देसी पुसी की चुदाई कहानी में मैंने अपने गाँव के पास की एक लड़की सेट की. उसने मुझे अपने घर बुलाया जब वह अकेली थी. सेक्स के लिए उसे गर्म करके मैंने उसे चोदा.
कहानी के पहले भाग
कुंवारी लड़की की बुर चाटी
में आपने पढ़ा कि फेसबुक के माध्यम से मेरी दोस्ती मेरे पास के गाँव की एक लड़की से हुई.
मेरी फोटो देखकर वह मेरी दीवानी हो गयी.
मैं उसे चोदने के नजरिये से सेट कर रहा था. आखिर मैं उसके बुलाने पर उसके घर पहुँच गया.
हम चूमा चाटी के साथ चुदाई की तरफ बढ़ रहे थे.
अब आगे देसी पुसी की चुदाई कहानी:
मैंने उससे कहा- तुम भी मेरा लंड अपने मुँह में ले लो.
वह मना करने लगी और बोलने लगी- मैंने ये सब कभी नहीं किया, ये सब अच्छा नहीं लगता है यार!
तो मैंने बोला- मेरे लिए बेबी प्लीज!
फिर भी वह नहीं बोली.
मैं बोला- ठीक है, मुझे नहीं करना कुछ! मैं जा रहा हूं!
तो उसने बोला- ओके जान! बस तुम्हारे लिए … क्योंकि मुझे नहीं पसन्द है.
मैं बोला- बेबी बस एक बार … फिर तुम्हें भी बार बार मन करेगा।
तो उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया, बोली- जान, ये तो बहुत बड़ा और मोटा है मेरे मुंह में नहीं आएगा!
मैं बोला- सब आएगा बेबी … पहले ट्राई तो करो!
फिर धीरे-धीरे उसने लन्ड मुँह में ले लिया।
सच में यार … उसके मुंह में मेरा लन्ड घुस ही नहीं रहा था।
फिर भी और उससे धीरे-धीरे करके आधा लन्ड अपनी मुंह में लिया.
मैंने उसे वैसे ही चूसने कहा तो वह चूसने लगी.
ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में आ गया हूँ.
फिर मैंने उसका सिर पकड़ा और लन्ड और अंदर तक करने लगा।
पर ऐसा लगा कि उसकी सांसें अटकने लगी और आंखों में पानी आ गया.
तो मैं अपना आधा लंड ही उसके मुँह में अन्दर बाहर करने लगा।
उसको सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी; वह ‘गुउ घुउ …’ करने लगी.
उसकी आंखों से पानी की धार बह रही थी, फिर भी मेरे लिए चूस रही थी।
कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने उसके मुँह में ही अपना सारा पानी निकाल दिया.
वह मुँह में पानी निकलने से एकदम से मुँह हटाने लगी मगर मैंने लंड अन्दर ही पेले रखा जिससे उसे पानी पीना पड़ा.
अब वह बोलने लगी- ये क्या किया?
तो मैंने कहा- इसको पीने से तुम्हारा चेहरा और चमकेगा।
हम दोनों शांत हो चुके थे.
अब समय आ चुका था बुरचोदन का!
तो मैं उसे फिर से किस करने लगा और उसके चूचों को दबाने लगा.
वह फिर से गर्म होने लगी.
मैं उसके चूचों को चूसने और पीने लगा.
वह भी मुझे अपने मम्मों पर दबा कर मुझे अपने दूध पिला रही थी.
मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया।
फिर मैंने उसे कहा- 69 पोजीशन में हो जाओ!
पर वह नहीं समझी.
तो मैंने खुद उसको 69 पोजीशन में सेट किया, जिससे मैं उसकी चूत को चाट के उसको तड़पाऊं और वह मेरा लन्ड चूस चाट कर पूरी तरह खड़ा कर दे.
तभी तो असली सेक्स होगा न!
और मैं उसकी चूत ऐसा चाट रहा था कि वह पूरा तड़प रही थी, चिल्ला रही थी, बोल रही थी- अब चोदो प्लीज! अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! मैं मर जाऊंगी!
फिर भी मैं उसको तड़पाते ही रहा.
लेकिन तब मेरा भी मन उसको जोर-जोर से चोदने का होने लगा।
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों पैरों को अलग करके फैला दिया.
उसकी बुर की दरार में मैं अपना लंड रगड़ने लगा.
वह बोलने लगी- अब जल्दी से पेल दो प्लीज!
मैंने उससे कहा- थोड़ा सा दर्द होगा, तुम सहन कर लेना.
वह बोली- ठीक है यार, पहले आप जल्दी से पेल दो … अब और नहीं रहा जा रहा है यार!
उसके ऐसा बोलते ही मैंने अपने लंड पर ढेर सारी वेसलीन लगाई और लंड का सुपारा उसकी बुर पर रख कर उसे और तड़पाने लगा.
ज़्यादा तड़पाने के कारण वह गुस्से में बोली- डाल न बे साले जल्दी!
यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया।
मैंने उसे जोर से पकड़ा और लन्ड चूत के छेद पर टिका कर एक जोर का धक्का दिया.
जिससे मेरा सुपारा उसकी चूत में फंस गया और उसकी सील टूट गई.
जिसके कारण खून निकलने लगा.
पर मैंने उसको नहीं बताया.
वह चिल्लाने लगी तो मैंने जल्दी से अपना मुंह उसके होंठों पर रख दिया और उसे किस करने लगा जिससे उसकी आवाज बाहर न आ सकी।
उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे।
मैं वैसे ही रुक गया और उसके एक चूचे को दबाने लगा और निप्पल को मसलने लगा.
इससे उसका ध्यान मम्मों की तरफ हो गया.
तब मैंने उसके मुंह से अपना मुंह हटा लिया।
तो वह बोली- जान मुझे नहीं करना है. मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मैं मर जाऊंगी।
मैं बोला- नहीं बेबी, फर्स्ट टाइम होता है. फिर बहुत मजा आएगा।
वह रोटी रही, मैं लगातार उसको किस करता रहा, उसकी चूची को दबाता और चूसता रहा.
तो वह नोर्मल हुई और अब वह किस करने में वह मेरा साथ देने लगी।
थोड़ा देर ऐसे ही किस करते-करते मैंने मौका देखते ही एक और धक्का लगा दिया.
जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।
वह फिर छटपटाने लगी.
पर मैं इस बार उसे किस करते हुए धक्का दिया था, तो आवाज भी निकल पाई।
और उसको जो दर्द हुआ … यार मुझे बहुत खराब लग रहा था.
पर चोदना भी था।
तो मैं उसको लगातार किस करता रहा और उसकी धीरे-धीरे बुर में अपना आधा लंड ही अंदर बाहर करने लगा.
वह अभी भी रो रही थी। वह छोड़ देने के लिए बोलने लगी.
मगर अब मैं कहां रुकने वाला था.
कुछ देर मैं वैसे ही धीरे-धीरे, अंदर-बाहर करता रहा.
वह छटपटा रही थी- छोड़ दो प्लीज … बाद में कर लेना.
लेकिन मैंने उससे कहा- ठीक है यार, अब दर्द नहीं होगा.
मैं उसके एक चूचे को दबाने लगा और दूसरे चूचे को पीने लगा.
जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो उसे थोड़ा मजा आने लगा.
वह अपनी गांड ऊपर को उठाने लगी.
इससे मुझे हिम्मत मिली और वैसे ही मैं 5 मिनट करता रहा ताकि वह जोश में आ जाए क्योंकि अभी मेरा आधा लंड ही अंदर गया था.
फिर जब वह बोली- अब थोड़ा जोर से करो!
तो मैंने कहा- बेबी बस एक बार और दर्द होगा।
उसने पूछा- क्यों?
मैं बोला- अभी आधा ही अंदर गया है.
वह मना करने लगी.
तो मैंने उसे बोला- अभी मज़ा आ रहा था? बस एक बार और!
तब वह बोली- ओके!
मैंने बोला- मुझे पकड़ लो कस के!
तो उसने वैसा ही किया.
और मैंने मौका देख के एक और धक्का जोर से लगा दिया जिससे पूरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा गया।
ऐसा मुझे अहसास हुआ।
इस बार तो वह अधमरी हो गई।
लेकिन मेरी मजबूत पकड़ के कारण हिल ना सकी और वैसे ही जोर से रोने लगी।
मैंने उसको इस बार बहुत प्यार से किस किया; धीरे-धीर चूचियों को भी दबाया.
इससे उसको मेरे पे प्यार आने लगा और वह भी किस करने लगी।
उसके बाद इस बार वह भी पूरी जोश में आ गई.
तो मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किया और इसी बीच मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
करीब 2 मिनट के बाद उसका बदन ऐंठने लगा.
उसने मुझे जोर से पकड़ा और आ…ह … ह…हह करती करती नाखून गड़ाती हुई झड़ गई।
जिसका फायदा यह हुआ कि लंड को चिकनाहट मिल गई और चूत भी चिकनी हो गई.
जिससे मैं और जोर-जोर से धक्का लगाने लगा और साथ में उसको किस भी करता रहा और चूची भी चूसते और दबाता रहा ताकि वह ढीली न हो जाए।
मेरे ऐसा करने का ही फल था कि वह जोश में आ गई और अब मैं असली चुदाई करने वाला था.
मैं पलंग के नीचे खड़ा हो गया और उसकी दोनों टांगों को अपने दोनों साइड हाथों में जकड़ लिया और तेज़ तेज़ धक्का लगाने लगा.
वह भी जोर जोर से गान्ड उठा-उठा कर चूत में लंड लेने लगी।
पूरा कमरा ‘फच … फ़च … और आह … उह … येस … चोदो और जोर से … और जोर से चोदो बेबी … आह … उह … येस … चोदो और जोर से … और जोर से चोदो बेबी’ की आवाज़ से गूंजने लगा.
जिससे मुझमें और जोश आ गया और मैं और जोर ज़ोर से धक्का लगाने लगा।
करीब 15 मिनट ऐसे ही चोदने से वह फिर झड़ने को हो गई.
जब वह झड़ने लगी तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और पूरी ताक़त से फिर अंदर डाल दिया।
उसने मुझे और जोर से पकड़ लिया.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और पूरी ताक़त से फिर अंदर डाल दिया और जब तक वह पूरी तरह नहीं झड़ी, मैं ऐसा ही करता रहा।
इससे उसको इतना ज्यादा मज़ा और संतुष्टि मिली कि वह बोली- बेबी आई लव यू फॉर एवर! यू आर माय जान! तुमने क्या किया यार … मुझे इतना मजा … इतना मज़ा आया ना …कि मैं पागल हो रही हूं।
मैं बोला- जान, अभी मेरा पानी निकलना बाकी है.
फिर मैं उसे किस करने लगा ताकि वह ठंडी ना हो।
और उसके कानों में किस करने की वजह से वह फिर जोश में आ गई।
तो मैंने बोला- अब मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पे बैठो!
उसने वैसे ही किया और धीरे धीरे लंड अपनी चूत में डालने लगी.
चूत चिकनी होने की वजह से लंड आराम से अंदर तक घुस गया।
फिर मैंने उसे मेरे लंड के ऊपर उछलने बोला.
तो उससे नहीं हो रहा था.
फिर वह सही से करने लगी और धीरे धीरे वह भी तेजी से मेरे लंड पे अपना चूत पटकने लगी.
फिर फच … फ़च … ठप … ठप … की आवाज़ से पूरा रूम गूंजने लगा.
वह थक गई तो मैं बोला- गांड उठाओ!
और मैं नीचे से जोर जोर से उसको चोदने लगा.
तो वह और जोर जोर से आवाजें निकालने लगी जिससे मेरे अंदर और जोश आ गया।
कुछ मिनट मैं इसी पोजीशन में सेक्स करता रहा।
क्योंकि मैं एक बार अपना पानी निकाल चुका था उसके मुंह में तो फिर दुबारा मेरा जल्दी नहीं गिरता है।
फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाला.
जिससे उसको दर्द हुआ.
फिर भी मैं जोर-जोर से उसको चोदता रहा और बस वह ‘आह … उह … येस … चोदो … चोदो … और जोर से चोदो’ बोलती रही।
इसी बीच उसकी गांड मेरे नजर के सामने थी तो मैं उसको भी सहला रहा था और उस पर चांटे मार रहा था जिससे उसकी गान्ड लाल हो गई थी।
जिसे देख कर मेरा लन्ड और तेजी से चोदने लगा.
अभी तक मेरा लंड मेरे कंट्रोल में था.
मैंने सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि लड़कियों को गोद में उठा कर सेक्स करना लड़की को बहुत पसंद आता हैं।
तो मैंने भी उसको गोद में उठा के करीब पांच मिनट सेक्स किया।
यार सच में वह भी वाइल्ड हो गई और मैं भी वाइल्ड हो गया.
गोद में लेकर सेक्स करने में जो मज़ा आया ना … क्या बताऊं … मां कसम … याद करके लंड खड़ा हो जाता है।
जब मैं और वह फिर झड़ने को हो गए तो मैंने उसे बेड पे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर उसी पे सोकर जोर-ज़ोर से चोदने लगा.
वह पहले झड़ी और मैं भी उसी के साथ उसकी चूत में ही झड़ गया।
क्या बताऊं यार … ऐसा अहसास आज तक मुठ मारकर भी नहीं मिला था, जितना उसकी चूत में झड़ कर मिला।
वह हाम्फने लगी और निढाल हो गई.
मैं भी थोड़ा हाम्फने लगा पर मैं जल्द ही नोर्मल हो गया।
फिर हमने खाना खाया और तब तक शाम के 7 बज चुके थे.
फिर हमने एडल्ट मूवी देखने लगे.
मैंने उसको उसी रात में कई बार चोदा और हर पोजीशन में चोदा.
देसी पुसी की चुदाई से वह बहुत कमजोर सी हो गई.
तो सुबह मैंने उसको बोला- कच्चा छेना और और हॉर्लिक्स ले आओ. क्योंकि अभी 5 दिन इससे भी ज्यादा रफ सेक्स होना है.
उसने वैसा ही किया।
और फिर कैसे उसको मैंने 5 दिन चोदा.
उसने अपनी 2 सहेलियों को भी बुला कर मेरे से चुदवाया.
आपका साथ रहा तो अपनी आगे की कहानियों में सब बताऊंगा आपको!
लेकिन मेरे घर वालों को कुछ शक हो गया था, जिसके कारण मुझे जयपुर भेज दिया गया पढ़ने के लिए।
मुझे तो चूत की आदत लग गई थी तो मुझे रोज चूत चोदने और चाटने का मन करता है.
अभी तक जयपुर में 2 महीने ही हुए है मुझे आए, कोई मिली नहीं है तो मुठ मारकर काम चला रहा हूँ।
मेरी इस देसी पुसी की चुदाई कहानी पर आप अपनी राय मुझे बताएं.
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