Xxx ककोल्ड वाइफ स्टोरी में मैंने अपनी टीचर बीवी को उसी के एक छात्र से चूत मरवाने के लिए उकसाया. चूंकि उन दिनों मैं उसके साथ नहीं था तो वह भी नए लंड के लिए तैयार हो गयी.
दोस्तो, मैं अनिल अपनी अध्यापिका बीवी की कमजोर होती वासना से दुखी था तो मैंने उसे उसके एक छात्र से चुद जाने में हौसला दिया और वह उससे चुद भी गयी. मैंने उससे उसकी चुदाई की पूरी डिटेल्स पूछी तो वह बताने लगी.
पिछले भाग
अपनी टीचर बीवी को गैर मर्द से चुदने के लिए उकसाया
में आपने पढ़ लिया था कि मेरी बीवी अपने स्टूडेंट विलास के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी थी.
अब आगे Xxx ककोल्ड वाइफ स्टोरी:
उधर मेरी बीवी बता रही थी कि वह अपने छात्र का मोटा लंड पकड़ कर सहलाने लगी थी.
तो उसकी कामुक बात सुनकर इधर मेरा हाथ मेरे भी लंड पर चलने लगा था.
मैंने पूछा- फिर क्या हुआ?
वह बोली- फिर हम दोनों बेडरूम में आ गए. वह गद्दी पर लेट गया. मैं पर्दे के पीछे सलवार-सूट उतारकर गाउन पहन रही थी. अन्दर तुमने जो ब्रा-पैंटी दी थी, मैं वही पहनी थी काली वाली! उधर बाहर तब तक विलास एकदम नंगा हो गया था.
‘हां … फिर?’
सीमा- तभी उसने एकदम से पर्दा हटा दिया. मैं सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में थी. मुझे नंगी देखकर उसने मुझे जकड़ लिया!
‘गुड … फिर?’
सीमा- मैंने उससे कहा कि गाउन तो पहन लेने दो! मगर वह बोला कि पहन कर क्या करना रहने दो! अब नहीं रहा जाता! बस यह कह कर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और गद्दे पर पटक दिया. वह मेरे बाजू में लेट गया.
‘फिर?’
सीमा- फिर हम एक-दूसरे को गर्म करने लगे. मुझे पेट के बल लिटा दिया और ऊपर चढ़कर मेरी पीठ चूसने लगा. वह सब तरफ़ चूस रहा था यार … मैं पागल हो गई थी!
‘अरे वाह!’
सीमा- हां अब वह अपना लंड मेरी गांड पर घिसने लगा था. फिर उसने मुझे सीधा कर दिया और मेरे बूब्स चूसने लगा. मेरी ब्रा-पैंटी निकाल दी और मुझे चिपका लिया.
‘फिर?’
सीमा- फिर वह मुझे गर्म करके सीधा लेट गया. मैं उसका लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी, ऊपर-नीचे करने लगी. मस्त लंड है उसका यार.
मैंने पूछा- तुमने चूसा क्या?
सीमा बोली- हां थोड़ी देर!
मैंने पूछा- वह बोला था क्या, या तुमने ही ले लिया था मुँह में?
सीमा- हां वह बोला था कि इसे मुँह में ले लो और गीला करो!
मैंने पूछा- फिर क्या हुआ … लेना पड़ा?
सीमा बोली- हां! मैंने लंड पूरा मुँह में लिया और चूसने लगी!
मैं कुढ़ रहा था और अन्दर ही अन्दर खुश भी हो रहा था.
मैंने पूछा- कितनी देर चूसा?
‘गीला होने तक, करीब 10 मिनट!’
‘मज़ा आया?’
‘हां!’
मैंने पूछा- तुम्हारे मुँह में उसने पानी नहीं छोड़ा?
वह बोली- नहीं, मगर मुझे और विलास को मज़ा आया! वह मेरे मुँह में पेल रहा था!
उसकी गर्म बात सुनकर मैं इधर मुंबई में अपना लंड हिला रहा था.
मैंने सीमा से कहा- सब सही-सही बताना, कुछ छुपाना मत!
वह बोली- क्यों छुपाऊं? तुम्हारी वजह से मैंने मज़ा लिया! तुम न कहते, तो मैं राज़ी ही नहीं होती!
मैंने पूछा- फिर क्या हुआ? तुमने विलास का कितना चूसा? अन्दर तक लिया था क्या?
वह बोली- बताया न कि मैं करीब दस मिनट तक उसका चूसती रही थी. मैं उसके बाजू में बैठी थी और उसका लंड मुँह में लेकर चूस रही थी!
मैंने पूछा- उसने तुमको नंगी कर दिया था क्या?
वह बोली- नहीं, मैं अभी भी काली ब्रा-पैंटी में ही थी, सिर्फ़ सलवार-कुर्ती निकाल रखी थी!
‘फिर?’
सीमा- फिर विलास बोला मैंने एक बार तुम्हारे चूचों की झलक स्कूल में देखी थी, तब से तुम्हें चोदना चाहता था! तुम जब पलट कर जाती थीं, तब तुम्हारी बड़ी गांड को नंगी देखने का बड़ा मन था!
‘अरे वाह … सच में तुम्हारी गांड का दीवाना तो मैं भी हूँ यार!’
सीमा- फिर मैं उसके बाजू में उकड़ूँ बैठ गई और उसके कड़क लंड को मस्ती से सहला रही थी. वह गद्दी पर सीधा लेटा था एकदम नंगा और लंड छत को देखता हुआ टनटन कर रहा था. लोहा सा सख्त हो गया था.
‘फिर क्या हुआ?’ मैं एक्साइट हो रहा था!
सीमा- मैं बोली कि तुमने मेरे अलावा किसी और को भी चोदा है क्या? तो वह बोला कि नहीं एक बार बस चटर्जी मैडम के बूब्स दबाए हैं, मगर उन्हें चोदा नहीं! मेरी बीवी के अलावा तुम पहली हो!
मैंने पूछा- अरे विलास शादीशुदा है क्या?
मेरी बीवी बोली- हां वही मैंने उससे कहा कि तुम शादीशुदा तो लगते नहीं … तुम अपनी बीवी से खुश नहीं हो क्या?
‘हां हां सही पूछा तुमने! उसने क्या कहा?’
वह बोली- मेरे सवाल पर वह बोला कि खुश हूँ, मेरी बीवी एकदम गोरी है … बस तुम सांवली और तुम गदरायी हो व सेक्सी भी हो … तुम्हें चोदने का मज़ा अलग ही है!
‘ओके फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर हम दोनों ऐसे ही बातें कर रहे थे. मैं उसका लंड सहला रही थी, वह कभी मेरी पीठ पर हाथ फेर रहा था, कभी पेट पर! सच में उसका यूं हाथ फेरना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था. उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और ब्रा निकाल दी. मेरे दूध ओपन हो गए.
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर विलास ने मेरे एक दूध को मुँह में ले लिया और चूसने लगा. वह एक हाथ से मेरा दूसरा दूध दबा रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर वह मेरी पैंटी में हाथ डालकर चूत की चीर को सहलाने लगा, दाना दबाने लगा. उसकी इस हरकत से मैं गर्म हो गई और अब उसका लंड मेरी चूत में चाहने लगी! मगर वह साला चोद ही नहीं रहा था!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर मैं उसका लंड जोर-जोर से हिलाने लगी, ताकि वह गर्म होकर जल्दी से मुझे चोद दे!
‘हां सही किया, फिर?’
सीमा- फिर विलास ने मेरी पैंटी निकाल दी. अब हम दोनों एकदम नंगे थे. मुझे लगा कि अब वह अपना लंड मेरी चूत में डाल देगा, मगर उसने ऐसा नहीं किया.
मैंने कहा- अरे? वह चाहता क्या था!
सीमा- वह मेरे और मज़े लेना चाह रहा था! उसने मुझे अपनी साइड में लिटा लिया. अब हम एक-दूसरे की तरफ़ मुँह किए हुए थे. वह मेरी पीठ सहला रहा था.
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर मैंने अपना एक पांव उसकी टांग पर डाल दिया. अब उसका लंड मेरी चूत की दरार पर टिका था. वह फिर से मेरे होंठ चूसने लगा. मैं गर्म हो रही थी और वह चूत में लंड डाल ही नहीं रहा था!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारे पति अनिल को मालूम है कि आज हम ये कर रहे हैं? तो मैंने कहा कि हां, अनिल ने ही परमिशन दी है!
‘हा हा हा तुमने उसे यह भी बता दिया?’
‘हां मैंने बता दिया!’
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर उसने पूछा कि अनिल का लंड कैसा है? मैंने कहा कि अच्छा है, मगर तुमसे छोटा और पतला है! तुम्हारा मोटा और लंबा है!
‘ओके … आगे क्या हुआ?’
सीमा- हां बता रही हूँ न … बीच-बीच में वो मुझे अपनी तरफ़ खींचकर दबा ले रहा था, इससे उसका लंड मेरी चूत से टकरा जाता था. मुझे ऐसा लग रहा था कि अब ये जल्दी से अपना लंड मेरी चुत के अन्दर कर दे!’
‘फिर तुम तुमने उससे कहा नहीं?’
सीमा- आख़िर में मैंने बोल ही दिया कि विलास, अब तो अन्दर डाल दो … और यह कह कर मैं उसका लंड अपने ही हाथ से अन्दर करने लगी और अपनी चूत लंड की तरफ़ धकेलने लगी. यह देख कर उसने मुझे सीधा लिटाया और किस करके बोलने लगा कि ठहरो मेरी जान, थोड़ा सब्र से चोदने का मज़ा लेते हैं न!’
‘फिर क्या हुआ?’
‘मैं एक बात बताना रह गई.’
मैंने पूछा- क्या?
वह बोली- विलास ने जो परफ्यूम लगाया था, वह बड़ा जबरदस्त था! उसकी स्मेल से मैं पागल हो गई थी और मुझे चोदने की इच्छा और बढ़ गई थी!
मैंने कहा- महक से भी कुछ होता है क्या?
वह बोली- पता नहीं, पर मुझे वह महक बहुत अच्छी लग रही थी.
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर वह खड़ा हो गया और बेडरूम से बाहर चला गया. जब लौटा तो वह अपने साथ कंडोम लेकर आया. मैं उठकर बैठ गई थी. फिर वह बोला कि लो इसको लंड पर लगाओ … मुझे नहीं आता!
मैं यह सुनकर चुप था कि उसे कंडोम लगाना नहीं क्यों आता!
तभी मेरी बीवी की आवाज आई- मैं उससे बोली कि क्यों, तुमको क्यों नहीं आता? तो इस पर वह बोला कि नहीं, हम लोग ऐसे ही करते हैं! पर मैंने कहा कि आज तुमको ही चढ़ाना होगा!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर विलास ने पैकेट खोला और लंड पर कंडोम चढ़ाया.
मैं अपनी बीवी की बात को मस्ती से सुन रहा था- उसने कंडोम लगा कर अपना लंड मुँह में लेने को कहा और वह बोला कि इसको गीला कर!
‘अरे कंडोम तो वैसे ही चिकना होता है?’
मैंने कहा- हां मुझे मालूम है, मगर मैं क्या करती? मेरी चूत धधक रही थी. मुझसे रहा नहीं जा रहा था! मैंने फिर से उसका लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी. कंडोम का स्वाद स्ट्रॉबेरी जैसा था और उस पर डॉट्स थे. अच्छा लग रहा था! मैं लंड चूस रही थी, तो उसका लंड टाइट हो गया था!
‘हम्म … फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर उसने धक्का देकर मुझे चित लिटा दिया और टांगें चौड़ी कर दीं. अपना लंड चूत के छेद पर रखा और जोर से धक्का देकर अन्दर घुसा दिया!
‘घुसेड़ दिया … मजा आया!’
सीमा- हां बड़ा मजा आया यार … उसके लंड का बाहरी हिस्सा चूत के अन्दर था, मगर काफ़ी दर्द हो रहा था! मैंने टांगें और चौड़ी कीं और उसकी कमर पर कस दीं. तभी उसने एक और जबरदस्त धक्का दे दिया और मैं आ आआह करके चिल्लाई.
‘हा हा हा तुम्हारी चुत में मोटा लंड गया था न!’
सीमा- हां यार, उसका पूरा लंड मेरी चूत को फाड़ कर अन्दर जा चुका था. मेरी आंखों से आंसू निकल आए थे!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- मुझे चीखते हुए देख कर विलास बोला कि सीमा, क्या हुआ? दर्द हो रहा है क्या? मैं बोली कि हां, बहुत मोटा लंड है! इतना कभी चूत में गया नहीं! यह एकदम से फंस गया है, हिल भी नहीं रहा था! अन्दर गर्म लग रहा था!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर मेरी टांगें विलास की कमर को टाइट कस रही थीं. उसने मेरी आंखों को किस किया, आंसू चूस लिए और किस करके सहलाने लगा. उसने लंड चूत में फंसा कर ही रखा!’
‘फिर?’
सीमा- फिर थोड़ी देर तक उसने मुझे उसी पोज़िशन में कसकर दबाए रखा. लंड अन्दर टाइट फंसा था. मैंने अपने आप को पोजीशन में लाने की कोशिश की, मगर मैं हिल ही नहीं पा रही थी! फिर जब काफ़ी देर हुई, तो विलास धीरे-धीरे ऊपर से धक्के देने लगा. अब दर्द कम हो गया था. लंड ने चूत में अपनी जगह बना ली थी. उसका लंड अन्दर-बाहर हिलने लगा.
‘फिर?’
सीमा- फिर विलास ने स्पीड बढ़ा दी. एक मिनट में लंड दस बार अन्दर-आने-जाने लगा और फिर वह फुल स्पीड से चोदने लगा. पहली बार इतनी स्पीड से कोई मुझे चोद रहा था!
‘तुम मजा ले रही थीं मतलब?’
Xxx ककोल्ड वाइफ बोली- हां, मैं मस्त आवाज में चिल्ला रही थी कि विलास आह और तेज करो … जोर-जोर से करो … मज़ा आ रहा है!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- अनिल, क्या बताऊं यार उसकी स्पीड काफ़ी तेज थी, तुमसे भी कहीं ज़्यादा तेज!
मैं बोला- होगी क्यों नहीं यार? वह मेरे से आधी उम्र का है, जवान है! इसीलिए मैं तुमको उससे चुदवाने के लिए कहता था!
वह बोली- हां सच में यार … विलास फुल स्पीड में चोद रहा था मेरी चूत! कमरा मेरी चीखों से भर गया था! लंड का इतना मज़ा आज तक नहीं आया था!
‘हम्म!’
सीमा- आह विलास … आय गॉड मर गई … आह चोदो फुल स्पीड में चोदो … आज मैं तुम्हारी बीवी हूँ … जैसे चाहे वैसे चोदो … आज तक मैंने इस तरह किसी से नहीं चोदा … तुम ही हो जो मुझे जबरदस्त चोद सकते हो! मेरी चूत तुम्हारे लंड की दीवानी हो चुकी है!
‘बहुत मजा आ रहा था मतलब!’
सीमा- हां यार अनिल … मैं एकदम पागलों की तरह बड़बड़ाती जा रही थी और वह धकापेल मुझे चोदता जा रहा था.
‘तुम क्या बड़बड़ा रही थी, वह भी बताओ न?’
सीमा- मैं यही सब बड़बड़ा रही थी कि आह हह आय गॉड … क्या कर रहे हो विलास … थोड़ा धीरे चोदो!
‘फिर?’
सीमा- फिर विलास ने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर मुझे दोहरा कर दिया, उसने टांगें मेरे सिर के पास लगा दीं. अब मेरी चूत पूरी तरह से खुलकर उसके लंड के सामने थी और वह ताबड़तोड़ मुझे चोदे जा रहा था!
‘हम्म …’
सीमा- वह किस करता जा रहा था, मेरे बूब्स दबा रहा था, सिर पर बालों में हाथ फेर रहा था और मैं पसीने-पसीने हो गई थी!
‘फिर क्या हुआ?’
सीमा- फिर मैं बोली कि विलास, अब पीछे से डालो ना!’
मैंने पूछा- क्या? गांड में डालने की कह रही थीं क्या?
दोस्तो, मेरी अध्यापिका बीवी की चुत चुदाई के बाद क्या उसकी गांड में भी उसके स्टूडेंट का लंड घुसा था … यह सब मैं आपको Xxx ककोल्ड वाइफ स्टोरी के अगले भाग में लिखूँगा.
आपके विचारों का स्वागत है. प्लीज कमेंट्स व मेल जरूर लिखें.
[email protected]
Xxx ककोल्ड वाइफ स्टोरी का अगला भाग: