गांव की चाची की गर्म चूत

मैं गांव गया था. वहां चाची की बेटी के मस्त बदन को देख मेरा मन बहन की चुदाई के लिए करने लगा. रात को सोते समय मैंने वासनावश बहन की चूत को छेड़ दिया तो …

पूरी कहानी पढ़ें

कॉलेज गर्ल की चुदाई का पहला मजा

मैंने अपनी सहेलियों से चुदाई के बारे में सुना हुआ था. जब मैं कॉलेज में पहुंची तो पहले ही दिन एक लड़के ने मुझे सेट किया और उसके साथ मैंने पहली चुदाई का मजा लिया.

पूरी कहानी पढ़ें

मौसी की बेटी यानि मौसेरी बहन को चोदा

छुट्टियों में मौसी की बेटी से मुलाक़ात होती थी. मैं उसकी खूबसूरत जवानी को देखता था. हमारी नजदीकियां बढ़ती गई लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई. एक दिन उसने खुद से …

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी कुंवारी बहन की बुर की चुदाई

अपने दोस्त की बहन की चुदाई का कोई मौक़ा मुझे नहीं मिल रहा था तो मैं चूत का प्यासा हो रहा था. इसी बीच मुझे अपनी कुंवारी छोटी बहन की बुर की चुदाई का मौक़ा कैसे मिला?

पूरी कहानी पढ़ें

खूबसूरत मां और उसकी 3 सौतेली बेटियां

मैं डॉक्टर हूँ. एक बार मेरे पास एक सेक्सी महिला आई. मैंने ताड़ लिया कि यह बिस्तर पर आ जायेगी. मैंने उसे चोदन सुख दिया. फिर उसकी तीन जवान बेटियों को भी चोदा!

पूरी कहानी पढ़ें

अविवाहिता लड़की से दोस्ती और चुदाई

मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। एक अधिकारी के माध्यम से मेरी पहचान बैंक की असिस्टेंट मैनेजर से हुई. वो अविवाहित थी. हम दोनों की दोस्ती हुई और बात चुदाई तक पहुँच गयी.

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी मां और मौसी की वासना

मैं अपनी विधवा मां और तलाकशुदा मौसी के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव में रहता हूं। दोनों का बदन सेक्सी चोदने लायक है भरा हुआ. एक रात मैंने खेत वाले कमरे में देखा कि …

पूरी कहानी पढ़ें

बुआ की चुत भतीजे का लंड-2

दोनों बुआ मेरे कमरे में अपनी चूत की झांटें साफ़ करवाने के लिए एकदम नंगी आ गई. मेरी इस हॉट फॅमिली सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैंने दो बुआ की चुदाई कैसे की.

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी आपा की औलाद की ख्वाहिश-3

मेरी बीवी कई दिन से चुदाई से बच रही थी. एक रात हमने चुदाई का प्रोग्राम बनाया. मैंने अपने हिसाब से अपनी जवान बीवी की चुदाई की. लेकिन मेरी आपा भी घर आई हुई थी.

पूरी कहानी पढ़ें

मेरी आपा की औलाद की ख्वाहिश-1

मैं अपनी मौसेरी बहन को पसंद करता था. वो भी मुझे दिलोजान से चाहती थी. हम छुप कर मिलते थे. सबके सामने वो मुझे भाईजान कहती थी. अकेले में जान!

पूरी कहानी पढ़ें