सेक्सी इंडियन कॉलेज गर्ल की जवानी आई और कॉलेज की हवा लगते ही उसकी बुर लंड मांगने लगी. वो चाह रही थी कि कोई अच्छा सा लड़का उसका यार बनकर उसकी कुंवारी बुर फाड़ दे!
यह कहानी सुनें.
फ्री सेक्स कहानी के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम तानिया है, मैं महाराष्ट्र की रहने वाली हूँ और यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है.
मैं फिलहाल 23 साल की हूँ.
ये सेक्सी इंडियन कॉलेज गर्ल कहानी तब की है, जब मैं 19 साल की थी और बीएससी के दूसरे साल में पढ़ रही थी.
मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी. मैंने दसवीं मैं सेकंड रैंक और बारहवीं में पांचवीं रैंक हासिल की थी.
यूँ तो मेरा मन कभी पढ़ाई से भटका नहीं था, पर वो बोलते हैं ना कि कॉलेज की हवा लगते समय नहीं लगती.
मैं भी आखिर कब तक बचती. साथ ही मेरी जवानी भी तो अब अपने चरम पर थी.
मेरा 34-28-36 का मदमस्त फिगर, दूध सा गोरा रंग और ऊपर से 5 फुट 9 इंच की सेक्सी हाइट.
लड़कों को एक लड़की में और क्या चाहिए!
यूँ तो मुझे पता था कि कॉलेज के बहुत लड़के मुझे अपने साथ बिस्तर पर लिटाना चाहते थे क्योंकि जब भी मैं उनके सामने से जाती थी ना, तो वो सब मेरे कसे हुए दूध और मेरी कसी हुई उभरी गांड पर अपनी कामुक नज़रें टिका कर अपने मुँह से लार टपकाते थे.
मगर मैंने कभी किसी को घास नहीं डाली थी.
फर्स्ट ईयर में तो मैं किसी के हाथ नहीं आई, पर जैसे ही सेकंड ईयर चालू हुआ, तो मेरी चूत ने भी हार मान ली.
मेरी दोस्ती भी दो लौंडों से हो गयी. हालांकि वो पहले से ही किसी से सैट थे.
दरअसल हमारा पांच लोगों का एक फ्रेंड सर्किल बन गया था. उसमें तीन लड़कियां और दो लड़के थे. हमारे इस ग्रुप में दो कपल थे और मैं अकेली सिंगल थी.
जब भी हमारा ग्रुप कहीं जाता, ये दोनों कपल आपस में लग जाते और मैं बोर हो जाती.
मेरी सहेली शनाया और मुस्कान दोनों मुझसे बोलीं- तानिया, कब तक पढ़ाई पढ़ाई करती रहेगी, दूसरे मजे भी लेना सीख ले. हमें कहो, तो तेरे लिए कोई लड़का जमा दें?
ये कह कर वो दोनों हंसने लगीं.
उनकी बात सुनकर मैं यही सब सोच में पड़ गई.
दोस्तो, मैंने अभी तक कभी अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी. मैंने अपने आपको बहुत मेन्टेन करके रखा हुआ था. मैं अपना पूरा शरीर एकदम क्लीन रखती थी और हर दिन योग आदि करती थी.
उस दिन जब मैं घर पहुंची, तो मैं मुस्कान और शनाया की कही हुई बातें ही सोच रही थी.
रात को सोते वक्त भी यही सब मेरे दिमाग में चल रहा था.
मेरा मन किया कि कुछ सेक्सी वीडियो देखूं.
मैंने अपने फ़ोन में वीपीएन डाउनलोड किया और एक पोर्न साइट में चली गयी.
मैं अपनी लाइफ का पहला पोर्न देखने जा रही थी.
जैसे जैसे मैं पोर्न देखते गयी, मेरी चूत की गर्मी बढ़ती गयी और मेरे मम्मों के निप्पल कड़क व नुकीले हो गए.
मैंने जैसे ही अपना एक हाथ अपनी पैंटी के अन्दर डाला तो मेरी पूरी पैंटी गीली हो चुकी थी.
मैंने अपनी एक उंगली अपनी चूत की लकीर पर आगे पीछे फेरी तो मुझे एक करंट सा लगा.
ऐसा लगा कि बस अभी के अभी कोई लड़का मुझे चोद दे.
मैंने कामुक होकर उंगली अन्दर पेल दी और तेजी से उसे अपनी चूत के छेद में अन्दर बाहर करने लगी.
आह क्या बताऊं यार … कैसा फील हो रहा था.
मेरे मुँह से ‘अहह उफ्फ आह …’ की आवाजें निकलने लगीं और मुझे जैसे ही मजा आने लगा.
उसी वक्त घर की लाइट चली गयी.
मैंने झट से फ़ोन बंद कर दिया क्योंकि मुझे लगा कोई रोशनी देख कर आ ना जाए.
मैं कसमसाकर वहीं ढीली होकर सो गई.
उस रात के बाद तो मानो मुझे चुदने का मन होने लगा था.
नहाने जाऊं तो मैं वहां अपनी चूत सहलाती और चूत रगड़ कर अपनी प्यास बुझा लेती.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.
एक दिन हम चार लोग बैठे हुए थे. मैं, शनाया, मुस्कान और तरुण (मुस्कान का बीएफ).
तभी वहां ज़ीशान आया (शनाया का बीएफ), उसके साथ एक लड़का था.
वो 5 फुट 11 इंच कद का और शरीर भी अच्छा तगड़ा था.
उसका रंग थोड़ा सांवला था पर वो दिखने में बहुत स्मार्ट था.
हम तीनों लड़कियां उसे देखने लगीं.
शनाया और मुस्कान का तो ठीक था पर मेरा ध्यान उस पर से हट ही नहीं रहा था.
शनाया ने ज़ीशान से पूछा- ये कौन है?
ज़ीशान बोला- ये निखिल है, अपने सेक्शन में नया एडमिशन है.
हम सभी ने उससे हाथ मिलाकर हमारे ग्रुप में उसका स्वागत किया.
अब क्लास में एक बेंच में दो ही लोग बैठते थे. शनाया और ज़ीशान एक साथ, मुस्कान तरुण एक साथ, अब निखिल अकेला ना हो जाए, ये सोच कर मैं उसे अपने साथ बैठने बोली.
मुझे तो वो बहुत पसंद आ चुका था.
अब चाहे क्लास हो या घूमने जाना हो, मैं और निखिल साथ में ही टाइम बिताने लगे क्योंकि बाकी दो तो बीएफ जीएफ थे ही ना!
धीरे धीरे हम दोनों भी एक दूसरे से खुलने लगे. पसंद तो मैं उससे बहुत करती थी, पर चाहती थी कि वो कदम बढ़ाए.
जब भी घूमने जाते, मैं उसकी बाइक के पीछे उससे चिपक कर बैठती थी, ऐसे कि मेरे मम्मों को वो अच्छे से महसूस कर सके.
हम दोनों को लगभग पता था कि हम एक दूसरे को चाहते हैं, पर पता नहीं, वो शायद इस बात को कहने में डरता था.
इसी बीच तरुण के भाई की शादी की तारीख फिक्स हो गयी.
हम सबको वहां जाना था तो हम पांच लोग एक साथ जाने के लिए तैयार हुए.
हमने एक गाड़ी बुक कर ली.
तरुण तो अपने घर पहले ही जा चुका था.
कार में जाते वक्त पूरा समय मैं निखिल को … और वो मुझे घूर रहा था.
शनाया ने ये सब देख लिया.
वो बोलने लगी- कहीं तो चिंगारी भड़क रही है रे बाबा!
मैं और निखिल शर्माने लगे.
मुस्कान बोली- जब पसंद करते हो, तो एक दूसरे को बोलते क्यों नहीं?
इतने में पता नहीं मेरी ज़ुबान से निकल गया- ये बुद्धू कुछ बोलता ही नहीं, मैं क्या करूँ?
इतना बोलते ही सब मुझे देखने लगे और शर्म के मारे मेरी नज़रें नीची हो गईं.
निखिल बहुत खुश हुआ.
फिर सब लोगों ने कार रोकने के बाद मुझे और निखिल को पीछे की सीट में एक साथ चिपका कर बैठा दिया.
निखिल विंडो साइड में … और मैं बीच में, दूसरी विंडो में शनाया.
निखिल मुझसे पूछने लगा- तानिया, तुम मुझे कबसे पसंद करने लगी?
मैं शर्माती हुई बोली- जिस दिन से तुम्हें देखा निखिल, उस दिन से. मैं इन्तज़ार कर रही थी कि कब तुम कुछ बोलो.
अब हम लोग शादी वाले जगह पहुंच गए.
सुबह करीब तीन बजे हम लोग वहां पहुंच गए.
हमें लेने तरुण आया था. हमारे सब लोगों की रहने की व्यवस्था एक अलग गेस्ट हाउस में की गई थी, जहां तरुण भी हमारे साथ रहने वाला था.
गेस्ट हाउस थ्री बीएचके का था.
सबको नींद आ रही थी तो सब अपनी अपनी जगह देखकर सो गए.
सुबह हम सब उठे और तैयार होकर तरुण के घर के लिए निकले.
शादी में दो दिन बाकी थे.
आज संगीत का दिन था.
मैंने नीले रंग का सूट पहना था, नीचे लैगी पहनी थी, जो कि सफेद रंग की स्किन टाइट थी.
अन्दर पुशअप ब्रा और सफेद रंग थोंग वाली पैंटी, जिसके कारण चलते समय मेरे दोनों कूल्हे मस्त मटकते थे.
जैसे ही हम लोग कार में बैठे, निखिल मेरे साइड में बैठ गया था.
निखिल मुझसे धीरे से बोला- आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो!
मैं बोली- अच्छा … और रोज नहीं लगती क्या?
वो बोला- मेरा मतलब है कि आज तुम सलवार सूट में भी सेक्सी लग रही हो.
मैंने पूछा- वो कैसे, जरा अच्छे से बताओ!
वो बोला- तानिया, टाइट लैगी में तुम्हारी गांड बहुत मस्त लग रही है.
मैं बोली- साले मैं तेरी गर्लफ्रेंड क्या बन गई, तो तुम मुझसे ऐसे बात करोगे?
वो थोड़ा शांत हो गया, शायद थोड़ा गुस्सा या रूठ गया.
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके हाथ में एक पप्पी दे कर बोली- मैं तुम्हारी हूँ … तुम बोल सकते हो यार, टेंशन न लो!
वो बोला- हाथ में पप्पी से क्या होगा मेरा?
मैं हंसती हुई बोली- वेट करो बाबा थोड़ा … इतनी जल्दी क्या है?
निखिल बोला- ओके मेरी जान.
ये कह कर उसने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया.
मैं थोड़ी चौंक गयी.
पहली बार मेरे शरीर में सेक्सी इंडियन कॉलेज गर्ल को किसी लड़के का स्पर्श हुआ था.
हाय … मजा आ गया कसम से.
अब निखिल और मैं एक दूसरे को देख कर कामुक स्माइल कर रहे थे.
उसने धीरे से अपना हाथ कमर से नीचे मेरी गांड के ऊपर ला दिया और मेरी गांड को सहलाने लगा.
मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी, कार में सब लोग थे.
मैं बस निखिल को देख रही थी.
तभी शनाया मुझसे बात करती हुई बोली- तानिया, ब्वॉयफ्रेंड के साथ बैठ कर कैसा लग रहा है?
इन सब बातों के बीच में निखिल मेरी गांड कभी सहलाए, तो कभी दबाए जा रहा था.
मैं शनाया को कुछ बोली नहीं, बस हंसती हुई अपना चेहरा नीचे की ओर करके देखने लगी.
निखिल लगातार मेरी गांड दबाए जा रहा था. अब मुझे भी मजा आने लगा था.
मैंने निखिल को कामुक नज़रों से देखा और उसकी जांघों पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी.
मेरी आंखें जैसे नशीली हो गयी थीं. निखिल समझ गया कि मैं गर्म तो हो गयी हूँ और बहुत तड़प भी रही हूँ.
तभी उसने अपना हाथ मेरी गांड से हटा दिया और मेरे कान में मेरा ही डायलॉग बोलने लगा कि तुम भी वेट करो.
निखिल मुझे तड़पा रहा था.
तभी हम मैरिज लॉन पहुंच गए, जहां संगीत का कार्यक्रम होने वाला था.
अब हम सब संगीत के कार्यक्रम में मजा कर रहे थे. सब दोस्त नाच रहे थे, एन्जॉय कर रहे थे.
इतने में मुझे सुसु लग गई.
मैंने मुस्कान को बोला कि मैं वाशरूम होकर आती हूँ.
हम सभी लॉन में नाच रहे थे और वाशरूम ऊपर की ओर हॉल में था.
मैं वाशरूम के अन्दर जाकर अपनी लैगी नीचे करके पैंटी नीचे करने लगी, तो पता चला कि मेरी पैंटी पूरी गीली थी. क्योंकि निखिल गाड़ी में मेरी गांड को सहला रहा था.
मैं मन ही मन बोली- ओह्ह निखिल तुम्हारा हाथ उफ्फ!
सुसु करके जैसे ही मैं बाहर आई, तो एकदम से मेरा हाथ किसी ने पकड़ा और बाथरूम के साइड वाले कॉरिडोर में खींच लिया.
मैं डर गयी, देखा तो निखिल था.
मैंने पूछा- निखिल, तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, तुम यहां कैसे?
वो बोला- मैंने तुम्हें जाते हुए देखा, तो तुम्हारे पीछे आ गया.
मैं अपने नीचे के होंठों के एक तरफ को अपनी दांत के बीच दबाकर अपनी आईब्रो ऊपर करके बोली- अच्छा … और तुम पीछे क्यों आ गए?
वो थोड़ा मेरे पास आया और मेरे एक हाथ को पकड़ कर मेरे कंधे के बाजू में अपना दूसरा हाथ रख दिया
वो गहरी सांस लेकर बोला- तानी.
मैं भी धीरे से कामुक आवाज़ में बोली- बोलो निक, क्या हुआ?
वो मेरी आंखों को देखे जा रहा था और मेरे हाथ पर अपनी पकड़ कसता जा रहा था.
मैं उसकी सांसें महसूस कर पा रही थी. मैं कुछ सोच ही नहीं पा रही थी कि ये क्या हो रहा है. मगर जो भी हो रहा था, वो बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर वो मेरे होंठों को देखने लगा और धीरे से एक किस कर दिया.
ये किस बस एक दो सेकंड का था. उसने किस करके झट से मुँह पीछे कर लिया.
मैं देखती रह गयी.
उत्तेजना में आकर मैं उसके पीछे होती हुई उसके होंठों को अपने होंठों से पकड़ने की कोशिश करने लगी, पर पकड़ न सकी.
मैं गहरी सांसें भरने लगी.
मेरी सांसों की आवाज आ रही थी- अहह … अहह.
निखिल समझ गया कि मैं गर्म होने लगी हूँ और तड़प रही हूँ.
वो अपना दूसरा हाथ मेरे चेहरे पर फेरता हुआ मेरे होंठों को ऐसे छेड़ रहा था, जैसे वो मुझे और तड़पा रहा हो.
फिर वो मेरी गर्दन पर धीमे धीमे सहलाने लगा था. इससे मेरी सांसें इतनी तेज हो गई थीं कि मेरे मम्मे ऊपर नीचे हो रहे थे.
हाय … मैं तो बस आंख बंद करके मजा महसूस कर रही थी. ज़िन्दगी में आज पहली बार इतना अच्छा लग रहा था.
उसने एकदम से मेरा एक हाथ ऊपर करके अपने दूसरे हाथ से मेरा दूसरा हाथ भी ऊपर कर दिया और अपने एक ही हाथ से मेरे दोनों हाथों को पकड़ कर ऊपर टिका दिया.
वो अपने दूसरे हाथ से मेरी गांड को छूते हुए मेरी जांघों पर आ गया और जांघों को उठा कर पास आकर मेरी जांघें अपने कमर पर रख दीं.
अब मेरे हाथ और जांघें दोनों उसके वश में थीं. मैं बस तेज आहें भरती हुई उसे देख रही थी.
वो बोला- तानी, आई लव यू बेबी.
मैं आहें भरती हुई कामुक आवाज में बोली- लव यू टू बाबू.
वो मुझे एकदम से फ्रेंच लिपलॉक करने लगा और मैं भी जोर जोर से उसके होंठ चूसने लगी.
‘उम्म उम्म निखिल उम्म बाबू उम्म उफ्फ …’
मेरी मादक आवाजें आने लगीं.
मैं और मेरा बाबू, हम दोनों ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे.
साथ में वो मेरी जांघों को दबाते हुए मेरी गांड को भी दबाने लगा था.
मेरी गांड का एक कूल्हा पूरा उसके हाथ के पंजे में था, उसकी उंगलियां मेरी गांड के लकीर में घुस चुकी थीं.
गांड दबाते समय उसकी उंगलियां मेरी चूत को भी स्पर्श करके उत्तेजित कर रही थीं जिसके कारण मैं और हॉर्नी होती जा रही थी.
तभी वहां किसी के आने की आवाज आई.
तो मैं और निखिल फट से दूर होकर कपड़े ठीक करने लगे.
पहले मैं, फिर वो, हम दोनों वहां से निकल कर लॉन में आ गए.
ऐसे ही नाच गाने में रात हो गयी.
तरुण ने हम सबको बता दिया था कि आज रात को हम लोग गेस्ट हाउस में बियर पार्टी करेंगे और वहीं डिनर करेंगे.
इसलिए बिना कुछ खाए हम लोग उधर से निकल गए.
अगले भाग में मैं आपको अपनी चूत की ओपनिंग सेरेमनी की रसीली और हॉट कहानी सुनाऊंगी.
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