क्रेडिट कार्ड वाली लड़की को पटाकर चोदा

हॉट गर्ल बर्थडे सेक्स कहानी में पढ़ें कि क्रेडिट कार्ड बनाने वाली लड़की को मैंने फोन कॉल से पटाकर उसकी अनचुदी चूत उसके जन्मदिन पर ही फाड़ी.

यह कोई तीन साल पुरानी हॉट गर्ल बर्थडे सेक्स कहानी है. मैं उन दिनों दिल्ली में एक कंपनी में काम कर रहा था और एक फ्लैट रेंट पर लेकर अकेला रहता था.

एक दिन मुझे अपने बैंक से कॉल आया.
मीठी सी आवाज़ आई- सर, मैं आपके बैंक से रिशु बोल रही हूँ. क्या आप क्रेडिट कार्ड लेना चाहेंगे?

वैसे तो मेरे पास पहले से एक क्रेडिट कार्ड था लेकिन मीठी सी आवाज़ सुनकर मैंने हां कर दी.
उसने कहा- ठीक है सर, आप अपने डॉक्यूमेंट मुझे व्हाट्सैप पर भेज दो.

मैंने नंबर सेव कर लिया और डॉक्यूमेंट भेज दिए.
मुझे भी उसकी डीपी दिखने लगी तो समझ गया कि उसने भी नम्बर सेव कर लिया है.

बड़ी ही प्यारी थी रिशु!
मेरा दिल तो रिशु की डीपी देख कर ही उस पर आ गया था. मैंने सोच लिया था कि लौंडिया बेड पर मजेदार साबित होगी.

मैंने उससे बात करने की कोशिश करने लगा और उसके सामने खुद को क्रेडिट कार्ड के मामले में अनाड़ी जाहिर करने लगा ताकि वो मुझे क्रेडिट कार्ड के फायदे बताने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय देकर मुझसे बात कर सके.

शायद वो भी कुछ कुछ समझ गई थी कि मैं उसे फ्लर्ट कर रहा हूँ.
शुरू शुरू में तो उसने मुझे एक दो बार रेस्पोंस दिया पर बाद में वो कटने सी लगी.

मगर मैंने उसे अपने कुछ दोस्तों के लिए भी क्रेडिट कार्ड की बात कही तो वो मेरे साथ सहज होकर बात करने लगी.
मैं रोज सुबह उसको गुड मॉर्निंग भेजता और वो भी बदले में इमोजी भेज देती.

धीरे धीरे मेरी उसके साथ थोड़ी थोड़ी बातें होने लगीं.
कुछ ही दिनों में वो मेरे साथ फ्रेंक होने लगी, हम दोनों जोक्स आदि भी शेयर करने लगे.

मैंने भी उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जिससे उसे लगा कि मैं बस एक मस्तमौला इंसान हूँ. शायद इसी वजह से उसे मैं पसंद आने लगा था.

मेरे पूछने पर उसने बताया कि जॉब और फैमिली की वजह से उसका कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा है.

हम कभी कभार कॉफ़ी पीने भी जाने लगे.
उस दौरान हमारे बीच प्यार मुहब्बत की बातें होने लगी थीं.
मैंने उससे कहा भी कि मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ.

उस पर उसने कोई जवाब नहीं दिया मगर मना भी नहीं किया.

एक बार मैं उसे फिल्म दिखाने ले गया.
उधर मैंने उसके गाल पर चुम्मी कर दी.
तो वो मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी.

मैंने सॉरी कहा तो वो मुस्कुरा दी.
to मैंने उसका हाथ पकड़ कर कह दिया- रिशु आई लव यू …. डू यू?

जवाब में उसने मेरे हाथ को दबा दिया बस … कुछ कहा नहीं.

उसके बाद से मैं रिशु को कमरे तक लाने की कोशिश करता पर वो टाल देती.
कुछ दिनों में उसका जन्मदिन आने वाला था तो मैंने कहा- शाम को फ्री होकर मेरे फ्लैट पर ही सेलिब्रेट करेंगे.

उस दिन रिशु मान गयी.

आखिर जन्मदिन आ गया.

मैं उसको बैंक से बाइक पर घर ले आया.
मैंने कमरे की लाइट बिल्कुल डिम करके रोमांटिक माहौल बना रखा था.

हमने एक साथ केक काटा और तभी मैं उसको किस करने आगे बढ़ा.

रिशु ने भी मना नहीं किया और अपने गर्म मुलायम होंठ मेरे होंठों से सटा दिए.

मैं होंठ चूसते हुए रिशु के छोटे लेकिन गोल गोल मम्मे दबाने लगा.
रिशु भी गर्म होने लगी.

मैंने रिशु को पकड़ कर खड़ा किया और उसका टॉप और ब्रा निकाल कर फेंक दी.
अब उसके बबले आजाद हो चुके थे.
मैं कभी एक बोबा मुँह में दबाता कभी दूसरा.

रिशु की आह आह की आवाज़ें सुनकर मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था.
मैंने रिशु का हाथ पकड़ कर पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया.

रिशु भी गर्म थी और उसने कुछ ही पलों में मेरा पैंट और अंडरवियर फटाफट उतार दिया.
अब रिशु ने मेरा 6.5 इंच का लौड़ा निकाल लिया.
मोटा सा लौड़ा हाथ में पकड़ कर रिशु अजीब सा मुँह बना रही थी.

मैंने दीवार के साथ रिशु को घुटनों के बल बिठा लिया.
रिशु का मुँह मैंने अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और लंड होंठों पर रख दिया.
to रिशु बोली- ये क्या कर रहे हो यार … इतना मोटा लंड मैं नहीं ले पाऊंगी.

मेरे जोर डालने पर उसने मुँह खोला और मैंने हल्के से धक्का मारकर आधा लंड उसके मुँह में डाल दिया.
उसका पूरा मुँह लंड से भर चुका था.

रिशु ने लार टपका टपका कर लंड एकदम चिकना और गीला कर दिया था.
कुछ देर में ही रिशु भी पूरी गर्म हो गयी थी और पूरे जोश के साथ लंड मुँह में अन्दर बाहर ले रही थी.

रिशु ने अब लंड पकड़ कर मुँह से बाहर निकाला और बोली- मेरी पहली चुदाई ऐसी करो कि मैं जिंदगी भर याद रखूं.

मैंने एक कंडोम का पैकेट रिशु को दिया और खोलकर लंड पर चढ़ाने को बोला.
रिशु पहली बार कंडोम देख रही थी.

लंड पर कंडोम चढ़वा कर मैंने रिशु की कमर पकड़ कर उसको घुमाया और गांड अपनी तरफ लाकर उसको बेड पर चढ़ा लिया.

अब रिशु बेड का सहारा लेकर घोड़ी बन चुकी थी और उसकी लाल लाल गीली चूत मेरे लंड के सामने थी.
उसकी मोटी मखमली गांड देख कर मेरा लंड फूल चुका था.

मैंने रिशु की कमर को कसके पकड़ लिया.
रिशु बर्थडे सेक्स के लिए तैयार थी पर थोड़ा घबरा भी रही थी क्योंकि उसने पहले कभी लंड नहीं घुसवाया था.
वो बोली- बेबी आराम से करना, कहीं मेरी चीख ना निकल जाए.

मैंने रिशु से कहा- बेबी, जी भर के चिल्लाना … आज कोई नहीं सुनेगा. मैंने सब खिड़की दरवाज़े बंद करके हल्का सा सेक्सी म्यूजिक चला रखा है.
मेरा लंड पहले ही रिशु की लार से गीला और चिकना था.

मैंने लंड को चूत की दरार पर रखा और रिशु की कमर पकड़ कर एक झटका दे मारा.
रिशु ने चीख मारी.
उसकी सील फट चुकी थी और लंड पर कुछ बूंदें खून लग गया था.

घोड़ी बनी हुई रिशु ने पीछे की तरफ देखा लेकिन तब तक लंड जोश में आ चुका था.

मैंने फिर से रिशु की कमर पकड़ कर धक्का मारा और आधा लंड चूत में धकेल दिया.
अब रिशु को एक साथ दर्द और मजा मिल रहा था और उसके सर पर एक पागलपन सा सवार हो रहा था.

वो कराहने लगी.
उसकी सेक्सी आवाज़ें सुन कर मैं और जोश में आ जाता और तेज तेज धक्के मारने लगता.

तेज धक्कों के साथ ही रिशु की चिल्लाहट भी बढ़ जाती, पर आज मेरा लंड रिशु की चूत को अच्छे से सुजा कर ही रुकने वाला था.

रिशु कराहते हुए बोली- बेबी, आराम से धक्के मारो ना!
मैंने उसकी चूत पर तरस खाते हुए धक्कों की स्पीड कम कर दी लेकिन धीमे धीमे गहराई में जाने लगा.

मेरा लंड रिशु की चूत की दीवारें खोल रहा था.
रिशु मजे में पगला चुकी थी.

मैंने रिशु की चूत में धक्के मारते हुए थप्पड़ मार मार कर उसके दोनों चूतड़ भी लाल कर दिए थे.
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरे लंड को भिगो दिया.

रिशु मदहोश हो चुकी थी और उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था.
मैंने अब उसको पकड़ कर घुमाया और गांड के बल लिटा कर नीचे 3 तकिए लगा दिए ताकि चूत पर अच्छे से निशाना लगा कर धक्के मार सकूं.

अब जो मैं कह रहा था, रिशु वो कर रही थी क्योंकि लंड लेने का नशा उसके सर पर चढ़ कर बोल रहा था.
मैंने उसकी टांगें उठा कर अपने कंधों पर रख लीं और एक ही झटके में सारा लंड चूत के अन्दर पेल दिया.

रिशु मेरे पेट पर हाथ रख कर मुझे दूर धकेलना चाह रही थी पर मैं जोर जोर से चूत चोदे जा रहा था.
कमरे में बस हल्का सा म्यूजिक और मजे से कराहती हुई रिशु की आहें सुनाई दे रही थीं.

मैं मजे से रिशु के चूचे दबा रहा था और चूत में धक्के मार रहा था.
हम दोनों पसीने से लाल हो गए थे पर लंड चूत को पेले जा रहा था.

कुछ देर और धक्के मारने के बाद जब लंड का पानी निकलने वाला था, मैंने कंडोम निकाल दिया और लंड रिशु के मुँह में डाल कर अच्छे से निचोड़ दिया.
रिशु मजे से सारा रस पी गयी.

मैं हांफता हुआ रिशु के ऊपर ही गिर पड़ा.

कुछ 5 मिनट एक दूसरे से चिपके रहने के बाद रिशु को फिर से लंड का नशा चढ़ने लगा और वो अपने हाथ से मेरे लंड को फिर से सहलाने लगी.
ऐसे में लंड फिर से फूलने लगा.

रिशु बोली- बेबी, एक छेद तो बाकी रह गया.
मैं समझ गया कि अब रिशु गांड में मेरा लौड़ा लेना चाहती थी.
मैंने रिशु से कहा- अगर लंड चाहिए तो अब मैं बिना कंडोम के गांड मारूंगा.

रिशु बोली- ठीक है, पर इसको चिकना कर लो.
मैंने रिशु को वैसलीन की डब्बी दी और उसने लंड पर वैसलीन मल कर उसे एकदम कड़क और चिकना कर दिया.

अब मैंने रिशु को पकड़ कर उलटा लिटा लिया और पेट के नीचे तकिया लगा कर उसकी मखमली गांड को ऊपर उठा लिया ताकि लंड को गांड का छेद पेलने में कोई दिक्कत ना हो.
सैट करने के बाद मैं रिशु के ऊपर चढ़ गया और लंड की टोपी गांड के मुँह पर रख कर अन्दर धकेलने की कोशिश करने लगा.

रिशु की गांड उसकी चूत से भी ज्यादा टाइट थी.
थोड़ा और जोर लगाने के बाद आखिर लंड की टोपी अन्दर घुसी और रिशु चिल्ला पड़ी.

रिशु ने चादर मुँह में दबा ली थी क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि चिल्लाने की आवाज़ बाहर जाए.
मेरा लंड गांड के अन्दर धक्के मारने लगा था.

उसकी जांघों से मेरी जांघों के टकराने से पट पट की मधुर ध्वनि आ रही थी और रिशु के चूतड़ लाल हो गए थे.
मगर मेरा ध्यान बस उसकी गांड पेलने में था.
मैंने रिशु के बाल पकड़ रखे थे और धनाधन गांड में धक्के मार रहा था.

कुछ ही देर में मेरा लंड भी दुखने लगा था क्योंकि गांड बहुत टाइट और रूखी थी.
रिशु की कराहें और बेड की चुं चूं की आवाज़ बन्द कमरे में गूंज रही थी.

थोड़ी देर धक्के मारने के बाद मैंने रिशु को बताया कि लंड का दुबारा पानी निकलने वाला है.
रिशु इतनी गर्म हो गयी थी कि बोली- गांड में ही पानी छोड़ दो प्लीज़!

मैंने थोड़े धक्के और मारे और लंड की पूरी पिचकारी रिशु की गांड में खाली कर दी.
बर्थडे सेक्स के बाद अब हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे.

मैंने लंड बाहर निकाला तो देखा कि रिशु की गांड एकदम लाल हो गयी थी.
मैं रिशु के ऊपर ही गिर पड़ा और हम दोनों ने कुछ देर आराम किया.
उठने के बाद रिशु ने मुझे घर छोड़ने को कहा.

रिशु ने बताया कि उसकी चूत गांड में सूजन थी और चलने में परेशानी हो रही थी.

मैंने उसे घर के पास ड्राप करते हुए पूछा- अगली बार सेवा का मौका कब दोगी?
तो रिशु बोली- बस बहुत जल्द!

अगले एक महीने मैंने लगभग 20 बार रिशु को आगे पीछे दोनों तरफ जमकर पेला.
उसे भी लंड की आदत सी लग गयी थी.

क्रेडिट कार्ड की जगह चूत को लंड हार्ड मिल गया था.

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