कुँवारी रिसेप्शनिस्ट की चूत की सील तोड़ी कोचिंग सेंटर में

हॉट वर्जिन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने कोचिंग सेंटर में एक खूबसूरत रिसेप्शनिस्ट रखी. वो काफी सेक्सी थी उसके चक्कर में बहुत लड़कों ने एडमिशन लिया.

फ्रेंड्स, कैसे हैं आप लोग?
उम्मीद करता हूँ कि आप सब ठीक होंगे.

आप सभी को सिम्पल का नमस्कार.

मेरी पिछली स्टोरी
अपनी हवस पूरी की बहन की बुर चोद कर
आप सबको बहुत अच्छी लगी, जिसका मुजाहिरा आपने मेल और मैसेज भेज कर किया है उसके लिए धन्यवाद.

आज की सेक्स स्टोरी मेरे एक पाठक ने भेजी थी.
इस घटना की जानकारी उसने मुझे इंस्टाग्राम पर मैसेज करके दी थी.

मेरे पाठक का नाम अली फ़ज़ल है. उसकी उम्र 30 साल है.
उसकी कद काठी अच्छी है.

वो मैथ्स का टीचर है और मेरठ में अपना खुद का कोचिंग संस्थान चलाता है.
उसने अपने कोचिंग संस्थान के लिए रिसेप्शनिस्ट के तौर पर एक लड़की रखी थी, उसकी उम्र 20 साल थी.

ये हॉट वर्जिन सेक्स कहानी उसी रिसेप्शनिस्ट की चुदाई की है और इसका मजा आप अली के मुँह से ही सुनिए.

हैलो मैं अली.
मेरी इस रिसेप्शनिस्ट का नाम अदीबा था.

अदीबा का फिगर 32-28-34 का था, हाइट 5 फुट 2 इंच थी.

मतलब रिसेप्शन पर रखने के लिए अदीबा एकदम ठीक थी. मतलब वो काफी सेक्सी लगती थी और आने वाले को एकदम रिझा लेती थी.
उसके चक्कर में बहुत से लड़कों ने एडमिशन लिया था.

अदीबा जब टी-शर्ट पहन कर आती थी तो मेरा मन करता था कि इसके चूचों को दबा दबा कर और बड़ा कर दूँ.
साली बड़ी मस्त माल थी, अपनी गांड हिला हिला कर चलती थी.

अदीबा का गोरा सा चेहरा, बड़ी बड़ी आंखें, रसीले होंठ और उन पर डार्क ब्राउन कलर की लिपस्टिक कहर ढाती थी.

तो हुआ कुछ यूं कि मेरा कोचिंग संस्थान जहां था, वहां से उसे दूसरी जगह शिफ्ट करना था.
क्योंकि इधर जगह कम थी और ज्यादा बच्चों ने एडमिशन ले लिया था.

बारिश का मौसम आ गया था, जिस वजह से छात्रों को इन्तजार करने में भी काफी दिक्कत होने लगी थी.

हम लोगों ने एक बड़ा सा हॉल देख कर जगह बदल दी.
यहां पर एक स्टोर रूम भी था.

हमने कोचिंग संस्थान शिफ्ट तो कर लिया पर दिक्कत ये थी कि गेट पर थोड़ी मिट्टी जमा थी जिसको हटाने के लिए बोला था.

लेकिन उससे पहले एक कांड हो गया. उसी मिट्टी से अदीबा फिसल कर उसमें गिर गयी और उसके पैर में मोच आ गयी.

वो सही से चल नहीं पा रही थी तो मैंने उसे इंस्टीट्यूट में बैठाया और उसके लिए दवाई मंगाई.
मैंने उसे दवा खाने को दे दी और मूव क्रीम ले आया.

मैंने उससे कहा- लाओ मैं तुम्हारे पैर में मूव लगा देता हूँ. उससे तुम्हें राहत मिल जाएगी.
उसने पैर मेरी तरफ बढ़ा दिया.

मैं उसके पैर में मूव लगाने लगा. वो आंख बंद करके कराह रही थी.

कुछ देर बाद मेरी हवस जाग उठी और मैं उसके पैर में मूव लगाते हुए कुछ अलग तरह से सहलाने लगा था.
इससे वो गर्म होने लगी.

थोड़ी देर बाद उसने उठ कर मेरे गाल पर किस कर दिया और उठ कर जाने लगी.

मैं उसकी इस हरकत से गनगना उठा और मैंने उससे कहा- रुको, कहां जा रही हो?
वो बोली- मैं घर जा रही हूँ.

मैंने कहा- मैं छोड़ देता हूँ.
वो मुस्कुरा दी.

मैंने उसे इंस्टीट्यूट से घर छोड़ कर वापस चला आया.
उस दिन कुछ नहीं हुआ लेकिन उसका चुम्बन मुझे बार बार कहीं और ले जा रहा था.

कुछ दिन तक ऐसे ही चलता रहा.
वो मुझे लाइक करती थी पर उसने कभी बताया नहीं था.

उस दिन से मैंने महसूस किया कि वो मेरा कुछ ज्यादा ही ख्याल रखने लगी थी.
मैं भी समझ गया था कि लड़की की चूत लंड मांग रही है.

फिर मैंने एक प्लान बनाया और छुट्टी के दिन उस इंस्टिट्यूट पर बुलाया.

उसने कहा- सर आज क्या काम है?
मैंने कहा- कुछ जरूरी काम है, मिल कर काम निपटा लेंगे.

वो आयी और हम दोनों ने मिल कर 12 बजे तक काम खत्म कर लिया.
उसके बाद हम दोनों ने लंच किया.

मैंने पहले से ही स्टोर रूम में अदीबा की चुदाई की व्यवस्था कर रखी थी.
मैं उठा और उसको किस करने लगा.
अदीबा भी मेरा साथ देने लगी.

मैं उसको स्टोर रूम में लेकर चला गया.
वो समझ गई कि आज काम उठना तय है.

वो अंगड़ाई लेती हुई मुस्कुराने लगी.
मतलब वो भी चुदने को राजी थी.

मैंने उससे कहा- मैं गेट बंद करके आता हूँ.
दो मिनट बाद मैं स्टोर रूम में उसके सामने था.

वो मेरे लिए मरी जा रही थी.
मैंने उसे बांहों में भरा और चूम लिया.

कुछ पल के बाद मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और अपने भी.
अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, मैं भी नेकर में था.

मैं इधर आपको बता दूँ कि आधा घंटा पहले मैंने सेक्स की एक गोली ले ली थी. अब तक दवा ने असर दिखाना शुरू कर दिया था. मेरा लंड अकड़ा जा रहा था.

थोड़ी देर मैं अदीबा की ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को दबता रहा.
इससे वो भी गर्म होना शुरू हो गई थी और कसमसा रही थी.

अदीबा बोल रही थी- आंह … धीरे धीरे करो न सर … मुझे दर्द हो रहा है.
कुछ देर बाद मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी और चूत से खेलने लगा.

मैं अदीबा की टांगें फैला कर उसकी चूत को चूसने लगा.
वो ‘आह उई उह …’ करती हुई मादक सिस्कारियां भरने लगी थी.

मैं देख कर हैरान रहा कि उसकी चूत एकदम सील पैक थी.

उसकी चूत में एक उंगली घुसाने पर भी उसको बहुत दर्द हो रहा था.

मैंने जैसे ही जबरन अपनी उंगली चुत में पेली, वो चिहुंक गयी.
मैं समझ गया कि लौंडिया मस्त माल है और सील पैक चुत चुदने को मचल रही है.

ये सोचते ही मेरे लंड महाराज अब नेकर फाड़ कर कुछ और फाड़ने को बेताब हो रहे थे.

मैंने अपना नेकर निकाला और उसके मुँह सामने लंड कर दिया.
मैं उससे लंड चूसने का इशारा कर रहा था पर उसने लंड चूसने से मना कर दिया.

मैंने ज्यादा जिद नहीं की और चूत में उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
वो ‘ऊऊ उह अउ ऊऊई …’ करने लगी और मजा लेने लगी.

मेरी दो उंगलियां बहुत मुश्किल से उसकी चूत में घुस सकी थीं.
कुछ ही देर में अदीबा अकड़ने लगी थी और उसके चेहरे पर चरम पर पहुंचने का भाव दिखने लगा था.

अब उसका माल निकलने वाला था.
वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी.

मैं एकदम से रुक गया और उंगली बाहर निकाल ली.
तब वो मुझे तिरछी निगाहों से देखती हुई बोली- और करो न सर … रुक क्यों गए?

मैंने कहा- लंड भी डालना है तुम्हारी चूत में … या उंगली से ही करूं?
वो बोली- जो भी डालना है सर … जल्दी से करो.

मैंने कहा- थोड़ा दर्द होगा.
वो बोली- हां पता है सर. अब बस आज मुझको चोद दो और इस चूत की गर्मी मिटा दो.

मैंने भी झट से बाजू में रखी क्रीम ली और अपने कड़क लंड और चूत में अच्छे से लगा दी.

फिर लिपलॉक किया और लंड चूत पर सैट करके उसके दोनों हाथों को जोर से पकड़ लिया.
उसने टांगें ऊपर उठा दीं.

मैंने सारा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था.
मैं लंड चूत पर दबाने लगा.

उसकी फांकें गीली और चिकनी तो थीं मगर बहुत ताकत लगाने पर मेरा लंड अन्दर जा सका.

वो छटपटाने लगी मगर बोल कुछ नहीं पा रही थी.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कैद किया हुआ था.

उसकी छटपटाहट ज्यादा थी तो मैं कुछ पल के लिए रुक गया मगर उसकी चूत में लंड का दबाव बनाए रहा.

मेरा लंड धीरे धीरे अपनी जगह बना रहा था.
कुछ ही देर में मैंने पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया था.

वर्जिन सेक्स से उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे. आंखें देख कर लग रहा था कि बाहर ही आ जाएगीं.

वो दर्द से छटपटा रही थी और अपने पैर चलाने लगी थी.
लेकिन मैंने जरा सी भी ढील नहीं दी.

वैसे ही मैं कुछ मिनट तक लगा रहा और लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए चूत में जगह बना रहा था.
उसकी चूत में कुछ जगह बन गई और चुत ने लंड से हार मान ली.

लंड ने आगे पीछे करके चुत को रसीली करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में ही अदीबा को आराम मिल गया और उसने हाथ पैर मारना बन्द कर दिया.

मैंने उसके होंठों को छोड़ दिया.
अदीबा लम्बी सांस लेती हुई बोलने लगी- आंह सर, एक बार बाहर निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है.

उसकी चूत बहुत टाइट थी.

मैंने कहा- अब कुछ नहीं होगा, तुम बस मजा लो.
उसके बाद मैं धीरे धीरे झटके देने लगा.

कुछ ही झटकों बाद वो भी गांड उठाने लगी.
हालांकि दर्द अभी भी हो रहा था, जिस वजह से वो जोर जोर से ‘आह आह ऊई आह … उइ अम्मी मर गयी आ उह …’ कर रही थी.

मैंने कहा- एक से दस तक गिनो जान, सब ठीक हो जाएगा.
वो लंड के झटकों के साथ एक दो तीन गिनने लगी.

मैंने झटको की स्पीड एकदम से बढ़ा दी थी.
वो आंह आंह करती हुई ‘एक दो तीन …’ कह रही थी.

मैंने भी झटके मारते हुए उसकी गिनती को जारी रखा- आंह 4 अह 5 6 ऊऊ उई ले … सात उह इऊ आठ ई.

वो भी मेरे साथ गिनती गिनने लगी और अभी दस भी पूरे नहीं हुए थे कि वो मस्त हो गई और ‘उन्हा आंह और जोर से सर आह पेलो … आंह फक मी हार्डर सर … फ़क मी …’ करने लगी.

अब वो चुदाई के मज़े लेने लगी थी.
थोड़ी देर में वो गांड उठाती हुई आंह आह करती हुई झड़ गयी.

वो झड़ गई तो भी मैंने चुदाई जारी करते हुए उसे ताबड़तोड़ चोदना शुरू कर दिया था क्योंकि अब लंड बड़ी आसानी से अन्दर बाहर होने लगा था.

‘आंह मादरचोद … आज तुम्हारी चूत की सारी गर्मी निकल दूंगा … आंह माँ की लौड़ी कुतिया छिनाल साली रंडी तेरी गांड बड़ी मटकती है रांड आह कबसे तेरी चुत चोदने को तड़फ रहा था. आह ले लंड खा आह …’
मैंने दवा ली हुई थी तो मेरा लंड सिकन्दर बना हुआ था.

कुछ ही देर में अदीबा फिर से गर्मा गई और मेरी चुदाई का जवाब देने लगी.

हम दोनों ने 45 मिनट तक जोरदार चुदाई की.
उसके बाद मेरा माल उसकी चूत में निकल गया.

उसके बाद मैंने उसको एक बार और चोदा.

आधा घंटा आराम करने के बाद अदीबा को फिर से गर्म करने लगा.

पहले मैं उसके चुचे सहलाने लगा और थोड़ी ही देर में वो भी गर्म होने लगी.
उसके चुचे टाइट होने लगे और दबाने की वजह से लाल हो गए, चूचुक तन गए मतलब फिर से चुत से दूध देने के लिए अदीबा तैयार हो गयी.

उसके बाद में नीचे आ गया और चूत चाटने लगा.
वो गर्म हो गयी और गांड उठा उठा कर चूत चटवाने लगी.

वो मेरे सिर को पकड़ कर अपने चूत पर दबा रही थी और जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.
‘आ ई उ उइ इऊ आई आई सर जी डाल दो लंड … फाड़ दो मेरी चूत … उतार दो इसकी गर्मी.’

मैं उसकी चूत में दो उंगली डाल कर चूत चूस रहा था.
वो जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी- आह सर जी, जल्दी से डाल दो मेरा निकलने वाला है याह आई मादरचोद लंड पेल दे चूत में मेरी आंह उतार दे इसकी गर्मी!

मैंने लंड चूत पर रख कर एक झटके में पूरा लंड पेल दिया. उसकी चूत गीली थी तो एकदम सटाक से लंड अन्दर चला गया.

वो चिल्लाने लगी- आ आह मर गयी निकालो इसे … फट गई मेरी चूत बचा लो … मुझे कोई.
मैंने कहा- सारी गर्मी निकल गयी क्या कुतिया … मादरचोद रंडी और ले लौड़ा खा साली.

मैं जोर जोर से चोदने लगा.
वो कराहती हुई बोल रही थी- सर धीरे धीरे प्लीज सर बहुत दर्द हो रहा है.

सही बताऊं दोस्तो, दर्द तो मुझे भी हो रहा था. उसकी चूत ने मेरे लंड को पकड़ रखा था.
लेकिन मैं कहां रुकने वाला था … मैं उसको धकापेल फुल स्पीड में चोद रहा था.

वो सिर्फ कहे जा रही थी- आ उ आई अउ अउ सर सीई सीई ई फाड़ो मेरी चूत … आंह रखैल बना लो मुझको अपनी … रोज़ फाड़ना मेरी चूत.

मैं आपको इधर एक बात बताऊं कि इस धर्म की औरतें बहुत गर्म होती हैं, इनकी गर्मी हर कोई शांत नहीं कर सकता है. लेकिन वो चुदवाती भी जबरदस्त हैं और मज़े भी लेती हैं. ये मेरी पर्सनल राय है.

कुछ ही देर में वो मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गयी. मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सैट करके लंड की सवारी करने लगी.
वो गांड उठा उठा कर लंड पर पटक पटककर मजा लेने लगी.

मुझे भी बहुत मजा आने लगा.

वो एकदम पेशेवर रांड की तरह सटासट गांड उठा कर लंड चूत में ले रही थी.

दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद अदीबा मेरे सीने पर चुत झाड़ कर लेट गयी.

अब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में कर लिया. उसकी कमर पकड़ कर 15 मिनट जोरदार चोदा, उसकी चूत के चिथड़े उठा दिए.

वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- आ उह उइ उईइ उइ.

फिर एक बार हम दोनों साथ में झड़ गए.
इस बार वो एकदम शिथिल हो गई थी.

चुदाई के आधा घंटा बाद वो उठ कर बाथरूम में गयी, फ्रेश हुई और कपड़े पहन कर तैयार हो गयी.

मैंने अपने हाथ मुँह धोए और कपड़े पहन लिए.
वो सही से चल नहीं पा रही थी, गांड उठा उठा कर चल रही थी.
उसे देख कर मन कर रहा था कि गांड भी एक बार मार लूं लेकिन बहुत देर हो गई थी.

मैंने उसको एक पेनकिलर दे दी और उसके घर के पास तक छोड़ दिया.

उसके बाद मैं उसको लगभग रोज़ चोदता हूँ.

अब तो वो एकदम माल लगने लगी है और उसके चुचों का साइज भी बढ़ गया है, गांड भी बहुत बाहर को आ गयी है.
उसने मुझसे दो तीन छात्राओं की भी चुदाई करवाई है. वो सेक्स कहानी फिर कभी लिखूँगा.

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इंस्टाग्राम- Simple_boy7393