हार्ड सेक्स विद पड़ोसन लड़की कहानी में पड़ोस की एक लड़की मेरी बहन की सहेल;ई थी. वह हमारे घर आती थी. एक दिन मैंने उसे कहा कि मैं उसे पसंद करता हूँ. वह मान गयी.
प्रिय पाठको, नमस्कार.
मेरा नाम गोलू है, जो कि घर का नाम है।
मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 26 वर्ष है.
मैं दिल्ली में अपनी ही कंपनी में ब्रांच मैनेजर की पोस्ट पर जॉब करता हूँ।
मैं दिखने में हैंडसम हूँ।
मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है और मेरे लंड का साइज 6.5 इंच है, मोटाई लगभग 2.5 इंच, जो किसी भी लड़की को आसानी से संतुष्ट कर सकता है।
मैं अपनी पहली सेक्स स्टोरी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ.
इस हार्ड सेक्स विद पड़ोसन लड़की कहानी में अगर कुछ गलती होती है तो मुझे माफ़ करिएगा.
ये सच्ची घटना उस वक्त की है, जब मैं बी.एड. फाइनल ईयर में था।
टीचिंग के लिए गाँव के स्कूल में इंटर्नशिप के लिए गाँव आया हुआ था।
मेरे मोहल्ले में एक लड़की रहती थी, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था क्योंकि मैं अक्सर बाहर ही रहा करता था पढ़ाई के लिए।
उसका नाम शीलू था।
वो कमाल की माल थी!
कोई भी लड़का उसे चोदने के लिए तैयार रहता था, पर वो ऐसी लड़की नहीं थी।
वो मेरी बहन से काफी बात किया करती थी और घर भी आया-जाया करती थी।
जब भी मैं उसे देखता, मेरा मन उसे चोदने के लिए तड़प उठता था।
लेकिन उसे बोलूँ तो कैसे बोलूँ?
अगर उसने मेरी बहन से बोल दिया तो गाँव में छोटी-सी बात का बवंडर बनते देर नहीं लगती।
मैं मौके का इंतजार करने लगा।
एक दिन की बात है, जब घर पर कोई नहीं था, बस मैं और दादी थीं।
शीलू मेरे घर किसी काम से आई और मेरी माँ के बारे में पूछने लगी।
मैंने बताया, “कोई नहीं है यहाँ, सब बाहर गए हुए हैं।”
ये सुनकर वो जाने लगी।
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला, “रुको, तुमसे एक बात करनी है!”
उसने कहा, “बोलो, क्या बोलना है?”
मैंने कहा, “मैं तुम्हें पसंद करता हूँ!”
वो मना करके जाने लगी।
मैंने उसे पकड़ लिया और बोला, “सच में तुम्हें पसंद करता हूँ! और ये बात किसी को भी नहीं बताऊँगा!”
थोड़ा मनाने के बाद वो मान गई।
फिर हमने किस किया और वो चली गई।
लड़की सेट तो हो गई थी लेकिन ठुकाई की बात नहीं हो पाई।
मैं उसी की जुगत में लग गया।
वो रोज मेरे घर आती और मौका पाकर हम किस कर लिया करते थे।
7-8 दिन तक यही चलता रहा।
किस के दौरान मैं उसके बूब्स भी दबा लेता था और उसने कभी विरोध नहीं किया।
मैंने मन में सोचा, “लड़की चुदने के लिए तैयार है!”
लेकिन इसको कहाँ और कैसे चोदा जाए, यही योजना बनाने लगा।
एक दिन वो दिन के समय मेरे घर आई।
उस टाइम मैं नहा रहा था और बाकी सब लोग टीवी देख रहे थे।
मैंने उसे आते वक्त देख लिया था।
तो मैंने जानबूझकर अपनी बहन को आवाज लगाई, “मेरी पीठ का मैल खोल दे!”
मेरी बहन ने शीलू को भेज दिया।
मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ उठी!
मैंने तुरंत अपने लंड को साबुन लगाकर धो लिया।
वो मुस्कुराते हुए आई और पत्थर लेकर मेरे पीछे बैठकर मैल रगड़ने लगी।
मैंने धीमी आवाज में पूछा, “सब क्या कर रहे हैं?”
उसने धीमे स्वर में बताया, “सब टीवी देख रहे हैं।”
मैंने कहा, “चलो, ये तो अच्छा है!”
उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मैंने उसे रुकने को कहा और उसकी तरफ मुँह करके बैठ गया।
फिर मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया।
वो भी साथ देने लगी।
मैंने कहा, “यार, मेरा लंड तनतना रहा है! मुँह में लो ना!”
उसने मना कर दिया, “सब कोई हैं! अगर कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी!”
मैंने कहा, “कोई नहीं आएगा!”
वो शर्माते हुए मुस्कुराने लगी।
मैं झट से खड़ा हो गया और अपनी अंडरवियर से अपना तना हुआ लंड उसके मुँह के सामने कर दिया।
वो देखकर बोली, “इतना बड़ा लंड! और मोटा भी है!”
फिर उसने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।
मेरे शरीर में करंट-सा दौड़ गया! लेकिन वो मुँह में नहीं ले रही थी।
मैंने कहा, “जल्दी से मुँह में लो!”
उसने मुँह में ले लिया और लंड का टोपा चाटने लगी।
मैंने उसके सिर को पकड़कर जोर लगाया तो पूरा लंड उसके मुँह में चला गया।
वो खाँसने लगी और बोली, “मुझे जान से मारने का इरादा है क्या? आराम से मुँह में डालो!”
करीब 7-8 मिनट तक मुँह को चोदने के बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसके मुँह में ही झड़ गया।
उसने मेरा पूरा माल गटक लिया और अच्छे से चाटकर मेरा लंड साफ किया।
फिर अपना मुँह धोकर चली गई।
आज बस उसके मुँह को चोदा था।
अब बारी उसकी चूत की थी।
एक दिन हुआ भी कुछ ऐसा ही। मेरे घरवालों को मेरी छोटी बहन के ससुराल किसी फंक्शन में जाना था। सुबह-सुबह शीलू मेरे घर आई।
मैंने इशारे में उसे समझा दिया और मौका पाकर उसके कान में बोल दिया, “नीचे के बाल साफ करके आना और पैंटी मत पहनकर आना!”
वो मुस्कुरा दी और गर्दन ना में हिलाने लगी।
लेकिन मुझे पता था कि उसकी चूत भी मेरे लंड के लिए बेकरार है।
घर के सभी लोग जा चुके थे, घर पर मैं और मेरी दादी ही बचे थे।
दादी काफी उम्र की हैं, तो वो एक रूम में सोई रहती हैं।
मैं उसके आने का इंतजार करने लगा।
मैंने अपने लंड को साफ करके उस पर नारियल तेल से मालिश कर ली।
तभी मेन गेट का दरवाजा खुला।
देखा तो वो आ गई।
क्या माल लग रही थी … ऊपर सफेद रंग का टॉप और नीचे काली स्कर्ट पहनी हुई थी।
जैसे ही वो अंदर आई, मैंने झट से उसे पकड़कर किस करना शुरू कर दिया।
वो भी मेरा साथ दे रही थी।
हम ऐसे ही किस करते-करते रूम में आ गए।
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर किस करने लगा।
साथ ही मैं ऊपर से उसके बूब्स भी दबा रहा था।
कुछ मिनट किस करने के बाद मैंने उसका एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया।
वो उसे मसलने लगी और जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगी।
रूम में किस करने की आवाज गूंज रही थी, “उम्म्म… म्म्म…”
फिर मैंने उसे इशारा किया, “मुँह में लो!”
वो उठी और बैठ गई।
मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।
वो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।
मैं उसके सामने नीचे से नंगा था, ऊपर टी-शर्ट पहनी हुई थी।
मैंने उसे लिटाया और उसकी छाती के पास बैठकर लंड को मुँह में करने लगा।
वो एक हाथ से पकड़कर लंड को मुँह में अंदर-बाहर कर रही थी।
तभी मैंने उसकी दोनों टाँगें पीछे से उठाईं।
उसकी स्कर्ट नीचे खिसककर उसकी गांड तक आ गई जिससे उसकी चूत साफ दिखाई देने लगी।
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में करना शुरू कर दिया।
उसकी चीख निकल गई, लेकिन मेरा लंड उसके मुँह में होने की वजह से बाहर नहीं निकली।
अब वो “आह… आह… स्स… इई… आह…” करने लगी।
मैं लंड को उसके मुँह में ही अंदर-बाहर कर रहा था।
करीब 10 मिनट के बाद मैं अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाला था।
मैंने उसे अपना हाथ हटाने को बोला और मुँह खुला रखने को कहा।
मैंने तेज-तेज शॉट मारने शुरू किए।
8-9 शॉट के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।
उसने मेरा सारा माल पी लिया।
फिर मैं और वो दोनों लेटकर किस करने लगे।
मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डालकर बूब्स को मसलना शुरू कर दिया।
मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया।
वो पकड़कर मसलने लगी, जिससे मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा।
मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा और उंगली फेरने लगा।
चूत काफी गीली हो चुकी थी।
शायद वो भी झड़ चुकी थी।
इस बार मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैं सीधा उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा, ताकि मेरा लंड उसकी चूत के पानी से चिकना हो जाए।
मैं उसे किस करता रहा।
वो जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी और बोल रही थी, “अब सहन नहीं हो रहा! प्लीज जल्दी से चोद डालो!”
मैंने उससे कहा, “लंड को चूत के छेद पर सेट करो!”
उसने मेरे लंड को पकड़कर सेट किया।
मैंने जोर से धक्का लगाया तो आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ धंस गया।
वो जोर से झटपटाने लगी और बोलने लगी, “निकालो इसको बाहर! मुझे दर्द हो रहा है! आह… उउ… मर गई!”
मैं थोड़ी देर ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और उसके मम्मे दबाता रहा।
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ।
मैंने किस करते हुए एक जोरदार झटका लगाया।
पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था।
दर्द के मारे उसकी आँखों से आँसू आ गए लेकिन मेरे होंठ उसके मुँह को बंद किए हुए थे, तो आवाज नहीं निकल पाई।
कुछ देर शांत रहने के बाद उसने अपनी गांड उठाकर इशारा दिया।
मैं लंड को अंदर-बाहर करने लगा।
उसे मजा आने लगा था।
अब वो आराम से मेरा लंड ले रही थी और उसे मजा आ रहा था।
हार्ड सेक्स विद पड़ोसन लड़की करते हुए मैं भी दनादन लंड पेल रहा था।
मैंने फिर उसे घोड़ी बनाकर पीछे से लंड उसकी चूत में पेला।
उसकी हिचकी निकल गई और वो “आह… स्स… उम्म्म…” की आवाज करने लगी।
10 मिनट धकापेल चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और ऐसे ही लेटे रहे।
उस दिन मैंने उसे 3 बार चोदा।
उसकी चूत में सूजन आ गई थी।
वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
ऐसे ही जब भी हमें मौका मिलता, हम चूत-चुदाई का खेल खेलते रहे।
अब उसकी शादी हो गई है, तो बात कम होती है।
लेकिन जब भी वो गाँव में आती है, मेरे लंड से चुदकर मजा लेकर जाती है।
हार्ड सेक्स विद पड़ोसन लड़की कहानी कैसी लगी आपको?
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