बेटी ने सालों तक चुद के चुकाया पिता का क़र्ज़- 1

इंडियन देसी सेक्स गर्ल कहानी एक कुंवारी लड़की की है जो गाँव की रहने वाली है. उसकी माँ नहीं थी, उसके बाप ने कुछ ऐसा किया कि बेटी को अपना जिस्म देना पड़ा.

दोस्तो, मेरा नाम निखिल है और मैंने अपनी दीदी की चुदाई की कहानियाँ
बहनों की अदला बदली और ग्रुप सेक्स
लिखी हैं, जिनको आप सबने बहुत प्यार दिया है।
उसके लिए मेरी बहन की बुर आपके लौड़ों का धन्यवाद करती है।

यह कहानी जो आप आज पढ़ेंगे, वो नीतू (बदला हुआ नाम) नाम की एक लड़की की है, जिसने अपने पिता का कर्ज़ 5 सालों तक 4 लोगों से चुद के चुकाया था।
अब ज्यादा देर न करते हुए कहानी आगे बढ़ते हैं।

ये इंडियन देसी सेक्स गर्ल कहानी लगभग 20 साल पहले की है।

बिहार के एक गाँव में रघु नाम का एक आदमी रहता था जोकि बहुत गरीब था।
उसकी पत्नी उसकी बेटी नीतू को जन्म देने के कुछ समय बाद चल बसी।

रघु अपनी थोड़ी सी जमीन पर खेती मेहनत करके अपना घर चलाता था।
पर उसके मन में बहुत सा पैसा कमाने की इच्छा हमेशा से ही रही थी। वो अमीर बनना चाहता था और उसके लिए वो कुछ भी कर सकता था।

रघु का दिमाग बहुत तेज़ था इसलिए वो व्यापार करके अमीर बनना चाहता था।

उनके गाँव में 4 भाई रहते थे, उनके नाम जग्गा, साजू, उदय और रागा थे।
उनको लोग ‘सेठ भाई’ के नाम से जानते थे।
वो भाई छोटी सी उम्र में ही व्यापार करके अमीर बन गए थे। रघु भी उनकी ही तरह बनना चाहता था।

रघु उनके पास गया और उनसे बहुत हाथ- पैर जोड़ के बड़ा क़र्ज़ ले लिया।

उसने पहले से ही सोच रखा था कि वो उन पैसों को कहाँ लगायेगा।
रघु पैसों से शहर की मेन रोड के पास ज़मीन खरीद के बड़ा ढाबा खोलना चाहता था। रघु ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था इसलिए उसे ठगना आसान था।

बाद में उसे पता चला कि वो सारी ज़मीन सरकारी थी और उसे नकली ज़मीन के कागज़ देकर वो आदमी कहीं गायब हो गया।

इस बात से रघु सदमे में चला गया और उसको दिल का दौरा पड़ गया पर वो बच गया।

वो बच तो गया था पर उसके बाद वो शराब में ही डूब गया।

उसकी बेटी नीतू अब कमसिन जवान होने लगी थी, वो अभी 12वीं में पढ़ती थी। वो ही घर का सारा काम करती थी।
रघु को शराब की लत लग जाने के बाद उसके ऊपर और भी जिम्मेदारी आ गयी।

बहुत समय बीत गया था इसलिए सेठ भाई रघु से पैसे वापिस करने को कहने लगे।
पर रघु को इस बारे में कोई सुध नहीं थी।

बार बार पैसे मांगने के बाद भी रघु ने सेठ भाइयों का कोई जवाब नहीं दिया।
रघु डर रहा था कि अब वो उनके पैसे कैसे चुकायेगा।

एक दिन चारों सेठ भाई रघु के घर पहुँच गये और उससे उनके पैसे लौटाने को कहने लगे।

तब रघु ने उनको बताया कि कैसे उसके सारे पैसे डूब गए और अब वो उनका पैसा लौटा नहीं सकता।

सेठ भाई बहुत ही कमीने और हरामखोर किस्म के आदमी थी। वो अपना पैसा चुकाना जानते थे।
रघु भले ही पैसा न चुका सकता था पर सेठ भाई कोई और फायदा उठा कर उसके क़र्ज़ को पूरा कर सकता थे।

वो रघु से बहुत गुस्सा थे इसलिए उनके आदमी रघु को मारने लगे।

तभी वहाँ नीतू स्कूल से आ जाती है और अपने पिता को मार खाते हुए देखती है।
वो अपना बैग नीचे फेंक देती है और रोती हुई अपने पिता के पास जाके उसे बचाने की कोशिश करने लगती है।
रघु बहुत मार खा चुका था।

सेठ भाइयों को चुदाई का बहुत शौक था, वो हर दिन किसी न किसी रंडी को चोदते थे।
चारों भाई नीतू को देख के खुश हो गए।

उन्होंने अपने आदमियों को रुकने के लिए कहा।

सेठ भाई नीतू के बदन को देख के मुग्ध हो गए।

19 साल की कमसिन उम्र में ही उसका शरीर बहुत भर गया था। उनके मन में नीतू को चोदने के सपने आने लगे।

नीतू भले ही एक बेवड़े आदमी की लड़की थी पर उसका गोरा बदन बिलकुल किसी हीरोइन से कम नहीं लगता था। नीतू देखने में बहुत गोरी थी और उसकी ब्रा का साइज 32 था।
उसकी कमर बहुत पतली 28 की और गांड 30 की थी।

इतनी कम उम्र में ऐसे बदन का होना किसी का भी लौड़ा उठा सकता है।

सेठ भाइयों के सर पे ठरक सवार हो गयी थी।
वो लोग नीतू से मीठी मीठी बातें करने लगे।

बातें करते हुए वो लोग नीतू के बदन को बहुत घूरने लगे और उसे बार बार छूने लगे।
नीतू को ये सब बहुत अजीब लगने लगा।

ज़मीन पर लेटा रघु जान गया था कि सेठ भाई उनसे क्या चाहते हैं।
सेठ भाइयों ने सीधे कुछ नहीं कहा।

रघु ने उनके पैसों के बदले गाँव की अपनी सारी ज़मीन गिरवी रखी थी। इसलिए सेठ भाइयों ने रघु की सारी ज़मीन ले ली, पर उस जमीन की कीमत सिर्फ आधे कर्ज के आस-पास आई।
अभी भी रघु को बड़ी रकम लौटानी बाक़ी थी।
पर अब रघु के पास और कुछ भी नहीं रह गया था।

तभी सेठ भाइयों ने रघु के सामने एक प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि अगर वो पैसे नहीं चुका सकता तो वे लोग किसी और तरीके से पैसा वसूल करेंगे।

सेठ भाइयों ने कहा- उनकी कोठी में नौकरों की कमी है।
उन्होंने कहा कि अगर रघु चाहे तो उनके घर में नौकर बन के रह सकता है और उसे वहां खाना और रहने को छत भी मिलेगी।

रघु उस प्रस्ताव को मान गया क्यूंकि अब उसके पास इससे बेहतर कोई रास्ता नहीं रह गया था।
पर सेठ भाइयों ने कहा कि इससे उसका क़र्ज़ पूरा नहीं होगा। वो तो रघु पर अहसान कर रहे हैं। इसके बिना तो वो कुछ ही समय में मर जाता।

रघु ने भी सोचा कि बात को ठीक कह रहे हैं।
तो रघु ने पूछा कि तो वो अब कैसे उसका क़र्ज़ चुकाये।

चालाकी से सेठ भाइयों ने ऐसा प्रस्ताव रघु और नीतू के सामने रखा कि वो लोग उसे ठुकरा नहीं सकते थे।
सेठ भाइयों ने पहले कहा- हम लोग रघु की बेटी नीतू को अपने कॉलेज में पढ़ाएंगे।

उनका स्कूल और कॉलेज उस जगह का सबसे बड़ा स्कूल और कॉलेज था।
ये सुनकर रघु और नीतू के मन में थोड़ी ख़ुशी आ गयी।

सेठ भाइयों ने नीतू को बाद में नौकरी दिलाने का वादा भी किया।

पर इसके लिए नीतू को एक कीमत चुकाने को कहा गया।
सेठ भाइयों ने कहा- अभी रघु को बहुत पैसे चुकाने को हैं और नीतू के स्कूल का खर्चा भी बहुत आएगा।
तो सेठ भाइयों ने कहा कि वो ये कीमत नीतू को चोद के वसूलेंगे।

उन लोगों ने कहा कि हर चुदाई की कीमत एक हज़ार होगी। मानो एक दिन में नीतू 5 बार चुदेगी तो इसका मतलब उसने सेठ भाइयों के 5 हज़ार रुपये चुका दिए।
उन लोगों ने ऐसा भी कहा कि नीतू भी उनकी कोठी में ही रखेगी।

ये सुनकर दोनों बाप बेटी हैरान रह गए।

सेठ भाइयों ने उनको इस बारे में सोचने के लिए एक दिन का समय दिया।
वो पूरी रात इस बारे में सोचने लगे।

बाद में नीतू ने खुद ही इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा।
उसने सोचा कि इससे बेहतर उसे और कुछ नहीं मिल सकता।
बाद में रघु भी मान गया।

अगले दिन नीतू और रघु सेठ भाइयों की कोठी में चले गए।
उनकी कोठी बहुत ही बड़ी थी।

सेठ भाई नीतू को वहाँ देख के बहुत खुश हुए।

उन लोगों ने नीतू को उनके नौकर के साथ उनके कॉलेज में दाखिले के लिए भेज दिया और रघु को कोठी में उसका काम बताया।

शाम को सेठ भाइयों ने नीतू को चोदने का प्लान बनाया।
इसलिए उन्होंने एक नौकरानी को नीतू को तैयार करने के लिए भेजा।

उसने नीतू को अच्छे से नहलाया और एक अच्छा सा इत्र लगाया।
उसके बाद उसने नीतू को एक लाल साड़ी पहनाई और उसे सेठ भाइयों के पास भेज दिया।

उस नौकरानी ने नीतू को एक बड़े से कमरे में भेज दिया।
वहाँ नीतू ने देखा कि चारों भाई सफ़ेद कुर्ते पहने हुए हैं और सोफ़े पे बैठ के शराब पी रहे हैं।

उन्होंने नीतू को अंदर बुलाया और दरवाजा बंद करने को कहा।
नीतू ने वैसा ही किया।
वो बहुत डर गई थी।
उसे पता नहीं था कि आज उसके साथ क्या होने वाला था।

नीतू डरती हुई उनके पास जाकर खड़ी हो गई।
वो सभी भाई बहुत लम्बे और हट्टे-कट्टे थे।

रागा सबमें से सबसे छोटा भाई था जिसकी उम्र 29 साल की थी।
सबसे बड़ा भाई जग्गा था जो 37 साल का था।

रागा नीतू को देख के बहुत खुश हुआ। उसने नीतू को अपने पास बुलाया और उसे खींच के अपनी गोद में बिठा दिया।
वह नीतू की गर्दन को चूमने लगा।
उसने नीतू को ज़ोर से पकड़ा और उसकी गांड को अपने लौड़े पर घिसने लगा।

नीतू को बहुत डर लग रहा था।

थोड़ी देर बाद नीतू को अपनी गांड में रागा का लौड़ा महसूस होने लगा।

उसके बाद रागा ने नीतू को अभी भाइयों के लिए गिलास में शराब डालने को कहा।
वो लोग पहले ही बहुत सारी शराब पी चुके थे; नशे में धुत हो गए थे।

नीतू ने उनके लिए शराब भरी और उनको देने लगी।

तभी साजू ने नीतू को खींच दिया और उसकी कमीज पजामी उतरवा दी।
अब नीतू उनके सामने सफ़ेद ब्रा-पैंटी में थी।

साजू ने नीतू की ब्रा और पैंटी भी खोल दी और उसे अपनी गोदी में बिठा दिया।
अब नीतू के अनछुए अंग उनके सामने थे।

नीतू शर्माती हुई अपनी टाँगों को सिकोड़ के अपनी बुर को छुपाने की कोशिश करने लगी।
पर साजू ने नीतू की टाँगों के बीच में अपना हाथ डाल दिया और अपना हाथ नीतू की बुर पर रख के बुर को मलने लगा।

डर के मारे नीतू की धड़कनें बहुत तेज़ हो गयी थीं।
उतने में उसे महसूस हुआ कि साजू का लौड़ा भी सख्त हो गया है।

तभी उसकी नज़र जग्गा और रागा पर गयी।
उसने देखा कि वो लोग अपने कपड़े खोल के नँगे हो चुके थे।
उनकी लंबाई 6 फुट से भी ज्यादा थी और वे बहुत हट्टे-कट्टे थे। उनके सारे शरीर पर बहुत सारे बाल थे।

तभी उसकी नज़र नीचे उनके लौड़ों पर पड़ी।
जिनको देख के नीतू की गांड ऐसे ही फट गई।
उनके लौड़े एकदम काले नाग की तरह लग रहे थे।

उनके लौड़े तो अभी उठे भी नहीं थे और वो अभी से ही 5 इंच के थे।

उसके बाद जग्गा नीतू के पास में आ कर बैठ गया।
जग्गा ने नीतू को उसकी गोदी पर बैठने को कहा।
नीतू शर्माती हुई और डरते हुए उसकी गोदी पर बैठ गयी।

उसकी गोदी में नीतू किसी छोटी सी बच्ची की तरह लग रही थी।

उसके बाद जग्गा ने उसको थोड़ी देर निहारा। फिर उसने अपने हाथ से उसके मम्मों को सहलाया और थोड़ी देर बाद दबाने लगा।
उसके हाथों में इतना ज़ोर था कि वो नीतू के मम्मों को दबा नहीं निचोड़ रहा था।

इससे नीतू को बहुत दर्द हुआ पर उसने ये दर्द सहन कर दिया।

उसके बाद जग्गा ने नीतू की बुर का मुआयना किया।
उसने नीतू की बुर को अपने लण्ड की तरफ कर लिया।

नीतू की बुर एकदम साफ और चिकनी थी।
नौकरानी ने नीतू को तैयार करते समय उसकी कुंवारी बुर के रेशमी बाल साफ़ कर दिए थे.

नीतू की छोटी सी चिकनी बुर देखकर जग्गा हंसने लगा।
जग्गा कहने लगा कि उसने आजतक इतनी छोटी बुर को आजतक नहीं चोदा है।

अब जग्गा नीतू की बुर पर अपनी दो उँगलियाँ रख के उसे खोलने लगा.
अभी नीतू की सील टूटी नहीं थी तो उसकी बुर खुली नहीं।

पर जग्गा इस काम में माहिर बन चुका था। उसने आजतक बहुत सी लड़कियों की सीलें तोड़ी थीं।

तो जग्गा ने उसके बाद नीतू की बुर पर अपना हाथ ज़ोर-ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया।
पहले तो नीतू को समझ नहीं आया कि ये क्या हो रहा है।

पर थोड़ी देर के बाद नीतू की बुर में अज़ीब सी हलचल होने लगी।
कुछ देर बाद उसकी बुर से चिपचिपा पानी निकलने लगा।

देखते-ही-देखते नीतू को इसमें मज़ा आने लगा और वो अपनी आंखें बंद करके इसका मज़ा उठाने लगी।

पास में ही मेज पर उन लोगों ने एक कटोरी में तेल भर के रखा था।
उन्हें पता था कि आज नीतू की पहली चुदाई होगी तो इसको आसान बनाने के लिए उन्होंने तेल लाकर रखा था।

जग्गा ने उदय को नीतू की बुर के ऊपर तेल डालने को कहा।
नीतू की बुर को जग्गा ने ज़ोर लगा के खोला व उदय ने वहां तेल डाल दिया।

अब जग्गा ने अपनी बीच वाली उंगली को सील पर रखा और ज़ोर से धक्का मार के उंगली को अंदर डाल दिया।

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