाने वालों में से नहीं है.

इसलिए ना उम्मीद होकर मैंने अपने मोबाइल में मूवी देखना शुरू कर दिया.

मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था. वो लड़की कुछ देर के बाद मेरे मोबाइल में झांकने लगी.

मैंने सोचा कि शायद ये फिल्म देखने में इंटरेस्टेड लग रही है इसलिए इसको भी दिखा देता हूं.
तो मैंने मोबाइल की स्क्रीन को थोड़ा उसकी तरफ घुमा दिया. वो भी आराम से देखने लगी.

फिर ऐसे ही बस चलती रही. फिर अचानक से स्पीड ब्रेकर आया और उसने एकदम से मेरी जांघ पर हाथ रख कर दबा दिया.

आपाधापी में मेरा हाथ भी उसके हाथ पर चला गया.

उसके कोमल हाथ को छूते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया.
मैंने एकदम से हाथ हटाया और उसने भी अपना हाथ वापस खींच लिया.
वो बोली- सॉरी. वो … झटका लग गया था.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. इट्स ओके.

फिर मैं दोबारा से मूवी देखने लगा.
वो भी देखने लगी.
दो मिनट बाद बोली- आप कहां तक जायेंगे?
मैंने कहा- इस बस के लास्ट स्टॉप तक.

वो बोली- रेलवे स्टेशन?
मैं- हां.
वो बोली- मैं भी वहीं जा रही हूं.
फिर हम दोनों मुस्करा दिये.

मेरा लंड मेरी पैंट में मुंह उठाये खड़ा था. किसी तरह मैंने उसको बैग के नीचे दबाया हुआ था ताकि उसको मेरा खड़ा लंड न दिख जाये.

उसके बाद दो तीन बार उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा.
मगर दूसरी बार में उसकी छुअन कुछ बदल सी गयी थी. उसने हल्का सहलाने की कोशिश की.
ऐसा दो बार हुआ. मेरे लंड का बुरा हाल हो गया.

मैं विश्वास के साथ तो नहीं कह सकता था लेकिन उसको शायद मैं पसंद आ गया था. देखने में तो मैं भी हैंडसम ही था.

उसके बाद 15-20 मिनट में स्टॉप आ गया. बस खाली हो गयी.

फिर उसको वहां से लोकल पकड़नी थी. वो स्टेशन की ओर जाने लगी तो उसकी हील मुड़ गयी और वो एकदम से गिरने को हो गयी.
मैंने उसको लपक कर संभाला और उसे सहारा देकर गिरने से बचाया.

वो थोड़ी घबरा गयी. फिर संभलकर उसने मुझे थैंक्स बोला.
मैंने कहा- अगर बुरा न मानें तो मैं आपको स्टेशन तक छोड़ देता हूं.
वो बोली- नहीं, मैं चली जाऊंगी.
फिर मैंने दूसरी बार भी पूछ लिया तो उसने हां कर दी.

मैं उसका बैग लेकर उसके साथ चल दिया. फिर हम स्टेशन पर पहुंचकर भी बातें करते रहे.
लगभग 10-15 मिनट उससे बातें हुईं. मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे. बहुत प्यारी बातें करती थी वो.

किसी तरह मैंने हिम्मत करके उसको बोल ही दिया- क्या हम दोस्त बन सकते हैं?
वो बोली- जी … वो … मैं … क्या बताऊं. कुछ समझ नहीं आ रहा.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, अगर आपको भरोसा नहीं है तो कोई बात नहीं.
वो बोली- नहीं, ऐसी बात नहीं है.

फिर मैं उसको बाय बोलकर जाने लगा.
उसे लगा मैं बुरा मान गया.
उसने रोका और कहा- नील, रुको.

मैं पीछे पलटा और वो बोली- ठीक है.
फिर उसने पास आकर अपना नम्बर दिया.
मैं खुश हो गया और उसको थैंक्स कहा.

हमारे नम्बर एक्सचेंज हो गये थे.
उसी रोज़ रात को मैंने उसको मैसेज कर दिया.
उसने रिप्लाई भी किया.

फिर चैट करते हुए उसने बताया कि वो अपने एक फ्रेंड को मिलने गयी थी. उस रात ज्यादा देर तक बात नहीं हुई मगर फिर रोज ही चैट होने लगी.

कुछ दिन तक ऐसे ही नॉर्मल चैट चलती रही. फिर मैंने उसको पटाना शुरू किया. वो भी थोड़ा भाव दे रही थी.

धीरे धीरे हम दोनों में प्यार और सेक्स जैसे टॉपिक पर भी हल्की फुल्की बातें होने लगीं.

ऐसे ही होते होते मैं काफी गर्म हो जाता था और उसको प्यार और सेक्स भरे मैसेज करने लग जाता था.
वो भी शायद इंजॉय कर रही थी. उसने कभी कोई शिकायत नहीं की.

फिर एक दिन मैंने उसको मिलने का बोल दिया.
उसने कुछ नहीं कहा.
वो जान गयी थी कि मैं उसके साथ कुछ करना चाहता हूं.
उसने मिलने के लिए हां कर दी.

तय समय के मुताबिक वो मिलने के लिए आ गयी.
मैं उसको वहां से अपने रूम पर ले आया.

आते ही हमने कुछ देर बातें कीं. फिर उसको चाय-पानी का पूछा तो वो मना करने लगी.

फिर मैंने उसके पास बैठकर उसके हाथ को पकड़ लिया.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैं उसके हाथ को सहलाने लगा. वो थोड़ी शर्मा रही थी.

उसके बाद मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया और उसको बांहों में लेकर उसकी उसके जिस्म को सूंघने लगा.

वो भी कुछ नहीं बोल रही थी. बस मैं जो कर रहा था मुझे करने दे रही थी.

फिर मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. उसके जिस्म की खुशबू पाकर मेरे अंदर वासना की लहर सी उठ गयी थी.

मैंने उसका चेहरा ऊपर किया और धीरे से उसके होंठों पर होंठों को रख दिया. मैं उसको किस करने लगा.
पहले तो वो थोड़ा नखरा करती रही और फिर मेरा साथ देने लगी.

बहुत दिनों के बाद किसी लड़की को छुआ था. बदन में एक सनसनी सी हो रही थी. मन कर रहा था कि किसी तरह बस इसको चोद दूं.

मैंने उसकी चुदाई की पूरी तैयारी कर रखी थी.
कॉन्डोम का पैकेट मैंने पहले से लाकर रखा हुआ था.

मैं बस एक बार उसकी चूत मारना चाह रहा था उसके बाद वो भले ही कभी न मिले.
मुझे उससे प्यार नहीं था. बस चुदाई करनी थी.
इसलिए पागलों की तरह उसको चूमे जा रहा था.

4-5 मिनट तक हमारा लिपलॉक चलता रहा.
उसी बीच मेरे हाथ बार बार उसके टॉप में जाकर उसकी ब्रा में जा रहे थे.
वो कुछ नहीं बोल रही थी इसलिए मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया.

मैं उसके बदन के साथ खेलने लगा. मेरा हाथ उसके बदन पर हर जगह छूकर आ रहा था और वो भी इसका मजा ले रही थी.

अब मैं उसकी गर्दन से नीचे होकर उसकी चूचियों तक आ गया.

मुझे उसकी चूचियों को चूसने का बहुत मन हो रहा था तो मैंने उसको टॉप निकालने के लिए कहा.
उसने टॉप को उठा लिया लेकिन पूरा नहीं निकाला; बस आधा ही ऊपर किया.

उसकी ब्रा दिख गयी थी इसलिए मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिये. पीछे से मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.
फिर मैंने उसको नीचे लिटा लिया और उसकी पीठ पर आकर उसकी चूचियों को दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा.

मेरा लंड उसकी जीन्स में उसकी गांड की दरार में घुसने की कोशिश कर रहा था. अब मैं पूरी तरह से सेक्स और वासना के वश था. मुझे चुदाई के सिवाय कुछ नहीं दिखाई दे रहा था.

फिर मैंने उसको पलटा और उसके होंठों को जोर से किस करने लगा. पहले मेरे हाथ उसके चेहरे को जकड़े हुए थे लेकिन फिर जल्दी ही एक हाथ उसकी चूचियों पर चला गया और दूसरा नीचे जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा.

धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाते हुए मैंने उसकी पैंट का हुक खोला और उसकी पैंटी पर से चूत को मसल दिया.
फिर तुरंत बाद मैंने उसकी पैंटी में हाथ दे दिया. उसकी गर्म चूत मेरे हाथ पर लगी तो मुझे जैसे जन्नत का अहसास हुआ.

मगर अगले ही पल उसने मेरे हाथ पर हाथ मारा और मेरे हाथ को बाहर खींचकर निकलवा दिया.
मुझे गुस्सा आया.
मगर मैं कुछ कर भी नहीं सकता था.

अगर मैं उसकी बात नहीं मानता तो बात गड़बड़ हो जाती.
किसी तरह मुझे उसकी चूत मारनी थी इसलिए मैंने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी और चुपचाप हाथ हटा लिया.

वो उठ बैठी और बोली- पहली ही बार में सब कुछ कर लोगे क्या?
मैं जान गया कि ये चुदने वाली है लेकिन बस नखरे कर रही है.
मैंने उसको सॉरी बोला और फिर उसका हाथ पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया.

मैं जानता था कि उसको चुदाई के लिए कैसे गर्म करना है.
अब मैं नीचे था और वो ऊपर। उसकी चूचियां बाहर निकल आई थीं. मैंने उसकी चूचियों को मुंह में भरा और पीने लगा.

उसके निप्पल मेरे मुंह के अंदर थे. निप्पल काफी तन गये थे और मटर के दाने जैसे हो गये.
उसके निप्पलों के तनाव से साफ पता चल रहा था कि वो उत्तेजित है और सेक्स करना चाहती है.

मैं उसके बूब्स चूसने लगा. कभी दायां तो कभी बायां. बारी बारी से मैं उसके स्तनों को चूसता रहा.

उसकी पैंट तो मैंने पहले ही खोली हुई थी.
अब मेरा हाथ उसकी गांड पर घूम रहा था.

फिर मैंने उसकी जीन्स में अंदर हाथ डाला और उसकी गांड के ऊपर से उसकी पैंटी को दबाने लगा. वो भी अपनी चूत का जोर मेरी जांघों पर डालते हुए ऊपर नीचे होने लगी.

मौका देखकर मैंने फिर से नीचे की ओर उसकी पैंटी में हाथ दिया और उसकी चूत में उंगली डाल दी.
उसने एक बार तो निकलवाने की कोशिश की लेकिन मैंने थोड़ा जोर लगाया और चूत में उंगली करता रहा.

फिर उसने विरोध करना बंद कर दिया और वो आराम से उंगली करवाने का मजा लेने लगी.
उसकी चूत में उंगली देकर ही पता लग रहा था कि ये बहुत बार चुद चुकी है.

अब मैंने उसकी जीन्स नीचे सरका दी.
फिर मैंने अपनी पैंट भी नीचे कर ली. दोनों घुटनों तक पैंट नीचे कर चुके थे. वो पैंटी में थी और मैं अंडरवियर में. मेरा लंड उसकी पैंटी पर टकरा रहा था.

फिर मैं उसको जोर से होंठों पर किस करने लगा. उसकी चूचियां पूरी मेरी छाती पर दब गयी थीं. वो भी अपनी चूत को मेरे लंड की ओर धकेल कर उसका स्पर्श अपनी चूत पर पा रही थी.

एकदम से फिर मैंने उसको नीचे पटका और उसकी चूत पर टूट पड़ा.
मैं उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही किस करने लगा.

मेरी गर्म जीभ उसकी चूत को पैंटी के अंदर ही गर्म करने लगी.

फिर मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी. उसकी चूत नंगी हो गयी.
और मैं जैसे भूखे कुत्ते की तरह उसकी चूत को चाटने लगा. फिर उसकी चूत में जीभ देकर चोदने लगा.

वो अपनी चूत को ऊपर उछालने लगी और जीभ को पूरी अंदर तक लेने लगी.
उसकी चूत के रस की गंध मुझे पागल बना रही थी. अब मैं अपने काबू में नहीं था.

मैंने उसके सारे कपड़े उतार फेंके और उसको पूरी नंगी कर लिया. उसके बाद मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंके और पूरा नंगा होकर उसके ऊपर लेटा और होंठों को बेतहाशा चूमने लगा.

अब नंगा लंड नंगी चूत से टकरा रहा था. दोनों को इस छुअन से गजब की उत्तेजना मिल रही थी.

जब भी लंड चूत से टकराता तो लगता कि बस जन्नत यही है. नंगी चूत हो और नंगा लंड और दोनों एक दूसरे को किस करते रहें.

नीचे से मैंने फिर उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. अब वो कंट्रोल से बाहर होने लगी. उसके मुंह से सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … आआ … आह्ह … अम्मम … ओईई … मम्मी … आह्ह … ईईई … स्स्स … ओह्ह … ओहोह … करके वो पूरी मदहोशी की ओर जा रही थी.

फिर मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी और फिर तो हद ही हो गयी.
दो मिनट बाद ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैंने उसकी चूत का सारा पानी पी लिया.

मैंने फिर उसको लंड चूसने के लिए बोला तो वो मना करने लगी. मैंने भी जोर नहीं डाला क्योंकि मैं उसको चोदने का मौका छोड़ना नहीं चाहता था.

तब मैंने कॉन्डोम निकाला और लंड पर चढ़ा दिया.
उसने इशारे से मिशनरी पोज में आने को कहा.

मैंने भी उसकी ख्वाहिश पूरी की और उसकी टांगों को फैलाकर लंड को उसकी चूत पर सेट किया और उसके ऊपर लेटता चला गया.

धीरे धीरे मेरा लंड उसकी चूत में उतर गया.
उसने ज्यादा आवाज नहीं की.
चूत बहुत चिकनी हो चुकी थी. पूरा लंड अंदर सेट होने के बाद उसने अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट लिया.

फिर मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये. मैं उसकी चुदाई करने लगा.
वो भी सिसकारते हुए मजे से चुदने लगी- आह्ह … हाह … ओह्ह … आह्ह … वाऊ … ओह्ह … आह्ह … यस … हम्म … उम्म … और स्पीड में।

मैं उसको तेजी से चोदने लगा.
वो मेरे होंठों को काटने लगी.
10 मिनट तक लगातार उसकी ताबड़तोड़ चुदाई की और फिर उसकी चूत में जलन होना शुरू हो गयी.

वो लंड को निकालने के लिए कहने लगी.
मैं बोला- मेरा नहीं हुआ है.
वो बोली- मैं मुंह से कर दूंगी. मुझसे अंदर नहीं लिया जायेगा अब.

उसके कहने पर मैंने लंड निकाल लिया. उसने कॉन्डोम उतारा और फिर लंड चूसने लगी.

दो मिनट बाद मेरा छूटने को हो गया और मैंने उसके सिर को अपने लंड पर दबा दिया.
मेरा सारा माल उसके मुंह में निकल गया.
बाद में उसने माल को अंदर बाथरूम में थूक दिया.

मैं भी निढाल होकर लेट गया था.

उस दिन फिर वो सेक्सी लड़की चुदाई के थोड़ी देर के बाद चली गयी.

फिर पता नहीं क्यों मेरी रूचि उसमें कम हो गयी. वो सेक्स करने में ज्यादा अच्छी नहीं लगी मुझे. मैंने फिर उससे ज्यादा बात नहीं की. बस नॉर्मल हाय हैलो के मैसेज ही आते थे.

कुछ दिनों के बाद उसने फिर से चुदवाने की इच्छा जताई. उस दौरान फिर क्या हुआ वो मैं आपको किसी अगली स्टोरी में बताऊंगा. फिलहाल इस कहानी को यहीं खत्म कर रहा हूं.

आपको ये सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी कैसी मुझे जरूर बतायें. अगर आप दूसरा भाग भी पढ़ना चाहते हैं तो मुझे लिखें, मैं इसका अगला भाग भी आपके लिये लिखूंगा.
मुझे मेरी ईमेल पर अपने मैसेज जरूर भेजें.
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