हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी में मैंने अपने कॉलेज की नयी आई लड़की को अपने घर में चोदा. वह मुझे पढ़ाई में मदद लेने आती थी. एक दिन मैं घर में अकेला था, मैंने उसे प्रोपोज कर दिया.
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है, मेरी उम्र 22 साल है. मेरी बॉडी किसी एथलीट के जैसी है. मेरे लंड का साइज साढ़े छह इंच है.
मैं इस साइट पर लगभग 4 सालों से सेक्स की कहानियां पढ़ रहा हूं.
मुझे यहां एक से बढ़कर एक कहानियां पढ़ने को मिलती हैं.
और आज जब एक कहानी पढ़ रहा था कि मैंने सोचा क्यूं न मैं भी अपना अनुभव साझा करूं.
यह हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी आज से लगभग एक साल पहले उस वक्त की है जब मैं अपने ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में था.
मेरी क्लासेस शुरू हो चुकी थीं.
मेरा स्वभाव नटखट होने के वजह से सब टीचर्स मुझे अच्छे से पहचानते थे, भले मैं क्लास में पढ़ाई न भी करूं, फिर भी टेस्ट और पिछले सालों के फाइनल एग्जाम में अच्छे अंक पाए थे.
इस कारण मैं धीरे धीरे कॉलेज में अपनी पहचान बनाने लगा.
एक दिन मैं कॉलेज के लाइब्रेरी में कुछ किताबें लेने के लिए जा रहा था.
जैसे ही मैं लाइब्रेरी में घुसने वाला था, मैं किसी को देख कर एकदम से हतप्रभ हो गया.
मेरी आंखों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरे सामने कोई अप्सरा बैठी है.
मैं बस उसे देखता ही रह गया.
क्या कयामत थी दोस्तो … मैं बता ही नहीं सकता.
वह नीले रंग की कुर्ती में मस्त लग रही थी. उसके फिगर का आकार 32-30-34 का था.
सच में कमाल का फिगर था.
उस दिन मैं बस उसे देखता ही रहा.
मैं उसकी जितनी भी तारीफ करूं, कम है.
फिर मैंने खुद को संभाला और बस अन्दर जाकर किताबें इश्यू कराने लगा.
उस समय भी मेरे दिमाग में बस वही लड़की चल रही थी.
शायद वह इसी साल आई थी.
मैंने देखा था कि उसके सामने बीएससी की फर्स्ट इयर की बुक रखी थी जिसे वह पढ़कर नोट्स तैयार कर रही थी.
उस दिन मैंने कुछ नहीं किया, न ही उससे बात करने की कोशिश की.
मैं अपनी क्लास में पढ़ने के लिए चला गया.
मुझे तो अभी तक उसका नाम भी पता नहीं था.
दिन ऐसे ही गुजर गया.
मैं घर पहुंचा तो उसी को सोचने लगा और सोचने लगा कि कैसे भी करके इसको तो चोदना ही है, चाहे कुछ भी हो जाए.
उस दिन रात को सोने से पहले मैंने उसके नाम की मुठ भी मारी.
दूसरे दिन सबसे पहले कॉलेज पहुंचकर बीएससी के फर्स्ट इयर की क्लास में गया.
मेरे वहां पहुंचते ही मुझे देखकर सारे स्टूडेंट्स खड़े हो गए.
मैंने पूरी क्लास को अच्छे से देखा लेकिन वह मुझे कहीं नहीं दिखी.
मेरा मन उदास सा हो गया.
जैसे ही मैं जाने को हुआ बाहर से एक आवाज आई- मे आई कम इन सर?
मैंने पलटकर देखा तो वही अप्सरा थी जिसको मैं ढूंढ रहा था.
तो मैंने कहा- हां आ जाओ.
वह अन्दर आकर पीछे जाकर बैठ गयी.
मैं थोड़ी देर बाद मैंने सभी नए छात्रों को अपना नाम बताकर सबसे सबका नाम बताने को कहा.
सीनियर होने के नाते सभी अपना नाम अच्छे से बता रहे थे.
तभी बारी आई उस हुस्न की मल्लिका की … उसने अपना नाम हर्षिता बताया.
तब जाकर मुझे उसका नाम पता चला.
फिर मैंने बोला- यदि सिलेबस में कोई दिक्कत हो, तो अपने सीनियर से हेल्प लेने में मत डरना.
कुछ देर के बाद मैं अपनी क्लास में चला गया.
अब कुछ दिन तक मैं रोज उसको देखता रहा.
मैं उससे बात करना चाहता था पर हिम्मत नहीं होती थी.
एक दिन मेरी क्लास के एक लड़के ने बताया कि फर्स्ट इयर की एक लड़की मुझे पूछने आई थी.
मैं सोचने लगा कि कौन हो सकती है.
बस मैं यही जानने के लिए फर्स्ट इयर की क्लास में गया.
उस लंच टाइम चल रहा तो क्लास में कोई भी टीचर नहीं था.
मैं क्लास में जाकर पूछा कि किसी ने मेरी क्लास में जाकर मुझे पूछा है क्या?
पीछे से एक आवाज आई- जी, मैंने पूछा था सर!
जब मैंने देखा तो एकदम से हैरान रह गया.
वह और कोई नहीं, हर्षिता ही थी.
मैंने उससे पूछा- हां बताओ, क्या बात है!
उसने कहा- मुझे केमिस्ट्री की एक यूनिट में थोड़ी दिक्कत आ रही है.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है, क्लास के बाद मुझे कॉलेज के बाहर मिलना, तब इस बारे में बात करते हैं.
उसने ओके कहा और मैं चला गया.
क्लासेस खत्म हुईं तो मैं हर्षिता से बात करने के लिए बड़ा उतावला हो रहा था.
वह बाहर आई और उसने मुझे अपनी सारी समस्या बताई कि उसकी केमिस्ट्री थोड़ी सी कमजोर है, इसलिए उसे दिक्कत आ रही है.
वह मुझे आप कहकर बात कर रही थी.
मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था.
मैंने उससे कहा कि देखो कॉलेज में तो एक्स्ट्रा क्लास मुश्किल है इसलिए तुमको अलग से टाइम देना पड़ेगा.
उसने कहा- कैसे!
मैंने कहा- अगर तुम्हें कोई दिक्कत न हो तो तुम मेरे घर आकर एक्स्ट्रा क्लास ले सकते हो. वैसे भी मैं घर पर पढ़ाई करता ही नहीं हूँ, इसी बहाने मेरा पढ़ाई में मन लगा रहेगा.
उसने बोला- पता नहीं, घर के लोग आने देंगे या नहीं!
मैंने कहा- एक बार घर जाकर पूछ लेना, फिर मुझे बता देना कि आ पाओगी या नहीं!
उसने कहा- ठीक है.
फिर उसने मेरा नंबर ले लिया.
हम दोनों अपने अपने घर चले गए.
घर पहुंच कर मैंने हर्षिता के बारे में बहुत सोचा कि आएगी या नहीं.
अचानक से मेरे फोन में अंजान नंबर से फोन आने लगा.
मैंने फोन उठाया तो आवाज आई कि मैं हर्षिता बोल रही हूं!
मेरा दिल बहुत तेज तेज धड़कने लगा.
वह बोली- आने के लिए मैंने घर वालों को मना लिया है … पर मैंने थोड़ा झूठ बोल दिया है कि सीनियर एक दीदी हैं, वे मुझे यूनिट समझा देंगी.
हम दोनों हंसने लगे.
फिर मैंने कहा- शाम को 6 बजे तक आ जाना.
उसने हां कहा और फोन रख दिया.
मेरा मन बहुत उतावला हो रहा था कि जिससे मैं बात करने से डरता था, वह मेरे घर अब पढ़ने आएगी और मेरी आंखों के सामने रहेगी.
सोचते सोचते 6 बज गए.
उसी समय मेरे घर की घण्टी बजने लगी.
मैंने जाकर देखा तो सामने हर्षिता खड़ी थी.
मैं तो उसे देखता ही रह गया.
क्या कमाल की लग रही थी.
मेरा तो मन कर रहा था कि अभी इसको यही चोद दूं, पर जैसे तैसे मन को संभाला और उसको अन्दर आने को कहा.
वह अन्दर आई और आकर सोफे पर बैठ गयी.
उसने हल्के हरे रंग की कुर्ती पहनी थी.
उसके बूब्स साफ साफ नजर आ रहे थे.
फिर हम दोनों ने पढ़ाई शुरू की.
मेरे घर में मेरी मम्मी और छोटी बहन थीं.
वे लोग अपना अपना काम कर रहे थे.
ऐसे हम दोनों एक दूसरे से रोज कॉलेज में और मेरे घर में मिलने लगे.
ऐसे ही करीब 3 हफ्ते बीत गए.
इस बीच वह मुझसे काफी घुल-मिल गयी.
उसने अपने बारे सब बताया.
एक दिन मेरे घर के सब लोग मेरे किसी रिश्तेदार के यहां जा रहे थे.
पर मैंने ये बात हर्षिता को नहीं बताई क्योंकि मेरे पास आज उससे दिल की बात करने के लिए अच्छा मौका था.
वह रोज की तरह 6 बजे घर आई.
आज मेरा उसे पढ़ाने बिल्कुल मन नहीं था क्योंकि आज तो बस हर्षिता को चोदने का प्लान बना रहा था.
हर्षिता भी आज कुछ अलग ही कयामत लग रही थी.
पता नहीं वह आज टी-शर्ट और टाइट जींस में आई थी मानो आज उसको मेरे प्लान के बारे में पता चल गया हो.
टाइट जींस में उसकी गांड साफ साफ दिख रही थी और उसके गोल गोल बूब्स भी साफ नजर आ रहे थे.
उसके दूध देख कर आज मेरी आंखों में एक अलग ही चमक थी.
मैंने उसको बैठने को कहा.
वह मेरे सामने आकर बैठ गयी.
मेरी नजर हर्षिता के बूब्स से हट ही नहीं रही थी.
मैंने हर्षिता को एक सवाल दे दिया जिसे वह हल करने लगी.
उसके गोल गोल बूब्स को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
अचानक से उसकी नजर मेरे तने हुए लंड पर गई, तो वह शर्मा गई.
थोड़ी देर तो मैं चुपचाप बैठा रहा, फिर मैंने सोचा कि आज नहीं तो कभी नहीं.
इतने में मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.
वह चौंक गई और बोली- ये आप क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- हर्षिता, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ.
उसने कहा- हां बोलो.
मैंने कहा- हर्षिता, जब से मैंने तुम्हें देखा है … तब से मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं. आई लव यू हर्षिता … मैं तुमको बहुत चाहता हूँ.
थोड़ी देर तो वह चुप रही, फिर अपनी नजरें चुराती हुई मुझसे गले लग गई.
फिर धीरे से वह बोली- मैं भी आपको बहुत चाहती हूं.
मैं उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगा.
उसने बताया कि मैंने भी जब से आपको देखा है, तब से मैं भी आपको पसंद करने लगी हूँ.
मैं धीरे धीरे उसके होंठों को चूसता रहा और बूब्स दबाता रहा.
वह बहुत गर्म हो रही थी तो मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और अपने कमरे में ले गया.
उसको मैंने बेड पर लिटा दिया और उसे चूमने लगा.
उसकी आंखें अभी भी बंद थीं, वह मुझसे बहुत शर्मा रही थी.
मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट को ऊपर करके उसके बदन से अलग कर दी.
इस बीच मैं उसको किस करता रहा.
वह बहुत ज्यादा कामुक हो चुकी थी.
अब वह मेरे सामने काले रंग की ब्रा में थी, जिसको मैंने किस करते हुए निकाल कर अलग कर दी.
उसके कुछ देर बाद मैंने उसकी टाइट जींस भी उतार दी.
वह मेरे सामने सिर्फ एक गुलाबी रंग की पैंटी में थी.
मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया … तो पाया कि उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी.
मैंने उसकी पैंटी भी निकाल कर अलग कर दी और उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया.
उसे नंगी देख कर मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार कर अलग कर दिए.
वह मेरा लंड देखकर शर्माने लगी.
उसकी चूत बहुत टाइट लग रही थी और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा जिससे वह मचलने लगी.
उसकी सांसें बहुत तेज हो रही थीं.
मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सैट करके एक जोरदार धक्का दे मारा.
वह एकदम से उछल पड़ी.
साफ लग रहा था कि उसकी चूत में ये पहला लंड गया था.
मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अन्दर तक समा गया.
वह दर्द से कराह रही थी और उसके आंखों से आंसू बह रहे थे.
यह देखकर मैं कुछ देर उसको किस करता रहा जिससे उसका दर्द कुछ कम हो गया.
फिर मैंने एक और जोरदार झटका मारा.
वह फिर से कराह उठी.
कुछ देर चूमने के बाद मैं उसकी चूत में जोर जोर से झटके मारने लगा.
हॉट टीन गर्ल चुदाई का मजा लेने लगी.
वह बहुत सेक्सी आवाज निकाल रही थी.
उसकी कामुक आवाजों को सुनकर मैं और तेज तेज झटके मारने लगा.
करीब 15 मिनट तक मैं उसकी चूत चोद रहा उसके बाद मैं अपनी चरम सीमा पर आ गया और तेज झटकों के साथ मैंने उसकी चूत में ही सारा वीर्य छोड़ दिया.
इस बीच वह भी एक बार झड़ चुकी थी.
मैंने झड़ने के बाद अपना लंड बाहर निकाल लिया तो देखा कि मेरा सारा माल उसकी चूत से बाहर निकल कर बहने लगा था.
साथ में उसकी चूत के फटने की कारण खून भी निकल रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा और इस बार मैंने हर्षिता को डॉगी स्टाइल में खड़ा कर दिया.
मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड पेल कर उसकी धाकड़ चुदाई की.
दस मिनट तक ऊसकी चूचियां मसलते हुए चोदने के बाद मैं वापस उसकी चूत में ही झड़ गया.
चुदाई के बाद मैं और हर्षिता एक दूसरे से लिपटकर थोड़ी देर के लिए गले लग कर लेट गए.
शाम के 7:30 बज चुके थे. हर्षिता को घर भी जाना था.
मैंने उसको घर छोड़ दिया.
अगले दिन जब आई तो मैंने देखा कि हर्षिता को ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.
उसके बाद मैंने हर्षिता की कई बार चुदाई की.
वह भी अब मुझसे बिना चुदे नहीं रह पाती है.
तो दोस्तो, यह थी मेरी सील पैक चूत की चुदाई की कहानी.
आपको कैसी लगी यह हॉट टीन गर्ल चुदाई कहानी?
प्लीज मेल करके मेरा हौसला बढ़ाएं ताकि मैं आप सबको फिर से एक नई सेक्स कहानी लिख सकूं.
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