पहला इंटरकोर्स पति के साथ कैसे हुआ मेरा? इस कहानी में पढ़ें. हमारी सुहागरात में ओरल सेक्स का मजा लेने के बाद अब पूरी चुदाई की बारी थी.
दोस्तो, कैसे हो आप लोग मैं आप लोगों की प्यारी सेक्सी जुगनी एक बार फिर से अपनी xxx सेक्सी कहानी लेकर हाजिर हूँ.
दोस्तो, जैसा कि मैंने आप लोगों को अपनी कहानी के पहले भाग
सुहागरात की शुरूआत ओरल सेक्स से
में बताया था कि कैसे मुकेश ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए तैयार किया और लंड चुसवाने के साथ ही अपना सारा माल मेरे मुँह में डाल दिया, कुछ वीर्य मेरे मम्मों पेट आदि पर भी गिरा.
मैंने मुकेश के लंड को अच्छे से चाट कर साफ किया और इन्होंने मेरे मम्मों आदि को चाट कर साफ कर दिया.
अब आगे पहला इंटरकोर्स पति के साथ:
मुकेश ने फिर से अपनी पोजीशन बदली और मेरे गालों पर प्यार से चुम्बन करते हुए कहा- मेरी जान जुगनी, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा.
मैंने घबराते हुए कहा- नहीं, आपका ये बहुत बड़ा है. अभी रहने देते हैं.
मुकेश ने मुझे होंठों पर चूमते हुए तसल्ली दी- तुम डरो मत, मैं इसे धीरे-धीरे ही अन्दर डालूँगा.
मैंने थोड़ा हिचकते हुए कहा- ठीक है.
फिर मुकेश ने अपने लंड को मेरी चूत पर सैट किया और उसे मेरी चूत के मुँह पर रगड़ने लगे.
लेकिन दोस्तो, जैसा मैंने आपको बताया था, मेरी चूत की साइज़ अभी 4 इंच की थी और इनका लंड बहुत ज्यादा बड़ा था.
उनका लंड मेरी चुत के अन्दर जाने का सवाल ही पैदा नहीं होने वाला था, ऐसा मुझे लग रहा था.
मुकेश ने इधर-उधर नज़र दौड़ाई और उन्हें एक तेल की शीशी दिख गई.
उन्होंने ढेर सारा तेल मेरी चूत में उड़ेल दिया, उसे अच्छे से चिकना कर दिया; थोड़ा-सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया.
फिर मेरे राजा ने मेरी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे मेरी चूत उनके सामने पूरी तरह खुल गई.
मुकेश ने धीरे से अपने लंड को मेरी चूत में डालना शुरू किया.
इस बार दो-चार धक्कों के बाद उनका लंड थोड़ा-सा अन्दर घुस गया.
मेरे मुँह से ‘आह’ निकल पड़ी.
मैं जोर से चिल्लाने वाली थी लेकिन मुकेश ने फुर्ती से मेरे मुँह पर हाथ रख दिया जिससे मेरी आवाज़ दब गई.
उन्होंने मेरे मम्मों को भी कसकर पकड़ रखा था.
धीरे-धीरे मेरा दर्द कुछ कम हुआ और मज़ा आने लगा.
मैं अब मीठे दर्द वाले मज़े से उनके लंड को अपने अन्दर महसूस कर रही थी.
मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने कहा- आह मेरे राजा, मुकेश डार्लिंग, प्लीज़ फक मी … उह आह … या फक-फक मी प्लीज़!
मेरी इन बातों से उनके अन्दर जोश और भड़क गया.
उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा और उनका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ पूरा अन्दर चला गया.
दोस्तो, इन्होंने मेरी चूत का भोसड़ा बना डाला.
मेरी चूत जैसे फट सी गई थी.
मुझे ऐसा लगा जैसे उनका लंड मेरे फेफड़ों तक पहुँच गया हो.
दर्द इतना तेज़ था कि मैं चीख भी नहीं पा रही थी.
मैंने हिलने की बहुत कोशिश की लेकिन वे इतने ताकतवर थे कि मैं हिल भी नहीं पाई.
मेरी आंखों में आंसू छलक आए लेकिन मुकेश ने इसकी परवाह नहीं की.
वे बस मेरे ऊपर पड़े रहे और मेरे गालों व होंठों को चूमने लगे जैसे मेरे दर्द को प्यार से दबाना चाहते हों.
मेरी चूत में दर्द की लहरें उठ रही थीं.
मेरी आंखें आंसुओं से भीग गई थीं लेकिन मुकेश रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.
वे ‘हम्म हम्म हम्म हम्म …’ की आवाज़ें निकालते हुए मेरे ऊपर चढ़े रहे.
मेरे पति मुकेश को मेरी तंग चूत को चोदने में खासी मेहनत करनी पड़ रही थी.
उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा- जुगनी मेरी जान, थोड़ी देर और बर्दाश्त कर लो. अभी धीरे-धीरे मज़ा आना शुरू हो जाएगा.
मैं गीली आंखों से बेबस सी दबी हुई थी और उनकी आंखों में देख रही थी.
मैं बस ‘स्सस्स श्सश स्सस्स …’ की सिसकारियां लेती रही.
वे अपने लंड को अन्दर-बाहर, अन्दर-बाहर करते हुए धक्के मारते रहे.
मैंने अपने होंठ दांतों से दबा रखे थे, दर्द को किसी तरह सहन कर रही थी.
फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और साइड में लेट गए, हांफने लगे.
मैं भी हांफ रही थी, सांसें जैसे गले में अटक गई हों.
धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा.
मैंने उठकर देखा तो मुकेश का लंड मेरे खून से सना हुआ था.
मेरी चूत पर भी खून था और चादर पर कुछ बूंदें बिखरी पड़ी थीं.
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- मुबारक हो … अब तुम्हारी चूत कुँवारी नहीं रही.
मैं शर्मा गई और चुपचाप उनकी बात सुनती रही.
मैंने अपनी चूत का जायज़ा लिया … अन्दर सब गीला था और वह काफी चौड़ी हो गई थी.
अब पहला इंटरकोर्स पति के साथ करके भी चौड़ी न होती तो कब होती!
इनका लंबा, मोटा लंड अपना कमाल जो दिखा चुका था.
फिर हम दोनों करीब दो घंटे तक कमरे में नंगे ही बैठे रहे, एक-दूसरे से बातें करते रहे.
उसके बाद मुकेश मुझे सहारा देते हुए बाथरूम ले गए.
हम दोनों साथ में नहाने लगे.
जब उन्होंने मेरे गोरे, नंगे जिस्म पर पानी की बूंदें फिसलते देखीं, तो उनका लंड फिर से तन गया.
हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.
मेरे अन्दर फिर से चुदने की चाहत जाग उठी.
मैंने शरारत से पूछा- दोबारा चोदोगे?
उन्होंने तुरंत खड़े-खड़े मेरी चूत में लंड ठोक दिया.
मैं ‘आह … सीईईई …’ की आवाज़ के साथ उनकी बांहों में ढेर हो गई.
मुकेश ने मुझे बाथरूम की दीवार से सटाया और मेरी चुदाई शुरू कर दी.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- आहह आहह आहह …’ की आवाज़ें बाथरूम में गूँज रही थीं.
गीले जिस्म से गीले जिस्म के टकराने की ‘पट पट पट पट.’ की थपकियां और लंड के चूत में धक्कों की आवाज़ पूरे माहौल को मदहोश कर रही थी.
दूसरी बार चुदने में मुझे गज़ब का मज़ा आ रहा था.
फिर उन्होंने कहा- घूम जाओ.
मैं दीवार की तरफ मुड़ गई.
उन्होंने पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चोदना शुरू कर दिया.
करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद मैं काँपती हुई तेज़ ‘आह’ के साथ झड़ गई.
लेकिन वे रुके ही नहीं, चोदते रहे.
थोड़ी देर बाद वे भी मेरी चूत में ही झड़ गए.
हम दोनों ने शॉवर में साथ नहाया और बाहर आए.
मुकेश ने कहा- अभी कपड़े मत पहनना!
मैंने हंसते हुए पूछा- अब क्या आज ही तीसरी बार भी चोदोगे?
मुकेश ने शरारती अंदाज़ में कहा- अच्छा ठीक है, अगली बार चोद लूँगा, पर तुम नंगी ही रहो.
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- ठीक है जान!
फिर हम दोनों नंगे ही रहे, एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हुए मस्ती करते रहे.
कभी वे मेरे दूध चूसते तो कभी मैं उनके लौड़े के खेलती.
मस्ती जरूर कर रही थी लेकिन मेरी चुत में मीठी सी कुलबुली हो रही थी, जो चुदने की खुजली सी कही जा सकती है.
फिर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपटकर सो गए.
अगले दो दिन तक मैंने इन्हें अपने आपको छूने तक नहीं दिया क्योंकि उस तगड़ी चुदाई के बाद मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
लेकिन सच कहूँ, मुकेश के साथ चुदाई का मज़ा भी मुझे भरपूर मिला था.
हमारी अगली सेक्स डेट बुधवार को फिक्स हुई.
मैं सुबह उठी, नहा-धोकर तैयार होने लगी.
मैंने वही सेक्सी रेड टॉप और ब्लैक स्कर्ट वाली ड्रेस पहनी, जो मुकेश मेरे लिए लाए थे.
मेकअप किया, रेड लिपस्टिक, रेड नेल पॉलिश लगाई, बालों को स्टाइल किया.
अब मैं एकदम रेड हॉट लग रही थी. सारा काम-काज निपटा कर मैं अपने रूम में आई.
मुकेश ने कहा- अब अन्दर आ गई हो, अपनी जैकेट तो उतार दो!
मैंने जैकेट उतारकर साइड में टांग दी.
अब उनके सामने एक क्यूट और शरीफ-सी लड़की खड़ी थी, वह भी पूरे सेक्सी अवतार में.
मैंने शरारत से कहा- ठीक है, तो शुरू करें?
इन्होंने हंसते हुए जवाब दिया- कर रहे हैं यार … और कहीं ग्राहक लगाने हैं क्या जो इतनी जल्दी में हो?
मैं हंस पड़ी.
फिर मुकेश ने मुझे जूस पिलाया और कहा- ले जुगनी, पी ले रानी … आज बहुत दर्द होगा.
मैंने मज़ाक में कहा- तुम भी पियो.
अब मैं मुकेश से सचमुच रंडियों की तरह बात कर रही थी और इनका जोश बढ़ता जा रहा था.
मुकेश ने कहा- तो शुरू करते हैं, आओ बेड पर चलते हैं.
हम दोनों बेड पर चले गए.
मुकेश ने सॉफ्ट म्यूजिक चला दिया और माहौल रोमांटिक हो गया.
हम दोनों बेड पर बैठे थे, एक-दूसरे की आंखों में देख रहे थे.
मैंने चुटकी लेते हुए कहा- आज सिर्फ देखते रहने का इरादा है क्या?
इन्होंने जवाब दिया- यार जुगनी, तुम इतनी स्वीट और प्यारी हो, बिल्कुल दीया मिर्ज़ा की तरह. हमेशा ऐसे ही रहना.
मैं मुस्कुराई, उनके पास सरक गई और अपने रसीले लाल होंठ उनके होंठों पर रख दिए.
हम दोनों ने आंखें बंद कर लीं और करीब दो मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे.
फिर मैंने उनका हाथ अपने बूब्स पर रख दिया और अपने हाथ से उनके लंड को सहलाने लगी.
दोस्तो, अब मुझे ज़रा भी डर नहीं लग रहा था बल्कि मज़ा अपने चरम पर था.
उनके पजामे में हलचल शुरू हो गई.
मुकेश मेरे बूब्स को प्यार से मसल रहे थे और मैं उनके लंड को सहला रही थी.
हम दोनों जोश में होश खोते जा रहे थे.
चुंबन तोड़ने के बाद हमारा जोश सातवें आसमान पर था.
मैंने कहा- आज मेरे कपड़े नहीं उतारोगे?
मुकेश ने शरारती अंदाज़ में कहा- आज तुम डांस करो और नाचते-नाचते कपड़े उतारो!
फिर वे तकिया लेकर साइड में ऐसे लेट गए जैसे किसी रंडी का मुजरा देखने आए हों.
मैं भी उस पल को एंजॉय करने के मूड में थी.
मैंने ‘उम्म्हह उम्म्हह’ की कामुक आवाज़ें निकालते हुए डांस शुरू कर दिया.
वे मेरा ऐसा रूप देखकर खुश भी थे और हैरान भी.
मैं लहराती हुई नाच रही थी और वे बस देखे जा रहे थे.
मैंने अपना रेड टॉप उतार दिया, पर ब्रा को अभी रहने दिया.
फिर मैं उनके पास गई और उनका चेहरा अपने उभारों के बीच दबा दिया.
मैं ज़ोर-ज़ोर से ‘आहें’ भरने लगी, जैसे उन्हें और उकसाना चाहती हूँ.
वे भी मेरी इस अदा से मदहोश होने लगे थे और मेरे एक दूध को बार बार अपने मुँह में भरने की कोशिश कर रहे थे.
फिर मेरे पति मुकेश ने मुझे अपनी बांहों में खींच लिया और बेड पर लेट गए.
मैं चूमती हुई उनका मन बहलाने लगी और उनसे अलग होकर बेड से नीचे आ गई.
अपनी जवानी को छलकाती हुई मैं धीरे-धीरे अपने सारे कपड़े उतारने लगी.
अब मैं सिर्फ चड्डी और ब्रा में थी.
इन्होंने मुझे इशारे से अपने पास बुलाया.
मैं उनके करीब गई.
थोड़ी देर तक मुकेश मेरे बूब्स के बीच चूमते चाटते रहे और आहें भरते रहे.
फिर मैं अलग हुई और मैंने उनके कपड़े उतार दिए.
उनका कच्छा भी उतार कर फेंक दिया.
इनका लंड अभी पूरी तरह खड़ा नहीं हुआ था तो मैंने उन्हें उत्तेजित करने के लिए थोड़ा और सेक्सी डांस किया.
कमरे में एक पूरी तरह नंगा लड़का था और उसके सामने एक जवान, सेक्सी लड़की रेड बिकनी में नाच रही थी.
लेकिन शायद मुकेश मूड में नहीं आ पा रहे थे क्योंकि उनका लंड अभी भी ढीला-सा था.
मैंने कहा- पैर लटका कर बेड पर बैठ जाओ!
वे बैठ गए.
मैं डांस करती हुई उनके पास गई और उनके लंड को सहलाने लगी.
मैं जल्दी ही समझ गई कि आज इसे मुँह से चूसकर ही खड़ा करना पड़ेगा.
मैंने उनके लंड के टोपे को चूमा और हाथ से पकड़कर हल्के-हल्के हिलाने लगी.
फिर मैंने उनके आधे से ज्यादा लंड अपने मुँह में लेकर ऐसे चूसना शुरू कर दिया जैसे कोई कुल्फी चूस रहा हो.
मुकेश जोर-जोर से आहें भरने लगे.
उनका लंड अब अपने पूरे उफान पर आ गया था, एक मोटा डंडा बनकर तन गया.
इन्होंने कहा- प्लीज़ जुगनी, ऐसे ही चूसती रहो, बहुत मज़ा आ रहा है!
मैं और जोश से चूसने लगी.
मुकेश का जोश सातवें आसमान पर था. उनका मुँह छत के पंखे की तरफ था, आंखें बंद थीं.
मेरा ऐसा चूसना उन्हें पागल कर रहा था.
लेकिन मुझे डर था कि कहीं वे ऐसे ही झड़ न जाएं, वरना मेरी चुदाई अधूरी रह जाती.
मैंने कहा- अब बहुत हुआ, अब तुम मेरी चूत जीभ से चाटो.
मैंने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी.
मेरी चिकनी, गोरी टांगें देखकर मुकेश का जोश बढ़ता जा रहा था.
दोस्तो, मुकेश के जोश ने मेरी क्या हालत की उसका बयान मैं अपनी सेक्स कहानी के भाग में करूंगी.
तब तक आप बताएं कि आपको मेरी इस सेक्स कहानी में कितना मजा आ रहा है!
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पहला इंटरकोर्स पति के साथ कहानी का अगला भाग: पहली चुदाई की मधुर बेला- 3