देसी लड़की की पहली चुदाई की मैंने सिनेमा हॉल में! वह मेरी नई नई गर्लफ्रेंड बनी थी. मेरे जन्मदिन मैंने उससे उसे ही मांग लिया. वह भी खुद को मेरे हवाले करने को राजी थी.
दोस्तो, मेरा नाम आशु है. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है देसी लड़की की पहली चुदाई की.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता देता हूँ.
मैं सांवले रंग का हूं. मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है. मेरा लंड सामान्य से ज्यादा बड़ा है.
यह बात उस समय की है, जब मैं 12 वीं में था.
उस समय हमारी 12वीं की क्लास चालू ही हुई थी.
स्कूल में काफी सारे नए छात्र आ गए थे.
मैंने अपने स्कूल में एक लड़की को देखा जिसे मैं पहले से ही जानता था.
जब हम लोग 10वीं कक्षा में थे, तभी से एक दूसरे को थोड़ा बहुत जानते थे.
उस दिन वह मुझे कुछ अलग ही रूप में दिखी और न जाने क्यों मेरे मन को वह कुछ ज्यादा ही भा गई.
दो दिन बाद हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और एक मुस्कुराहट के साथ हम दोनों में हाय हुई.
हमारी आंखें एक दूसरे को देख कर मानो ठहर सी गई थीं.
फिर आंखों ही आंखों से इशारे हुए.
उसके बाद हम लोग अपनी अपनी क्लास में चले गए.
वह कॉमर्स साइड से थी और मैं साइंस साइड से था.
दूसरे दिन हम लोग एक दूसरे से फिर से मिले.
हमारे बीच बातें होने लगीं और हम एक दूसरे के हाल-चाल पूछने लगे.
फिर हम दोनों ने स्कूल छूटने के बाद मिलने का प्लान बनाया और वापस अपनी अपनी क्लास में चले गए.
जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई, हम लोग बड़ी बेताबी से एक दूसरे से मिलने के लिए बाहर आए.
मैं स्कूल के गेट पर उसका इंतजार करने लगा.
मुझे उसका ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा.
जैसे ही वह आई, हम दोनों वहां से निकले और एक आइसक्रीम की दुकान पर आ गए.
उधर खड़े होकर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के बारे में बातें करने लगे.
बात ही बात में मैंने उससे अपने बर्थडे का जिक्र किया.
तो वह बोली- ठीक है, हम दोनों मिलकर सेलिब्रेट करेंगे.
अब हम दोनों रोज एक दूसरे से मिलने लगे.
धीरे धीरे हमारे बीच कशिश बढ़ती गई और हम दोनों एक दूसरे से बहुत करीब हो गए.
हमारे बीच बातों का दायरा भी बढ़ गया था.
हम सब तरह की बातें करने लगे थे और अपने आप से जुड़ी हर एक बात को एक दूसरे से साझा करने लगे थे.
हमारे बीच की सब दूरियां खत्म हो गई थीं … आप बस ऐसे समझ लो कि हमने एक दूसरे को बस प्रपोज ही नहीं किया था, बाकी बातों में सब खुल चुका था.
फिर ऐसे ही धीरे धीरे मेरा जन्मदिन पास आ रहा था.
जब मेरे बर्थडे को दो दिन रह गए तो वह लंच में स्कूल की साइंस तरफ वाली बिल्डिंग में आई और अचानक से मुझे पूछने लगी कि बर्थडे पर क्या गिफ्ट चाहिए!
मैंने उसकी तरफ देखा तो मानो वह आंखों के इशारे से पूछ रही थी कि क्या स्पेशल चाहिए.
तो मैंने भी उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोला- तुम!
वह शायद मेरा इशारा समझ गई और वहां से उठ कर जाने लगी.
मेरा क्लास रूम फर्स्ट फ्लोर पर था.
जब वह जाने लगी तो मैं भी उसके पीछे पीछे चलने लगा.
जैसे ही वह सीढ़ी तक पहुंची, मैंने लपक कर उसका हाथ पकड़ लिया और पूछने लगा- क्या मुझे बर्थडे गिफ्ट में मेरी डिमांड पूरी करोगी?
वह नजर झुका कर खड़ी थी.
मैंने उससे कहा- क्या हुआ, तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो?
फिर उसने अपना सर ऊपर की ओर किया और मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उससे फिर से पूछा- क्या हुआ?
उसने बिना कुछ बोले मुझे सीढ़ी के सटी दीवार पर चिपका दिया और मेरे होंठ चूमने लगी.
कुछ मिनट बाद वह मुझे दूर हुई और बोली- यही देना चाहती हूं.
मैं कुछ नहीं कर पाया, बस उसे देखता ही रह गया और वह चली गई.
दो दिन बाद जब मेरा बर्थडे आया तो सबसे पहले उसने ही रात को बारह बजते ही मुझे विश किया था.
फिर सुबह हम लोग स्कूल में मिले.
उसने मुझे बर्थडे विश की और बोली- पार्टी कब दोगे?
मेरे भी दिमाग में एक बात आई कि जब वह मुझे इतना अच्छा बर्थडे गिफ्ट दे सकती है तो क्यों ना मैं भी उसे अच्छी पार्टी दूँ.
मैं उससे छुट्टी में मिला और मूवी के लिए ऑफर किया.
पहले तो उसने थोड़ा नाटक किया … पर उसके बाद वह मान गई.
वह शायद अपने घर पर आज देर से आने की कह कर ही आई थी क्योंकि उसे मेरे साथ बर्थडे वाला सेलिब्रेशन करना था.
स्कूल से छूटने के बाद हम दोनों मूवी गए.
उस समय एक बहुत ही फ्लॉप मूवी रिलीज हुई थी.
हम दोनों उस फिल्म के रिलीज होने के तीसरे दिन थियेटर गए थे और वह भी तीसरा शो देखने गए थे.
उस टाइम की वह इतनी बड़ी फ्लॉप मूवी थी कि पूरे थियेटर में केवल दस लोग ही थे.
जिनमें से दो तो हम ही थे.
मैंने रॉयल सीट वाला टिकट लिया था, उधर की सीटें ऑटोमैटिक थीं.
यानि पूरी तरह से लेट कर भी मूवी देख सकते हैं.
जैसा कि मैंने पहले ही आप लोगों को बताया कि ये फिल्म उस समय की सबसे फ्लॉप मूवी थी.
फिल्म शुरू होने के 15 मिनट बाद मूवी देखने का मूड भी नहीं हो रहा था.
हम दोनों बातें करने लगे और बात करते करते कब एक दूसरे को किस करने लगे, इसका पता ही नहीं चला.
अब मैं भी पूरा जोश में था और वह भी … हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे.
उसने जींस और टी-शर्ट पहनी थी, तो मैं किस करते हुए ही उसके बूब्स भी दबाने लगा.
अब वह और ज्यादा जोश में आकर मुझे किस करती हुई काटने लगी थी.
मुझे भी उसका काटना अच्छा लग रहा था.
करीब दस मिनट किस करने के बाद हम दोनों एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे को वासना से देखने लगे.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं फिर से उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल के उसके बूब्स दबाने लगा.
वह भी मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड दबाने लगी थी.
मैंने धीरे धीरे उसकी टी-शर्ट को ऊपर करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे ही उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया.
वह अब ऊपर से सिर्फ ब्रा में थी.
मैंने उसके रसीली दूध देखे तो मुझसे रहा नहीं गया.
तब मैंने ब्रा को भी हटा दिया और उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया.
कसम से पहली बार मैंने किसी लड़की के मम्मों को देखा था.
मैं तो एकदम से उसके मम्मों पर टूट सा पड़ा था और वह भी सेक्स में एकदम से मदहोश हो गई थी.
उसे कुछ नहीं अहसास था कि उसके साथ क्या हो रहा है.
अब मैं उसकी सीट पर ही चला गया और उसके ऊपर लेट गया.
जैसे ही हम दोनों का जिस्म एक दूसरे से टच हुआ, मानो हम दोनों को एक बिजली के करंट जैसा झटका लगा.
उसने मुझे अपने आपसे कस लिया और जकड़ कर लिपटा लिया.
हम दोनों एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे; इस बात से हम एकदम बेपरवाह हो गए थे कि हम थियेटर में हैं.
मैंने उसे ऊपर से तो नंगी कर ही दिया था, अब बारी थी नीचे की.
मैंने उसके जींस के हुक को जैसे ही खोला, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.
वह बोली- नहीं, यहां नहीं.
लेकिन मैं अब कहां मानने वाला था.
मैंने उसको मनाया और उसकी जींस को नीचे करके उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया.
उसकी साफ बाल रहित चिकनी चूत एकदम गीली पड़ी थी. मैं उसकी चूत को दबाने लगा. उसकी चूत पूरी गीली होकर एकदम लिसलिसी सी चुकी थी.
मैंने धीरे से उसकी पैंटी को भी नीचे कर दिया.
उसने फिर से एक बार मना किया … लेकिन अब मुझे उसे चोदना ही था.
उसको भी मुझसे चुदना था लेकिन उसको डर लग रहा था.
मैंने उसे मनाया तो वह मान गई.
बस फिर क्या था … मैंने उसकी जींस को थोड़ा सा और नीचे कर दिया और पैंटी को भी सरका दिया.
उसकी टांगें बहुत ज्यादा खुल नहीं पा रही थीं लेकिन चूत नग्न हो चुकी थी.
अपना लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा झटका दे दिया.
लंड ने सही जगह ढूंढ ली थी और उस समय तो साला विक्रम लैंडर बना हुआ था.
उसके दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ने खुद को लैंड कर दिया था.
उसके मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि मैंने तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
उसकी आंख से दर्द भरे आंसू आ गए थे.
कुछ देर यूं ही रुकने के बाद उसने जरा सी हरकत की.
मैंने भी बिना देरी किए एक जोर का झटका दे मारा और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह दर्द के मारे कुछ बोल भी नहीं पा रही थी और सीट में दोनों तरफ से रोक लगी होने के कारण वह छटपटा भी नहीं पा रही थी.
बस वह मुझे अपने से दूर कर रही थी.
मैं भी कुछ टाइम के लिए रुक गया.
कुछ देर तक मैं उसे चूमता रहा और वह अपना मुँह हटा कर खुद ही बोली- आशु, अब दर्द कम हो गया है.
मैं भी अब कहां रुकने वाला था, दनादन उसे चोदने लगा.
वह बोली- आशु, एक बार लंड निकाल कर वापस डालो.
मैंने जैसे ही लंड निकाला,तो देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था.
उसने भी हाथ लगा कर खून देख लिया था.
वह डर गई.
मैंने उसे समझाया कि पहली बार लड़की चुदवाती है, तो खून निकलता ही है.
उसी समय मुझे भी पता चला था कि यह तो सील पैक माल है.
अब वह बोली कि कहीं मेरे कपड़ों में खून न लग जाए.
यह सोचते ही मैंने अपनी जेब से रूमाल निकाला और उसकी चूत के नीचे जींस की तरफ रूमाल को लगा दिया.
वह डर गई थी तो बोली- आशु, अब रहने दो.
लेकिन मेरे लंड का तो पानी अभी निकला ही नहीं था.
मैंने उसे काफी देर तक मनाया.
वह मान गई.
हम दोनों ने फिर से चुदाई शुरू कर दी.
इस बार करीब 20 मिनट तक मस्त धकापेल हुई और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
झड़ने के बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपके ऐसे ही लेटे रहे.
कुछ टाइम बाद हम दोनों उठे और एक दूसरे को किस करने लगे.
उसके बाद कपड़े पहने और समय देखा तो इंटरवल होने वाला था.
इंटरवल में हम दोनों वॉशरूम गए और उधर अपने आपको साफ किया.
फिर खाने के लिए लिया क्योंकि हम दोनों चुदाई से थक गए थे.
इंटरवल के बाद वापस मूवी चालू हुई.
हम दोनों की मुहब्बत भी चालू हुई.
इस बार हम दोनों ने सिर्फ ऊपर से ही सब किया.
वह मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी और मैं उसके बूब्स चूसता रहा और दबाता रहा.
एक दूसरे को किस करते करते मूवी खत्म हो गई.
तो दोस्तो, यह थी देसी लड़की की पहली चुदाई.
अब तो हमारा ब्रेकअप हो गया है.
मुझे पता नहीं कि अब वह किससे चुदवाती होगी.
पर जिसके भी नीचे जाती होगी, उसे मेरा लंड जरूर याद आता होगा.
पहली चुदाई कोई नहीं भूलता है.
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