वर्जिन लड़की चुदाई कहानी में भाई को शादी का तिलक हुआ, तभी मेरी नजर भाभी की बहन से लड़ गयी. शादी में भी हम दोनों की बात हुई. फोन नम्बर ले दे दिए. फिर वह हमारे घर रहने आई तो …
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम कार्तिक है.
मेरी उम्र 21 वर्ष है और मैं उत्तर प्रदेश के कानपुर का रहने वाला हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो मेरे भैया की साली के साथ हुई थी.
वर्जिन लड़की चुदाई कहानी में सबसे पहले मैं आपको भैया की साली के बारे में बता देता हूँ.
उसका नाम करिश्मा है और उसकी उम्र करीब 19 साल होगी. उसका फिगर 28-26-30 का है.
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी चूचियां थोड़ी छोटी हैं पर वह दिखने में गज़ब का माल है.
बात शुरू होती है भैया के तिलक से.
वह तिलक में आई थी. मैंने उसे पहली बार वहीं देखा.
मैंने अपनी एक दूर की रिश्ते की बहन से पूछा- ये कौन है?
उन्होंने बताया- ये भैया की साली है.
तिलक चढ़ाने के दौरान वह वहीं बैठी थी और मैं भी.
मैं उसे एकटक देखे जा रहा था.
उसने भी ये नोटिस कर लिया.
फिर भी मैंने नज़र नहीं हटाई.
इसके बाद सब कुछ खत्म हुआ और लोग खाना खाने लगे.
मैं खाने के स्टॉल पर खड़ा था, तभी वह भी वहां आई.
हम दोनों में थोड़ी हाय-हैलो हुई. फिर वह अपने लोगों के साथ वापस चली गई.
अब मुझे बस भैया की शादी का इंतज़ार था.
जल्दी ही वह दिन आ गया.
मैं उस दिन खूब अच्छे से तैयार हुआ.
बारात लेकर हम भाभी के घर पहुंचे.
वहां पहुंचते ही मेरी नज़रें उसे ढूँढने लगीं.
आखिरकार वह दिख ही गई.
लहंगे-चुनरी में वह क्या गज़ब लग रही थी.
मैं उसकी खुली कमर और उसे देखता ही रह गया.
उसने भी मुझे देखा और मुस्कुराते हुए पास आई.
वह बोली- हाय.
मैंने भी जवाब दिया- हैलो.
फिर उसने पूछा- कैसे हो आप?
मैंने कहा- सब मस्त … और आप कैसी हो?
उसने हंसते हुए कहा- जैसे आप हो.
फिर मैंने डबल मीनिंग में बोला- हां, वह तो दिख ही रहा है.
हम दोनों हंस पड़े.
थोड़ी देर नॉर्मल बातचीत के बाद उसने कहा- आप मेरी कुछ अच्छी-अच्छी तस्वीरें क्लिक कर दीजिए.
मैंने कहा- ठीक है आप पोज़ सैट कीजिए, मैं क्लिक करता हूँ.
कुछ फोटोज़ क्लिक करने के बाद मैंने कहा- आप अपना नंबर दे दो, मैं फोटोज़ सेंड कर दूँगा.
उसने अपना नंबर दिया और जाते-जाते बोली- बाद में मैसेज करना ओके?
मैंने हां कह दिया.
शादी हो गई, हम अगले दिन तक रुके लेकिन उससे दोबारा बात नहीं हो पाई.
फिर भाभी घर आ गईं और सब नॉर्मल हो गया.
दूसरे दिन उसका मैसेज आया.
हमारी खूब बातें हुईं.
उसने कहा- आपसे एक बात पूछूँ? सही-सही बताओगे?
मैंने हां कहा.
उसने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं … और आपका कोई बॉयफ्रेंड है?
उसने जवाब दिया- मेरा भी कोई नहीं है जी.
यह कह कर उसने हंसने वाला इमोजी लगा दिया.
मैंने डबल मीनिंग में कहा- तो अपने जीजा के भाई को ही अपना ब्वॉयफ्रेंड बना लो.
उसने जवाब दिया- चाहती तो हूँ, पर वे ही नहीं बनना चाहते.
उसने फिर से वही हंसने वाला इमोजी भेज दिया.
मैंने कहा- सही में बनोगी?
उसने कहा- हां.
फिर मैंने कहा- आई लव यू!
उसने जवाब में कहा- आई लव यू टू.
इसके बाद हमारी खूब बातें होने लगीं यहां तक कि सेक्स चैट भी शुरू हो गई थी.
एक दिन उसने बताया कि वह मेरे घर आने वाली है.
मैंने उससे कहा- आओगी तो चूत देनी पड़ेगी.
उसने जवाब दिया- टाइम मिले तो चोद लेना, पर सील पैक चूत है … थोड़ा आराम से चोदना.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर एक दिन वह आ गई, आई तो सबसे मिली.
मैं अपने रूम में था.
वह वहां आई, फिर हमने थोड़ी देर किस किया.
इसके बाद वह बाहर चली गई.
ये बात भाभी को पता थी कि हम दोनों के बीच कुछ चल रहा है.
दो दिन बाद मम्मी-पापा को किसी काम से गांव जाना पड़ा.
अब घर पर सिर्फ भैया और भाभी थे.
मैंने भाभी से कहा- आप भैया के साथ आज कहीं घूम आओ.
भाभी बोली- हां, हम समझ रहे हैं कि तुम हमें क्यों घूमने भेज रहे हो.
फिर हम दोनों हंसने लगे.
इसके बाद भाभी ने भैया से बात की और वे भाभी के साथ जाने के लिए तैयार हो गए.
जाते-जाते भाभी बोली- करिश्मा अभी छोटी है, तो आराम से बात करना … ज्यादा दर्द न देना.
उन्होंने बात करना कह कर साफ कर दिया था कि चुदाई कर देना.
फिर भैया-भाभी चले गए.
मैं अन्दर गया तो देखा करिश्मा खाना बना रही थी.
मैं सीधा किचन में चला गया और उसे पीछे से पकड़ लिया.
उसने कहा- छोड़ो न, खाना बना लेने दो.
मैंने कहा- खाना नहीं, आज तो तुम्हारी चूत मारनी है.
वह शर्मा गई.
मैंने पीछे से पकड़कर उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए.
वह भी गर्म होने लगी.
मैंने उसे सीधा किया और किस करने लगा.
मैं खूब तेज-तेज उसके बूब्स दबा रहा था.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी और लोअर भी नीचे करके उतार दिया.
अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
मैं फिर से किस करने लगा और उसके दूध बेतहाशा दबाने लगा.
फिर उसे उठाकर अपने बेडरूम में ले गया.
वहां पहुंचते ही उसकी ब्रा और पैंटी निकाल दी.
अब वह बेड पर पूरी नंगी पड़ी थी.
मैं भी नंगा हो गया और अपना लंड सीधे उसके मुँह में ठूस दिया.
पहले वह मुँह में ले नहीं रही थी लेकिन मैंने अपनी कसम देकर उसके मुँह में घुसेड़ दिया.
फिर वह भी चूसने लगी और मैं उसके मुँह को चोदने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए; उसके मुँह में मेरा लंड था और मेरा मुँह उसकी चूत पर.
मैं उसकी चूत चाट रहा था, अपने होंठों से उसके चूत के दाने को खींच रहा था.
वह बहुत गर्म हो गई थी.
‘अह्ह्ह्ह’ की आवाजें निकालती हुई वह झड़ गई.
मैंने उसका सारा पानी पी लिया.
फिर मेरा लंड भी झड़ने लगा.
वह लंड मुँह से बाहर निकालने लगी, लेकिन मैंने जोर देकर दबा दिया.
मेरा सात इंच का लंबा लंड उसके गले तक चला गया.
फिर वह मेरा गर्म पानी गटक गई.
इसके बाद हम दोनों लेट गए और फिर से किस करने लगे.
किस करते-करते मैं उसकी चूत में धीरे-धीरे उंगली घुसा रहा था.
उसकी चूत इतनी कसी थी कि मेरी एक उंगली भी नहीं जा रही थी.
करिश्मा फिर से गर्म होने लगी. उसकी चूत फिर से बहने लगी थी और उसके मुँह से ‘अहह … अहह.’ की आवाजें निकल रही थीं.
मैंने किस करना छोड़ा और उसकी दोनों टांगें फैलाकर उसकी चूत चाटने लगा.
वह ‘अह्ह्ह्ह्ह … अह्ह्ह’ करती रही और कहने लगी- अब न तड़पाओ. जल्दी से पेल दो. फाड़ दो मेरी चूत का भोसड़ा बना दो. अहह … फाड़ दो.
मैं उठा और वैसलीन ले आया क्योंकि मुझे पता था कि उसका पहली बार है, तो सील टूटेगी और दर्द होगा.
मैंने खूब सारी वैसलीन उसकी चूत के अन्दर तक लगा दी और अपने लंड पर भी लगाई.
अब मैं लंड को उसकी चूत पर ऊपर-नीचे करने लगा. वह और तेज तेज ‘आहें’ भर रही थी और चिल्ला रही थी ‘आह बाबू … अब और न तड़पाओ. पेल दो जल्दी से.’
मैंने उसके दूध पकड़े और एक धक्का दे मारा.
मेरे लंड का सिर्फ टोपा ही अभी अन्दर गया था कि वह चिल्लाने लगी- आह निकाल लो … फट गई मेरी चुत!
मैंने देखा कि उसकी चुत से खू.न आने लगा था.
अभी तो पूरा गया भी नहीं था.
वह रोने लगी.
उसकी आंखों से आँसू आ रहे थे
मैंने फिर से किस करना शुरू किया, तो वह दर्द को थोड़ा भूल गई और किस का मज़ा लेने लगी.
उसकी गांड उठने लगी, अब वह भी मज़े लेने लगी थी.
मैंने किस करना बंद किया और फिर से एक ज़ोरदार शॉट मारा.
इस बार आधा लंड उसकी चूत में चला गया.
उसकी सील अब टूट चुकी थी.
वह बहुत तेज़-तेज़ चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
वह बार-बार छोड़ने की रिक्वेस्ट कर रही थी और चीख रही थी ‘छोड़ दो … छोड़ दो.’
मैंने उसका मुँह नहीं बंद किया क्योंकि पूरे घर में सिर्फ़ हम दोनों ही थे, तो कोई सुनने का डर तो था ही नहीं.
फिर मैं वैसे ही रुका रहा, उसके बूब्स सहलाता रहा.
उसे धीरे-धीरे थोड़ा आराम मिला. वह फिर से गांड उठाने लगी.
मैंने धीरे से उसके कान में बोला- जान, एक बार और झेल लो, फिर मज़ा आएगा!
उसने मेरे माथे पर किस किया और बोली- जान, ये सब आपका ही है. मैं सह लूँगी … आप फाड़ लो .. मैं आपकी ही हूँ.
फिर मैं मिशनरी पोज़ में सीधा हुआ और उसकी कमर पकड़कर कस कर हचक के पेल दिया.
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, सीधा बच्चेदानी से जा टकराया.
वह एकदम से बहुत तेज़ चिल्लाई- आह्ह.
वह बेहोश हो गई.
इससे मैं भी थोड़ा डर गया और वैसे ही रुक गया.
थोड़ी देर में उसे होश आया तो वह बोली- बाबू अभी छोड़ दो. बाद में कर लेना, नहीं तो मैं मर जाऊंगी!
मैंने नीचे देखा तो बहुत सारा खून निकल रहा था, जो बेडशीट पर लग गया था.
उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरे लंड पर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उस पर बहुत सारी रबर चढ़ा दी हो.
मैं वैसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा. उसे किस करता, चूमता चाटता रहा.
वह कह रही थी- ऐसा लग रहा है, जैसे किसी ने लोहे की रॉड पेल दी हो.
धीरे-धीरे उसे थोड़ा आराम मिलने लगा.
वह सिसकारियां लेने लगी.
थोड़ी देर बाद वह बोली- अह्ह्ह … जान, फाड़ दो मेरी चूत. इसका चोद-चोद के भोसड़ा बना दो और मुझे अपनी रंडी बना लो.
बस फिर क्या, मैं भी हचक हचक कर वर्जिन लड़की चुदाई करके लंड पेलने लगा.
मैं जितने धक्के लगाता, वह आगे-पीछे होने लगी.
उसके मुँह से सिर्फ़ ‘अह्ह्ह. अह्ह्ह’ की आवाज़ें निकल रही थीं.
मेरा हर शॉट उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था.
फिर उसका शरीर अकड़ने लगा और वह अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ाती हुई झड़ गई.
अब उसका पानी निकलने लगा.
चूत चिकनी हो गई थी, तो अब पट-पट की आवाज़ें पूरे कमरे में गूँज रही थीं.
अब वह झड़ चुकी थी, तो उसकी चूत में जलन होने लगी.
वह बार-बार कह रही थी- अब निकाल लो. अब बस, अब और नहीं.
पर मैंने उसकी एक न सुनी और बराबर पेलता रहा.
थोड़ी देर में वह फिर गर्म हो गई और चुदवाने लगी.
करीब 20 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
इस धुआंधार चुदाई से हम दोनों बहुत थक गए थे.
मैं तो उसी पर गिर पड़ा था.
थोड़ी देर बाद जब सांसें थोड़ी सामान्य हुईं तो मैंने उसकी तरफ़ देखा.
वह हल्का-हल्का मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- मज़ा आया?
उसने कहा- हां, बहुत. पर आपने बहुत बेदर्दी से चोदा है, तो दर्द भी बहुत हुआ है.
मैंने उसे किस किया और कहा- अगली बार से दर्द नहीं होगा.
उसने हां में सिर हिलाया.
थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
मैंने उससे कहा- एक बार और पेल लूँ?
उसने कहा- बाबू, अब रहने दो. रात में आ जाऊंगी … तब चोद लेना. अभी बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मेरा लंड खड़ा है … लाओ, मुँह ही चोद लेने दो.
वह बोली- ठीक है, पर माल अन्दर न निकालना.
मैंने कहा- ठीक है.
इसके बाद वह बेड पर बैठ गई और मैं खड़ा हो गया.
मैंने अपना लंड उसके मुँह में पेल दिया.
अब हचक हचक कर मुँह में पेलने लगा.
लंड उसके गले तक जा रहा था, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
करीब बीस मिनट बाद मैं उसके आधे गले में घुसा कर झड़ गया.
उसे न चाहते हुए भी मेरा माल पीना पड़ा.
जब मैंने लंड निकाला तो वह गुस्सा करने लगी.
मैंने कहा- अब माल पीने की आदत डाल लो, क्योंकि अब पीना तो पड़ेगा ही!
फिर हम दोनों हंसने लगे.
इसके बाद एक-दूसरे को पकड़ के नंगे ही सो गए.
शाम करीब 5 बजे फोन बजा.
देखा तो भाभी का कॉल था.
मैंने फोन उठाया तो वे बोलीं- मैं दस मिनट में घर पहुंच रही हूं. दोनों लोग सही मिलना, भैया को कुछ पता नहीं चलना चाहिए.
मैंने कहा- ओके आ जाओ.
मैंने जल्दी से करिश्मा को उठाया और बताया- भैया-भाभी दस मिनट में आ रहे हैं, जल्दी उठ जाओ.
वह उठी और बाथरूम की तरफ जाने लगी, लेकिन वह चल ही नहीं पा रही थी.
मैंने उसका एक हाथ अपने गले में डाला, एक हाथ से उसकी कमर पकड़ी और उसे बाथरूम में ले गया.
वहां उसने बाथरूम यूज किया, तब भी वह नंगी ही थी.
फिर मैंने उसे उठाया और अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में घुसा दीं.
दोनों उंगलियां आराम से अन्दर चली गईं.
मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है? मजा आया?
उसने कहा- हां, मजा तो बहुत आया, पर अब पूरा शरीर टूट रहा है.
फिर मैं उसे बाहर लाया, कपड़े पहनाए और एक दर्द की गोली दी.
मैंने कहा- तुम कमरे में जाकर लेट जाओ और सोने का नाटक करती रहना, नहीं तो भैया पूछेंगे कि क्या हुआ, चल क्यों नहीं पा रही हो.
उसने कहा- हां, ठीक है.
फिर मैंने उसे कमरे में लिटा दिया और वापस आकर टीवी देखने लगा.
तब तक भैया-भाभी भी आ गए.
भाभी ने आते ही इशारे में पूछा- काम हो गया?
मैंने भी हां में सिर हिला दिया.
वह पूरी रात नहीं उठी.
अगले दिन सुबह 6 बजे भैया जिम चले गए.
भाभी नहा रही थीं और करिश्मा चाय बना रही थी.
मैं उठा तो सीधा किचन में चला गया.
करिश्मा को पीछे से पकड़ लिया और उसके दूध दबाने लगा.
मैंने उसकी चूत के दर्द के बारे में पूछा और दूध दबाते हुए उसकी गर्दन पर किस करने लगा.
इतने में भाभी आ गईं.
वे बोलीं- ये क्या हो रहा है?
करिश्मा डर गई और मैं भी डर गया.
तभी भाभी बोल पड़ीं- कर लो, कर लो. मैं रूम में जा रही हूं.
वे चली गईं.
फिर मैंने करिश्मा को वहीं घोड़ी बनाया और लंड पेल दिया.
वह थोड़ा चिल्लाई, फिर चुदने लगी.
कुछ बीस मिनट बाद मैं झड़ गया और वह भी झड़ गई.
मैंने उससे कहा- चाय लेकर भाभी के पास जाओ.
मैं भाभी के रूम में चला गया.
वहां भाभी बाल बांध रही थीं.
मुझे देखते ही उनके मुँह से निकला- बजा दिया मेरी बहन को सुबह-सुबह!
हमने भी कहा- हां.
उसके बाद करिश्मा चाय लेकर आ गई.
हम तीनों चाय पीते-पीते बात करने लगे.
भाभी ने करिश्मा से कहा- मेरे देवर से चुदवाकर कैसा लगा?
करिश्मा ने बिना किसी शर्म के जवाब दिया- दीदी, आपका देवर बहुत अच्छा चोदता है. मेरी चूत एकदम फूल गई है.
भाभी ने कहा- दिखा तो जरा.
करिश्मा ने अपनी चूत दिखाई, जो सचमुच डबल रोटी की तरह फूली हुई थी.
भाभी ने उसकी चूत पर हाथ लगाया, तो उसमें से पानी निकलने लगा.
भाभी बोली- देवर जी, करिश्मा तो गर्म हो रही है. इसे फिर से चोदो.
इस पर करिश्मा चिल्लाई- नहीं दीदी, अभी नहीं. बहुत दर्द हो रहा है.
फिर उसने मेरी तरफ देखकर कहा- आप अपनी जीभ से चाटकर मेरा पानी निकाल दो.
मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया.
इधर ये सब देखकर भाभी भी गर्म होने लगीं.
तब तक करिश्मा की चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने भाभी को देखा और मजाक में कहा- भाभी, ये तो बह गई, आपको ठोक लूँ क्या?
इस पर भाभी बोलीं- हां, जल्दी से मेरी भी पेल दो.
उसके बाद मैंने भाभी को भी चोदा.
भाभी को कैसे-कैसे चोदा, वह मैं दूसरी कहानी में बताऊंगा.
आपको वर्जिन लड़की चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझको मेल पर जरूर बताएं.
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