हॉर्नी लड़की सेक्स कहानी में मैंने अपनी GF को पार्टी करने बुलाया तो वह अपने साथ अपनी सहेली को लाइ. वह मस्त माल थी. हमने खूब दारू पी. फिर हम तीनों बेड पर लेट गए.
मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
मेरा नाम सागर है (बदला हुआ नाम) और मैं 23 साल का हष्ट-पुष्ट लड़का हूँ.
अब बिना देर किए मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सहेली के बारे में बताता हूँ.
वह यूपी से है, 25 साल की सुंदर और सुडौल शरीर की मालकिन है.
मैं दिल्ली में अपनी गर्लफ्रेंड (शालिनी) के साथ लिव-इन में रहता हूँ.
मेरी मुलाकात उसकी सहेली से मेरी बर्थडे पार्टी में हुई.
उसका नाम दिव्या है, उसका फिगर 34-28-36 का है.
वह थोड़ी सांवली जरूर है लेकिन इतनी सुंदर है कि किसी का भी लंड खड़ा कर दे!
जब वह चलती है, तो उसकी गांड बहुत सेक्सी लगती है.
उसके चूचे तो हमेशा ही ऐसे उछलते रहते हैं, जैसे बोल रहे हों कि हमें आजाद करो!
उसके गुलाबी होंठ बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों की तरह हैं.
उसके काले रेशमी बाल उसकी थिरकती गांड तक लहराते हैं.
मैं तो पहली बार में ही उसका फैन हो गया था लेकिन उसके ऊपर चढ़ने का मौका बहुत देर बाद मिला.
कहानी की शुरुआत मेरे बर्थडे से ही हुई.
उस दिन हम सिर्फ़ तीन लोग थे.
मैंने सोच लिया था कि आज कुछ तूफ़ानी होना चाहिए.
जब मैंने अपनी जीएफ की तरफ देखा तो वह मुस्कुरा दी.
मैंने हाथ के इशारे से दारू के लिए पूछा तो उसने आंख दबा कर हां कर दी.
मैं समझ गया कि इसकी सहेली दिव्या भी शालिनी के जैसी ही पियक्कड़ है.
अब मैंने अपनी अल्मारी से एक बोतल दारू निकाली और गिलास बर्फ नमकीन आदि टेबल पर सजा दिए.
हम सब मस्त बातें कर रहे थे और दिव्या तो मेरे ऊपर अपने मम्मों का जादू चलाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही थी.
हम तीनों ने पीना शुरू किया. पैग पर पैग हमारे कंठ तर कर रहे थे और सिगरेट का धुआं कमरे के माहौल को सेक्सी बना रहा था.
मेरी गर्लफ्रेंड शालिनी चार पैग में ही पूरी टुन्न हो गई थी.
उसकी सहेली दिव्या भी न/शे में थी, मैंने भी 7 पैग पी लिए थे.
अब हम सब सोने लगे.
मैं उन दोनों के बीच में लेट गया. उन दोनों ने भी न/शे में कोई ऐतराज नहीं किया.
शराब पीने के बाद दो लड़कियों के साथ लेटने से मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मैं दिव्या की तरफ़ मुँह करके लेट गया.
वह मेरी तरफ़ पीठ करके लेटी थी.
उसकी मोटी पिछाड़ी देखकर मेरा मन बिगड़ने लगा.
उधर मेरी गर्लफ्रेंड न/शे में सो चुकी थी.
मैंने दिव्या की गांड की घाटी में अपना लंड रगड़ना और चुभाना शुरू कर दिया.
वह न/शे में थी, लेकिन सोई नहीं थी.
हॉर्नी लड़की सेक्स के लिए मस्ती से अपनी गांड पीछे करने लगी और मेरे लंड पर गांड रगड़ने लगी.
शायद न/शे में उसका भी मन सेक्स करने का होने लगा था.
वह पार्टी के लिए टाइट कपड़े पहन कर आई थी.
मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी कमर में डाल लिया और उसकी पीठ से चिपक गया.
उसने कोई ऐतराज नहीं किया तो मैं अपने लंड को और गहराई में दबाने लगा.
उसने अब भी कोई जवाब नहीं दिया, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई,
मैंने उसकी खुली पीठ और गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया.
मेरा हाथ कमर से सरकता हुआ उसके बूब्स पर चला गया.
उसके बूब्स इतने बड़े थे कि एक हाथ में नहीं आ रहे थे,
मैंने धीरे-धीरे उन्हें दबाना शुरू किया और गर्दन पर किस करता रहा.
थोड़ी देर में वह आहें भरने लगी.
मैंने उसके बूब्स को और जोर से दबाना शुरू कर दिया, जिससे उसका मूड बन गया,
फिर मैंने अपना हाथ नीचे सरकाया और उसकी स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी पैंटी पर चूत को सहलाने लगा.
उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखकर दबाना शुरू कर दिया.
मैंने बिना देर किए उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया.
उसने जोर से आह भरी- आह!
ये सब हम दोनों मेरी गर्लफ्रेंड शालिनी के बगल में लेटकर ही कर रहे थे इसलिए आराम से करना पड़ रहा था.
फिर मैंने उसका कंधा पकड़ कर उसका मुँह अपनी तरफ़ घुमा लिया.
मैंने अपने होंठ उसके मुलायम, लाल होंठों पर रख दिए.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
हम दोनों करीब दस मिनट तक किस करते रहे.
वह अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल रही थी, तो मजा का मंजर अपने टॉप पर आ गया था.
फिर मैंने अपना हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी ब्रा निकाल दी.
अब वह ऊपर से पूरी नंगी थी.
मैं उसके गले से होते हुए उसके बूब्स पर पहुंच गया.
मैंने एक निप्पल मुँह में लेकर चूसना और काटना शुरू कर दिया. दूसरे बूब को हाथ से मसलने लगा.
कुछ मिनट तक उसके दोनों चूचों को चूसने के बाद, मैं उसकी चूत पर पहुंच गया.
मैंने दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं.
वह जोर से चिल्लाई- आह!
मैं रुक गया तो वह धीमी आवाज में गाली देती हुई मेरे होंठों पर टूट पड़ी.
‘मादरचोद साले आग क्यों लगा रहा है?’
मैंने कहा- कुतिया तेरी आग बुझाने के लिए ही चुत को टटोल रहा हूँ!
वह बोली- चुत गर्म है … भोसड़ी के लंड पेल दे!
अब माहौल चुदाई के लिए रेडी था लेकिन बगल में शालिनी सोई हुई थी तो हमें थोड़ी जल्दी भी करनी थी और बिना आवाज के भी चुदाई करनी थी.
यह ऐसा था मानो किसी तैराक के पैर में भारी पत्थर बांध कर उसे दरिया में फेंक दिया जाए.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अपना पजामा निकालकर उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने अपना लंड उसकी गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
उससे रहा नहीं जा रहा था. वह तड़प रही थी.
कभी वह आहें भरती, कभी मुझे काटती, कभी कमर उठाकर लंड लेने की कोशिश करती.
मैं उसे और तड़पा रहा था.
फिर उसने मेरे कान में कहा- यार, अब डाल भी दो, अब और मत तड़पाओ!
मैंने बिना देर किए अपना 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया.
एक झटके में आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह चिल्लाने वाली थी, लेकिन मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया.
एक और जोरदार झटके में मैंने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसकी हल्की-सी चीख निकल गई और उसकी आंखों में आंसू आ गए.
वह बोली- दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- निकाल लूँ?
उसने मना कर दिया और मुझे किस करने लगी.
उसके होंठ और उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
मैं रुककर उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर में वह सामान्य होने लगी.
अब वह नीचे से हिलने लगी और अपनी गांड उठाने लगी.
मैं समझ गया कि वह जबरदस्त चुदाई के लिए तैयार हो गई थी.
मैंने भी झटके लगाना शुरू कर दिए.
मैं उसे आराम-आराम से चोदने लगा.
वह बोली- जोर जोर से चोदो न!
मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई और 15 मिनट तक उसे चोदा.
वह अकड़ने लगी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी- आह फक मी हार्ड … और जोर से चोदो!
उसके चिल्लाने से मेरी गांड फट गई क्योंकि बाजू में मेरी जीएफ सोयी हुई थी.
इसलिए मैंने झट से उसके मुँह पर हाथ रखा और ऐके-47 की तरफ गोलियों की बाढ़ के जैसे उसकी चुत की चुदाई चालू कर दी.
वह झड़ने वाली थी, इसलिए अकड़ उठी और कुछ ही पलों में वह झड़ भी गई.
उस दौरान उसने अपने नाखून मेरी कमर में गड़ा दिए.
वह पूरी नंगी थी और मुझसे लिपटी हुई थी.
मैं अभी झड़ा नहीं था तो मैं उसे जोर-जोर से चोदता रहा.
वह ऊंह आंह करती हुई मेरा पूरा साथ दे रही थी.
उसके झड़ने से कमरे में पच-पच की आवाज़ होने लगी थीं.
उसकी ‘आह … आह …’ की दबी हुई आवाज़ें मेरे कानों में गूँज रही थीं.
दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था.
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
उसने कहा- मेरे मुँह में डाल दो, मुझे अच्छा लगता है!
वह घुटनों के बल बैठ गई और उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया.
वह पूरा लंड मुँह में डालकर चूसने लगी.
कभी वह जीभ से टोपे को चाटती, कभी हाथ से मेरे टट्टे सहलाती.
दो मिनट बाद मैं झड़ने लगा और उसके मुँह में वीर्य झाड़ कर ढीला हो गया.
पहली बार मेरे लंड से इतना माल निकला था.
मैंने उसके मुँह में 4-5 पिचकारी मार दी थीं.
वह मेरा सारा माल पी गई थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे फिर से किस करना शुरू किया.
उसने मेरा लंड फिर मुँह में लिया और चूसने लगी.
मेरा लंड फिर से मूड में आ गया.
हमने फिर से चुदाई शुरू कर दी.
इस बार वह लंड के ऊपर थी.
सुबह 4 बजे तक हमने खूब चुदाई की.
उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा.
उसकी चूत को अपने माल से ठंडा कर दिया.
आखिरी बार झड़ने के बाद उसने कहा- थैंक्स शालू, तेरा बीएफ मस्त चोदता है!
उसकी इस बात से मुझे एकदम से अपनी जीएफ की याद आई और मैंने उसकी तरफ देखा.
वह आंखें मूँदे मस्ती से सो रही थी.
मैं यह देख कर शांत हो गया और दिव्या को चूम कर सोने लगा.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, हम दोनों खुल कर चुदाई कर लेते हैं.
दिव्या मुझे अपने फ्लैट पर बुलाती रहती है.
वह मेरे लंड को चूसकर उसका सारा गर्म पानी अपने मुँह में ले लेती है.
उसने अपनी एक भाभी को भी मुझसे चुदवाया.
वह सेक्स कहानी भी आपको जल्दी बताऊंगा.
वह मेरे लंड की दीवानी हो गई है,
उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, सिर्फ़ मैं हूँ.
वह कहती है कि शादी के बाद पहला बच्चा भी तेरा ही होगा!
आप मुझे मेल कर सकती/सकते हैं.
ये मेरी पहली सेक्स कहानी थी.
हॉर्नी लड़की सेक्स कहानी अगर अच्छी लगी हो तो जरूर बताएं ताकि मैं आपको अपनी दूसरी सेक्स कहानी का मजा भी दे सकूँ.
कुछ कमी रही हो तो नजरअंदाज कर माफ़ कर देना प्लीज … और मेल पर अपना प्यार जरूर भेजना.
पड़ोस वाले फ्लैट की भाभी की सेक्स कहानी के साथ जल्दी मिलेंगे.
[email protected]