गर्लफ्रेंड की गांड और चूत की चुदाई का मजा

सेक्सी कॉलेज गर्ल की कहानी में पढ़ें कि चुदाई की दीवानी मेरी गर्लफ्रेंड मेरे रूम में आकर कैसे चुदी आगे पीछे से और सबसे पहले तो मैंने उसका मुखचोदन किया था.

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम मनीष है.

यह सेक्सी कॉलेज गर्ल की कहानी मेरी गर्लफ्रेंड और मेरी है, जिसका नाम खुशबू है.
वह मेरे ही कॉलेज में पढ़ती है और बहुत सेक्सी है, सेक्स की दीवानी है.

हमारे रिश्ते को 4 साल होने वाले हैं और इस बीच हमने बहुत बार चुदाई की है.
लेकिन अब हम कुछ नया करना चाहते थे.

मेरी हाइट 6 फुट के करीब है और मेरी गर्लफ्रेंड की हाइट 5 फुट 4 इंच है.
चुदाई करने के लिए एकदम सही हाइट है हम दोनों की!

मेरा लंड 5 इंच का है और यह खड़ा होकर 5.5 या 6 इंच तक का हो जाता है.

मेरी गर्लफ्रेंड के चूचे मोटे-मोटे हैं. इतने मोटे कि मेरे मुंह में भी नहीं आ पाते.
पहले वे इतने मोटे नहीं थे लेकिन मैंने उन्हें दबा-दबा के मोटा कर दिया है.

मेरी गर्लफ्रेंड की गांड बड़ी है. उसका रंग सांवला है.

मैं जब भी उसे देखता हूं तो मेरा लंड न जाने क्यों सलामी देने लगता है.

मेरी ग्रर्लफ्रेंड भी कम नहीं है. अंदर ही अंदर सेक्स करने का मन तो उसका भी करता है

तो आइए मैं आपको अपनी सेक्सी कॉलेज गर्ल की कहानी सुनाता हूं.

यह बात कुछ ऐसी है कि मैं और मेरी गर्लफ्रेंड एक बार एक रूम में गये.
हमने पहले से ही सोच रखा था कि अबकी बार हम कुछ अलग तरीके से चुदाई करेंगे.

रूम में पहुंचते ही मैंने उसे बेड पर धक्का दे दिया और सीधे उसके ऊपर जाकर चढ़ गया.
मैंने बिना देर किए उसके होठों को चूमना चालू कर दिया.

उसके होंठ गुलाबी हैं एकदम किसी गोरी मेम की तरह.

मैं उसके होठों को कम से कम 15 मिनट चूसता रहा.

अब मैं धीरे-धीरे नीचे आने लगा और अपना हाथ उसके चूचियों के ऊपर रख दिया.
मुझे तो उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से दबाने में अलग ही मज़ा आ रहा था.

लेकिन असली मज़ा तो उन्हें अंदर से छूने में था.

तो मैंने झट से अपना हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा.
चूचियों को दबाते-दबाते मैं उसके निप्पल तक जा पहुंचा.

अब मैं उसके निप्पलों को मसलने लगा और धीरे- धीरे अपना हाथ नीचे उसकी चूत तक ले जाने लगा.

मेरा हाथ उसकी चूत तक जा पहुंचा.
अब मेरे लंड में खलबली मच रही थी और उसकी चूत में आग लगी हुई थी क्योंकि वह भी चुदवाने की शौकीन थी.

मैंने बिना समय गंवाए अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी.
चूत में उंगली डालते ही वह तड़प उठी.

मैंने भी बिना बिना समय गंवाए अपना पैंट और अंडरवियर उतार दिया.

अब मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाला और उसे खूब तेज-तेज चुसवाने लगा.
मैं पूरा लंड उसके मुंह में अंदर तक डालने लगा क्योंकि मैंने उसे पहले से ही कहा था कि यह चुदाई हमारी कुछ अलग होने वाली है.

कम से कम 15 मिनट तक उसके मुंह में लंड देने के बाद मैंने उसकी चूत में उंगली करने की रफ़्तार बढ़ा दी.

मैं यहीं नहीं रुका, उसके मुंह में अपने लंड को डालने की रफ्तार मैंने तेज कर दी, उसके मुंह से थूक निकल रहा था लेकिन मैंने उसके मुंह में लंड देना बंद नहीं किया.
उसकी सांसें अटकने वाली थी लेकिन मैं फिर भी लंड देता रहा.

अब मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत को देखा.
चूत को देखते ही मेरे लंड में आग लग गई.
ऐसी आग की मेरा लंड साढ़े पांच इंच से भी ज़्यादा का हो गया.

अब मैंने अपने होठों को उसकी चूत पर रखा और उसे चाटने लगा.
चाटते-चाटते उनमें से निकाला हुआ सारा माल पी गया.

अब मैंने धीरे-धीरे अपने मुंह को उसकी चूचियों की ओर किया और उसकी चूचियों को पीने लगा क्योंकि मेरी बंदी को चूचियों को दबवाना बहुत पसंद है.

तकरीबन 15 मिनट तक चूचियों को पीने के बाद मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत पर रखते ही मैंने सीधे झटके से उसकी चूत के अंदर लंड डाल दिया.
लंड अंदर डालते ही वह तड़प उठी.

ऐसी तड़प थी कि मत पूछो!

फिर क्या था … अब मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी और अंदर बाहर करने लगा.
मैंने देखा कि वह मचल रही है.
तो मैंने सोचा चलो इसे और मचलाता हूं.

फिल्मों को देखकर ही मैं इस बार अपने साथ दो स्कार्फ लेकर आया था.

मैंने दोनों स्कार्फ उसके पैरों में बांध दिए और स्कार्फ का दूसरा सिरा बेड से बांध दिया.
अब वह हिल नहीं सकती थी.

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और उसे तेजी से चोदने लगा.

मुझे चोदते हुए अभी 2 मिनट भी नहीं हुए थे कि वह झड़ने लगी.

लेकिन मैं कहां मानने वाला था, उसके न कहने के बाद भी मैं उसे लगातार चोदता रहा.

15 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने अपना वाइब्रेटर निकाला जो मैंने ख़ास आज के लिए ही खरीदा था.

मैंने वो वाइब्रेटर उसकी क्लिटोरिस पर रख दिया. वाइब्रेटर की वाइब्रेशन पाते ही वह मचल गई और फिर से गर्म हो गई.

अब मैंने वाइब्रेटर के वाइब्रेशन के साथ-साथ उसकी चूत में लंड डालके अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

काफ़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैंने उसके पैर खोल दिए और अब डॉगी स्टाइल में चोदने की तैयारी करने लगा.

कुतिया बनाकर मैंने उसके पैर पीछे से बांध दिए.
2 मिनट तक मैंने उसकी गांड को देखा, उसकी गांड और और चूत एकदम कमाल की लग रही थी.

लेकिन फिर मैंने अपना ध्यान उस काम पर लगाया जिसे मुझे करना था … यानि डॉगी स्टाइल पोजिशन में चुदाई.

बिना देर किए मैं उसकी गांड के पीछे खड़ा हो गया और धीरे से उसकी चूत में अपना लंड लगाया और सीधे अंदर डाल दिया.

पीछे से मेरा लंड पाते ही चिल्लाने लगी.

उसकी आवाज को सुनकर मैंने उसे कहा- चुप हो जा, थोड़ा धीरे चिल्ला … वरना लोग आ जाएंगे.
वैसे मैं उससे प्यार बहुत करता हूं लेकिन आज प्यार-मोहब्बत कुछ नहीं था, आज हम सिर्फ़ चुदाई के मूड में थे.

मुझे भी पता नहीं क्या हो गया था … काफी देर तक उसे चोदने के बाद मेरा मन उसकी गांड मारने को करने लगा.

मौका देखकर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रख दिया.

जैसे ही उसने देखा कि मेरा लंड उसकी गांड की छेद पर है, उसने मुझे मना कर दिया.
लेकिन मैं कहां मानने वाला था, मैंने उसे समझाते हुए कहा- जान, आज किसी चीज के लिए मना मत करो, भूल गई क्या?

फिर उसने भी कुछ नहीं बोला क्योंकि गांड मराने का मन तो उसका भी था.

मैंने अपना थूक अपने हाथ में लिया और उसकी गांड के छेद पर लगाया और धीरे से अपना लंड उसकी गांड की छेद में अंदर डाला.
गांड के छेद में लंड जाते ही वह मचलने लगी और चीखने लगी.

मैंने कहा- चुप हो जा … वरना लोग आ जाएंगे, समझ नहीं आ रहा तुझे?
लेकिन वह नहीं मानी क्योंकि उसे दर्द हो रहा था.

मैं भी कहाँ रुकने वाला था, मुझे आज सिर्फ़ और सिर्फ़ उसे चोदना था. आज मुझे उसके दर्द से कोई मतलब नहीं था.

फिर मैंने अपना रुमाल उसके मुंह पर बांध दिया ताकि वह चीख ना पाए या चीखे तो आवाज़ लोगों को न सुनाई दे.

एक बार फिर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड के अंदर डाला.
धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी गांड के अंदर जा रहा था.

अब मेरा आधा लंड उसकी गांड के अंदर पहुंच चुका था और वह पूरी की पूरी पागल हो चुकी था दर्द के कारण!

लेकिन मुझे ना जाने क्यों मज़ा आ रहा था.
मैंने धीरे से अपना पूरा लंड उसकी गांड के अंदर डाल दिया.

मैं धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा और वह चिल्लाती रही.
लेकिन मैंने उसकी कुछ न सुनी और मैं उसकी गांड मारता रहा.

फिर जाने क्यों 2 मिनट बाद मेरे मन में ख्याल आया कि इसकी चूत खाली क्यों है.
मैं एक खीरा लेकर आया था तो मैंने बिना किसी देरी के उस खीरे को अपने बैग से निकाला और उस पर थूक लगा कर उसकी चूत में डाल दिया.

खीरा तकरीबन 7 से 8 इंच का होगा, वह खीरे को चूत में पाते ही मचलने लगी.
उसने आज तक बस खीरा खाया था; कभी यह नहीं सोचा होगा कि खीरा उसकी चूत में होगा.

कुछ भी हो … आज उसे डबल मजा आ रहा था क्योंकि मेरा लंड उसकी गांड में और खीरा उसकी चूत में जो था.

उसके दोनों छेदों में कुछ न कुछ था तो उसे दर्द भी हो रहा था.

चूत के दर्द से उसे मज़ा आ रहा था और गांड के दर्द से उसे रोना!
लेकिन मैंने एक न सुनी.

तकरीबन 15 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद, उसकी गांड का बुरा हाल था.

अब मैंने सोचा कि अब खेल ख़त्म कर दिया जाए.
फिर मैंने खीरा उसकी चूत से निकाला और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.

अब मैं उसे पीछे से खूब तेज-तेज चोदने लगा ताकि जल्दी से मेरा झड़ जाए क्योंकि वह गांड के दर्द से कराह रही थी.

मैं उसे कराहते देख बोला- चुप हो जा, अब तो मैं तेरी चूत मार रहा हूं. अब क्यों रो रही है?

करीब 5 मिनट तक ऐसे चोदने के बाद फिर मैं जब झड़ने लगा तब मैंने उसके पैर खोल दिए और उसे उल्टा लेटा दिया और उसके मुंह से रुमाल निकाल दिया और सारा का सारा माल उसके मुंह में डालकर उसे पिला दिया.

उसे और चोदने का मेरा मन तो बहुत था लेकिन उसे कराहती देख मैंने उसे छोड़ दिया.

मेरे प्यारे दोस्तो, आपको मेरी सेक्सी कॉलेज गर्ल की कहानी पढ़ कर खूब आनन्द आया होगा.
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