X टीचर चुदाई कहानी में मैंने एक टीचर से ट्यूशन इसलिए पढ़नी शुरू की क्योंकि वह जवान और मस्त सेक्सी माल थी. मुझे उसकी चूत मिली कई महीने बाद.
मेरा नाम अरमान है. मैं बेंगलुरु में रहता हूँ और मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ.
मेरा रंग सांवला जरूर है लेकिन मेरे चेहरे पर एक आकर्षण है जो कि किसी भी लड़की या भाभी को एक बार में ही मोहित कर लेता है.
इसके अलावा लड़कियों या भाभियों के लिए सबसे जरूरी बात एक मस्त लंड होता है, जो के मेरे पास है.
मेरे लंड का साइज साढ़े छह इंच का है और ये इतना मोटा है कि किसी भी लड़की या भाभी को न केवल सैटिस्फाइड कर सकता है बल्कि कुछ तो मेरे लौड़े से चुदवा कर रो देती हैं.
दोस्तो, ये मेरी पहली चुदाई की सच्ची सेक्स कहानी है.
मैं कोई लेखक नहीं हूँ, इसलिए कोई गलती हो जाए, तो प्लीज माफ करना.
चलिए तो शुरू करते हैं मेरी और श्वेता मैम की सेक्स कहानी.
यह X टीचर चुदाई कहानी सात साल पहले की यानि सन 2018 की है जब मैंने कोलकाता में रहना शुरू किया था.
उस वक्त मैं बीटेक करने के लिए गया था.
उसी समय मेरा एक दोस्त बना और यह सेक्स कहानी मेरे उसी दोस्त की वजह से स्टार्ट हुई.
हुआ यूं कि मेरा वह दोस्त एक सब्जेक्ट में बहुत कमजोर था तो उसने एक टीचर का नंबर ज़ेरॉक्स शॉप में देखा.
उसने वह नंबर लिख लिया और उन्हें कॉल करके बोला- मुझे आपसे इस सब्जेक्ट को पढ़ना है!
यह बात मेरे थर्ड सेम की है.
मेरे दोस्त ने जब मैम को फोन किया तो मैम ने उसे शाम को मिलने बुलाया.
मेरा दोस्त मुझे भी अपने साथ ले गया.
मैम से मिलने गया तो हम दोनों उनके घर पर बाहर वाले कमरे में बैठ गए.
करीब 10 मिनट तक इंतजार करने के बाद एक हसीन सी लड़की सामने आई.
वह मेरे दोस्त से बात करने लगी, वे दोनों पढ़ाई की टाइमिंग की बात कर रहे थे और मैं उस मदमस्त सी दिखने वाली मैम को घूरे जा रहा था.
इधर मैं आपको मैम की हॉटनेस के बारे में बता देता हूँ.
वह दिखने में कोई 25 साल की सेक्सी लड़की लग रही थी लेकिन वह 36 साल की थी.
उसके बूब्स 34 इंच के एकदम टाइट थे और पिछवाड़ा 36 इंच का था.
मैडम की गांड भी एकदम कड़क दिख रही थी.
मैडम जब अपनी कमर हिला कर इधर उधर को होतीं तो मेरी वासना भरी नजरें उसकी 30 इंच की कमर से हटती ही नहीं थी.
वह एकदम ऐसी हॉट एंड सेक्सी माल थी जिसे देख कर किसी का भी मन करे कि अभी पटक कर चोद दिया जाए.
आप सब जानते ही होंगे बंगाल की गर्ल्स कितनी खूबसूरत होती हैं.
मेरे दोस्त ने मैम से बात की तो वह मैम मुझे देखने लगी और उसने मुझसे पूछा- क्या तुम भी मुझसे पढ़ोगे?
हालांकि मुझे वह सब्जेक्ट मुझे बहुत अच्छे से आता था, फिर भी मैं उसको देख कर पागल हो गया कि इसको चोदना है.
मैं उसे घूरता हुआ बोला- यस मैम, मुझे भी आपसे ही पढ़ना है!
मेरा फ्रेंड मेरी तरफ हैरान नजरों से देख रहा था.
फिर उधर से वापसी हुई तो हम दोनों हॉस्टल आ गए.
दोस्त ने पूछा- यार, तुझे तो ये सब्जेक्ट अच्छे से आता है … फिर क्यों?
मैं बोला- यार मैम मस्त लगी, आई फॉल इन लव विद हर … मिलना है मुझे उससे … इसलिए मैं यस बोला!
वह हंसने लगा.
फिर हम दोनों मैम की खूबसूरत जवानी को लेकर बातें करने लगे.
अगले दिन जब मैं ट्यूशन गया तो उस मैम ने एक व्हाइट टी-शर्ट और पर्पल लॉंग स्कर्ट पहनी हुई थी, गजब की हॉट लग रही थी.
टॉप चुस्त था तो उसकी ब्रा का आकार साफ दिखाई दे रहा था.
चूंकि ब्रा बहुत छोटी थी तो उसके एकदम गोल तने हुए बूब्स काफी टाइट दिख रहे थे.
मैं तो बस उस मैम की जवान चूचियों से अपनी कामुक आंखें सेक रहा था.
यह बात मैम ने नोटिस कर ली थी कि मैं उसके दूध देख रहा हूँ.
तभी मेरी मैम की आंखों से आंखें मिलीं तो वह मुझे देख कर एक स्माइल देती हुई पढ़ाने लगी.
मैं समझ गया कि वह भी इंटरेस्टेड है.
फिर कुछ दिन यूँ ही चलता रहा.
हमारा थर्ड सेमेस्टर खत्म हो गया और दोस्त ने ट्यूशन जाना बंद कर दिया.
मैंने मैम से फिर से कॉन्टैक्ट किया और नेक्स्ट सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए जाने लगा.
दो हफ्ते बाद मैम ने कहा- कल से मेरे दूसरे वाले घर में आना.
उस दिन मुझे मालूम हुआ कि उसके 2 घर हैं.
मैंने उससे उसके नए घर का पता ले लिया और मैम ने वीकेंड पर मुझे वहीं बुलाया.
उस दिन मैम ने मुझे ग्यारह बजे बुलाया था.
जब मैं गया तो वह मुझे रूम में ले गई और वहां मुझे अकेले पढ़ाने लगी.
मुझे ऐसा लग रहा था कि ये रूम आज ही साफ किया गया हो और अभी इधर कोई आता नहीं है.
मैंने पूछा- मैम इधर क्यों बुलाया?
वह बोली- ये अभी नया है, ज्यादा यूज़ नहीं होता है और अभी मेरे घर वाले भी इधर नहीं आते हैं. इधर हम लोग शांति से पढ़ सकते हैं.
मैंने सोचा कि जब इधर कोई नहीं आता है तो मैम को इधर आराम से चोदा भी जा सकता है.
शायद मैम को भी मेरे साथ सेक्स करने का मूड बनने लगा था इसलिए वह भी मेरे साथ हंसी मजाक करने लगी थी.
शनिवार को कम दोनों पढ़ाई खत्म करके जाने लगे तो उसने मुझे अगले दिन यानि संडे को भी आने का कहा.
जब मैंने उससे समय का पूछा तो वह बोली कि दोपहर में 3 बजे आना.
उस टाइम पर सभी के घरों में अमूमन सब लोग सो जाते हैं.
मैं अगले दिन तीन बजे उसी कमरे में पहुंचा तो दस्तक दी.
मैम ने आकर दरवाजा खोला, तो मैंने देखा कि वह गीले कपड़ों में हैं.
वह बोली- तुम बैठो, मैं बस जरा कपड़ा धोकर आती हूँ.
मैं बैठ गया.
कुछ पांच मिनट बाद वह अपने उन्हीं गीले कपड़ों में मुझे पढ़ाने आ गई.
आज मैम की टी-शर्ट एकदम गीली थी और अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी तो उसके सॉफ्ट-सॉफ्ट 34 साइज के बूब्स मस्त लग रहे थे और निप्पल एकदम टाइट दिख रहे थे.
जब मैंने नीचे देखा, तो उसकी लैगिंग भी गीली थी और शायद पैंटी भी नहीं थी तो उसकी चूत का आकार व दरार साफ दिख रही थी.
उस दिन मैं जींस पहन कर गया था, उसे इस तरह से देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
चुस्त जींस में मेरा लवड़ा दर्द करने लगा तो मैं लंड सैट करने की कोशिश कर रहा था लेकिन सैट नहीं हो पा रहा था.
मैम समझ गई और वह कुछ समझाने के बहाने मेरे पास सरक आई.
उसने मेरी जांघ पर कॉपी रखी और मेरे कड़क लंड को छूती हुई मुझे पढ़ाने लगी.
पहली बार ऐसा हो रहा था, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैं मैम से बोला- मैम, मुझे वॉशरूम जाना है.
उसने स्माइल की और मुझे वॉशरूम में ले गई.
मैं अन्दर गया, उधर 2 पैंटी और ब्रा हुक पर टंगी थीं.
मैंने एक पैंटी ली और उसमें लंड दबा कर रगड़ने लगा.
जल्दी जल्दी लंड हिलाया और अपना सारा रस उसमें लगा कर झड़ गया.
मैंने वीर्य उसकी पैंटी में लगा रहने दिया और सू-सू कर के वापस आ गया.
मैं 5 मिनट बाद आया तो मैम स्माइल कर रही थी.
वह समझ गई थी कि मैं लंड हिला कर आया हूँ.
उस दिन उसने मुझे बड़ा गर्म किया मगर मैं भी हरामी था तो मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा … क्योंकि चिड़िया तो खुद दाना चुनने के लिए मरी जा रही थी तो जल्दबाजी क्या करना.
अब अगले वीकेंड पर भी मुझे उसी नई वाली क्लास में जाना था तो मैंने इस बार ढीला वाला ट्राउजर पहना जिसमें से लंड साफ दिखे.
जब मैं गया तो आज भी वह कपड़े धो रही थी.
उसी दिन के जैसे भीगे कपड़ों में वह मेरे पास आकर मुझे पढ़ाने लगी.
आज उसने ऐसा टॉप पहना था जो ट्रांसपेरेंट था, नीचे उसने छोटी सी स्कर्ट पहनी थी, वह उसकी जांघों से ऊपर तक आने वाली थी.
उसी दिन के जैसे आज भी उसने ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.
मैंने यह चैक करने के लिए अपना पैन नीचे गिराया था और झुक कर उसकी टांगों के बीच में झाँका था, तो समझ आ गया था कि उसने पैंटी नहीं पहनी है.
आज पहली बार मुझे उसकी चूत के दर्शन हुए.
उसकी चुत पर झांटें भी उगी थीं.
काली झांटों में गुलाबी रंग की चुत को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं उसकी चुत देख कर ऊपर उठा और अपनी आंखों में वासना भर कर उसके दूध देखने लगा.
वह सब समझ रही थी लेकिन अभी भी वह कुछ नहीं कह रही थी.
उलटे वह किसी न किसी बहाने से मेरा लंड छू ले रही थी और मुझे पढ़ाने का बहाना बना रही थी.
आज मैंने भी पतले कपड़े के ढीले पजामे के अन्दर कुछ नहीं पहना था.
इसी की वजह से मेरा लंड साफ दिख रहा था और अब वह भी मेरे फनफनाते हुए लंड ही घूर रही थी.
फिर जब उससे कंट्रोल नहीं हुआ तो वह कापी रख कर मुझे देखने लगी और मैं भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा.
उसने एकदम से मुझे पकड़ा और झपट कर मुझे किस करने लगी.
मैं जानबूझ कर बोलने लगा- अरे मैम, ये क्या कर रही हो आप … ये गलत है, कोई आ जाएगा!
वह गाली देती हुई बोली- साले कुछ गलत नहीं होने वाला है … अभी इस वक्त कोई नहीं आएगा.
जब उसने यह कहा तो मैं समझ गया कि आज मामला संगीन है और अपनी बंदूक इसकी चुत में पेल कर ठांए ठांए करने का मौका है.
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए थे तो फर्स्ट टाइम मैंने भी किसी कामुक लड़की को किस किया.
आह क्या नर्म होंठ थे उसके …
किस करते-करते मैंने एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और दबाने लगा.
वह कामुक सिसकारियां लेने लगी.
करीब 10 मिनट के बाद वह उठी और कमरे का दरवाजा बंद करके वापस आ गई.
इस बार वह मेरे सामने नीचे फर्श पर बैठ गई और मेरा लंड सहलाने लगी.
फिर उसने एक ही बार में ट्राउजर्स के अन्दर हाथ डाला और मेरे सख्त हुए पड़े लौड़े को बाहर निकाल लिया.
वह लौड़े को घूरने लगी और हैरान होकर बोली- आह कितना बड़ा है यार तुम्हारा … ऐसा तो मैंने सामने से पहले कभी नहीं देखा … यह तो एकदम पॉर्न में दिखने वाला बड़ा सा मूसल जैसा लंड है!
मैं समझ गया कि ये मास्टरनी पहले से चुदी हुई है और इसने आज से पहले मुझ जैसे किसी लड़के का लंड नहीं देखा है.
मैं बोला- हमारे में ऐसा ही होता है, आगे से कटा हुआ. तुम इसे चूसोगी तो यह और बड़ा हो जाएगा.
इतना सुनते ही वह घप से लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
आह मेरी तो समझो लॉटरी निकल आई थी.
साली किसी रांड के जैसे मस्त चूस रही थी.
उसके मुँह को देख कर साफ समझ आ रहा था कि मानो यह कोई पॉर्न स्टार हो … बहन की लवड़ी पूरा लौड़ा गले गले तक ले रही थी.
मैं उसके दूध मसलता हुआ बोला- आह मेरी जान … धीरे-धीरे चूसो … वर्ना बीच रास्ते में टपक जाएगा मेरा!
मगर वह तो किसी प्यासी छिनाल की तरह लंड चूसने में लगी थी, उसे कहां रुकना था.
कोई 8-10 मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल गया और वह पूरा पी भी गई.
उसने थोड़ा सा वीर्य अपने चेहरे पर लगा ली.
फिर ऊपर आ गई और फिर से किस होने लगी.
थोड़ी देर बाद उसे पटक दिया और उसकी टी-शर्ट को उतार दिया.
अब मैं उसके बूब्स चूसने लगा, मस्त व्हाइट-व्हाइट बूब्स में हल्का ब्राउन निप्पल आइसक्रीम जैसा सॉफ्ट लग रहा था.
मैं जोर-जोर से उसके दूध मसल रहा था और निप्पल को अपनी दो उंगलियों में पकड़ कर मींज रहा था.
वह लौड़े को सहलाती और मसलती हुई तड़पने लगी … मदभरी सिसकारियां लेने लगी.
अब मैंने उसे सोफ़े पर बिठाया और उसकी दोनों टांगों को फैला कर खुद नीचे बैठ गया.
फिर मैं धीरे-धीरे उसकी छोटी छोटी झांटों वाली पिंक चूत पर अपनी नाक को रगड़ने लगा, होंठों से चुत की फाँकों को चूमने लगा.
वह मेरे बालों को पकड़ कर आह आह कर रही थी.
सच में क्या मस्त चूत थी, एकदम दूध सी गोरी और फाँकें खोल कर अन्दर का नजारा एकदम पिंक.
मैंने अपनी जीभ से उसकी चुत को चाटना स्टार्ट कर दिया.
मैं आज पहली बार किसी की चूत चाट रहा था.
मुझे बेहद लजीज लग रही थी.
उसकी चुत की खुशबू इतनी मदहोश कर रही थी कि मेरा तो मन कर रहा था कि साली की बुर को खा ही जाऊं.
कुछ मिनट चूसने के बाद वह भी झड़ गई.
उसकी चुत से निकला मैं सारा पानी पी गया.
उसके नमकीन अमृत का स्वाद मस्त था … इसलिए मैं चुत को चाटता ही रहा.
इससे वह वापस से गर्मा गई.
अब उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था, वह बोलने लगी- अब अपना लंड अन्दर डाल दो, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है!
मैंने जानबूझ कर देर लगाई और खड़े होकर उससे वापस से अपना लंड चुसवाया.
जब मेरा लंड एकदम हार्ड हो गया, तो मैंने उसे जमीन पर लिटाया और मिशनरी पोजीशन में उसकी चुत में लंड डालने लगा.
दोस्तो, मेरे लौड़े का टोपा इतना मोटा है कि आसानी से किसी चुत में घुसता ही नहीं है.
वही हुआ, इसकी चुत में भी मेरे लंड का सुपारा नहीं जा रहा था.
फिर मैंने जोर लगा कर धक्का मारा तो आधा लंड अन्दर चला गया.
मैम की बुर फट गई और उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
हालांकि मुझे तो उसके लंड चूसने के अंदाज से पहले ही पता चल गया था कि यह किसी बड़े लौड़े से चुदी हुई रांड है.
इसलिए मैंने बिना किसी संकोच के कुछ और झटके मारे तो मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
वह दर्द से बेहोश होने लगी लेकिन मैं लगा रहा.
कुछ देर बाद वह लंड से सहज हो गई और अपनी गांड उठाती हुई चिल्लाने लगी- आह मजा आ रहा है … और जोर से चोद मादरचोद … आह मुझे और जोर से चोद बहन के लौड़े!
अब वह एक्साइटमेंट में गाली देने लगी थी.
मैंने भी उसके दूध पकड़ कर मसले और गाली देना शुरू कर दी- चुद ले कुतिया साली … मेरे लंड से आह!
‘आह भैन चोद जोर जोर से चोद ना … आज पूरी संतुष्ट कर दे मुझे … आज तक मैं 3 लंड ले चुकी हूँ लेकिन किसी के लौड़े से इतना मजा नहीं आया, जितना तेरे लौड़े से चुदवाने में आ रहा है … आह.’
मैं- रुक जा रंडी साली छिनाल … आज मैं तेरी चूत फाड़ दूंगा!
मैं लंड पेलता रहा.
उसके लंड चूसने से मेरा हथियार एक बार झड़ चुका था, इस वजह से मैं लंबा चल रहा था.
मैम- साले, कितना बड़ा लंड है तेरा … इतना दम होता है कटे लंड में … ओओह यस फक मी हार्डर!
मैं- हां मेरी रंडी … आज तो तुझे पूरी दम से चोदूंगा … साली तू सही से चल नहीं पाएगी!
मैम- साले मेरी पैंटी में लंड हिला कर चला गया था, पैंटी को साफ तो करेगा न!
मैं- हां करूंगा बेबी, पहले तुझे पेल तो लूं!
फिर 6-7 मिनट बाद मेरा निकलने को था तो मैंने पोजीशन बदल कर उसे डॉगी बना दिया और पीछे से पेलने लगा.
क्या मस्त गांड थी उसकी … चप-चप की आवाज गूंजने लगी.
X टीचर चुदाई करते हुए कुछ ही देर में मैम की गांड लाल हो चुकी थी.
करीब 10 मिनट बाद वह वापस से झड़ गई और उसके झड़ने के बाद मैंने भी कुछ झटके मारे तो मेरा भी निकलने वाला हो गया था.
मैंने पूछा- कहां निकालूं?
वह बोली- रुको, मुझे चूसना है.
वह लंड निकाल कर बैठ गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
कुछ ही मिनट बाद मेरे लौड़े से निकला सारा वीर्य खा गई.
हालांकि झड़ जाने के बाद भी मेरा खड़ा था.
उस वक्त 5 बजे का समय हो गया था तो वह मना करने लगी.
दोस्तो, अगली बार में आपको बताऊंगा कि मैम को मैंने अपने दोस्त के साथ मिल कर कैसे उस टीचर की चूत चोदी और उसकी अन्दर की रांड को किस तरह से जगा कर मौज मस्ती की.
आपको मेरी यह X टीचर चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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