न्यूड कपल सेक्स कहानी में एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई, वह मुझे भाई कहने लगी. हालात के चलते वह मेरे घर के एक कमरे में रहने आ गई थी. तब क्या हुआ?
दोस्तो, मेरा नाम अहमर खान है और मैं कन्नौज का रहने वाला हूं.
आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी आप सबके सामने ले के आया हूं.
अगर कोई गलती हो तो माफ करना।
न्यूड कपल सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने और अपनी इस मुंह बोली बहन के बारे में आपको बता दूं.
मैं एक 5.5 फीट हाइट का एक गुड लुकिंग लड़का हूं.
मेरी मुंह बोली बहन जो इस कहानी की अहम किरदार है उसका नाम इल्मा (बदला हुआ नाम) है.
उसकी हाइट 5.1 फीट है और वह काफी गदराये हुए, भरे हुए जिस्म वाली थोड़ी सी अच्छी सेहत वाली चबी गर्ल है.
उसका फिगर बहुत गज़ब 38-34-36 का है जो मुझे उसको चोदने के बाद पता चला।
आज से यही कोई 5 साल पहले मेरी एक लड़की से इंस्टाग्राम पर बात हुई थी जिसका नाम इल्मा था.
तो तब से हम दोनों एक दूसरे को भाई बहन मानते थे और हमारी कभी फोन पर तो कभी इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप पर बात हो जाती थी.
लेकिन हम कभी भी एक दूसरे से आमने सामने नहीं मिले थे.
अब कहानी पर आते हैं.
तो यह बात आज से 1 महीने पहले की है जब मैं दिल्ली में रह कर जॉब कर रहा था.
मैं एक साधारण कॉलोनी में मकान किराए पर ले कर रहता था.
यह मकान 2 मंजिल बना था लेकिन काफी छोटा था तो सिर्फ एक रूम ऊपर बना हुआ था और एक रूम नीचे बना था.
वैसे तो ऊपर और नीचे का किराया अलग अलग था लेकिन मैंने अपने मकान मालिक से शुरुआत में ही बात करके डबल किराए में कुछ कम करवा के दोनों पोर्शन मतलब पूरा मकान किराए पर ले लिया था क्योंकि मुझे प्राइवेसी पसंद थी और मैं नहीं चाहता था ऊपर कोई और रहे आकर जिसमें मुझे कोई प्राब्लम हो।
मुझे वहां रहते हुए एक महीना हो गया था.
तभी एक दिन मैं मॉल घूमने गया तो वहां मुझे इल्मा दिखाई दी.
मैंने इल्मा को और इल्मा ने मुझे फोटो में पहले से ही देखा हुआ था तो मैं उसे पहचान गया.
अभी उसने मुझे नहीं देखा था लेकिन कुछ देर बात उसकी नज़र भी मुझे पर पड़ गई और वह भी मुझे पहचान गई.
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हम दोनों की नज़रें मिली तो हम दोनों एक दूसरे को देख के शॉक थे क्योंकि यहां मिलने की हम दोनों को उम्मीद नहीं थी.
उसने मुझे सलाम किया, मैंने जवाब दिया और फिर हम दोनों उसी मॉल के डोमिनोज में गए.
मैंने पिज्जा ऑर्डर किया और हम दोनों बातों में लग गए.
तब मैंने उसे अपनी जॉब का बताया और उसने मुझे अपनी जॉब का बताया.
वह नर्सिंग का कोर्स किए हुए थी तो वह वहीं एक गायिनी लेडी डॉक्टर के हॉस्पिटल में नर्सिंग की जॉब करती है और अपनी एक फ्रेंड के साथ रूम लेकर रहती है.
उसने हॉस्पिटल का नाम और पता बताया जो मेरे घर से सिर्फ 7 किमी की दूरी पर था.
लेकिन इल्मा जहां रूम लेकर रहती थी वहां से उसके हॉस्पिटल की दूरी 25 किमी थी।
फिर हम दोनों जब भी फ्री होते थे तो मिल लेते थे.
कभी कभी हम साथ में बाहर ही डिनर भी कर लिया करते थे.
मेरे मन में इल्मा के लिए कोई भी गलत ख्याल नहीं था।
एक दिन इल्मा ने मुझे कॉल की.
उस दिन वह कुछ परेशान थी.
उसने मुझसे अर्जेंट मिलने को कहा.
तो मैंने पूछा- कहां आना है?
तब उसने मेरे फ्लैट का एड्रेस पूछा जहां मैं रहता था.
वह बोली कि वह खुद आ रही है मेरे पास!
तो मैंने उसे रास्ता बता दिया और मैं उसे मेन रोड पर लेने चला गया.
फिर वह आई तो वह चेहरे से भी काफी उदास लग रही थी.
मैंने उससे हाल पूछा और हम दोनों घर की तरफ चल दिए।
घर पर पहुंच के मैंने नाश्ता निकाला और हम चाय नाश्ता करने लगे.
फिर मैंने उससे पूछा- तुम इतनी परेशान क्यों हो?
तो उसने बोला- भाई मैं एक मुसीबत में हूं और आपसे मशवरा करने आई हूं.
मैंने उससे पूछा- मुझे बताओ क्या बात है?
तो उसने बताया कि उसकी जो फ्रेंड उसके साथ रहती थी (जो कि इल्मा के साथ उसी हॉस्पिटल में जॉब करती थी) वह अब अपनी किसी और फ्रेंड के रूम पर शिफ्ट हो रही है जो हॉस्पिटल से 2 किमी की दूरी पर है.
तब मैंने कहा- इसमें परेशान होने की क्या बात है?
तो इल्मा ने बताया कि वे दोनों उस फ्लैट का रेंट आधा आधा देती थी जो अब सबा (इल्मा की फ्रेंड) के जाने के बाद पूरा इल्मा को ही देना पड़ेगा।
इल्मा कह रही थी कि वह पूरे फ्लैट का रेंट अकेले नहीं दे सकती क्योंकि रेंट अकेले के हिसाब से ज़्यादा था।
पहले तो मुझे उसकी इस समस्या का कोई समाधान नज़र नहीं आ रहा था जबकि मेरे घर में ऊपर वाला रूम खाली था और मैं पूरे घर का किराया दे रहा था.
लेकिन मुझे इल्मा से अपने साथ रहने के लिए कहना ठीक नहीं लग रहा था कि वह कहीं इस बात का गलत मतलब न निकल ले जबकि मेरे मन में उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था।
मैंने इल्मा से पूछा- सबा कब जा रही है फ्लैट छोड़ के?
तो इल्मा ने जवाब दिया- 4-5 दिन में चली जायेगी. क्योंकि एक हफ्ते बाद किराए का महीना पूरा हो जायेगा और सबा इस महीने का आधा किराया दे के चली जायेगी. उसके बाद से पूरा किराया मुझे ही देना पड़ेगा.
और वह मुझसे बोली- भाई, आप ही कुछ बताओ कि मैं क्या करूं.
और वह रूआंसी सी हो गई.
मुझसे यह देखा नहीं गया तो मैं उससे बोला- अगर तुम्हें कोई प्राब्लम न हो तो मेरा ऊपर वाला रूम खाली है जबकि मैं पूरे घर का रेंट देता हूं. तो अगर तुम चाहो तो ऊपर वाले रूम में शिफ्ट हो जाओ. जब तुम्हें अपने बजट का रूम मिले तो चेंज कर लेना।
मेरे इतना कहते ही जैसे उसके चेहरे की सारी उदासी गायब हो गई, जैसे उसकी सारी समस्याओं का समाधान हो गया।
तभी इल्मा अचानक मुझसे बोली- भाई, आपके फ्लैट का किराया कितना जाता है?
तो मैंने उससे कहा- तुम क्यों पूछ रही हो?
वह बोली- आधा मैं दूंगी … इसलिए पूछ रही हूं!
तो मैंने कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं तो पहले से ही पूरा किराया दे ही रहा था और अगर तुम नहीं भी रहने आती तो भी मैं तो दे ही रहा था. इसलिए तुम्हें किराए की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. बाकी घर का जो भी काम तुम करना चाहो वह कर सकती हो, मैं मना नहीं करूंगा.
इस पर इल्मा बोली- भाई, अबसे मैं हम दोनों का खाना बनाया करूंगी और जो भी काम हैं, मैं कर लिया करूंगी.
उस दिन हम दोनों ने बाहर डिनर किया और वह अपने फ्लैट पर चली गई और मैं अपने फ्लैट पर आ गया।
फिर दो दिन बाद इल्मा का फोन आया, उसने मुझसे कहा- मैं कल आ रही हूं अपना सामान लेकर!
तो मैंने कहा- ठीक है, मुझे फोन कर देना कल मैं छुट्टी कर लूंगा और तुम्हें लेने आ जाऊंगा.
अगले दिन मैं उसके रूम से उसका सामान उठवा कर ले आया और वह भी मेरे साथ आ गई.
मैंने उसके रूम में उसका सामान सेट करवाया और खाना बनाने खाने का जो भी इंतजाम उसके पास था वह इल्मा ने खुद ही नीचे वाले किचन में सेट करने को कहा.
तो सब कुछ नीचे सेट कर लिया हम दोनों ने!
शाम में इल्मा ने खाना बनाया, मैंने भी उसका साथ दिया और हम दोनों ने खाना खा लिया.
अब मैंने उससे कहा- मैं सोने जा रहा हूं. तुम भी ऊपर अपने रूम में सोने जाओ.
लेकिन वह कुछ घबरा रही थी.
मैंने वजह पूछी तो वह बोली- मुझे डर लगता है रात में!
तो मैंने उसे समझाया- अगर तुम्हें किसी भी टाइम डर लगे तो मुझे आवाज़ लगा देना.
इस तरह से हम दोनों अच्छी तरह से रहने लगे.
रोज़ खाना खाने के बाद हम दोनों 10 बजे अपने अपने रूम में सोने चले जाते थे।
अब एक हफ्ता बीत चुका था इस पूरे हफ्ते में इल्मा को ऊपर वाले रूम में एक बार भी डर नहीं लगा क्योंकि मैंने उसे समझा के उसका डर निकाल दिया था.
वह ऊपर जाने के बाद सीधे सुबह में ही उठ कर आती थी.
तो अब मैं भी अपना रात का पहले वाला रूटीन शुरू करना चाहता था.
इल्मा के आने से पहले मैं रात में सारे कपड़े उतार के बिल्कुल नंगा होकर लैपटॉप में पोर्न देख के लंड सहलाता था और फिर ऐसे ही सो जाता था.
अब इल्मा के आने के बाद से यह सब बंद था क्योंकि मुझे डर रहता था कि कहीं रात में इल्मा डर की वजह से उठ कर नीचे न आ जाए.
लेकिन अब एक हफ्ते तक जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो मैं बेफिक्र हो गया और फिर मैंने पहले की तरह बिना कपड़ों के सोना शुरू कर दिया और सुबह को 5 बजे उठ के फिर से कपड़े पहन के सो जाया करता था।
ऐसे करते हुए अभी दो दिन बीते थे.
तीसरे दिन भी रोज की तरह इल्मा 10 बजे सोने चली गई और मैंने 11 बजे अपने कपड़े उतार के पोर्न लगा ली.
लेट कर मैं लंड हिलाने लगा.
यही कोई 12 बजे मुझे अपने रूम के दरवाज़े पर कुछ आहट लगी.
तो मैंने इल्मा को नाम ले के आवाज़ लगाई तो इल्मा ने जवाब दिया- भाई, पानी पीने आई हूं.
मैंने अपने ऊपर चादर डाल ली.
और अगले 2 मिनट बाद ही उसके वापस जाने की आवाज जीने से आई तो मैं फिर से थोड़ी देर पोर्न देख के मुठ मार के सो गया।
रात के 2 बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा इल्मा मेरे पास मेरी चादर में है और चादर उसकी कमर तक पड़ी है.
और कमर के ऊपर का जितना भी हिस्सा चादर से बाहर है उस पर एक भी कपड़ा नहीं है, उसकी नंगी पीठ मेरी तरफ थी.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है.
तभी मैं चादर में से अपना हाथ बाहर निकल रहा था तो मेरे हाथ में एक कपड़ा टच हुआ जिसे मैंने बाहर निकाला तो वह इल्मा की पैंटी थी.
मैं एकदम हैरान था.
पैंटी दिखने के बाद यह तो साफ था कि इल्मा नीचे से भी बिल्कुल नंगी है.
और मैं तो पहले से ही नंगा सो रहा था।
इस पल से पहले मेरे मन में इल्मा के लिए कभी कोई गलत ख्याल नहीं आया था.
लेकिन आप लोग ही बताओ कि अब मैं भी कहाँ तक कंट्रोल करता!
मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था और अब इल्मा की जांघ में टच हो रहा था.
मैंने इल्मा को एक बार नाम ले कर आवाज़ लगाई लेकिन उसकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया.
तो मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा और पीठ पर होंठ घुमाने लगा और अपना हाथ चादर के अंदर डाल के इल्मा की जांघ को सहलाया.
तब उसने अपने ऊपर वाले पैर को पूरा आगे को कर लिया जिसकी वजह से उसकी चूत उभर आई.
मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा तो उसकी चूत पर मुझे एक भी बाल नहीं महसूस हुआ और चूत गीली थी.
मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत अपने हाथ से सहलाई.
उसके बाद मैंने पूरी चादर हटा के नीचे फेंक दी.
अब वह मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी थी, टांगों के बीच से उसकी चूत का थोड़ा सा हिस्सा ही दिख रहा था.
उसकी चूत इतनी गोरी लग रही थी कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं उसकी चूत चाटने के लिए तड़प रहा था।
शायद हम दोनों न्यूड कपल सेक्स के लिए एक दूसरे के सामने नंगे थे.
मैंने धीरे से उसकी एक टांग को पकड़ के दूसरी तरफ किया ताकि उसकी चूत मेरे सामने आ जाए.
वह शायद जाग रही थी, सिर्फ सोने का नाटक कर रही थी.
तो वह मेरा साथ देते हुए अपनी टांग को खोलती हुई सीधी लेट गई.
अब उसकी एक टांग सीधी और एक टांग मुड़ी हुई थी जिससे उसकी नंगी चूत अब मेरे सामने थी.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद 1 या 2 दिन पहले ही उसने साफ की थी.
और उसकी चूत एकदम गोरी और गुलाबी गुलाबी सी थी.
आप यकीन मानो जैसी चूत मैं रोज़ रात को इंग्लिश पोर्न में देखता था, इल्मा की चूत बिल्कुल वैसी ही थी क्योंकि इल्मा खुद भी बहुत गोरी चमड़ी वाली लड़की थी.
उसका पूरा नंगा बदन मेरे सामने था और मुझे बुला रहा था.
उस पर उसकी हल्की गुलाबी गुलाबी सी चूत कहर ढा रही थी.
न्यूड कपल सेक्स कहानी अगले भाग में चलेगी.
अभी तक की कहानी पर आप अपनी राय मुझ तक पहुंचाएं.
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न्यूड कपल सेक्स कहानी का अगला भाग: मुंह बोली बहन मेरे फ्लैट पर रहने आई- 2